It’s the first day of Winter Session. This is important because we met before 15th August. 75 years of Independence completed on 15th Aug and we are going ahead in Azadi ka Amrit Kaal. We are meeting at a time when India has received the opportunity to preside over the G20: PM pic.twitter.com/USjLyYsUnI — ANI (@ANI) December 7, 2022

पीएम मोदी यूएस ट्रेडिंग सत्र ने कहा, संसद का शीतकालीन सत्र महत्वपूर्ण, भारत को G20 की अध्यक्षता मिलना बहुत बड़ी बात

राज्यसभा में सेशन के पहले दिन, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राज्यसभा अध्यक्ष पद पर काम करने यूएस ट्रेडिंग सत्र का पहला दिन है.

NewDelhi : संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद ने भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज शीतकालीन यूएस ट्रेडिंग सत्र सत्र का पहला दिन है. यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम 15 अगस्त से पहले मिले थे. कहा कि 15 अगस्त को आजादी के 75 साल पूरे हुए और हम आजादी का अमृत काल में आगे बढ़ रहे है. जिस तरह से भारत ने वैश्विक समुदाय में अपनी जगह बनाई है, भारत से उम्मीदें बढ़ी हैं. भारत जब वैश्विक मंच पर अपनी भागीदारी बढ़ा रहा है, ऐसे समय में भारत को G20 की अध्यक्षता मिलना बहुत बड़ी बात है.

It’s the first day of Winter Session. This is important because we met before 15th August. 75 years of Independence completed on 15th Aug and we are going ahead in Azadi ka Amrit Kaal. We are meeting at a time when India has received the opportunity to preside over the G20: PM pic.twitter.com/USjLyYsUnI

— ANI (@ANI) December 7, 2022

मुझे विश्वास है कि सभी पार्टियां चर्चाओं को महत्व देंगी

पीएम ने कहा कि इस सत्र में देश को विकास की यूएस ट्रेडिंग सत्र नयी ऊंचाइयों पर ले जाने और वर्तमान वैश्विक स्थिति के बीच देश को आगे ले जाने के नए अवसरों को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लेने का प्रयास होगा. मुझे विश्वास है कि सभी पार्टियां चर्चाओं को महत्व देंगी सत्र कुल 23 दिनों का होगा, जिसमें 17 बैठकें होंगी. खबर है कि इस सत्र में मोदी सरकार कुल 16 बिल पेश करेगी.

सत्र 29 दिसंबर को समाप्त होगा

विपक्ष मोरबी हादसा, महंगाई, बेरोजगारी, चुनाव आयोग में अरुण गोयल की नियुक्ति सहित जजों की नियुक्ति पर कॉलेजियम सिस्टम पर विपक्ष केंद्र को घेरने की रणनीति बना रहा है. सत्र 29 दिसंबर को समाप्त होगा. कहा जा रहा है कि सत्र के दौरान संसद में महिला आरक्षण का मुद्दा फिर से उठ सकता है.

जान लें कि सत्र की शुरुआत से पहले अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने मुलायम सिंह यादव के सम्मान में स्पीकर से सदन को आधे दिन के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया है. श्रद्धांजलि पढ़ने के बाद लोकसभा आज एक घंटे के लिए स्थगित होगी. राज्यसभा में सेशन के पहले दिन, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राज्यसभा अध्यक्ष पद पर काम करने का पहला दिन है.

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राहुल गांधी नहीं होंगे सत्र में शामिल

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि शीतकालीन सत्र में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शामिल नहीं हो पायेंगे. वह भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होंगे. कांग्रेस के अनुसार राहुल गांधी यात्रा को बीच में छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहते. यही वजह है कि राहुल गांधी हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए रैली करने नहीं गये.

राज्य सभा ने सांसदों के लिए आचार संहिता जारी की

सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले राज्य सभा ने सांसदों के लिए आचार संहिता जारी की है. सत्र के पहले दिन लोकसभा में दोनों सत्रों के बीच गुजर चुके सांसदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. अक्टूबर में समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव की लंबी बीमारी के चलते मृत्यू हो गई थी. इस सत्र में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहली बार राज्यसभा की अध्यक्षता करेंगे.

पुराने भवन में संभवत: यह आखिरी सत्र

कहा जा रहा है कि शीतकालीन सत्र संसद की वर्तमान बिल्डिंग में आखिरी होगा. इसके बाद 2023 में बजट सत्र संसद की नयी बिल्डिंग में होगा. जान लें कि साल का पहला सत्र लोक सभा और राज्य सभा के सदस्यों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति के भाषण के साथ शुरू होता है.

