केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2022 को केन्द्रीय बजट पेश किया। बजट के दौरान वित्त मंत्री ने घोषणा की कि वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के हस्तांतरण पर 30% कर भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स लगाया जायेगा। यह नया नियम 1 अप्रैल से लागू होगा।

Ruchi Mehra

क्रिप्टो भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स करेंसी पर पैसा लगाया है, तो कितना परसेंट देना होगा टैक्स? नहीं देने पर क्या होगा? जानिए.

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क्रिप्टो करेंसी इन दिनों काफी ज्यादा सुर्खियों में हैं। भले ही पिछले कुछ दिनों में क्रिप्टो करेंसी में काफी गिरावट देखने को मिली हो, लेकिन कुछ सालों में निवेशकों की इसमें दिलचस्पी काफी ज्यादा बढ़ी हैं। बिटकॉइन, डोजकॉइन और इथीरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी लोगों की कमाई का एक साधन बन चुकी हैं। अब जब लोग इसकी मदद से पैसा कमा रहे हैं, तो टैक्स का भी भुगतान करना पड़ेगा।

भले ही रिजर्व बैंक ने अब तक क्रिप्टो करेंसी को कानूनी मान्यता ना दी हो, फिर भी उस पर टैक्स देना चाहिए। क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो इनकम टैक्स का नोटिस भी आपको आ सकता है। टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार इनकम टैक्स कानून में जिन भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स इनकम को छूट दी जाती हैं, उसके अलावा हर तरह की इनकम टैक्स के दायरे में आती है

Budget 2022 me crypto tax

2022 में India में Finally Crypto मार्किट को स्वीकार कर लिया है . इससे पहले crypto market की अस्थिरता को देखते हुए भारत में इसे बहत बार Ban कभी किया गया था .इसका सीधा प्रभाव देश जनता यानि क्र्य्तो निबेशकों के ऊपर पड़ता था ,और अंत में देश के नागरिकों के crypto market में निबेश में रूचि जो दिन व दिन बढ़ते ही जा रहे हैं ,इसे देखते हुए सरकार के द्वारा कुछ अहम् निर्णय लिया गया है .

जिस्में आपके द्वारा क्रिप्टोकरेंसी से कमाए गए मुनाफे के ऊपर 30% तक Tax लगाया जायेगा .और साथ ही लोगों का क्रिप्टो निबेश के ऊपर बढती रूचि को देखते हुए आरबीआई की तरफ से अपना खुद का डिजिटल करेंसी का लॉन्च करने का प्रोसेस भी चालू हो चुका है .

Crypto Tax on loss

विट मंत्री निर्मला सीतारमन के द्वारा यह भी साफ उल्लेख किया गया है, की 2022 crypto tax सिर्फ आपके द्वारा Crypto में निवेश किया गया पैसा अगर भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स नुकसान हो जाता है तो भी आपको Tax देना पड़ेगा.

यह बात यही पर ही सिमित नहीं रहा है . क्रिप्टोकुरेंसी ही नहीं अगर आप किसी भी प्रसार का वर्चुअल करेंसी के ऊपर इनकम करते है , तो उस आय के ऊपर भी आपको 30 प्रतिशत Tax देना होगा .

अगर सरकार के द्वारा निर्धारित किए गए एक सीमा के ऊपर आप लेन-देन करता है तो उसके ऊपर सरकार के द्वारा टीडीएस लगाया जायेगा .

conclusion

बजट 2022 में सरकार के द्वारा भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स स्पष्टीकरण कर दिया गया है की सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी में किसी भी प्रसार का ब्यान नहीं लगाया है .यह सिर्फ उन लोगों के लिए है ,जो Cryptocurrency से मुनाफा कमाते हैऔर उस मुनाफे में से उन्हें सरकार को 30% Tax भरना होगा . फिलहाल सरकार के द्वारा लिए इस निर्णय से देश में मजूद Crypto निबेशकों को crypto market में निबेश करने के लिए और भी प्रोस्चाहन मिलेगा .

Q.क्या किसी नए Investors Cryptocurrency के आय के ऊपर देना पड़ेगा टैक्स ?

A.विट मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा स्पष्ट किया भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स गया है की , Crypto में निवेश करने वाले सभी निबेषकों के आय के ऊपर 30% कर लगेगा

Q.क्या Crypto में निवेश करने के लिए 30 प्रतिशत तक टैक्स भरना होगा ?

