नए निवेशक भी आसानी से स्टॉक मार्केट के बारे में सीख सकते हैं और निवेश कर पैसे कमा सकते हैं.

शेयर बाजार में नुकसानदायक है 'महंगा खरीदो और सस्ता बेचो' की रणनीति, मुनाफा चाहिए तो हरगिज न करें ये गलतियां

नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। कुछ साल पहले एक्सिस म्यूचुअल फंड की एक स्टडी के हवाले से खबर थी कि निवेशक जिस फंड में निवेश करते हैं, उसके मुकाबले उनका अपना रिटर्न कम रहता है। सरसरी तौर पर देखने पर ये बात निवेश का गणित समझने वाले किसी भी शख्स को बेतुकी लगेगी। मगर करीब से देखेंगे तो समझ जाएंगे कि यहां क्या हो रहा है। इसे समझने का राज गणित में नहीं, बल्कि लोगों के व्यवहार में छुपा है।

स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, एएमसी ने पिछले 20 साल में, मार्च 2022 तक मिलने वाले म्यूचुअल फंड रिटर्न जांचा। इस अंतराल में, सक्रिय रूप से मैनेज किए गए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 19.1 प्रतिशत सालाना शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति रिटर्न मिला था। मगर इन फंड्स के निवेशकों ने केवल 13.8 प्रतिशत ही कमाया था। ये एक बड़ा फर्क है। पिछले 20 साल में, 19.1 प्रतिशत का मतलब है, एक लाख रुपये का निवेश बढ़कर 33 लाख रुपये हो गया। वहीं, 13.8 प्रतिशत का मतलब है ये केवल 13.3 लाख ही हो पाया। ये जिंदगी बदल देने वाला फर्क है। इसी तरह, हाइब्रिड फंड्स ने 12.5 प्रतिशत रिटर्न दिया, मगर निवेशकों ने करीब 7.4 प्रतिशत कमाए। फिर से ये फर्क बहुत बड़ा है। एक लाख निवेश करने पर, असल में ये फर्क 10.5 लाख और 4.2 लाख का हुआ।

उत्साह में खरीदो, घबराहट में बेचो

मेरे अनुभव में ये आम बात है। मुझे हमेशा ही लगता रहा है कि फंड को मिलने वाले असल मुनाफे के मुकाबले निवेशक कहीं कम मुनाफा कमाते हैं। पर ऐसा होता क्यों है? दरअसल, हम निवेशक अपने ही सबसे बड़े दुश्मन हैं। एक तरफ, हम निवेश के लिए बेस्ट म्यूचुअल फंड चुनने पर अमादा रहते हैं। दूसरी तरफ हम फंड्स को गलत समय पर खरीदते और बेचते हैं। और ये काम कुछ इस तरह करते हैं कि मुनाफे के कम होने की गारंटी हो जाए। नतीजा ये होता है कि हम फंड तो अच्छे चुनते हैं, पर बैंक के फिक्स्ड डिपाडिट से बेहतर रिटर्न नहीं कमा पाते। बुनियादी तौर पर, इसे 'उत्साह में खरीदो, घबराहट में बेचो' कहा जा सकता है।

इस जुमले का मतलब साफ है। लोग तभी निवेश करते हैं, जब इक्विटी मार्केट में उत्साह छाया हो। यानी जब दाम पहले ही आसमान छू रहे होते हैं। फिर बेचते तब हैं जब इक्विटी के दाम क्रैश कर रहे होते हैं। कुल मिला कर इसका मतलब हुआ, 'महंगा खरीदो, सस्ता बेचो'। ये उसके ठीक उलट है जो किया जाना चाहिए। बजाए निवेश की 'श्रेष्ठ' रणनीति पता करने के, ऐसा व्यवहार निवेश की 'निकृष्ट' रणनीति की तरफ ले जाता है।

