इसे सुनेंरोकेंमन द्वारा विचार तरंगे उत्पन्न करते हैं और ये विचार तरंगे इतनी तीव्र गति से कार्य करती हैं कि लगने लगता है कि मन स्वचालित है. स्वयं को समझने के लिए सर्व प्रथम दृढ़ निश्चय से आत्मा और शरीर को समझे कि मैं आत्मा हूँ और शरीर, मन प्राण इन्द्रियाँ मेरे साधन हैं. मैं ही इन का स्वामी और ये मेरे सेवक हैं.
परियोजना का अर्थ, महत्व, स्वरूप
परियोजना का अर्थ-’परियोजना’ शब्द योजना में ‘परि’ उपसर्ग लगने से बना है। ‘परि’ का अर्थ है ‘पूर्णता’ अर्थात् ऐसी योजना जो अपने आप में पूर्ण हो । परियोजना का शाब्दिक अर्थ होता है किसी भी विचार को व्यवस्थित रूप में स्थिर करना या प्रस्तुत करना। इसके लिए ‘प्रोजेक्ट’ अंग्रेजी का शब्द है। प्रोजेक्ट का अभिप्राय है-प्रकाशित करना अर्थात् परियोजना किसी समस्या के निदान या किसी विषय के तथ्यों को प्रकाशित प्रवृत्तियों की पहचान करने का क्या अर्थ है करने के लिए तैयार की गई एक पूर्ण विचार योजना होती है।
- हम अपने पूर्व ज्ञान के आधार पर नए विषयों के ज्ञान की ओर अग्रसर होते प्रवृत्तियों की पहचान करने का क्या अर्थ है है।
- नए-नए विषयों के प्रति चिंतन करने की प्रवृत्ति का विकास होता है।
- सामान्य खेल-खेल में बहुत सी नई बातें सीखते हैं।
- नए-नए तथ्यों के संग्रह करने का अभ्यास होता है।
- अन्य पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं को पढ़ने की रूचि विकसित होती है।
- इसे खोजी प्रवृत्तियों की पहचान करने का क्या अर्थ है प्रवृत्ति बढ़ती है।
- लेखन संबंधी नई-नई शैलियों का अभ्यास तथा प्रयोग करना सीखने है।
- अर्जित भाषा-ज्ञान समद्ध तथा व्यवहारिक रूप ग्रहण करता है।
- हम योजनाबद्ध तरीके से अध्ययन के लिए प्रेरित होते हैं।
- पाठ्य सामग्री से संबंधित बोध में विस्तार होता है।
- हममें किसी समस्या के मूल कारण तक पहुंचने की प्रवृत्ति का विकास होता है। प्रवृत्तियों की पहचान करने का क्या अर्थ है
- सामग्री जुटाने, उसे व्यवस्थित करने तथा उसे विश्लेषित करने की क्षमता का विकास होता है ।
- समस्या समाधान हेतु संभावित निदान खोज निकालने की क्षमता का विकास होता है ।
- हमारा मानसिक विकास तेजी से होता है।
परियोजना का स्वरूप
प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने ढंग से परियोजना तैयार करता है। परियोजना तैयार करने के कई तरीके हो सकते है। जैसे-निबंध, कहानी, कविता लिखने या चित्र बनाते समय होता है। हम परियोजना को दो भागों में बांट सकते है-
- वे जो समस्याओं के निदान के लिए तैयार की जाती है।
- वे जो किसी विषय की समुचित जानाकरी प्रदान करने के लिए तैयार की प्रवृत्तियों की पहचान करने का क्या अर्थ है जाती है।
समस्या निदान स्वरूप परियोजना-
समस्याओं के निदान के लिए तैयार की जाने वाली परियोजनाओं में संबंधित समस्या से जुड़े सभी तथ्यों पर प्रकाश डाला जाता है और उस प्रवृत्तियों की पहचान करने का क्या अर्थ है समस्या के समाधान के लिए सुझाव भी दिए जाते हैं। इस प्रकार की परियोजनाएं प्राय: सरकारी अथवा दूसरे संगठनों द्वारा किसी समस्या पर कार्य योजना तैयार करते समय बनाई जाती हैं। इससे उस समस्या के विभिन्न पहलुओं पर कार्य करने में आसानी हो जाती है।
स्व पहचान से क्या समझते हैं विभिन्न कारकों का वर्णन करिये?
