GOPAX पर Steven Ndom द्वारा समीक्षा करें
एक क्रिप्टो मुद्रा विनिमय मंच जिसका मैंने लंबे समय से उपयोग किया है: GOPAX
सभी को नमस्कार, देवियों और सज्जनों, मैं GOPAX क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहा हूं, जो एक क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जिसका उपयोग मैं आपके लिए लगभग 5 महीनों से कर रहा हूं। मैं इस समीक्षा को लिखना और साझा करना चाहता हूं ताकि आपको 5 महीने के उपयोग से प्राप्त ज्ञान और अनुभव से अवगत कराया जा सके। उन सभी को धन्यवाद जिन्होंने पहले से पढ़ा या नहीं।
GOPAX मंच कोरिया में स्थापित किया गया था और कोरिया में अपने उपयोगकर्ताओं पर केंद्रित था, लेकिन मुझे लगता है कि यह बहुत सारे यूरोपीय उपयोगकर्ताओं के साथ एक मंच है। जहां तक मैं अब तक जानता हूं, यह एक क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म है जिसमें 25 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं।
यदि हम GOPAX प्लेटफॉर्म की वेबसाइट पर आते हैं, जैसा कि मैंने पहले कहा, यह कोरियाई में टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू डिज़ाइन किया गया है क्योंकि यह कोरिया में स्थापित एक प्लेटफॉर्म है, लेकिन यह अंग्रेजी भाषा विकल्प के साथ एक क्रिप्टो मुद्रा विनिमय है।
जब आप GOPAX क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करते हैं, तो प्लेटफॉर्म आपको दो-कारक सत्यापन चरणों को सक्षम करने की अनुमति देता है, और इस प्रकार उनका उद्देश्य आपकी सुरक्षा को उच्चतम स्तर पर रखना है। मैं आसानी से कह सकता हूं कि मेरे द्वारा उपयोग किए जाने वाले 5 महीनों के दौरान मुझे किसी भी सुरक्षा समस्या का अनुभव नहीं हुआ है। संक्षेप में, यह एक क्रियोटो मनी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म है जो मुझे लगता है कि वे सुरक्षा कदमों के लिए अच्छी सुरक्षा प्रदान करते हैं।
यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो जमा और निकासी लेनदेन के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड स्वीकार करता है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो क्रिप्टोकरेंसी के साथ-साथ क्रेडिट और डेबिट कार्ड में भुगतान स्वीकार करता है। दूसरे शब्दों में, आप क्रेडिट, डेबिट कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी दोनों के साथ GOPAX क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म से भुगतान और निकासी कर सकते हैं। मैं आमतौर पर क्रेडिट कार्ड और क्रिप्टो मुद्राओं के साथ अपने लेनदेन को संभाल रहा था।
मेरे लिए, GOPAX क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म का एकमात्र नकारात्मक पहलू यह है कि इसमें अन्य एक्सचेंजों के विपरीत एक बुनियादी टोकन नहीं है। मुझे लगता है कि टोकन टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू होने से बेहतर काम हो सकता है।
फायदे नुकसान
यह एक ऐसा मंच है जो भुगतान विधि के रूप में क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी के साथ भुगतान और निकासी को स्वीकार करता है।
अंग्रेजी भाषा का विकल्प वेबसाइट पर उपलब्ध है। १२३४५६७८९ सुरक्षा के रूप में, हम उन सुरक्षा कदमों के साथ अपनी उच्च स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम हैं जो वे हमें करने के लिए प्रदान करते हैं।
मेरी राय में, यह तथ्य कि GOPAX क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म में एक बुनियादी टोकन है, एक नकारात्मक विशेषता है। १२३४५६७८९
Intraday Trading Vs Delivery Trading: जानें इंट्राडे तथा डिलीवरी ट्रेडिंग में क्या अंतर है
शेयर मार्केट में निवेश करना वर्तमान दौर में बेहद आसान बनता जा रहा है, लेकिन यहाँ निवेश करने के एक से अधिक विकल्प उपलब्ध हैं, जिनके बारे में एक निवेशक के तौर पर आपके लिए जानना आवश्यक है। उदाहरण के लिए कुछ शेयर मार्केट ट्रेडिंग अल्पकालिक अवधि के लिए होती हैं, जबकि कुछ ट्रेडिंग लंबी अवधि के निवेश के रूप में की जाती हैं।
हालाँकि शेयर बाज़ार में निवेश के कुछ अन्य तरीके भी हैं जैसे फ्यूचर एवं ऑप्शन में निवेश आदि, किन्तु आज इस लेख में टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू हम मुख्यतः अवधि के आधार पर शेयर मार्केट में करी जाने वाली ट्रेडिंग के विषय में समझेंगे। इस प्रकार शेयर बाजार में दो तरीके से ट्रेडिंग करी जा सकती हैं, जिन्हें हम इंट्राडे ट्रेडिंग या डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग (Intraday Trading Vs Delivery Trading) के रूप में जानते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) क्या है?