न करें ये गलतियां

नोट करें कि यहां म्यूचुअल फंड्स की बात सिर्फ इसलिए हो रही है, क्योंकि बात शुरू ही हुई थी एक म्यूचुअल फंड कंपनी की स्टडी से। यही शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति बात इक्विटी निवेशकों पर भी लागू होती ही। हालांकि इक्विटी में इस तरह की साफ सुथरी तुलना मुश्किल है। असल में, स्टाक में दो तरह की गलतियां होती हैं, पहली है जल्दी बेच देना और दूसरी है बेचने में बहुत देर कर देना। और हां, स्टाक निवेश एक अलग तरह का निवेश भी है।

लोग स्टाक खरीदते हैं, और जब उन्हें लगता है कि ये उतना बढ़ गया है जितना बढ़ सकता था, तब वो उसे बेच देते हैं और इस तरह से अपना मुनाफा भुना लेते हैं। असल में, उन्हें लगता है कि ऐसा न करने से उनका मुनाफा हाथ से निकल जाएगा, या कम हो जाएगा। और बाद में पछताना पड़ सकता है या नुकसान की शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है जो बुरी बात होगी।

निवेशकों का मनोविज्ञान

मुनाफे को कुछ जल्दी भुना लेने में, निवेशक जीत पक्की करने के लिए प्रेरित होते हैं। और किसी खराब निवेश को बनाए रखने में उनकी प्रेरणा हार से बचने की होती है। काश, कह पाता कि एक बार निवेशक इस मुश्किल को समझ लेते, तो वो इन गलतियों से बचने के लिए कदम उठा सकते हैं। मगर जिन गलतियों की जड़ें निवेशकों के मनोविज्ञान से जुड़ी हों, उसे समझ जाने के बावजूद ठीक कर पाना आसान नहीं होता।

(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

निवेश की पाठशाला: स्टॉक खरीदने से पहले कैसे करें होमवर्क, किन बातों का रखें ध्यान? जानिए जरूरी बातें

शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले निवेश की रणनीति बनाएं

Share Market: जब भी आप कोई स्टॉक खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयरधारक बन जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि एक निवेशक के रूप . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 15, 2022, 11:55 IST

हाइलाइट्स

स्टॉक खरीदने से पहले फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस जरूर करें.
विभिन्न लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए निवेश की अवधि तय करें.
बीते सालों में स्टॉक का प्रदर्शन और बड़े निवेशकों की हिस्सेदारी के बारे में पता लगाएं.

मुंबई. शेयर बाजार में पैसा बनाना आसान है लेकिन बिना जानकारी के भारी आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है. जब भी आप निवेश के उद्देश्य से स्टॉक खरीदने का निर्णय लेते हैं, तो इससे पहले होमवर्क जरूर करें. क्योंकि आप अपनी मेहनत की कमाई को बाजार में निवेश कर रहे हैं. किसी भी कंपनी का स्टॉक खरीदने के लिए दो तरह के एनालिसिस करने होते हैं. पहला फंडामेंटल और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस होता है. फंडामेंटल में कंपनी के बिजनेस और प्रॉफिट समेत कई पहलुओं का अध्ययन किया जाता है. वहीं, टेक्निकल एनालिसिस में स्टॉक के प्राइस को देखकर बाय और सेल की रणनीति बनाई जाती है.

जब भी आप कोई स्टॉक खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयरधारक बन जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि एक निवेशक के रूप में आपको उचित विश्लेषण करना चाहिए. किसी भी शेयर को खरीदने से आपको कुछ अहम बातों को ध्यान में रखना चाहिए.

निवेश की अवधि
शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने से पहले आपको अपने निवेश की अवधि तय करनी होगी. आप कम, मध्यम और लंबी अवधि के लिए किसी भी स्टॉक में निवेश कर सकते हैं. हालांकि, यह अवधि आपके आर्थिक लक्ष्यों पर निर्भर करती है. ज्यादातर लंबी अवधि का निवेश स्टॉक मार्केट में बेहतर रिटर्न देता है. यह अवधि 5 से 10 साल तक हो सकती है.

