निफ्टीबीज हिंदी मे 2022
[Nifty bees Meaning, Returns, Benefits,How to Buy, SBI ETF Nifty 50, NIPPON India ETF ,Bank Nifty]
Nifty Bees क्या हैं हिंदी मेेेेेे हम आपको Nifty Bees के बारे में A टु Z जानकारी देनेवाले हैं.आप लोगों ने इससे पहले म्युचुअल फंड और शेअर मार्केट में निवेश करने सब तरिके देखें होंगे लेकिन आपको निफ्टी बिज क्या होता हैं, इसमें कैसे इन्वेस्टमेंट कहा करनी चाहिये या कर सकते हैं, यह कैसे अगल है स्टाॅक्स और म्युचुअल फंड के निवेश से यह सब आज इस आर्टिकल में देखेंगे, तो चलिये जानते है निफ्टी बिज में निवेश के बारे में.
निफ्टी बिज का अर्थ क्या होता हैं? (FULL form)
इसका मतलब होता हैं 'बेंचमार्क इक्सचेंज ट्रेडेड स्किम'. यह भारत का पहिला इटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड हैं जो कि S & P CNX Nifty Index द्वारा प्रस्तुत किया गया हैं. दरसल यह निफ्टी के अनुरुप होता हैं. जैसे निफ्टी की किंमत कम या ज्यादा होगी वैसी ही यह बिज कि किंमत भी उसी अनुरुप कम ज्यादा होगी.
इसको आप एक स्टाॅक कि तरह ही खरिद अथवा बेच सकते हैं वो भी अपने डिमॅट अकांउट से.
जैसे आप Tata Motors, Wipro, Zomato Share खरिदते हैं वैसे हि आप Nifty Bees को खरिद सकते हैं.
निफ्टी इंडेक्स और निफ्टी बिज कि किंमत में क्या अंतर होता हैं? ( Nifty 50 Vs Nifty Bees Price)
आज इंडेक्स कि जो भी किंमत हैं अगर आप उसे १०० से डिवाइड करेंगें तो आपको लगभग निफ्टी बिज कि किंमत मिलेंगी.
अगर आज निफ्टी बिज 16000 चल रहीं हैं तो इसे 100 से डिवाइड करेंगें तो उसकी किंमत लगभग 160 रुपये निकल कर आयेंगी इसी के आसपास आपको मार्केट में निफ्टी बिज कि किंमत दिखेंगी.
निफ्टी बिज लेने के क्या फायदे हैं? (Benefits)
अगर आप स्टाॅक मार्केट और म्युचूअल फंड दोनों से अच्छा यानी आपको कम रिस्क चाहिये और ठिक ठाक रिटर्न्स चाहिये तो आपके लिये Nifty Bees से अच्छा कोई ऑप्शन नहीं होगा. तो चलिये जानते हैं इसके कुछ फायदें.
1. ना के बराबर भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? रिस्क होती हैं ( Zero Risk)
अगर आप कोई स्टाॅक्स या किसी एक सेक्टर का म्युचूअल फंड खरिदते हो तो किसी कारण एक शेअर का या किसी एक शेअर का बहुत बार खराब न्युज के कारण वह सेंटर या शेअर बहुत तेजी से नीचे आते हैं तो ऐसे में आपका बहुत नुकसान हो सकता हैंं, शेअर मार्केट का गणित सीखना काफी मुश्किल होता हैं.
लेकिन अगर आप निफ्टी बीज में निवेश करके रखें हो तो आपकी रिस्की बहुत कम होगी क्योंकि माना जाता है भारत कि टाॅप 50 कंपनीयों को ही निफ्टी में शामिल किया जाता है और यह हर साल परफार्मेंस के अनुसार अंदर बाहर होती रहती हैं. इसलिये अगर मार्केट डाउन भी जाता है तो निफ्टी बहुत ज्यादा नहीं गिरता इसलिये निफ्टी बिज में रिस्क ना के बराबर होता हैं.
2. निफ्टी बीज कभी जेरो नहीं होगा
कोई शेअर अगर ले तो इसकी किंमत 1000 रुपयें से 1 रुपये भी होती हैं, कौनसा शेअर खरिदना चाहिये यह हमें समझ नहीं आता और कई बार Stock Delisted भी होते हैं यह आपने देखा होगा लेकिन आपने कभी देखा नहीं होगा कि Index Zero हुआ है भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? या 60-70% टूटा होगा.
