शेयर ट्रेडिंग से हुई इनकम पर कैसे टैक्‍स लगता है?

साल में एक लाख रुपये तक के एलटीसीजी पर कोई टैक्‍स नहीं पड़ता फोरेक्स ट्रेडिंग के फायदे और नुकशान फोरेक्स ट्रेडिंग के फायदे और नुकशान है. इसके अलावा 31 जनवरी 2018 से पहले तक खरीदे गए शेयरों पर एलटीसीजी ग्रैंडफादरिंग क्‍लॉज के तहत आता है. यानी इस तारीख तक शेयरों से हुआ मुनाफा भी टैक्‍स के दायरे में नहीं आता है.

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शेयर ट्रेडिंग से हुए फायदे या नुकसान को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) या लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर क्‍लासिफाई करना होगा.

एकेएम ग्‍लोबल में पार्टनर अमित माहेश्‍वरी कहते हैं, चूंकि पार्थ की शेयर ट्रेडिंग से इनकम है. इसलिए उन्‍हें इनकम टैक्‍स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के लिए आईटीआर-2 का इस्‍तेमाल करना होगा.

हालांकि, पार्थ अगर इंट्रा-डे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो उसे स्‍पेकुलेटिव बिजनेस के तौर पर देखा जाएगा. उस स्थिति में उन्‍हें आईटीआर-3 में अपना रिटर्न फाइल करने की जरूरत होगी. इसके अलावा शेयर ट्रेडिंग से हुए फायदे या नुकसान को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) या लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर क्‍लासिफाई करना होगा. शेयर से हुए गेंस को अगर एक साल तक रखा जाता है तो उसे एसटीसीजी में वर्गीकृत किया जाता है. वहीं, अगर इसे फोरेक्स ट्रेडिंग के फायदे और नुकशान एक साल से ज्‍यादा समय के लिए रखा जाता है तो यह एलटीसीजी में क्‍लासिफाई होता है.

एसटीसीजी पर 15 फीसदी की दर से टैक्‍स लगता है. दूसरी ओर एलटीसीजी पर टैक्‍स की यह दर 10 फीसदी होती है. हालांकि, साल में एक लाख रुपये तक के एलटीसीजी पर कोई टैक्‍स नहीं पड़ता है. इसके अलावा 31 जनवरी 2018 से पहले तक खरीदे गए शेयरों पर एलटीसीजी ग्रैंडफादरिंग क्‍लॉज के तहत आता है. यानी इस तारीख तक शेयरों से हुआ मुनाफा भी टैक्‍स के दायरे में नहीं आता है.

आइए, अब शौर्य का सवाल लेते हैं.

शौर्य फोरेक्स ट्रेडिंग के फायदे और नुकशान फोरेक्स ट्रेडिंग के फायदे और नुकशान ने दिल्‍ली में चार साल पहले एक फ्लैट खरीदा था. इसके लिए उन्‍होंने एसबीआई से लोन लिया था. उन्‍होंने गुरुग्राम में एक और फ्लैट बुक कराया था. यह पजेशन के लिए तैयार है. वह इस फ्लैट को बेचना चाहते हैं. इसकी बिक्री से मिली रकम से वह होम लोन खत्‍म कर देना चाहते हैं. उन पर किस तरह टैक्‍स देनदारी बनेगी?

डेलॉयट इंडिया में पार्टनर होम मिस्‍त्री कहते हैं कि अगर शौर्य पजेशन लेने से पहले घर को बेचते हैं तो फायदा उस स्थिति में लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन में आएगा अगर उन्‍होंने इस पर कम से कम तीन साल अधिकार रखा है. इस पर 20 फीसदी की दर से टैक्‍स लगेगा. साथ ही लागू सरचार्ज और सेस भी वसूला जाएगा. ऐसा नहीं होने पर इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर उनकी इनकम पर लागू स्‍लैब रेट से टैक्‍स लगेगा.

वहीं, शौर्य अगर घर का पजेशन लेने के तुरंत बाद इसे बेचते हैं तो इस बात की ज्‍यादा संभावना है कि इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस माना जाए. इस पर स्‍लैब रेट के अनुसार टैक्‍स लगेगा. शौर्य को कोई भी फैसला लेने से पहले इन पहलुओं को देख लेना चाहिए.