जब कोई ट्रेडर या निवेशक एक ही ट्रेडिंग दिन के भीतर शेयरों की खरीद और बिक्री करता है, तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) कहा जाता है। इस प्रकार की ट्रेडिंग में शेयरों को कम समय में लाभ कमाने के उद्देश्य से खरीदा जाता है, लंबी अवधि के निवेश के रूप में नहीं।
इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी ट्रेडिंग दिन में शेयर की कीमत में हुए परिवर्तन के आधार पर ट्रेडर लाभ अर्जित करते हैं, गौरतलब है कि, डिलीवरी ट्रेडिंग के विपरीत यहाँ कोई ट्रेडर किसी शेयर को पहले बेचकर बाद में खरीद भी सकते हैं। ऐसा उस स्थिति में किया जाता है, जब ट्रेडर को किसी शेयर की कीमतों में गिरावट का अंदेशा होता है, ऐसे में ट्रेडर दिन की शुरुआत में शेयर बेच देते हैं तथा दिन के मध्य या अंत में जब शेयर के दाम गिर जाएं तो उसे खरीद लेते हैं।
Women’s Day 2020: ‘गृहलक्ष्मी’ नहीं अब फुल टाइम ट्रेडर, शेयर बाजार ने ऐसे दिखाई महिलाओं को राह
ऐसी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने आप को गृहणी से फुल टाइम ट्रेडर में बदला है.
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महिलाओं की उपलब्धियां अब न्यूजरूम में होने वाली परंपरागत चर्चाओं से काफी आगे निकल चुकी हैं. मौजूदा दौर में वे स्पेस वॉक(क्रिस्टीना कोच और जेसिका मेयर) और लूनर मिशन(मुत्थ्या वनीथा) पर जा रही हैं. आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट (गीता गोपीनाथ) और विश्व बैंक में चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (अंशुला कांत) बन रही हैं. यहां तक कि पुरुषों के पूरे दस्ते को लीड (भावना कस्तूरी) कर रही हैं. और तो और युद्ध सेवा मेडल (मिंटी अग्रवाल) हासिल कर रही हैं, जो जीवन के प्रत्येक पहलू में उनकी मानसिक मजबूती को दर्शाता है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें से ज्यादातर को प्रोत्साहन भारत से मिला है.
लेकिन इसके बावजूद महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में हमारे देश को अभी एक टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू लंबी यात्रा तय करनी है. यह हास्यादपद है कि आमतौर पर भारतीय महिलाओं को गृहलक्ष्मी कहा जाता है और शायद ही उन्हें घर में कमाई के लिए कभी प्रोत्साहित भी किया गया हो. इसके बावजूद इसमें काफी बदलाव देखा गया है और महिलाएं भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं.