इसलिये अगर आप स्टाॅक्स के बदले Nifty Bees लेते हो तो आपके लिये Risk ना के बराबर रहेगा और बार-बार उसकी व्हाल्यु बढ़ी घटी यह देखना भी नहीं पड़ेगा.
3. अलग से अकांउट निकालना नहीं पडेगा
अगर आप कम रिस्क के चक्कर में म्युचूअल फंड जैसे चीजो में अगर निवेश करना चाहते हैं तो आपको इसके लिये केवाईसी करनी पड़ेगी और अगर आप एजेंट के जरिये जाते हों तो आपको उसका कमिशन भी देना पड़ेगा लेकिन अगर आप निफ्टी बीज खरिदना चाहते हो तो आप वह अपने डिमॅट अकांउट से हि आराम से खरिद सकते हैं.
4. Nifty Bees में SIP
अगर आप Nifty Bees में महिने की सही तरिके से SIP भी करते हो तो आप आसानी से इसमें लाॅग टर्म में अच्छा खासा फायदा होता हैं अगर आप Nifty Chart खोलकर देखेंगे तो आपको पता चलेगा और ऊपर से कोई ज्यादा रिस्क नहीं.
निफ्टी बिज को कैसे खरिदें? ( how to Invest in Nifty Bees )
यह काफी आसान तरिका है इसलिए पास Zerodha , Upstox, Angel Broking ( Angle One), 5 Paisa जैसे ब्रोकर के जरिये डिमॅट अकांउट खोलना होगा और इसमें आप जैसे कोई शेअर को खरिदते तो वैसे हि इसमें आपको Niftybees भी दिखेगा वैसे ही आप उसे खरिद सकते हों.
अगर आपका पहले से कोई Demat Account हैं तो आप आसानी से उसमें Niftybees खरिद सकते हों.
कौनसा बिज है अच्छा ? ( (Which Nifty bees is Best)
मार्केट में आपको इसमें भी अलग अलग बिज के प्रकार मिलेंगे जैसे BankNiftybees, Niftynees ,Nippon India ETF Niftybees, SBI ETF Nifty 50 यह सब है तो अलग अलग लेकिन इनका काम एक जैसा ही है , अगर आप बैंक निफ्टी बिज में निवेश करते हो तो यह बहुत ऊपर निचे होता है ईसलिये निफ्टीबिज सबसे बेहतर है इनेवेस्टमेंट करने के लिये.
निफ्टी बीज और इंडेक्स फंड में अंतर क्या होता हैं? (Difference between Bees & Index)
वैसे देखा जाये तो कोई ज्यादा फरक नहीं होता, होता है तो वह कुछ प्रतिशद का होता है जो कि अलग अलग कंपनी द्वारा उसके चार्जेस के तौर पर होते हैं लेकिन अगर Niftybees Price और Index Price में उसकी किंमत में फरक होता है लेकिन हम दोनों कि प्रतिशत देखें तो वह बराबर हि होता हैं.
कौनसे निफ्टी बिज की शेअर प्राइस कितना हैं? (List of Nifty Price)
अगर हम SBI-ETF Nifty Share Price कि व्हाल्यु देखें तो वह आज के समय में 168 रुपये ( अगस्त 2021) के आसपास चल रहीं हैं और अगर हम Nippon-India ETF Nifty Bees की बात करें तो वह आज के समय में 178 रुपयें (अगस्त2021) चल रहा हैं.
और अगर HDFC Nifty 50 ETF कि बात करें तो यह लगभग 177 रुपयों के पास हैं, ऐसे कई सारे निफ्टी ईटीएफ आपको मिल जायेंगे.
निफ्टी बीज में रिटर्न्स कितने मिले हैं? ( Nifty Bees Returs)
अगर हम बात करें इसके रिटर्न्स कि तो निफ्टी बिज कि किंमत फेब्रुवरी 2016 के दौरान लगभग 70 रुपये तक थी और आज कि किंमत देखें तो वहीं Niftybees कि किमत आज के अनुसार लगभग 194 चल रहीं हैं जो कि 250 प्रतिशत से भी ज्यादा रिटर्न्स इसने दिये हैं. अगर देखा जाये तो यह 5 सालों में इतने रिटर्न्स ओ भी कोई भी रिस्क नहीं यह बहुत बड़ी बात है इतना कोई बैंक भी आपको नहीं देती. इसलिये बहुत कम रिस्क में आप अच्छे रिटर्न्स पाना चाहते हो तो यह इन्वेस्टमेंट का सबसे अच्छा तरिक हैं.