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Benefits of Currency Trading: करेंसी ट्रेडिंग से कमा सकते है खूब पैसा, यहां जानिए इसके 10 फायदें

Benefits of Currency Trading: करेंसी ट्रेडिंग से कमा सकते है खूब पैसा, यहां जानिए इसके 10 फायदें

Benefits of Currency Trading in Hindi: फोरेक्स ट्रेडिंग के फायदे और नुकशान अगर सही तरह से करेंसी ट्रेडिंग की जाए तो आप ढेर सारा पैसा कमा सकते है। लेकिन नए निवेशकों में करेंसी मार्केट को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। यह लेख आपके भ्रम को मिटाने का प्रयास करेगा क्योंकि यहां करेंसी ट्रेडिंग के 10 फायदे बताएं गए है।

Benefits of Currency Trading in Hindi: फॉरेन एक्सचेंज मार्केट दुनिया में सबसे बड़े फाइनेंसियल मार्केट के रूप में उभरा है, इसकी पहुंच, तरलता फोरेक्स ट्रेडिंग के फायदे और नुकशान और अंतरराष्ट्रीय प्रकृति के कारण यह तेजी से फलफूल रहा है। आप प्रॉफिट कमाने के लिए काउंटर पर करेंसी खरीद और बेच सकते हैं, क्योंकि अन्य बाजारों के विपरीत, इस तरह के व्यापार के लिए कोई फिजिकल एक्सचेंज मौजूद नहीं है। अगर सही तरह से करेंसी ट्रेडिंग की जाए तो आप ढेर सारा पैसा कमा सकते है। लेकिन नए निवेशकों में करेंसी मार्केट को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। यह लेख आपके भ्रम को मिटाने का प्रयास करेगा क्योंकि यहां करेंसी ट्रेडिंग के 10 फायदे (Benefits of Currency Trading in Hindi) बताएं गए है।

करेंसी ट्रेडिंग के फायदे | Currency Trading Benefits in Hindi

1) बाजार बड़ा और वैश्विक है

दुनिया के सभी हिस्सों से भाग लेने वाले ट्रेडर्स के साथ फॉरेक्स एक्सचेंज मार्केट वास्तव में विस्तृत है। फॉरेक्स एक्सचेंज मार्केट का महत्व इस तथ्य से स्पष्ट है कि हर दिन करेंसी मार्किट में औसतन $ 4 ट्रिलियन से अधिक का आदान-प्रदान होता है।

2) शुरुआती लोगों के लिए अच्छा है

पहली बार छोटे निवेश करने वाले व्यापारी आसानी से Forex Market में प्रवेश कर सकते हैं। फॉरेन एक्सचेंज के कई फायदों में से एक यह है कि ब्रोकर डेमो एकाउंट के प्रावधान की पेशकश करते हैं। इनका उपयोग करके, धोखेबाज़ व्यापारी किसी भी डील को करने से पहले मार्केट सिमुलेशन में अपने स्किल का टेस्ट कर सकते हैं।

3) चौबीसों घंटे बाजार

यह देखते हुए कि Forex Market वैश्विक है, व्यापार लगभग तब तक हो सकता है जब तक कि दुनिया में कहीं मार्केट खुला हो। यह सप्ताह में पांच दिन, 24 घंटे प्रत्येक दिन संचालित होता है। रविवार को शाम 5 बजे ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में पहला बड़ा बाजार खुलता है और शुक्रवार को शाम 5 बजे US का न्यूयॉर्क बाजार बंद होने पर ट्रेडिंग खत्म हो जाती है।

फॉरेन एक्सचेंज ब्रोकर खुदरा व्यापारियों को पूंजी की एक छोटी राशि के खिलाफ उधार लेने की अनुमति देते हैं, जिससे एक हाई पोजीशन खोलने का मौका मिलता है। लीवरेज से आपके द्वारा जुटाई गई राशि को आम तौर पर अनुपात के रूप में दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए, 1:30 का मतलब होगा कि आपका उत्तोलन 30 गुना है जो आपने वास्तव में बाजार में निवेश किया था।

