'Mutual fund'

म्यूचुअल फंड में एक फंड टैक्स सेविंग फंड भी होता है जिसे आम तौर पर ELSS (Equity Link Saving scheme) कहते हैं. चूंकि यह एक टैक्स सेविंग स्कीम है तो इसके साथ कुछ पाबंदियां भी आती हैं. यानि इस योजना में कुछ लॉकिन इन समय है. इससे साफ है कि इस दौरान आप निवेश की गई राशि को निकाल नहीं सकते हैं. अमूमन यह लॉकइन समय कम से कम तीन साल का होता है.

अमूमन म्यूचुअल फंड को एक्सपर्ट ही मैनेज करते हैं. इन लोगों को फंड मैनेजर कहा जाता है. यह फंड मैनेजर यह देखते हैं कि कहां निवेश करने से निवेशकों को ज्यादा लाभ होगा यानि ज्यादा रिटर्न मिलेगा. म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है जो निवेश का जोखिम खुद उठाने में सक्षम नहीं होते. ये लोग बाजार के बारे में और कंपनियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने के चलते ऐसे फंड मैनेजरों की राय पर काम कर सकते हैं.

Top 10 Mutual Funds To Invest: आप निवेश के लिए सही फंड को चुने. आप किसी ऐसे फंड का चुनाव करें जो बढ़ती महंगाई के दौर में आपको शानदार रिटर्न दे.

सेबी का ताजा फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन मामले के बाद आया है, जिसमें फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने छह ऋण योजनाओं पर रोक लगाए जाने से पहले उन योजनाओं में अपनी हिस्सेदारी को रिडीम किया था.

Delhi | Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, Translated by: अंजलि कर्मकार |गुरुवार अक्टूबर 20, 2022 04:45 PM IST

बीएल आहूजा ने पुलिस को बताया कि वह बैंक कर्मचारी माहेश्वरी को 2013 से जानते थे, जब वह ICICI बैंक में काम करता था. आहूजा ने कहा कि माहेश्वरी ने उन्हें सलाह दी कि वह पैसे बैंक में रखने के बजाय म्यूचुअल फंड में लगाएं. आहूजा ने 2018 में उन्हें 1 करोड़ रुपये के दो चेक दिए.

निवेशक दीर्घकाल में निवेश में वृद्धि को लेकर म्यूचुअल फंड में नियमित तौर पर राशि जमा करने की योजना (Systematic Investment Plan) पर भरोसा कर रहे हैं

Pan Aadhaar Link.सीबीडीटी ने एक अधिसूचना में कहा कि आधार की देरी से सूचना देने पर 500 रुपये का विलंब शुल्क लगेगा. यह जुर्माना शुल्क अगले तीन माह यानी 30 जून, 2022 तक के लिए होगा. उसके बाद करदाताओं को 1,000 रुपये का जुर्माना चुकाना होगा.

सेबी ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए यह निर्णय़ किया.इसके तहत जब भी म्यूचुअल फंड के ज्यादातर ट्रस्टी किसी स्कीम को बंद करने का फैसला करते हैं, उनके लिए यूनिटधारकों की सहमति लेने को अनिवार्य करने का निर्णय किया गया है.

भारतीय कंपनियों ने वर्ष 2021 में इक्विटी और कर्ज के जरिये 9 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं. अगर ओमिक्रॉन के चलते हालात खराब नहीं हुए तो इसमें 2022 के दौरान और अधिक मजबूती आने की उम्मीद है

इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Funds) योजनाओं को जुलाई में शुद्ध रूप से 22,583 करोड़ रुपये का निवेश मिला है. यह लगातार पांचवां महीना है जबकि इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश प्रवाह सकारात्मक रहा है. इस दौरान फ्लेक्सी-कैप श्रेणी (Flexicap Funds) को सबसे अधिक निवेश प्राप्त हुआ.

म्यूचुअल फंड है मोटा फंड बनाने का बेहतर विकल्प, जानें कैसे करें निवेश की शुरूआत, कितना मिलेगा रिटर्न?

म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है.

म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है.

म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसों से बना हुआ एक फंड होता है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो इसे सुरक्षित तरीके से अ . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 24, 2022, 08:30 IST

हाइलाइट्स

MF कई निवेशकों से छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर एक साथ किसी कंपनी में निवेश करता है.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास ज्यादा पैसे होना बिलकुल जरूरी नहीं है.
म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरूआत आप 500 या 1000 रुपये की SIP से भी कर सकते हैं.