इसे सुनेंरोकें’स्व’ का मतलब होता है स्वयं की पहचान, स्वयं का व्यक्तित्व अर्थात् जो कुछ कोई व्यक्ति है। मोटे रूप में ‘स्व’ को ऐसे कथन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। जैसे – “मैं इस तरह का व्यक्ति हूं’ और “ये मेरी खूबियां और कमजोरियाँ हैं ।” इस तरह ‘स्व’ किसी व्यक्ति के सम्पूर्ण व्यक्तित्व की ओर संकेत करता है।
इसे सुनेंरोकेंपहचान निर्माण , जिसे पहचान विकास या पहचान निर्माण भी कहा जाता है , एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें मनुष्य स्वयं और अपनी पहचान के प्रवृत्तियों की पहचान करने का क्या अर्थ है बारे में एक स्पष्ट और अद्वितीय दृष्टिकोण विकसित करता है । आत्म-अवधारणा , व्यक्तित्व विकास और मूल्य सभी पहचान निर्माण से निकटता से संबंधित हैं।
आत्मा को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?
पहचान से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंपहचान एक खोज है – एक दृष्टि है और एक प्रवृत्ति को आत्मसात करना है। यह प्रवृत्ति हमें अपनी और दूसरों की छवि प्रदान करती है। इस मानक दृष्टिकोण के माध्यम से हम दूसरों से संबंध बनाते हैं। दूसरे शब्दों में, पहचान’ अपने अथवा अन्यों के संबंध में विकसित किया गया सामान्य विचार है।
सिद्धांत के निर्माण से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंतथ्यों के बीच सही कार्य-कारणात्मक संबंध स्थापित करने के पश्चात् कार्य-कारणात्मकता के एक ही ढांचे के अंतर्गत विभिन्न तथ्यों को एक साथ लाया जाता प्रवृत्तियों की पहचान करने का क्या अर्थ है है। जिस प्रक्रिया द्वारा ऐसा किया जाता है उसे सिद्धांत निर्माण कहते हैं क्योंकि इस तरह से निकले संबंध को ही प्रायः सिद्धांत कहा जाता है।
इसे सुनेंरोकेंनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड्स एंड टेक्नोलॉजी स्पेशल पब्लिकेशन 8८००-१२२ व्यक्तिगत रूप से पहचाने जाने योग्य जानकारी को “एक एजेंसी द्वारा रखे गए किसी व्यक्ति के बारे में किसी भी जानकारी, (1) प्रवृत्तियों की पहचान करने का क्या अर्थ है सहित किसी भी जानकारी को पहचानने या ट्रेस करने के लिए इस्तेमाल किया जा प्रवृत्तियों की पहचान करने का क्या अर्थ है सकता है, जैसे कि” नाम, सामाजिक सुरक्षा संख्या, जन्म की …
आत्म प्रत्यय के कितने अवयव है?
इसे सुनेंरोकेंआत्म-प्रत्यय पद दो शब्दों से मिलकर बना है- आत्म + प्रत्यय इनमें आत्म का अर्थ है- जो कुछ कोई होता है। आत्म ‘जटिल समग्रता’ है जिसका विकास सामाजिक अन्तः क्रियाओं के परिणामस्वरूप होता है। इसकी परिभाषा विभिन्न विद्वानों ने विभिन्न रूप में दी हैं।
मोक्ष का मार्ग है, वृत्तियों का विवेचन
सांकेतिक फोटो।
कमल वैष्णव
वैदिक धमार्नुसार सृष्टि में प्रत्येक योनियों के जीव को ईश्वर द्वारा भिन्न भिन्न प्रवृत्ति प्राप्त है। मात्र मनुष्य ही अपनी वृत्तियों का विवेचन करने में सक्षम है। अन्य सभी योनियों के प्राणी अपने जन्म से प्राप्त स्वाभाविक वृत्तियों सहित जीवन यापन करते हैं। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज में उसके व्यक्तित्व की पहचान उसकी प्रवृत्ति से होती है। जीव के पूर्वजन्मों के कर्म फलस्वरूप प्रवृत्ति प्राप्त होती है और परिवेश अर्थात परवरिश से जीव की आदतें, स्वभाव, गुण दोष आदि विकसित होते हैं। प्रवृत्ति अर्थात संसार को भोगने हेतु जीव का स्वाभाविक गुण होता है जिसे वृत्तियां भी कहते हैं। प्रवृति या वृत्तियां तीन प्रकार की कही गई हैं। सात्विकवृत्ति, राजसी वृत्ति और तामसी वृत्ति।
एरोन ऑसिलेटर क्या है?