इस आर्टिकल में आपने सीखा निफ्टी क्या हैं कैसे काम करता है, इसके क्या-क्या फायदे हैं, इसमें इन्वेस्टमेंट करने पर आपको कितने रिटर्न्स मिलते हैं? इंडेक्स और बीज में क्या फरक हैं? और इसे हम कैसे खरिद सकते हैं यह सब पर हमने जानकारी पढ़ीं
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FAQ
Q: निफ्टीबीज का Full form क्या हैं?
Ans: Benchmark Exchange Traded scheme.
Q: Niftybees और Banknifty कितने दिन हम होल्ड कर सकते हैं?
Ans: जितने चाहे उतने दिन होल्ड कर सकते हैं.
Q: क्या निफ़्टी बीज निवेश के लिये सुरक्षित हैं?
Ans: जी हां बिल्कुल , जैसे बाकी के शेअर होते हैं वैसे ही निफ्टी बीज के क्वांटिटी हमारे अकांउट में होती हैं.
Q: निफ्टी 50 और निफ्टी भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? के प्रतिशत में अंतर होता है क्या ?
Ans: हां होता है लेकिन यह कंपनी के कुछ चार्जेस या प्रोसेसिंग के शुल्क के रुप में होता है जो कि बहुत कम होता हैं.
Investment Tips : क्या होता है इंडेक्स फंड जो गिरते बाजार में भी देता है कमाई का मौका, कैसे लगाएं इसमें पैसा
शेयर बाजार अभी अपने पीक से करीब 8,000 अंक नीचे ट्रेडिंग कर रहा है.
शेयर बाजार में अभी गिरावट का माहौल है और निवेशकों को यह समझ नहीं आ रहा कि कौन सा स्टॉक चुना जाए तो आगे चलकर मुनाफा कर . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : May 20, 2022, 07:40 IST
नई दिल्ली. शेयर बाजार अभी उतार-चढ़ाव के बीच जूझ रहा है और निवेशक भी अपना पैसा डूबने के डर से बाजार से लगातार बाहर निकाल रहे हैं. एक्सपर्ट की मानें तो ऐसे समय में निवेशकों को थोड़ा संयम बरतना चाहिए और बाजार से रिटर्न पाने के अन्य विकल्पों को आजमाना चाहिए.
गिरावट के इस माहौल में जो निवेशक इक्विटी में पैसे लगाने से हिचक रहे हों, उनके लिए इंडेक्स फंड सुरक्षा के साथ बड़े रिटर्न का मौका बन सकता है. इसमें कैसे और कितना निवेश करना चाहिए, इसको लेकर एक्सपर्ट से सलाह ली जा सकती है. इंडेक्स फंड वास्तव में पूरे ही एक्सचेंज से जुड़ा होता है, जिसमें कई कंपनियों के स्टॉक शामिल होते हैं. ऐसे में अगर कोई एक स्टॉक नुकसान करा रहा है तो दूसरा उसकी भरपाई कर देता है.
शेयर नहीं, सूचकांक से तय होता रिटर्न
बीपीएन फिनकैप कंसल्टेंट के सीईओ एके निगम का कहना है कि म्यूचुअल फंड के इंडेक्स फंडों का प्रदर्शन किसी कंपनी विशेष के शेयरों पर नहीं, बल्कि पूरे सूचकांक पर निर्भर करता है. मसलन, निफ्टी-50 या सेंसेक्स-30 का जैसा प्रदर्शन होगा, उसी आधार पर फंड के निवेश से रिटर्न मिलेगा. किसी इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वेटेज या हिस्सेदारी होती है, उसी अनुपात में उनके शेयर खरीदे जाते हैं. इससे रिटर्न का जोखिम किसी एक कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर नहीं रह जाता.