मंगलवार को हुई थी सर्वदलीय बैठक

इससे पहले मंगलवार को सर्वदलीय बैठक हुई थी. बैठक में विपक्षी दलों ने बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी और EWS आरक्षण पर चर्चा की मांग की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक दिन में इलेक्शन कमिश्नर की नियुक्ति का मुद्दा उठाया. TMC नेता डेरेक ओ ब्रायन का कहना था कि विपक्ष को सत्र के दौरान आवाज उठाने की छूट होनी चाहिए. सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, DMK सांसद टी आर बालू सहित अन्य नेता मौजूद थे

Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र आज से, 16 विधेयकों को मंजूरी की तैयारी

नई दिल्ली। यूएस ट्रेडिंग सत्र केंद्र सरकार ने संसद के आज से शुरू हो रहे शीत सत्र में अंतरराज्यीय सहकारी समिति संशोधन, ट्रेड मार्क संशोधन, मध्यस्थता संशोधन और राष्ट्रीय दंत आयोग बिल समेत 16 विधेयकों को संसद की मंजूरी दिलाने की तैयारी की है। ये सभी ऐसे विधेयक हैं जो सरकार के लिए बहुत अधिक महत्व के नहीं हैं। वहीं इस सत्र में बैंकिंग संशोधन, इंश्योरेंस संशोधन और डाटा सुरक्षा बिल पेश किए जाने की फिलहाल कोई संभावना नहीं दिख रही है।

क्या हैं छोटे सुधार?
सरकार आर्थिक क्षेत्र में सुधार की प्रक्रिया धीमी नहीं होने देना चाहती। इसी के मद्देनजर सरकार तीन अहम बिल पेश करने की तैयारी में है। इनमें अंतर्राज्यीय सहकारी समिति संशोधन बिल के जरिए सरकार सहकारिता के क्षेत्र में पुराने कानूनों को खत्म कर इस क्षेत्र में व्यापक सुधार लाना चाहती है। इसी कड़ी में ट्रेड मार्क संशोधन बिल बेहद अहम है। इसके जरिए महज एक आवेदन से पूरी दुनिया में ट्रेड मार्क हासिल करने का अधिकार होगा।

क्यों लटके अहम बिल?
दरअसल मसौदा तैयार न होने और विमर्श की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के अलावा बेहतर तैयारी के अभाव के कारण सरकार ने अहम बिल को बजट सत्र में पेश करने का मन बनाया है। सरकार के एक मंत्री के मुताबिक बैंकिंग क्षेत्र में तेजी से निजीकरण और डेटा सुरक्षा के साथ ही इंश्योरेंस संशोधन बिल बेहद अहम है। इसके दूरगामी प्रभाव होंगे। ऐसे में सरकार इन तीनों ही बिलों को पेश करने से पहले सभी पहलुओं का विस्तृत जांच परख करना चाहती है। इनमें बैंकिंग संशोधन बिल का अब तक ड्राफ्ट तैयार नहीं हो पाया है, जबकि डेटा सुरक्षा बिल पर विमर्श अंतिम चरण में है। इंश्योरेंस संशोधन बिल का ड्राफ्ट तैयार हो गया है, मगर इस पर विमर्श का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है।

ये भी हैं अहम बिल
सरकार जिन 16 विधेयकों को पेश और पारित कराना चाहती है उनमें राष्ट्रीय दंत आयोग बिल, नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन बिल, छावनियों के प्रशासन से जुड़ा कैंटोनमेंट बिल, वन संरक्षण और जैव विविधता बिल अहम हैं।

इन तीन बिलों का विरोध करेगी कांग्रेस
सरकार ने शीत सत्र के लिए जो विधेयक एजेंडे में रखे हैं उनमें से बायोडायवर्सिटी संशोधन बिल, 2021, अंतरराज्यीय सहकारी समिति संशोधन बिल और वन संरक्षण संशोधन बिल का कांग्रेस ने विरोध करने का फैसला किया है। पार्टी की मांग है कि इन बिलों को स्थाई समिति को भेजा जाए।