कंपनी के फंडामेंटल चेक करें
हर निवेशक को शेयर खरीदने से पहले फंडामेंटल चेक कर लेना चाहिए. इसमें कंपनी का कारोबार और उसकी ग्रोथ के बारे में जानें. आखिर कंपनी क्या बिजनेस करती है और भविष्य में इस बिजनेस को लेकर क्या संभवानाएं हैं. वहीं, कंपनी इस सेक्टर में अपनी समकक्ष कंपनियों के मुकाबले कहां खड़ी है.

कंपनी के प्रोमोटर कौन हैं और उन्हें कंपनी के बिजनेस मॉडल को लेकर कितना अनुभव है. इसके अलावा कंपनी का शेयर होल्डिंग पैटर्न का अध्ययन भी करना चाहिए कि आखिर कंपनी में प्रोमोटर, रिटेल निवेशक और घरेलू व विदेशी संस्थागत निवेशकों की कितनी हिस्सेदारी है. माना जाता है कि कंपनी के शेयर होल्डिंग पैटर्न में विभिन्नता होनी चाहिए और ऐसे ही कंपनी के शेयर खरीदना चाहिए.

बीते सालों में स्टॉक का प्रदर्शन
किसी भी शेयर को खरीदने से पहले निवेशक को यह भी देखना चाहिए कि समकक्ष कंपनियों के शेयर की तुलना में कैसा प्रदर्शन किया है. इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न प्लेटफॉर्म की मदद से आप यह तुलना कर सकते हैं. इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस बहुत करना जरूरी हो जाता है.

टेक्निकल एनालिसिस में शेयर के चार्ट की स्टडी करके हर रोज, साप्ताहिक और मासिक अवधि में स्टॉक के भाव में होने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में पता लगाया जाता है. इसके जरिए शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति आप शेयर के भाव की एक रेंज के बारे में जान सकते हैं कि विभिन्न अवधि में यह शेयर किसी भाव के आसपास रहता है. स्टॉक का प्राइस कहां सपोर्ट बनाता है और कहां रजिस्टेंस बनाता है. इस आधार पर किसी भी शेयर को सही कीमत पर खरीद सकते हैं और अच्छा रिटर्न मिलने पर बेच सकते हैं.

म्यूचुअल फंड और अन्य बड़े निवेशकों की खरीदी
हर रिटेल इन्वेस्टर किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले यह जानना चाहता है कि बड़े निवेशक जैसे- म्यूचुअल फंड हाउस, विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी कितनी है. दरअसल बड़े निवेशक किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले बहुत अध्ययन करते हैं इसलिए आम निवेशक को लगता है कि म्यूचुअल फंड द्वारा खरीदे गए शेयर निवेश शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति के लिए ज्यादा सही और बेहतर होते हैं.

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बाजार में बेहतर कमाई की बना रहे हैं रणनीति, तो इन शेयरों पर जरूर रखें नजर, एक्सपर्ट्स भी है बुलिश

Top Picks- प्रकाश गाबा ने Muthoot Finance में खरीदारी की सलाह दी है। उनका कहना है कि इस स्टॉक में 1100 रुपये के स्टॉपलॉस के साथ 1140 रुपये के लक्ष्य के लिए खऱीदारी की जा सकती है

राजेश पालविया ने Mphasis में लॉन्ग करने शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति की सलाह दी है। उनका कहना है कि इस स्टॉक में 2115 रुपये के स्टॉपलॉस के साथ 2220 रुपये के लक्ष्य के लिए खरीदारी की जा सकती है।