निवेश का खर्चा और पैसे डूबने का खतरा कम
इंडेक्स फंड पैसिव तरीके से मैनेज किए जाते हैं, इसलिए सक्रिय रूप से मैनेज किए जाने वाले फंडों के मुकाबले इन पर कम खर्च आता है. इससे इन फंडों का कुल खर्च अनुपात बहुत कम हो जाता है. सक्रिय रूप से मैनेज किए जाने वाले फंड निवेशकों से 1 से 2 फीसदी तक शुल्क ले सकते हैं, जो लंबी अवधि के लिहाज से काफी ज्यादा हो जाएगा और आपके कुल रिटर्न पर असर डालेगा. इंडेक्स फंड निवेशकों का पोर्टफोलियो काफी डाइवर्सिफाई कर देते हैं, जिससे पैसा डूबने का खतरा कम हो जाता है.
बाजार में तीन प्रमुख इंडेक्स फंड
सेंसेक्स इंडेक्स फंड : ये बीएसई सेंसेक्स को बेंचमार्क इंडेक्स के रूप में ट्रैक करते हैं और उसकी 30 कंपनियों में निवेश करते हैं, जो ईटीएफ समर्थित होती हैं.
निफ्टी इंडेक्स फंड : ये एनएससी निफ्टी को बेंचमार्क इंडेक्स के रूप में ट्रैक करते हैं और उसकी 50 कंपनियों में निवेश करते हैं.
निफ्टी जूनियर इंडेक्स फंड : ये एनएससी निफ्टी की छोटी कंपनियों में निवेश करते हैं.
थोड़ा पैसा डालना ही समझदारी
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि ग्लोबल लेवल पर कई फैक्टर बाजार पर दबाव बना रहे हैं. यही कारण है कि पिछले कुछ समय से बाजार में गिरावट दिख रही है. अभी अनिश्चितता का माहौल खत्म नहीं हुआ है और आगे भी नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसे में निवेशकों को ज्यादा पैसा लगाने के बजाए पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा यहां निवेश करना चाहिए. एक संभावना ये भी है कि आने वाले समय में बाजार दोबारा तेजी की राह पर लौटेगा, जिससे इंडेक्स फंड में पैसे लगाने वालों को तगड़ा रिटर्न मिल सकता है.
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इंडेक्स फंड और ETF में निवेश के वक्त Tracking Error देखना क्यों है जरूरी?
ETF Tracking Error: ETF किसी एक इंडेक्स को आधार मानकर उसमें शामिल शेयरों में निवेश करते हैं. ये बेंचमार्क इंडेक्स ही ट्रैकिंग एरर समझने में मदद करेंगे
- Khushboo Tiwari
- Publish Date - July 1, 2021 / 04:45 PM IST
बुधवार देर रात हाल में प्रचलन में आए क्लबहाउस पर एक चर्चा के दौरान SBI म्यूचुअल फंड हाउस के फंड मैनेजर श्रीनिवास जैन ने शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर कहा कि निवेशक अब ETF में निवेश से पहले सिर्फ एक्सपेंस रेश्यो नहीं, ट्रैकिंग एरर भी देखते हैं. बल्कि, अब वे ट्रैकिंग एरर पर ज्यादा तवज्जो देते हैं. इस भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? एक वाक्य में आपके लिए तीन टेक्निकल टर्म हमने ढकेल दिए हैं – ETF, एक्सपेंस रेश्यो और ट्रैकिंग एरर. इन सभी को आपको विस्तार से समझाते हैं.
ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स. 100 रुपये की SIP तो आपने सुनी ही होगी लेकिन अगर इससे भी कम में निवेश करना चाहते हैं और पैसों को लॉक-इन नहीं करना चाहते तो ETF अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं. ये काम करते हैं म्यूचुअल फंड्स की ही तरह लेकिन शेयर बाजार के एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं. मतलब ये कि इन फंड्स को शेयरों की ही तरह एक्सचेंज से खरीद-बेच सकते हैं.
ETF किसी एक इंडेक्स (सेंसेक्स, निफ्टी जैसे इंडेक्स) को आधार मानकर उसमें शामिल शेयरों में निवेश करते हैं. इस बेंचमार्क इंडेक्स पर गौर करें क्योंकि यही ट्रैकिंग एरर समझने में आपकी मदद करेंगे.