महंगाई, बेरोजगारी, चीन-भारत तनाव जैसे मुद्दे
नई दिल्ली। संसद के शीत सत्र में विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी, चीन-भारत सीमा विवाद, गरीब सवर्णों को आरक्षण जैसे मुद्दों पर अपने तीखे तेवर दिखाएगा। शीत सत्र से पहले इसका विधायी एजेंडा तय करने के लिए केंद्र सरकार की पहल पर मंगलवार को दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक में 30 से अधिक पार्टियों के नेता शामिल हुए। बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, देश के सामने कई मुद्दे हैं। बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को लोगों को जवाब देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने चीन के साथ सीमा विवाद के बारे में विपक्ष को पूरी जानकारी नहीं दी। हम इन मुद्दों के अलावा कश्मीरी पंडितों की हत्याओं के मामले में भी बहस चाहते हैं। तृणमूल नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के साथ मिलकर मैंने बैठक में महंगाई, बेरोजगारी, सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग और राज्यों की आर्थिक नाकेबंदी जैसे मुद्दों पर बहस की मांग की है। डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि विपक्ष को संसद सत्र में महत्वपूर्ण मामलों को उठाने की इजाजत मिलनी चाहिए।

बीजद ने कहा, महिला आरक्षण लाया जाए
बीजू जनता दल ने शीत सत्र में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने वाला बिल पारित कराने की मांग की है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य सस्मित पात्रा ने सर्वदलीय बैठक में यह मुद्दा उठाया।

संसदीय नियमों के अनुसार तय करेंगे बहस के मुद्दे : केंद्र
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि उन्होंने सभी सुझावों को दर्ज किया है और संसद के नियमों और प्रक्रिया के अनुसार उन पर विचार होगा। उन्होंने कहा, दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समिति में बहस के मुद्दों को अंतिम रूप दिया जाएगा। हालांकि सरकार विपक्ष के हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।

Parliament Winter Session: शीतकालीन सत्र का आज पहला दिन, PM मोदी मीडिया से हो सकते हैं रूबरू

Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र का आज पहला दिन है। सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया से मुखातिब हो सकते हैं। शीतकालीन सत्र आज से शुरू होकर 29 दिसंबर तक यूएस ट्रेडिंग सत्र चलेगा। सत्र में कुल 17 कार्य दिवस होंगे।

संसद के शीतकालीन सत्र के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के एजेंडे में 16 नए बिल शामिल हैं। लोकसभा पहले दिन उन सदस्यों को श्रद्धांजलि देगी जिनका निधन सत्र के दौरान हुआ है।

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, जिनका लंबी बीमारी के बाद अक्टूबर में निधन हो गया था, याद किए जाने वाले दिवंगत सदस्यों में से एक होंगे। बता दें कि यह उद्घाटन सत्र होगा जहां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उच्च सदन के पदेन सभापति के रूप में राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करेंगे।

ये विधेयक किए जाएंगे पेश

संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले कुछ विधेयकों में ट्रेड मार्क (संशोधन) विधेयक, 2022, वस्तुओं का भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 और निरसन और संशोधन विधेयक, 2022 शामिल हैं। निरसन और संशोधन विधेयक, 2022 निरर्थक और अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने का प्रयास करेगा।

कुछ अन्य विधेयकों में बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022 और राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2022 शामिल हैं।

सरकार के एजेंडे में एंटी-मैरीटाइम पाइरेसी बिल, 2019 भी शामिल है, जिसे 9 दिसंबर, 2019 को लोकसभा में पेश किया गया था और इसे विदेश मामलों की स्थायी समिति के पास भेजा गया था। रिपोर्ट इस साल 11 फरवरी को पेश की गई थी।

मंगलवार को हुई थी सर्वदलीय बैठक

इससे पहले मंगलवार को संसद परिसर में रक्षा मंत्री और लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) दोनों ने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का मुद्दा उठाया, कांग्रेस ने ईसीआई और ईडब्ल्यूएस कोटा की जल्दबाजी में नियुक्ति का मुद्दा उठाया।

कांग्रेस ने मौजूदा सरकार द्वारा मूल्य वृद्धि और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया। पार्टियों ने विपक्ष को और समय दिए जाने की भी मांग की और कहा कि उनकी आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए।

बीजू जनता दल ने महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा की आवश्यकता को उठाया। कई अन्य दलों ने इसका समर्थन किया। इस बीच, राज्यसभा सचिवालय ने शीतकालीन सत्र के एक दिन अपने सदस्यों के लिए एक आचार संहिता जारी की। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 8 अगस्त के बीच आयोजित किया गया था।

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Winter Session 2022: आज से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र, सरकार के एजेंडे में 16 नए बिल शामिल

सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस और यूएस ट्रेडिंग सत्र तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) दोनों ने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का मुद्दा उठाया, कांग्रेस ने ईसीआई और ईडब्ल्यूएस कोटा की जल्दबाजी में नियुक्ति का मुद्दा उठाया. वहीं कांग्रेस ने मौजूदा सरकार द्वारा मूल्य वृद्धि और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया.