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Top Picks- लगातार 7 दिनों के तेजी के बाद बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिली। सेंसेक्स-निप्टी और बैंक निफ्टी में करीब आधा फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है। सरकारी बैंक, मीडिया, रियल्टी को छोड़कर लगभग सभी सेक्टर में बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है। ऑटो शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है। वहीं बैंक निफ्टी 1 शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति फीसदी से ज्यादा नीचे गिरा है। इधर पॉलिसी बाजार में बड़ी ब्लॉक डील हुई है। सॉफ्ट बैंक ने 5 फीसदी हिस्सेदारी बेची है। ब्लॉक डील के बाद शेयर में 2% से ज्यादा की तेजी आई है। इन सभी खबरों के बीच CNBC आवाज़ पर खास टेक्निकल एनालिस्ट ने कई शेयरों पर खरीदारी की राय दी है। जिनमें आप दांव लगा अच्छा मुनाफा कमा सकते है। आइए डालते है एक्सपर्ट्स के बताए हुए शेयरों पर एक नजर।

prakashgaba.com के प्रकाश गाबा की पसंद

Muthoot Finance- प्रकाश गाबा ने Muthoot Finance में खरीदारी की सलाह दी है। उनका कहना है कि इस स्टॉक में 1100 रुपये के स्टॉपलॉस के साथ 1140 रुपये के लक्ष्य के लिए खऱीदारी की जा सकती है।

काम की बात: बाजार की गिरावट में भी सही रणनीति बनाकर कर सकते हैं कमाई, इन 7 बातों का रखें ध्यान

इस हफ्ते शेयर मार्केट में 2943 पॉइंट्स यानी 5.41% की गिरावट देखी गई। इस गिरावट से निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ है। हालांकि एक्सपर्ट्स के अनुसार इस गिरावट में सही स्ट्रैटेजी आपको अच्छा पैसा कमा के दे सकती है। हम आपको ऐसी 7 बातों के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप बाजार की गिरावट में पैसा कमा सकते हैं।

अनुशासन बनाए रखें
पोर्टफोलियो में नाटकीय रूप से बदलाव करते रहने से जोखिम बढ़ता है। ऐसी आदत लंबी अवधि के लक्ष्यों पर नकारात्मक असर डाल सकती है। बेहतर होगा कि बाजार में फौरी उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करें और अनुशासन बनाए रखें। यदि पोर्टफोलियो में बदलाव जरूरी लगे तो छोटे-छोटे बदलाव करें।

SIP के जरिए करें निवेश
शेयर बाजार अपने ऊपरी स्तरों से काफी गिर गया है, लेकिन फिर भी यदि निवेशक अभी निवेश करना चाह रहे हों तो उन्हें एक मुश्त निवेश करने की बजाय किस्तों में करना चाहिए। इससे शेयर बाजार से संबंधित उतार चढ़ाव का जोखिम थोड़ा कम हो जाता है। आप थोड़ा संयम रखकर गिरते बाजार में भी शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति फायदा कमा सकते हैं।

घबराहट में निर्णय न लें
हमेशा याद रखें कि अर्थव्यवस्था और बाजार का मिजाज चक्रीय होता है। जिस तरह तेजी का दौर आता है, वैसा ही गिरावट का दौर भी बन सकता है। जाहिर है, गिरावट वाले दौर में घबराकर बिकवाली करना अच्छी रणनीति नहीं होगी। अच्छे शेयर अक्सर लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देते हैं।

पोर्टफोलियो में विविधता लाएं
पोर्टफोलियो में विविधता अस्थिर बाजार में निवेश की वैल्यू स्थिर रखने का अच्छा तरीका है। विविधता का मतलब है जोखिम उठाने की क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से अलग-अलग एसेट में निवेश का बंटवारा करना। इसका फायदा यह है कि यदि एक एसेट (जैसे इक्विटी) में गिरावट आ रही हो तो उसी समय किसी दूसरे एसेट (जैसे सोने) में तेजी नुकसान को कम कर देगी।

निवेश को ट्रैक करते रहें
जब आप कई तरह के एसेट में निवेश करते हैं, तो हो सकता है कि सभी निवेश को नियमित रूप से ट्रैक नहीं कर रहे हों। ऐसे में बाजार का रुझान बदलने पर सटीक प्रतिक्रिया देना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए यदि आप अपने निवेश को ट्रैक नहीं कर पा रहें तो एक विश्वसनीय वित्तीय सलाहकार की मदद लें।