आर्थिक सशक्तिकरण
पहले हमें यह समझना होगा कि हम एक पूंजीवादी समाज में रहते हैं. इसीलिए पूंजीवादी कारकों द्वारा चीजों को खरीदने की हमारी क्षमता से समाज में हमारी जगह तय होती है. इसमें हमारा बैंक बैलेंस, स्थिर और अस्थिर पूंजी और हमारी कमाई शामिल है. गृहणियों को हाशिए पर रखा जाता है, क्योंकि वे अपने घर के लिए कुछ कमाई नहीं करती हैं. इससे उनके रोजाना जीवन में काफी प्रभाव पड़ता है.
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इसीलिए सामाजिक स्थिति में बदलाव का मार्ग आर्थिक सशक्तिकरण से ही प्रशस्त होगा. यह महिलाओं के सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में बदलाव लाने की क्षमता रखता है. मूल मुद्दों से अछूते ऐसे सतही बदलावों की तुलना में आर्थिक सशक्तिकरण ज्यादा प्रभावी है. इस परिदृश्य में स्टॉक ट्रेडिंग गेम चेंजर साबित हो सकता है. इसके साथ ही यह एंटरप्रेन्योरशिप जैसे करियर के विकल्पों का मार्ग भी प्रशस्त करता है.
लगातार कमाई का माध्यम
प्राचीन काल से ही महिलाओं को एक साथ कई काम करने और पूरी निष्ठा के साथ करने के लिए जाना जाता रहा है. आज उनके लिए अतिरिक्त कमाई करना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है. रहन-सहन का खर्च लगातार बढ़ने के कारण अपनी कमाई में कुछ तेजी लाने में ही समझदारी है. ऐसी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने आप को गृहणी से फुल टाइम ट्रेडर में बदला है और कमाई कर रही हैं, जिसे एक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प माना जाता है.
बदलेगी पहचान
टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टॉक मार्केट की पहुंच बढ़ने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा महिलाएं ट्रेडिंग कर रही हैं. ऐसे में ये महिलाएं अपनी गृहणी की अपनी पारंपरिक भूमिका से आगे निकल गई हैं. अब वे भी घर में कमाई करने वाले सदस्यों के रूप में गिनी जाती हैं. इसके अलावा देश के सभी क्षेत्रों में महिलाएं सब ब्रोकर के रूप में काम करने के विकल्प को भी अपना रही हैं और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इक्विटी मार्केट से जोड़ रही हैं. इससे वे न सिर्फ घर में आर्थिक भागीदारी निभा रही हैं, बल्कि देश में आर्थिक सहयोग दे रही हैं.
टेक्नोलॉजी का सहयोग
कई महिलाओं को लगता है कि स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के लिए गणित में महारत हासिल होनी चाहिए. हालांकि यह सच्चाई नहीं है. आज के दौर में स्टॉक ब्रोकर के पास ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसकी मदद से वे अपने ग्राहकों के लिए मार्केट एनालिसिस करते हैं. इसमें आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से निवेशकों को मार्केट के बारे में सलाह दी जाती है. इसके माध्यम से कोई भी सलाह देने से पहले अरबो डेटा प्वॉइंट का अध्ययन किया जाता है. ये पर्सनलाइज्ड रिसर्च के आधार पर रोजना सलाह भी देते हैं. इस तरह की टेक्नोलॉजी का उपयोग महिलाओं को निवेशक बनने के लिए प्रोत्साहित करता है और वे स्वयं को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकती हैं.
मैक्रो-इकोनॉमिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव
एक व्यापक बदलाव के तौर पर एक अनुमान है कि भारत 2025 टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू तक 770 अरब डॉलर की जीडीपी जनरेट करेगा. यह महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना कर ही किया जा सकता है. वैश्विक स्तर पर यही आंकड़ा करीब 120 खरब डॉलर का होगा. इसलिए यह बदलाव बेहतर है और पूरे आर्थिक मोर्चे के लिए सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा.