ट्रैकिंग एरर
इंडेक्स फंड या ETF में एक तय बेंचमार्क के आधार पर निवेश होता है. इस बेंचमार्क का रिटर्न और फंड के रिटर्न से ज्यादा होने पर दोनों के बीच का जो फर्क ही ट्रैकिंग एरर माना जाता है. फंड किसी भी ETF या इंडेक्स फंड का लक्ष्य होता है कि वे शेयर बाजार जैसे ही रिटर्न दे. अगर फंड ने बेंचमार्क जैसे रिटर्न नहीं दिए, यानी ट्रैकिंग एरर ज्यादा है तो फंड अपने लक्ष्य में विफल हो रहा है.
ये फर्क कई कारणों भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? से आ सकता है. पहला ये कि, इंडेक्स में शेयरों का कंपोजिशन बदलने के बाद फंड मैनेजर को यह बदलाव करने में जो समय लगा उससे आया ट्रैकिंग एरेर. वहीं, दूसरा है रिडेंप्शन की वजह से. कई बार फंड्स में बड़े स्तर पर रिडेंप्शन देखने को मिलता है. जब तक फंड में आने वाला निवेश, जाने वाली रकम से ज्यादा है तब तक दिक्कत नहींं होती. लेकिन, निकासी ज्यादा होने पर फंड मैनेजर को कुछ सिक्योरिटीज बेचकर इसका सेटलमेंट करना पड़ता है. इससे कुछ असर दिख सकता है.
कई बार, ये ट्रैकिंग एरर इस वजह से भी हो सकता है कि इंडेक्स में शामिल सभी शेयर फंड में ना हो.
फंड हाउस को इस ट्रैकिंग एरर की जानकारी निवेशकों को देनी होती है. ट्रैकिंग एरर जितना कम हो उतना बेहतर. ट्रैकिंग एरर दिखाता है फंड बेंचमार्क इंडेक्स के मुकाबले कितना अंडर-परफॉर्म कर रहा है.
क्या है एक्सपेंस रेश्यो?
एसेट मैनेजमेंट कंपनी म्यूचुअल फंड के ट्रांसफर, लीगल, ऑडिटिंग जैसे खर्च भी उठाती है. इसके अलावा वह फंड डिस्ट्रीब्यूशन और मार्केटिंग का भी खर्च उठाती है.
ये सभी खर्च म्यूचुअल फंड की यूनिट खरीदने वाले निवेशकों से ही वसूले जाते हैं. ऐसी सभी खर्च को निकालने के बाद ही म्यूचुअल फंड स्कीम की नेट एसेट वैल्यू निकाली जाती है.
एक्सपेंस रेशियो एक अनुपात है जो म्यूचुअल फंड के प्रबंधन पर आने वाले खर्च को प्रति यूनिट के रूप में बताता है. किसी म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेशियो निकालने के लिए उसके कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट में कुल खर्च से भाग दिया जाता है.
Mutual Fund: आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का नैस्डैक 100 इंडेक्स फंड
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल ( ICICI Prudential Mutual Fund ) फंड ने नैस्डैक ( Nasdaq) 100 इंडेक्स फंड लॉन्च किया। यह एक ओपन एंडेड इंडेक्स फंड है। यह फंड वैश्विक स्तर पर सौ बड़ी नॉन-फाइनेंशियल ( Non-Banking Financial companies ) कंपनियों में निवेश का अवसर प्रदान करेगा। इसमें कम से कम एक हजार रुपए का निवेश कर सकते हैं। इस फंड के जरिए दुनिया की टॉप कंपनियों जैसे फेसबुक ( Facebook ), एपल ( Apple), माइक्रोसॉफ्ट ( Microsoft ), एडॉब और अन्य कंपनियों के शेयर्स में निवेश कर सकते हैं।