फॉरेक्स फोरेक्स ट्रेडिंग के फायदे और नुकशान मार्किट में चौबीसों घंटे होने वाली बड़ी मात्रा में व्यापारिक गतिविधि के कारण, इसे दुनिया में सबसे अधिक तरल बाजार माना जाता है। तरलता से तात्पर्य एसेट को उनके मूल्य पर बहुत कम प्रभाव के साथ खरीदे और बेचे जाने की क्षमता से है। फॉरेक्स मार्केट के मामले में, तरलता आपको न्यूनतम जोखिम के साथ ट्रेड करने की अनुमति देती है।

भू-राजनीति, आर्थिक स्थिरता, नीतियां, प्राकृतिक आपदाएं और व्यापार सौदे बाजार को प्रभावित करने वाली ताकतों की लंबी सूची में शामिल हैं। इनमें से किसी में भी एक छोटा सा ग्रोथ मार्केट में एक बड़े बदलाव में तब्दील हो जाता है। किसी बाजार की इस संवेदनशीलता को उसकी अस्थिरता कहा जाता है। जब इन निर्धारकों के कारण मुद्राओं के मूल्य बेहतर के लिए बदलते हैं, तो वे बड़े मुनाफे में परिणत होते हैं। हालांकि, अगर मूल्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, तो व्यापारियों को महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है। चूंकि अस्थिरता को पूरी तरह से टाला नहीं जा सकता है, इसलिए आपको अस्थिर बाजारों से निपटने के लिए रणनीतियां बनानी चाहिए।

7) दिशात्मक व्यापार पर कोई प्रतिबंध नहीं

शेयर बाजार के विपरीत Foreign exchange market में दिशात्मक व्यापार पर कोई प्रतिबंध नहीं है। चूंकि व्यापारी हमेशा बाजार की स्थिति के अनुसार एक करेंसी खरीद या बेच रहे हैं, आप उनके मूल्य में परिवर्तन की आपकी भविष्यवाणी के आधार पर आसानी से लंबी या छोटी बिक्री कर सकते हैं। मुद्राओं की उच्च तरलता के कारण, दलाल ऐसे व्यापार के लिए कोई ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं लेते हैं जो शेयर बाजारों में आवश्यक हैं।

8) बाजार पर किसी का कंट्रोल नहीं

फॉरेक्स मार्केट में बड़ी संख्या में प्रतिभागी हैं, यही वजह है कि कोई सिंगल विंडो नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था जैसे बाहरी कारक ही कीमतों को कंट्रोल कर सकते हैं। यह फैक्टर ट्रेडर्स के पोर्टफोलियो पर निवेश विकल्प के रूप में फॉरेन एक्सचेंज के महत्व को दर्शाता है। इस बाजार में कोई बिचौलिया मौजूद नहीं है, और ब्रोकर केवल खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ने में मदद करते हैं।

9) कम ट्रांजैक्शन चार्ज

ट्रांजैक्शन करने की किसी भी बड़ी लागत के बिना, ऑनलाइन फॉरेक्स ट्रेडिंग शुरू करने के लिए एक छोटी पूंजी राशि पर्याप्त है। ट्रांजैक्शन की लागत में बड़े पैमाने पर ब्रोकर का शुल्क शामिल होता है, जिसे वह स्प्रेड से अर्जित करता है। स्प्रेड को पिप्स या पॉइंट्स में प्रतिशत में मापा जाता है, जो कि आस्क प्राइस और बिड के बीच का अंतर है।

चूंकि यह मार्केट अपेक्षाकृत नया है, फॉरेन एक्सचेंज के फायदों (Benefits of Currency Trading) में यह है कि इसके प्रतिभागियों ने स्वेच्छा से इंडस्ट्री को अपनाया है। बहुत सारे सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप्लिकेशन हैं जो दुनिया भर से वास्तविक समय में ट्रेड की सुविधा प्रदान करते हैं।

