नोट: Scalping Trading मे बहुत risk होता हैं, वैसे शेयर बाजार में कोई भी ट्रेडिंग करना बहुत जोखिम भरा स्केलपिंग ट्रेडिंग होता हैं. इसी लिए investing करने से पहले आपको चेतावनी दी जाती की शेयर मार्केट में सोच समझकर ट्रेडिंग करें.
स्केलपिंग ट्रेडिंग क्या है | What is Scalping Trading
Scalping Trading: यदि आप इस ब्लॉग पर आए हैं तो ट्रेडिंग के बारे में आपको जानकारी होगी ही. जैसे कि शेयर बाजार में कई प्रकार की ट्रेडिंग होती स्केलपिंग ट्रेडिंग हैं स्विंग ट्रेडिंग, डे ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग और लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग आदि.
यदि आप एक नए ट्रेडर है, तो सबसे पहले इंट्राडे ट्रैडिंग के बारे में जान लीजिए. आपको साधारण भाषा में समझा देते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में स्केलपिंग ट्रेडिंग शेयर को जिस दिन खरीदते हैं, उसी दिन बेचना भी होता है. (Buy स्केलपिंग ट्रेडिंग Same Day and Sell Same Day) उसे intraday trading कहते हैं.
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Scalping Trading Kya Hai
Scalping trading क्या होती हैं: स्केलपिंग ट्रेडिंग आप इंट्राडे के साथ ही कर पाएंगे. क्योंकि इसमें शेयर को तुरंत खरीद कर तुरंत ही बेचना होता है. इसका मतलब यह स्केलपिंग ट्रेडिंग है कि जो आप शेयर खरीद या बेच स्केलपिंग ट्रेडिंग रहें हैं, उसमें जैसे ही 10 से 15 प्वाइंट का मूमेंट (movement) हो वो भी 10 से 15 मिनट के अंदर position को तुरंत squareOff कर देना है. इसी को Scalping Trading कहते हैं. इसमें आपको अच्छा profit या फिर भारी loss भी हो सकता है.
स्केलपिंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको अच्छे Moment और Volatile वाले शेयर को चुनना होता हैं. यह फिर जिस शेयर में Breakout या Breakdown हो रहा हो उसमें आप scalping Trading कर सकते हैं.
Advantage of Scalping Trading
- इसमें आप कम समय में एक अच्छा प्रॉफिट बना सकते हैं.
- स्केलपिंग ट्रेडिंग करने के लिए ज्यादा capital की आवश्यकता नहीं है.
- इसमें प्रॉफिट कमाने के लिए ज्यादा समय इंतजार नहीं करना पड़ता.
- इसमें कोई basics fundamentals की आवश्यकता नहीं होती है.
- इसमें आपको overnight risk भी नहीं रहता.
स्केलपिंग ट्रेडिंग करने के नियम | Scalping Trading Strategy in Hindi
स्केलपिंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको सबसे पहले एक ऐसी कंपनी का चुनाव करना है. जिसके शेयर में उतार–चढ़ाव (moment) काफी ज्यादा हो रहे हों. ताकि एक अच्छा प्रॉफिट बना सके.
जिस कंपनी का शेयर अपने चुना है, उस कंपनी को अपने ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर में Search कर लें. इसके स्केलपिंग ट्रेडिंग बाद कंपनी का Chart Pattern खोलकर उसकी बीते दिनों की परफॉर्मेंस को देखें की उसके शेयर की कीमत किस हिसाब से बढ़ती और घटती है. फिर आप फैसला (decide) कर सकते हैं की ट्रेडिंग करनी है या नहीं.
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