A.जी नहीं भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स यह सिरफ उन्हीं लोगों के लिए है जो क्रिप्टोकरेंसी से मुनाफा कामते हैं .

Cryptocurrency से होने वाली कमाई पर भी लगेगा टैक्स! बजट में हो सकती है घोषणा

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  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2022,
  • (Updated 17 जनवरी 2022, 3:08 PM IST)

2022 में डिजिटल करेंसी को लेकर बिल के आने की उम्मीद लगाई जा रही है

पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी में जमकर निवेश किया जा रहा है. भारतीयों में भी क्रिप्टो का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है. और यही कारण है कि लगातार इंवेस्टर्स की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन अब केंद्र सरकार भी इसे लेकर गहन विचार- विमर्श कर रही है. जल्द ही इसके लिए एक बिल भी लाया जा रहा है. आने वाले बजट 2022 में डिजिटल करेंसी को लेकर बिल के आने की उम्मीद लगाई जा रही है.

हालांकि, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि बजट के दौरान क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर भी भारी-भरकम टैक्स लगाया जा सकता है.

अगले महीने पेश भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स होगा बजट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में बजट पेश करने वाली हैं. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी कई घोषणाएं की जा सकती हैं. दरअसल, अब लगातार क्रिप्टो की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए लोग इसमें निवेश और ट्रेडिंग कर रहे हैं, और यही वजह है कि केंद्र सरकार इससे होने वाली इनकम पर टैक्स को परिभाषित करना चाहती है.

वर्चुअल डिजिटल एसेट क्या है?

वर्चुअल डिजिटल एसेट का अर्थ एक ऐसी करेंसी जो किसी भी देश या ऐजेंसी के द्वारा रेगुलेट नहीं कि जा रही है, जो कि क्रिप्टोग्राफिक माध्यम, टोकन या फिर किसी कोड के द्वारा बनाई गई है जो किसी भी देश की मुद्रा न हो और decentralized currency हो, उसे वर्चुअल डिजिटल एसेट कहा जाता है। क्योंकि यह किसी एक व्यक्ति या संस्था के कंट्रोल में नही होती है। इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल एसेट भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स में NFT या इसी प्रकार के और भी अन्य टोकन शामिल हैं।

क्रिप्टोकरेंसी को Mainstream से जोड़ने के लिए अमेरिकन लॉक मेकर्स ने संसद में एक क्रिप्टोकरेंसी बिल पारित किया ताकि क्रिप्टोकरेंसी को लीगल बनाकर इसके इस्तेमाल को बढ़ाबा दिया जा सकें, जिसको Crypto Tax Fairness Act कहा गया है। इस Act को लाने का उद्देश्य क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट को बैध पेमेंट बनाना था। अमेरिका के इस कदम से दूसरे देशो पर भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अच्छा प्रभाव पड़ सकता है जिसके फलस्वरूप आने वाले समय मे क्रिप्टोकरेंसी के नियमों में और भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी के साथ भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स चुनौतियां

  • IMF के अनुसार, तेजी से विकास और क्रिप्टो परिसंपत्तियों की बढ़ती लोकप्रियता से वित्तीय स्थिरता चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
  • भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स
  • ऐसी विकेन्द्रीकृत मुद्राएं अस्थिरता पैदा कर सकती हैं क्योंकि वे अत्यंत अस्थिर हैं। वे इक्विटी या कमोडिटी या विनिमय दरों की तुलना में बहुत अधिक अस्थिर हैं।
  • डिजिटल मुद्रा की तुलना में इसकी लेनदेन लागत काफी महंगी है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह के लेनदेन से पूंजी प्रवाह अस्थिर हो जाता है। यह क्रिप्टो संपत्ति के प्रावधान से कई परिचालन और वित्तीय अखंडता जोखिम भी पैदा करता है।

यह एक डिजिटल परिसंपत्ति है जो विनिमय के एक माध्यम के रूप में काम करती है जहां कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में अलग-अलग सिक्के के स्वामित्व के रिकॉर्ड को बही में संग्रहीत किया जाता है। ये रिकॉर्ड एक मजबूत क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके संग्रहीत किए जाते हैं ताकि लेनदेन रिकॉर्ड को सुरक्षित किया जा सके।

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