नई दिल्ली. मौजूदा समय में हमारे पास निवेश के लिए कई तरह के विकल्प उपलब्ध है. लेकिन जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग कहीं भी निवेश करने का फैसला नहीं कर पाते हैं. निवेश के लिए इच्छुक लोग भी मेहनत के पैसे डूबने के डर की वजह से ऐसा करने से बचते हैं. म्यूचुअल फंड एक ऐसा ही विकल्प है जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में बात करेंगे. यहाँ हम म्यूचुअल फंड से जुड़ी सारी जानकारी लेकर आए हैं.

म्यूचुअल फंड में निवेश करना बहुत आसान है. ऐसे कई प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं जिनके जरिए आप एक ही जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम ले सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी म्यूचुअल फंड स्कीम की ग्रोथ, उससे मिलने वाले रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी इन्हीं प्लेटफॉर्म की मदद से कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड क्या है?

म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है जिसमें पहले कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है. फिर उस फंड के पैसों को बॉन्ड, शेयर मार्केट सहित कई जगहों पर निवेश किया जाता है. म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है. आमतौर पर सभी एएमसी में कई तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं.

दूसरे शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसों से बना हुआ एक फंड होता है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो इसे सुरक्षित तरीके से अलग-अलग जगह पर थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करता है. एक साथ कई जगह निवेश होने के कारण इसमें घाटे की संभावना तुलनात्मक रूप से कम रहती है.

एएमसी क्या है और ये क्या करती है?

एएमसी ऐसी कंपनियां होती हैं जो अलग-अलग निवेशकों से लेकर जमा किए गए फंड को इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड आदि जगहों पर निवेश करती हैं और उससे मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के हिसाब से बांटती हैं. एक तरह से इनका बेसिक काम मैनेजमेंट का होता है. एक अच्छा फंड मैनेजर वह होता है जो फंड को सही जगह पर और सही तरीके से निवेश करता है और निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा रिटर्न दिलाता है.

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?

म्यूचुअल फंड की सबसे खास बात यह है कि इसमें निवेश करने के लिए आपके पास ज्यादा पैसे होना जरूरी नहीं है. इसमें आप सिर्फ 500 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. अगर आप किसी बड़ी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं लेकिन आपका बजट उसके एक शेयर की कीमत से भी कम है. ऐसी स्थिति में आप म्यूचुअल फंड के जरिए उस कंपनी में सिर्फ 500 रुपये में निवेश की शुरूआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड बहुत सारे निवेशकों से छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर उसे एक साथ किसी कंपनी में निवेश करती है.

म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करें?

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई फायदे हैं. इसमें निवेश करने पर आपको किसी कंपनी की ग्रोथ या परफॉर्मेंस को देखते रहने की जरूरत नहीं पड़ती. यह काम आपके बदले फंड मैनेजर करता है. इसमें एएमसी निवेशकों के पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करती है. जिससे अगर किसी एक सेक्टर मंदी आ जाती है तो इससे पूरे पोर्टफोलियो पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता.

जितनी चाहें उतनी रकम से करें निवेश की शुरूआत

म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरूआत आप 500 या 1000 रुपये की SIP से कर सकते हैं. आप जितने समय अंतराल पर इसमें निवेश करना चाहते हैं यह भी खुद ही तय कर सकते हैं. इसमें आपको साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर SIP के ऑप्शन मिलते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न केवल शेयर मार्केट बल्कि गोल्ड में भी निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आप मोबाइल ऐप, सीधे ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर या किसी एजेंट की मदद से आसानी से कर सकते हैं. इस तरह से छोटी-सी रकम से शुरूआत करके भी आप कुछ समय के बाद अच्छा रिटर्न ले सकते हैं.

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'Mutual fund'

म्यूचुअल फंड में एक फंड टैक्स सेविंग फंड भी होता है जिसे आम तौर पर ELSS (Equity Link Saving scheme) कहते हैं. चूंकि यह एक टैक्स सेविंग स्कीम SIP में निवेश क्यों करें? है तो इसके साथ कुछ पाबंदियां भी आती हैं. यानि इस योजना में कुछ लॉकिन इन समय है. इससे साफ है कि इस दौरान आप निवेश की गई राशि को निकाल नहीं सकते हैं. अमूमन यह लॉकइन समय कम से कम तीन साल का होता है.