मुंबई। देश की अग्रणी म्यूचुअल फंड कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ( ICICI Prudential Mutual Fund ) ने नैस्डैक 100 इंडेक्स फंड लॉन्च किया। यह एक ओपन एंडेड इंडेक्स फंड है। यह फंड वैश्विक स्तर पर सौ बड़ी नॉन-फाइनेंशियल कंपनियों ( Non-Banking Financial companies ) में निवेश का अवसर प्रदान करेगा। यह नैस्डैक 100 इंडेक्स के रिटर्न को ट्रैक करेगा। यह नया फंड ऑफर 27 सितंबर से खुला है और 11 अक्टूबर को बंद होगा। इसमें कम से कम एक हजार रुपए का निवेश कर सकते हैं। इस फंड के जरिए दुनिया की टॉप कंपनियों जैसे फेसबुक, एपल, माइक्रोसॉफ्ट, एडॉब और अन्य कंपनियों के शेयर्स में निवेश कर सकते हैं। नैसडैक अमेरिकी शेयर बाजार का इंडेक्स है। इसका मतलब यह हुआ कि आप अगर इस फंड में निवेश करेंगे तो यह फंड आपकी रकम को दुनिया की 100 बड़ी कंपनियों के शेयर्स में निवेश करेगा। यानी आप भारत में बैठकर दुनिया की इन बड़ी कंपनियों के शेयर्स में निवेश कर उससे फायदा कमा सकते हैं।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के प्रोडक्ट हेड चिंतन हरिया ने कहा कि इस फंड का उद्देश्य नैस्डैक 100 इंडेक्स को ट्रैक करना है और उसके प्रदर्शन को दिखाना है। नैस्डैक 100 इंडेक्स में मुख्य रूप से इनोवेशन वाली टेक्नोलॉजी और कम्युनिकेशंस सेवाओं वाली कंपनियां शामिल होती हैं। इसमें से कई कंपनियां ऐसी होती हैं जो हमारे रोजाना की जिंदगी से जुड़ी होती हैं। इन कंपनियों में एपल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, अल्फाबेट, नेटफ्लिक्स, स्टारबक्स आदि हैं।
यह फंड उन निवेशकों के लिए उचित है, जो इंडेक्स फंड में भौगोलिक स्तर पर अपने इक्विटी अलोकेशन में विविधता लाना चाहते हैं। उन कंपनियों में निवेशकों को निवेश का अवसर मिलेगा, जो अपने सेक्टर में टॉप पोजीशन हासिल की हैं। इस इंडेक्स का मार्केट कैप 18 लाख करोड़ डॉलर है। अमेरिकी बाजार में यह इंडेक्स अच्छा प्रदर्शन करता है।
नैस्डैक 100 इंडेक्स ने पिछले 20 सालों में 4 गुना की ग्रोथ हासिल की है। पूरी दुनिया में शेयर बाजार हर साल अलग-अलग प्रदर्शन करते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश में विविधता निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने में सक्षम हो सकती है। खासकर अमेरिकी बाजार में निवेश करने के ढेर सारे फायदे हैं। इसमें न केवल विकसित देश और मैच्योर हो चुके बाजार का फायदा मिलता है, बल्कि यह बाजार निवेशकों को थीम में निवेश का अवसर देता है। इसमें क्लाउड कंप्यूटिंग, ई-कॉमर्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आदि थीम शामिल होती हैं।
इस तरह की थीम्स बहुत बड़े पैमाने पर भारत में उपलब्ध नहीं हैं। पिछले 3 साल में देखें तो नैस्डैक 100 इंडेक्स ने 29.1 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि इसी समय में निफ्टी 50 टीआरआई ने केवल 15.2 फीसदी का रिटर्न दिया है। एसएण्डपी 500 टीआरआई ने 19 फीसदी का रिटर्न दिया है। 5 साल में निफ्टी ने 18.8 फीसदी का, जबकि नैस्डैक 100 इंडेक्स ने 34.6 फीसदी का रिटर्न दिया है। 10 साल में नैस्डैक 100 इंडेक्स ने 31.2 फीसदी का, निफ्टी 50 टीआरआई ने 13.6 फीसदी और एसएण्डपी 500 टीआरआई ने 23.3 फीसदी का रिटर्न दिया है। नैस्डैक 100 इंडेक्स मुख्य रूप से लॉर्ज कैप ग्रोथ इंडेक्स होता है। नैस्डैक 100 इंडेक्स टॉप सेक्टर की बात करें तो आईटी का हिस्सा 44 फीसदी है। कम्युनिकेशन सर्विसेस का हिस्सा 29 फीसदी है। कंज्यूमर सेक्टर का हिस्सा 15 फीसदी है। टॉप कंपनियों में एपल का वेटेज 11.35 फीसदी, माइक्रोसॉफ्ट का वेटेज 10.15 फीसदी, अमेजन का 7.66 फीसदी, अल्फाबेट का 4.18 फीसदी और फेसबुक का 4.05 फीसदी वेटेज है।
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