Winter Session 2022

नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है. इस बार संसद का शीतकालीन सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा. सत्र के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के एजेंडे में 16 नए बिल शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन से पहले मीडिया से बातचीत करने की संभावना है. गुजरात चुनाव कार्यक्रम के कारण इस बार संसद के शीतकालीन सत्र में भी एक महीने की देरी हुई थी. लोकसभा पहले दिन उन सदस्यों यूएस ट्रेडिंग सत्र को श्रद्धांजलि देगी जिनका निधन सत्र के दौरान हुआ है.

  • मंगलवार को हुई सर्वदलीय बैठक
  • केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उठा मुद्दा
  • विपक्षा को और समय देने की मांग

मंगलवार को हुई सर्वदलीय बैठक

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, जिनका लंबी बीमारी के बाद अक्टूबर में निधन हो गया था. यह उद्घाटन सत्र होगा जहां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उच्च सदन के पदेन सभापति के रूप में राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करेंगे. इससे पहले मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र के लिए लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया था.

केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उठा मुद्दा

बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, डीएमके सांसद टीआर बालू, हरसिमरत कौर बादल (एसएडी) और अधीर रंजन चौधरी (कांग्रेस) समेत कई नेता मौजूद रहे. सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) दोनों ने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का मुद्दा उठाया, कांग्रेस ने ईसीआई और ईडब्ल्यूएस कोटा की जल्दबाजी में नियुक्ति का मुद्दा उठाया. वहीं कांग्रेस ने मौजूदा सरकार द्वारा मूल्य वृद्धि और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया.

विपक्षा को और समय देने की मांग

पार्टियों ने विपक्ष को और समय दिए जाने की भी मांग की और कहा कि उनकी आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए. सरकार की योजना है कि सात दिसंबर से शुरू हो रहे इस सत्र में इन विधेयकों को पास करा लिया जाये. संसद के शीतकालीन सत्र में राष्ट्रीय दंत चिकत्सा आयोग का विधेयक भी पेश किये जाने की संभावना है. इस विधेयक में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना और दंत चिकित्सक कानून 1948 को भी निरस्त करने का प्रस्ताव है.

इसके अलावा संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले कुछ विधेयकों में व्यापार चिह्न (संशोधन) विधेयक, 2022, वस्तुओं का भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 और निरसन और संशोधन विधेयक, 2022 शामिल हैं. साथ ही सरकार ट्रेड मार्क (संशोधन) विधेयक मैड्रिड पंजीकरण प्रणाली के कुछ पहलुओं को शामिल करना चाहती है.

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Parliament winter session : महंगाई, चीन सीमा विवाद, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति किन मुद्दों पर घिर सकती है सरकार?

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संसद का शीलकालीन सत्र (Parliament Winter Session) शुरू हो चुका है. यह 29 दिसंबर तक चलेगा. इस पूरे सत्र में लगभग 17 बैठकें आयोजित की जाएंगी. शीतकालीन सत्र में जहां सरकार की ओर कई विधेयक (बिल) पेश किए जाएंगे, वहीं विपक्ष प्रमुख मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा. विपक्ष की ओर से कहा गया है कि 17 दिनों के इतने छोटे से सत्र में 24-25 मुद्दों पर चर्चा कैसे हो सकती है? आइए जानते हैं कि इस सत्र में किनते बिल पेश होंगे और विपक्ष किन मुद्दों को उठाएगा, साथ ही चुनौतियां क्या होंगी?

सरकार की ओर से कितने बिल प्रस्तुत किए जाएंगे

इस बार के सत्र में सरकार के एजेंडे में 25 बिल होंगे, जिसमें से 16 नए, 7 पेंडिंग और 2 फाइनेंस बिल शामिल हैं.

संसद के इस सत्र में पेश किए जाने वाले 16 विधेयक कौन-कौन से हैं?