नुकसान में न बेचें शेयर
उतार चढ़ाव शेयर बाजार का स्वभाव है। निवेशकों को शेयर बाजार में आई गिरावट से घबराना नहीं चाहिए। अगर आपने शेयर बाजार में पैसा लगा रखा है और इसमें आपको अभी नुकसान हुआ है तो भी आपको नुकसान में अपने शेयर बेचने से बचना चाहिए। क्योंकि लॉन्ग टर्म में मार्केट में रिकवरी की उम्मीद है। ऐसे में अगर आप अपने शेयर्स को लम्बे समय के लिए होल्ड करते हैं तो आपको नुकसान होने की उम्मीद कम हो जाएगी।

स्टॉक बास्केट रहेगी सही
आज कल स्टॉक बास्केट का कॉन्सेप्ट चल रहा है। इसके तहत आप शेयर्स का एक बास्केट बनाते हैं और अपने सभी शेयर्स में निवेश करते हैं। यानी अगर आप इस 5 शेयर्स में कुल 25 हजार निवेश करना चाहते हैं तो सभी में 5-5 हजार रुपए लगा सकते हैं। इससे जोखिम कम हो जाता है।

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Investment Tips: आज के समय में हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन और डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं, जिसके चलते अब कोई भी आसानी से स्टॉक मार्केट में निवेश कर शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति सकता है.

Investment Tips for Beginners: स्टॉक मार्केट में निवेश कर बनना चाहते हैं अमीर? तो इन 6 बातों का जरूर रखें ध्यान

नए निवेशक भी आसानी से स्टॉक मार्केट के बारे में सीख सकते हैं और निवेश कर पैसे कमा सकते हैं.

Investment Tips for Beginners: वे दिन गए जब केवल फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स ही निवेश किया करते थे. आज के समय में हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन और डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं, जिसके चलते अब कोई भी आसानी से स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकता है. नए निवेशक भी आसानी से स्टॉक मार्केट के बारे में सीख सकते हैं और निवेश कर पैसे कमा सकते हैं. हालांकि निवेश का कोई शॉर्टकट नहीं है. अगर आप कुछ बेसिक नियमों को ध्यान में रखते हैं और बाजार को समझते हुए निवेश करते हैं तो अच्छा खासा रिटर्न जनरेट कर सकते हैं. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता ही है, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि शेयरों में निवेश पर आपको फायदा भी हो सकता है और नुकसान भी. बाजार की चाल हमेशा ऊपर की ओर नहीं होती है. इसलिए निवेश करते समय धैर्य रखना जरूरी है.

आप अपने फाइनेंशियल गोल्स को ध्यान में रखते हुए शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म के लिए निवेश शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति कर सकते हैं. यहां हमने बताया है कि आपको निवेश से जुड़े फैसले लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

प्लानिंग के साथ करें निवेश

समझने वाली पहली बात यह है कि म्यूचुअल फंड के विपरीत, शेयरों में सीधे निवेश करने से रिस्क ज्यादा होता है. निवेश करने से पहले कैपिटल अमाउंट की योजना बनाना और निर्धारित करना जरूरी है. जरूरी बात यह है कि पहले आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का पहचानना होगा और इसी आधार पर निवेश करना चाहिए. ‘हाई रिस्क, हाई रिटर्न’ फिलॉसफी को आंख मूंदकर फॉलो न करें और आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लॉन्ग टर्म प्रभावों पर विचार करना चाहिए.

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यह तय करते समय कि किन शेयरों में निवेश करना है, सभी ट्रेड में अपनी नुकसान उठा लेने की क्षमता को समझें. अगर बाजार में गिरावट आती है तो इससे आपको बायबैक और एग्जिट प्लान तैयार करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, अपने निवेश को डायवर्सिफाई करना भी जरूरी है. अगर आपको किसी स्टॉक में नुकसान हो भी जाता है तो डायवर्सिफिकेशन से संतुलन बना रहता है. अलग-अलग इक्विटी में निवेश करने से लंबी अवधि में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने में भी मदद मिलती है.