आर्थिक सशक्तिकरण एक बड़ा सामाजिक बदलाव लेकर आता है और आज के दौर में महिलाओं के लिए स्टॉक मार्केट का चयन सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है. अच्छी बात यह है कि वे खुद आगे बढ़कर इस बदलाव को अपना रही हैं और भारत व विश्वभर में बदलाव के अग्रदूत बनकर उभरी हैं.
(लेखक: केतन शाह, चीफ रेवेन्यू ऑफिसर, एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड)
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टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू
“ अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका टाइम टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू ने 20 मई के अपने नए संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कवर पेज पर. ”
अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका टाइम ने 20 मई के अपने नए संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कवर पेज पर जगह दी है। लेकिन पत्रिका ने पीएम नरेंद्र मोदी को नकारात्मक पहलू में कवर पेज पर जगह दी है। मैगजीन ने उन्हें इंडियाज डिवाइडर इन चीफ की संज्ञा दी है। इसके बाद सोशल मीडिया पर दोतरफा तूफान आ गया है। ट्विटर पर ट्रेडिंग में शीर्ष पर चल रहे इस मुद्दे पर लोगों में विभाजन दिख रहा है। टाइम की इस संज्ञा का समर्थन और विरोध कर रहे लोगों के बीच सोशल मीडिया पर गरमा-गरम बहस छिड़ गई है।
आपको बता दें कि टाइम पत्रिका ने ही साल 2014-15 में नरेंद्र मोदी को दुनिया के 100 प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया था। इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर तो जैसे लोगों कि प्रतिक्रियाओं का सैलाब सा आ गया। कुछ लोगो को टाइम की यह टिप्पणी बिलकुल रास नही आई, तो वहीं तमाम लोग इसके सर्मथन में भी बोले। हालांकि अब तक किसी भी नेता या अभिनेता की कोई प्रतिक्रिया नही आई है, आईये नजर डालते हैं लोगो ने क्या-क्या कहा-
टाइम के विरोध में तर्क
- चौकीदार देव कुमार नाम के एक व्यक्ति ने अपने ट्वीट में लिखा कि हम अपने प्यारे पीएम नरेंद्र मोदी जी से प्यार करते हैं। कृपया मोदी जी के बारे में अपने कवर पेज की लाइन ठीक करें।
- संतोष ने अपने ट्वीट में लिखा कि जब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लोग यह तय करते हैं कि वे 5 साल तक नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के साथ रह सकते हैं . और लोकतंत्र की देखभाल भी कर सकते हैं। टाइम का इससे कोई लेना देना नहीं है।
- मैं भी चौकीदार मुकेश शर्मा ने कहा कि मोदी बहुत महान नेता है। उनके साथ अन्य किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की तुलना नहीं की जा सकती है। वह न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व शांति और अर्थव्यवस्था के लिए भी एक आशीर्वाद हैं। इसमें संशय नहीं है।
सर्मथन में:
- साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की फोटो लगाकर एक व्यक्ति ने लिखा कि आइए, उनकी पार्टी के अद्भुत निर्णय पर एक नज़र डालें। उन्होंने लोकसभा चुनाव में एक आरोपी आतंकवादी अभियुक्त महिला को टिकट दिया।
- भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक है। विविधता ही है जो भारत को बाकी देशों से अलग करता है। शायद मोदी इस एक साधारण बात को समझ ही नहीं पाए। मोदी 23 मई के बाद पीएम नहीं रह पाएंगे ---- एक आम भारतीय आदमी
-कपिल नाम से एक ट्वीट में लिखा गया कि ऐसा होना एक दुःस्वप्न होगा। भारतीय अर्थव्यवस्था पहले ही पतन की कगार पर है। मोदी ने सभी समुदायों, राज्यों और लोगों को विभाजित किया है। साथ ही मोदी ने तकरीबन सभी आंकड़े गलत पेश किये हैं। भारत को बचाने के लिए मोदी को जल्द से जल्द बाहर करना चाहिए।
बता दें कि अधिकांश जो प्रतिक्रियाएं हैं, वो मोदी के सर्मथन में आई हैं। ज्यादातर लोगों ने पत्रिका के इस कथन को नकारा है, और अपने ट्वीट में नो लिखकर इसका विरोध जताया है।
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ऋषि सुनक बढ़ाएंगे भारत-यूके के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की रफ्तार? क्या कहते हैं जानकार
सुनक ने एफटीए के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है. उन्होंने वित्तीय सेवाओं को द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में विशेष र . अधिक पढ़ें
- भाषा
- Last Updated : October 25, 2022, 18:53 IST
हाइलाइट्स
ब्रिटेन के पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन ने इस समझौते की समयसीमा अक्टूबर तक तय की थी.