व्यापार चिह्न (संशोधन) विधेयक, 2022

वस्तुओं का भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022

बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022

पुराना अनुदान (विनियमन) विधेयक, 2022

संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2022

संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022

संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (चौथा संशोधन) विधेयक, 2022

संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022

निरसन और संशोधन विधेयक, 2022

राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2022

नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन बिल, 2022

वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2022

तटीय जलीय कृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2022

उत्तर पूर्व जल प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक, 2022

कलाक्षेत्र फाउंडेशन (संशोधन) विधेयक, 2022

कुछ ऐस बिल भी हैं जो पहले ही पेश किए जा चुके हैं, लेकिन इस सत्र में उन्हें चर्चा के लिए रखा जाएगा, ताकि उन्हें पास किया जा सके. ऐसे 7 बिल हैं, जो इस प्रकार हैं.

समुद्री डकैती रोधी विधेयक, 2019

मध्यस्थता विधेयक, 2021

नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (संशोधन) विधेयक, 2022

संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (द्वितीय संशोधन) विधेयक,2022

जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021

वन्य जीवन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021

ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022

संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से, सर्वदलीय बैठक आज

संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से, सर्वदलीय बैठक आज

इन 16 बिलों में क्या है?

बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 (The Multi-State Cooperative Societies (Amendment) Bill) : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 के मसौदे को मंजूरी दे दी है. इसमें बहुराज्य सहकारिता समिति अधिनियम, 2002 में संशोधन का प्रावधान किया गया है. सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस फैसले से बहुराज्य सहकारी समितियों के संचालन में सुधार होगा. इसके साथ ही पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी. निष्पक्ष और समय पर चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव प्राधिकरण का गठन किया जाएगा. महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी.

राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2022 (The National Dental Commission Bill) : सरकार इस सत्र में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2022 पेश करेगी. इस विधेयक में एक राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग स्थापित करने और दंत चिकित्सक अधिनियम, 1948 को निरस्त करने का प्रस्ताव है. डेंटल काउंसिल की जगह राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग बनाया जायगा.

राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक,2022 (The National Nursing and Midwifery Commission Bill) : इस विधेयक में राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग (NNMC) को स्थापित करने और भारतीय परिचर्या परिषद अधिनियम 1947 को निरस्त करने का प्रस्ताव है.

छावनी विधेयक, 2022 (The Cantonment Bill, 2022) : यह विधेयक छावनियों को व्यापक लोकतंत्रिकरण, आधुनिकीकरण और दक्षता प्रदान करने के लिए है. इस विधेयक का लक्ष्य छावनियों में जीवन यापन की सरलता को सुगम बनाना भी है.

वन संशोधन (संरक्षण) विधेयक, 2022 (The Forest (Conservation) Amendment Bill, 2022) : इस विधेयक का आशय वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में संशोधन करना है. कहा जा रहा है कि इस विधेयक से गैर-वनक्षेत्रों में वृक्षारोपण को बढ़ावा मिलेगा और वनों को संरक्षण मिलेगा.

तटीय जल कृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2022 (The Coastal Aquaculture Authority (Amendment) Bill) : इस बिल का लक्ष्य वर्तमान कानून में संशोधन करना है, जिससे तटीय क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों से समझौता किए बिना विभिन्न हितधारकों पर नियामक अनुपालन बोझ को कम किया जा सके. इस बिल में जल कृषि के सभी कार्यक्षेत्रों और गतिविधियों को शामिल किया जाएगा. इस बिल में क्षेत्रीय जरूरतों और मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर नियमों यूएस ट्रेडिंग सत्र में बदलाव का भी प्रस्ताव है. इससे तटीय जल कृषि फार्मों और अन्य गतिविधियों के पंजीकरण में आने वाली कठिनाइयों को कम करने में आसानी होगी.

उत्तर-पूर्व जल प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक, 2022 (The North East Water Management Authority Bill,2022) : इस बिल में ब्रह्मपुत्र बोर्ड को समाप्त करके उसकी जगह उत्तर पूर्व जल प्रबंधन प्राधिकरण (NEWMA) गठित करने का प्रस्ताव है. उत्तर पूर्व जल प्रबंधन प्राधिकरण सिक्किम, पश्चिम बंगाल सहित देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र और बराक बेसिन के लिए एकीकृत जल संसाधन और बेसिन प्रबंधन संगठन के रूप में कार्य करेगा.

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