बाजार को समझना है जरूरी

नए निवेशकों को यह समझना चाहिए कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है. यहां तक कि अनुभवी निवेशक भी हमेशा बाजार के व्यवहार का सटीक अनुमान नहीं लगा सकते हैं. यदि एक दिन स्टॉक की कीमत बढ़ जाती है, तो ऐसा भी हो सकता है कि अगले दिन उसकी कीमत घट जाए. इसलिए, शेयर बाजार को प्रभावित करने वाले कारकों को समझना अहम है. अनुभवी निवेशक भी कई बार गलत साबित हो सकते हैं. छोटी अवधि में होने वाले नुकसान पर फोकस करने के बजाय लंबी अवधि के रिटर्न पर ध्यान दें.

लक्ष्य ऐसे बनाएं, जिन्हें हासिल किया जा सके

शौकिया निवेशक अक्सर फौरन हाई रिटर्न की उम्मीद करते हैं. उदाहरण के लिए, हर साल स्टॉक पर 100% से अधिक का रिटर्न कमाने की उम्मीद करना ठीक नहीं है. हालांकि, कुछ निवेश हाई रिटर्न दे सकते हैं. इसलिए आपको हमेशा वास्तविकता को समझते हुए निवेश करना चाहिए. फाइनेंशियल गोल ऐसे होने चाहिए जिन्हें आप हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा, उन स्कीम में निवेश से बचें जो कम समय में हाई रिटर्न का वादा करती हैं. निवेश करने से पहले पूरी तरह से रिसर्च कर लें.

शुरुआत में लीवरेज्ड इंस्ट्रूमेंट्स से बचें

नए निवेशकों को कैश डिवीजन में इक्विटी में निवेश करना शुरू कर देना चाहिए और लीवरेज्ड फाइनेंस से बचना चाहिए. लीवरेज्ड निवेश एक ऐसी रणनीति है जिसके तहत पैसे उधार लेकर निवेश के मुनाफे को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है. ये लाभ उधार ली गई पूंजी पर निवेश रिटर्न और ब्याज की लागत के बीच के अंतर से प्राप्त होते हैं. इसमें प्रॉफिट की संभावना तो बढ़ जाती है, लेकिन नुकसान की संभावना भी बढ़ जाती है.

जल्दबाजी में फैसले लेने से बचें

फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बनाए रखने के लिए चीजों को सरल रखना चाहिए. अपने एनालिसिस को जितना हो सके सरल रखें. जैसा कि पहले हमने बताया है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता ही है. हालांकि, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप कभी भी बाजार के उतार-चढ़ाव को देखकर जल्दबाज़ी में और फौरन फैसले न लें. स्टॉक के प्रदर्शन से शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति घबराने के बजाय, आपको एक व्यापक रणनीति बनानी चाहिए और उस पर टिके रहना चाहिए.

नए निवेशक बनाएं रणनीति

शेयर बाजार में निवेश पर काफी फायदा हो सकता है. हालांकि, आपको कुछ ऐसे नुकसानों से बचना चाहिए जिनका सामना ज्यादातर नए निवेशक पहली बार निवेश करते समय करते हैं. नए लोगों को निवेश के लिए एक रणनीति तैयार करनी चाहिए. यह रणनीति ऐसी होनी चाहिए जिसके तहत बाजार की स्थितियों की परवाह किए बिना अच्छे और बुरे दोनों समय में उस पर कायम रहा जा सके.

(By Anish Singh Thakur. लेखक बूमिंग बुल्स एकेडमी के CEO हैं. यहां व्यक्त विचार लेखक के हैं. Financialexpress.com इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता है. कृपया कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें.)

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