Aroon Oscillator अर्थ को तकनीकी संकेतक के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो वर्तमान प्रवृत्ति की शक्ति की गणना करने के लिए Aroon Up और Aroon Down संकेतकों का उपयोग करता है और यह संभावना हो सकती है। यदि रीडिंग शून्य से ऊपर जाती है, तो इसका मतलब है कि अपट्रेंड होने की संभावना है। यदि ये रीडिंग शून्य से नीचे चली जाती है, तो इसका मतलब है कि एक डाउनट्रेंड होगा। प्रवृत्ति में संभावित परिवर्तनों या आने वाले रुझान की पहचान करने के लिए निवेशक और विशेषज्ञ शून्य रेखा क्रॉसओवर की तलाश करते हैं जो कुछ समय के लिए जारी रह सकते हैं। शक्तिशाली मूल्य आंदोलनों को इंगित करने के लिए विशेषज्ञ भी बड़े कदम उठाते हैं।
अरून इंडिकेटर की तरह, आप अवधारणा के दो महत्वपूर्ण घटकों, यानी अरुण अप और अरुण डाउन का उपयोग करके अरुण ऑसिलेटर का पता लगा सकते हैं। पहले वाले के लिए, आप उस अवधि की संख्या का मूल्यांकन कर सकते हैं, जो पिछली उच्च अवधि के बाद से हुई है। फिर आप परिणाम को 25 से घटा सकते हैं और फिर उसी से विभाजित कर सकते हैं। सटीक परिणाम प्राप्त करने के लिए परिणामों को 100 से गुणा करें।
एरोन ऑसिलेटर के मुख्य इस्तेमाल
तुषार चेंज द्वारा लॉन्च किया गया, अरुण ऑसिलेटर, एरोन इंडिकेटर का एक विस्तार है जिसे वर्ष 1995 में विकसित किया गया था। इस तरह के तकनीकी संकेतक को लॉन्च करने के लिए डेवलपर का प्रमुख लक्ष्य संभावित अल्पकालिक प्रवृत्ति परिवर्तनों को प्रभावी तरीके से खोजना था। डेवलपर ने यह नाम एक प्रसिद्ध संस्कृत शब्द से लिया है जिसका अर्थ है "सुबह का प्रारंभिक प्रकाश"।
ध्यान दें कि Aroon इंडिकेटर में तीन मुख्य तकनीकी संकेतक शामिल हैं जिनमें Aroon Up, Aroon Down और Aroon Oscillator शामिल हैं। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, आपको एरोन ऑसिलेटर को खोजने के लिए पहले ऊपर और नीचे के मूल्यों की गणना करनी चाहिए। यहां, प्रवृत्ति के उचित अनुमान की गणना के लिए समय-सीमा की 25 अवधियों को ध्यान में रखा गया है। हालाँकि, यह माना जाता है कि आप जितनी कम तरंगों का उपयोग करेंगे, उतनी ही तेज़ी से आप बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं।
परियोजना का स्वरूप
प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने ढंग से परियोजना तैयार करता है। परियोजना तैयार करने के कई तरीके हो सकते है। जैसे-निबंध, कहानी, कविता लिखने या चित्र बनाते समय होता है। हम परियोजना को दो भागों में बांट सकते है-
- वे जो समस्याओं के निदान के लिए तैयार की जाती है।
- वे जो किसी विषय की समुचित जानाकरी प्रदान करने के लिए तैयार की जाती है।
समस्या निदान स्वरूप परियोजना-
समस्याओं के निदान के लिए तैयार की जाने वाली परियोजनाओं में संबंधित समस्या से जुड़े सभी तथ्यों पर प्रकाश डाला जाता है और उस समस्या के समाधान के लिए सुझाव भी दिए जाते हैं। इस प्रकार की परियोजनाएं प्राय: सरकारी प्रवृत्तियों की पहचान करने का क्या अर्थ है अथवा दूसरे संगठनों द्वारा किसी समस्या पर कार्य योजना तैयार करते समय बनाई जाती हैं। इससे उस समस्या के विभिन्न पहलुओं पर कार्य करने में आसानी हो जाती है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 552