अमूमन म्यूचुअल फंड को एक्सपर्ट ही मैनेज करते हैं. इन लोगों को फंड मैनेजर कहा जाता है. यह फंड मैनेजर यह देखते हैं कि कहां निवेश करने से निवेशकों को ज्यादा लाभ होगा यानि ज्यादा रिटर्न मिलेगा. म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है जो निवेश का जोखिम खुद उठाने में सक्षम नहीं होते. ये लोग बाजार के बारे में और कंपनियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने के चलते ऐसे फंड मैनेजरों की राय पर काम कर सकते हैं.

Top 10 Mutual Funds To Invest: आप निवेश के लिए सही फंड को चुने. आप किसी ऐसे फंड का चुनाव करें जो बढ़ती महंगाई के दौर में आपको शानदार रिटर्न दे.

सेबी का ताजा फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन मामले के बाद आया है, जिसमें फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने छह ऋण योजनाओं पर रोक लगाए जाने से पहले उन योजनाओं में अपनी हिस्सेदारी को रिडीम किया था.

Delhi | Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, Translated by: अंजलि कर्मकार |गुरुवार अक्टूबर 20, 2022 04:45 PM IST

बीएल आहूजा ने पुलिस को बताया कि वह बैंक कर्मचारी माहेश्वरी को 2013 से जानते थे, जब वह ICICI बैंक में काम करता था. आहूजा ने कहा कि माहेश्वरी ने उन्हें सलाह दी कि वह पैसे बैंक में रखने के बजाय म्यूचुअल फंड में लगाएं. आहूजा ने 2018 में उन्हें 1 करोड़ रुपये के दो चेक दिए.

निवेशक दीर्घकाल में निवेश में वृद्धि को लेकर म्यूचुअल फंड में नियमित तौर पर राशि जमा करने की योजना (Systematic Investment Plan) पर भरोसा कर रहे हैं

Pan Aadhaar Link.सीबीडीटी ने एक अधिसूचना में कहा कि आधार की देरी से सूचना देने पर 500 रुपये का विलंब शुल्क लगेगा. यह जुर्माना शुल्क अगले तीन माह यानी 30 जून, 2022 तक के लिए होगा. उसके बाद करदाताओं को 1,000 रुपये का जुर्माना चुकाना होगा.

सेबी ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए यह निर्णय़ किया.इसके तहत जब भी म्यूचुअल फंड के ज्यादातर ट्रस्टी किसी स्कीम को बंद करने का फैसला करते हैं, उनके लिए यूनिटधारकों की सहमति लेने को अनिवार्य करने का निर्णय किया गया है.

भारतीय कंपनियों ने वर्ष 2021 में इक्विटी और कर्ज के जरिये 9 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं. अगर ओमिक्रॉन के चलते हालात खराब नहीं हुए तो इसमें 2022 के दौरान और अधिक मजबूती आने की उम्मीद है

इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Funds) योजनाओं को जुलाई SIP में निवेश क्यों करें? में शुद्ध रूप से 22,583 करोड़ रुपये का निवेश मिला है. यह लगातार पांचवां महीना है जबकि इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश प्रवाह सकारात्मक रहा है. इस दौरान फ्लेक्सी-कैप श्रेणी (Flexicap Funds) को सबसे अधिक निवेश प्राप्त हुआ.

Investment Tips: पैसा कमाने के लिए बड़ी काम की चीज है SIP, फायदे जानकर बढ़ सकती है कमाई

SIP के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आप 'Rupee Cost Averaging' का लाभ उठा सकते हैं. इसका मतलब है कि जब बाजार नीचे होता है तो आप ज्यादा यूनिट खरीदते हैं और जब बाजार ऊपर होता है तो कम यूनिट खरीदते हैं. यह आपकी कुल लागत का औसत है.