इंग्लैंड में मची सियासी उठापठक के बीच यह समझौता अब तक आगे नहीं बढ़ पाया.
इस मामले में ऋषि सुनक क्या रुख अपनाएंगे इस पर जानकारों के विचार बंटे हुए हैं.
नई दिल्ली. भारतीय मूल के ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनना दोनों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की वार्ता को जरूरी रफ्तार देने में मदद करेगा. इससे पहले भारत और ब्रिटेन के बीच एफटीए समझौते के लिए समयसीमा दीपावली तक रखी गई थी. लेकिन ब्रिटेन में राजनीतिक अस्थिरता के बीच यह टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू समयसीमा पार हो चुकी है. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस साल अप्रैल में भारत की यात्रा के दौरान अक्टूबर तक इस समझौते के पूरा करने की डेडलाइन तय की थी.
वहीं, सुनक ने एफटीए के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है. उन्होंने वित्तीय सेवाओं को द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में विशेष रूप से ‘रोमांचक’ पहलू बताया है. उन्होंने वित्तीय प्रौद्योगिकी तथा बीमा क्षेत्र में दोनों देशों के लिए भारी अवसरों की ओर इशारा किया है. सुनक ने इससे पहले जुलाई में कहा था, “मैं इस क्षेत्र और दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की बढ़ती प्रभावशाली भूमिका का समर्थन करता हूं. इस दिशा में एफटीए एक बड़ा कदम साबित होगा.”
एफटीए को सही दिशा में ले जाएंगे सुनक
ब्रिटेन की राजधानी के वित्तीय केंद्र सिटी ऑफ लंदन कॉरपोरेशन ने उम्मीद जताई कि सुनक का वित्तीय सेवाओं पर ध्यान एफटीए को सही दिशा में ले जाएगा. सिटी ऑफ लंदन कॉरपोरेशन के पॉलिसी चेयरमैन क्रिस हेवर्ड ने कहा, ‘‘भारत के साथ व्यापार करार ब्रिटेन के लिए सबसे महत्वाकांक्षी और व्यावसायिक रूप से सार्थक समझौतों में से एक हो सकता है.’’ विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रिटेन में राजनीतिक स्थिरता अब समझौते के लिए बातचीत को तेज करने में मदद करेगी. इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा. भारतीय निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो के वाइस चेयरमैन खालिद खान ने कहा, ‘‘यह भारत के लिए एक बहुत ही सकारात्मक खबर है. यह घटनाक्रम निश्चित रूप से एफटीए को लेकर बातचीत को जरूरी गति देने में मदद करेगा.’’
पहले अपना घर देखेंगे सुनक
हालांकि, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बिस्वजीत धर ने कहा कि ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री पहले घरेलू मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे और अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘संकट की स्थिति में व्यापार करार नहीं होते. ये तब होते हैं जब अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही होती है.’’ इससे पहले वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने 20 अक्टूबर को कहा था कि टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते के लिए बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है और दोनों पक्षों के जल्द ही एक समझौते पर पहुंचने की उम्मीद है.
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