नए दिशानिर्देशों के तहत एमआईआई को सेबी की तरफ से निर्धारित प्रारूप एवं शर्तों के अनुरूप प्रणाली एवं नेटवर्क का ऑडिट कराने की जरूरत है। इस दौरान भारत के प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज किसी खास नियम का अनुपालन नहीं पाए जाने पर उसकी जानकारी सेबी को देनी होगी।

The Asian Games medallist is UNICEF India’s first ever youth ambassador as part of #WorldChildrensDay celebration at UNICEF with Laura Siegrist Fouché on India Children's Day.

स्टॉक एक्सचेंज, एमआईआई को अनुपालन चूक की सूचना सेबी को देनी होगी

नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को स्टॉक एक्सचेंजों एवं अन्य बाजार ढांचागत संस्थानों (एमआईआई) से प्रणाली एवं नेटवर्क के ऑडिट में सामने आए कुछ बड़े गैर-अनुपालन के बारे में जानकारी देने को कहा है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को एक परिपत्र में यह निर्देश देते हुए कहा कि प्रणाली एवं नेटवर्क ऑडिट की रिपोर्ट संबंधित एमआईआई के संचालन बोर्ड के समक्ष रखी जाएगी। निदेशक मंडल की टिप्पणियों के साथ उस रिपोर्ट की जानकारी सेबी को एक महीने के भीतर देनी होगी।

सेबी ने यह कदम अपनी तकनीकी परामर्श समिति (टीएसी) से मिले सुझावों और एमआईआई के साथ परामर्श के बाद उठाया है।

प्रतिभूति बाजार में तेजी से हो रहे तकनीकी विकास और उसकी वजह से बाजार की विश्वसनीयता एवं सक्षमता को लेकर पैदा हो रहे जोखिमों को देखते हुए सेबी ने जनवरी, 2020 में सालाना प्रणालीगत ऑडिट अनिवार्य कर दिया था। सभी स्टॉक एक्सचेंजों, भुगतान निगमों एवं डिपॉजिटरी को किसी प्रतिष्ठित स्वतंत्र ऑ़डिटर से यह परीक्षण कराना होता है।

न्यूयॉर्क स्टॉक भारत के प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज एक्सचेंज की घंटी बजाकर सचिन-वॉर्न रचेंगे इतिहास

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वॉर्न आज दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज 'न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज' (एनवाइएसइ) की प्रतिष्ठित घंटी बजाएंगे। वे ऐसा करने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बनेंगे।

न्यूयॉर्क। पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वॉर्न आज दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज 'न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज' (एनवाइएसइ) की प्रतिष्ठित घंटी बजाएंगे। वे ऐसा करने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बनेंगे।

अपनी ऑल स्टार क्रिकेट सीरीज का प्रमोशन करने के लिए सचिन और वॉर्न स्टॉक एक्सचेज जाएंगे। दोनों न्यूयॉर्क के समयनुसार सुबह 9.30 बजे स्टॉक एक्सजेंच की घंटी बजाकर दिन दिन की शुरुआत करेंगे। गौरतलब है कि सचिन और वॉर्न इन दिनों 'क्रिकेट ऑल स्टार्स' सीरीज के लिए अमेरिका में हैं। दोनों द्वारा शुरू किए जा रहे इस टूर्नामेंट में दुनिया भारत के प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज के तमाम पूर्व क्रिकेटर एक बार फिर मैदान पर उतरेंगे और टी20 क्रिकेट में जलवा बिखेरेंगे। दोनों दिग्गजों के मुताबिक इस सीरीज का मकसद अमेरिका में भी क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ाना है। सचिन ब्लास्टर्स और वॉर्न वॉरियर्स टीमों की पहली भिड़ंत न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित सिटी फील्ड में शनिवार को होगी। इसका प्रसारण भारत में 7 नवंबर को रात 9.30 बजे होगा।

भारत के प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज

महिलाएं राशन की आपूर्ति लिए मिनी ट्रक की ओर देखती हुई।

राहत एवं रिस्पांस पहुंचाने के लिए भारत के प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज घूमता चक्र

असम में बाढ़ के दौरान एक परिवार।

कोविड - 19 पर यूनिसेफ की भारत के प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज स्थिति रिपोर्ट नंबर 4

Files available for download (1)

 मास्क पहनी हुई एक बच्ची अपने हाथों में अखबार के साथ।

कोविड-19 के रेस्पोन्स के लिए थर्मल स्कैनर

Tahera Yusuf, an Aanganwadi worker conducts a session on Early Childhood Education (ECE) while children react during an activity at the Aanganwadi centre in Arizal, Jammu & Kashmir.

निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी

भारत में यूनिसेफ बच्चों के हित में अपेक्षित परिणामों के लिए निजी क्षेत्र के सहयोगियों के साथ मिलकर काम करता है |

Employee work inside top labeling machine, vail vaccine monitor and packaging department at Serum Institute of India Pvt. Ltd. in Pune, INDIA.

फाल्गुनी नायर की कहानी, जो अपने बलबूते बनी भारतीय उद्योग जगत की 'नायका'

फाल्गुनी नायर की कहानी, जो अपने बलबूते बनी भारतीय उद्योग जगत की 'नायका'

फाल्गुनी नायर (Falguni Nair Story) का नाम इन दिनों चर्चा में है। उनकी कंपनी नायका स्टॉक एक्सचेंज (Naykaa IPO) में प्रवेश करने वाली भारत की पहली महिला-नेतृत्व वाली कंपनी बन चुकी है और उन्होंने अपने बलबूते देश की सबसे रईस महिलाओं में शुमार होकर यह साबित कर दिया है कि महिलाओं की किसी उपलब्धि पर पुरूषों के साथ उनकी तुलना या उन्हें पुरूषों के बराबर आंकना अब बेमानी है क्योंकि महिलाएं पुरूषों से कमतर तो कभी थी ही नहीं।

देश के ज्यादातर बड़े कारोबारी घरानों की बात की जाए तो उनके बनने और शीर्ष पर पहुंचने में दो से तीन पीढ़ियों का वक्त लगा, लेकिन अगर कोई दस बरस में बाप-दादा से मिली विरासत के बिना अपने बलबूते खुद को देश और दुनिया के सबसे रईस लोगों में शुमार कर ले तो यह कहा जा सकता है कि ऊपरवाले ने उन्हें उनकी मेहनत का फल छप्पर फाड़ कर नहीं बल्कि आसमान फाड़ कर दिया है। फाल्गुनी की सफलता की यह कहानी किसी परिकथा से कम नहीं है। उन्होंने खुद से यह वादा किया था कि 50 साल की उम्र में वह अपना खुद का व्यापार शुरू करेंगी और 2012 में उन्होंने नायका की स्थापना करके इस वादे को निभाया। हालांकि उस वक्त उन्हें तो क्या दुनिया में किसी को यह एहसास नहीं था कि एक दिन उसी व्यापार की वजह से वह उद्योग जगत की मलिका बन जाएंगी।

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