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Investment Tips: पैसा कमाने के लिए बड़ी काम की चीज है SIP, फायदे जानकर बढ़ सकती है कमाई

Systematic Investment Plan: निवेश करने के कई माध्यम हैं तो निवेश करने के कई तरीके भी आज के वक्त में मौजूद हैं. इनमें सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) भी शामिल है. SIP निवेश का एक तरीका है जो आपको अपने बैंक खाते से ऑटो-डेबिट सिस्टम के माध्यम से पूर्व निर्धारित तारीख पर Mutual Fund में एक निश्चित राशि का निवेश करने की अनुमति देता है. SIP के जरिए Mutual Fund में NAV पर निवेश किया जाता है. वहीं एसआईपी निवेश के लिहाज से अनुशासन बनाने SIP में निवेश क्यों करें? में मदद करता है. निवेश का यह तरीका आपको एक नियोजित और अच्छी तरह से परिभाषित दृष्टिकोण के माध्यम से धन बचाने और अपने वित्तीय जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता है.

Rupee Cost Averaging

जब आप एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आप 'Rupee Cost Averaging' का लाभ उठा सकते हैं. इसका मतलब है कि जब बाजार नीचे होता है तो आप ज्यादा यूनिट खरीदते हैं और जब बाजार ऊपर होता है तो कम यूनिट खरीदते हैं. यह आपकी कुल लागत का औसत है. हालांकि, अपना SIP शुरू करने से SIP में निवेश क्यों करें? पहले यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी जोखिम प्रोफाइल के अनुसार चयन करें और योजनाओं और संबद्ध कारकों जैसे श्रेणी, अनुपात, जोखिम समायोजित रिटर्न, लागू अवधि आदि के बारे में रिसर्च करें.

SIP के लाभ
वित्तीय अनुशासन का निर्माण-
अनुशासन एक सफल निवेश योजना की आधारशिला है. व्यवस्थित निवेश योजनाएं अनुशासित बचत आदत का निर्माण करती हैं.

दीर्घकालिक वित्तीय लाभ सुरक्षित करना- कंपाउंडिंग और रुपी कॉस्ट एवरेजिंग की शक्ति से एक व्यवस्थित निवेश योजना SIP में निवेश क्यों करें? लाभांवित होती है. यदि आप सही निवेश उत्पाद चुनते हैं और अपने निवेश लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहते हैं तो आप अपने दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए काफी बड़ा कॉर्पस बनाने में सक्षम होंगे.

लचीलापन- व्यवस्थित निवेश योजनाएं आपकी आय और निवेश उद्देश्यों के स्तर और प्रकृति के अनुरूप तैयार की जाती हैं. एसआईपी कैलकुलेटर का उपयोग करके या पेशेवर निवेश सलाहकारों और वित्तीय योजनाकारों की मदद से आप नकदी प्रवाह को प्रभावित किए बिना आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप चीजें व्यवस्थित कर सकते हैं.

SIP Calculation: सिर्फ 1000 रुपये करें निवेश, घर बैठे 2 करोड़ रुपये से ज्यादा के बन जाएंगे मालिक

SIP Calculation: धैर्य रखकर लंबी अवधि के लिए अच्‍छी स्‍कीम में पैसा लगाते हैं तो कई गुना रिटर्न मिलने की उम्‍मीद बढ़ जाती है। बाजार के रिटर्न पर नजर डालें तो ऐसा हुआ है

SIP Calculation: निवेश और बचत की बात करें तो इसमें धैर्य और अनुशासन का अहम रोल होता है। धैर्य रखकर अगर लंबी अवधि के लिए अच्‍छी स्‍कीम में पैसा लगाना ही समझदारी भरा काम होता है। ऐसे में कई गुना रिटर्न मिलने की उम्‍मीद बढ़ जाती है। इसके साथ ही आपके लिए करोड़पति का द्वार भी खुल सकता है। ऐसे में अगर आप भी भविष्य के लिए घर बैठे बंपर कमाई करना चाहते हैं तो आज से बेहतर जगहों पर निवेश करना शुरू कर देना चाहिए।

हर महीने सिर्फ हजार रुपये करें निवेश

अगर आप नियमित तौर पर छोटा मोटा निवेश करते रहेंगे तो भविष्य में मोटा फंड तैयार कर सकते हैं। हम यहां आपको कुछ ऐसे प्लान बता रहे हैं। जहां कम पैसे निवेश करके मोटी कमाई कर सकते हैं। आप म्यूचुअल फंड के जरिए भी मोटा फंड बना सकते हैं। यहां सिर्फ 1000 रुपये की SIP से 2 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड आसानी से बन जाएगा। आपको हर महीने म्यूचुअल फंड में 1000 रुपये निवेश करना है। पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड ने 20 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है।

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