Forex Trading Kya Hai: क्या है फॉरेक्स ट्रेडिंग, जानें यहां कैसे कमा सकते हैं पैसे

What is Forex Trading: फॉरेक्स करंसी ट्रेडिंग के ग्लोबल मार्केट के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला टर्म है। यूरो को डॉलर्स से एक्सचेंज करना हो डॉलर को रुपये से, यह सब फॉरेक्स यानी फॉरेन एक्सचेंज मार्केट का ही हिस्सा है। आज इंटरनेट की मदद से आप भी इसे घर बैठे कर सकते हैं और पैसे कमा सकते हैं। बस आपको इंटरनेट कनेक्शन के साथ एक कंप्यूटर चाहिए और एक फॉरेक्स ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट।

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हाइलाइट्स

  • फॉरेक्स करंसी ट्रेडिंग के ग्लोबल मार्केट के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला टर्म है
  • 5.3 ट्रिलियन डॉलर के दैनिक लेनदेन के साथ है दुनिया का सबसे बड़ा फाइनैंशल मार्केट
  • फॉरेक्स मार्केट में आप भी पैसे कमा सकते हैं, उसके लिए बस एक ट्रेडिंग अकाउंट चाहिए

आप भी कर सकते हैं फॉरेक्स ट्रेडिंग
फॉरेक्स ट्रेडिंग कोई रॉकेट साइंस नहीं है और आज इंटरनेट की मदद से आप भी इसे घर बैठे कर सकते हैं। बिल्कुल बड़े-बड़े बैंक और फाइनैंशल ऑर्गनाइजेशन्स की तरह। बस आपको फोरेक्स ट्रेडिंग के फायदे और नुकशान इंटरनेट कनेक्शन के साथ एक कंप्यूटर चाहिए और एक फॉरेक्स ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट।

फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐसे करती है काम
फॉरेक्स मार्केट में एक करंसी को दूसरी करंसी से बदला जाता है। ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा जरूरी बात होती है एक्सचेंज रेट। मतलब एक करंसी को दूसरी करंसी से एक्सचेंज करने की दर क्या होगी। आपने आमतौर पर देखा होगा कि रुपये की कीमत डॉलर की अपेक्षा इतनी है या डॉलर की कीमत यूरो की अपेक्षा इतनी है। आसान भाषा में कहें तो इस वक्त 16 नवंबर को रुपये की दर डॉलर की अपेक्षा 71.84 है यानी एक डॉलर खरीदने के लिए आपको 71.84 रुपये चुकाने होंगे।

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फॉरेक्स मार्केट से कैसे कमा सकते हैं पैसे
यहां आपको उदाहरण देते हैं जिसके जरिए आप फॉरेक्स मार्केट से पैसे कमा सकते हैं या ट्रेडिंग कर सकते हैं। आप डॉलर (USD) के बदले 1,000 यूरोज़ (EUR) लेने का मन बनाते हैं। मान लीजिए कि जिस वक्त आपने यूरो खरीदे उस वक्त डॉलर/यूरो का एक्सचेंज रेट 1.45 था यानी आपको 1,000 यूरो खरीदने के लिए 1,450 डॉलर देने पड़े। कुछ समय बाद एक्सचेंज रेट में थोड़ा परिवर्तन हुआ और यह बढ़कर 1.55 हो गया। अब जब आप 1,000 यूरो बेचेंगे तो आपको 1,550 डॉलर मिलेंगे। इस तरह आपको कुल 100 डॉलर का फायदा हुआ। इसी तरह अगर यूरो बेचने के वक्त एक्सचेंज रेट 1.35 रहा, तो आपको उन्हीं 1000 यूरो के बदले 1,350 डॉलर मिलेंगे यानी आपको 100 डॉलर का नुकसान हुआ।

फॉरेक्स मार्केट में बड़े-बड़े प्लेयर्स, एजेंट्स, फाइनैंशल कंपनियां इसी तरह पैसे बनाती हैं।

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.

2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.

3. शेयर चुनते वक्त फोरेक्स ट्रेडिंग के फायदे और नुकशान बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.

4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा फोरेक्स ट्रेडिंग के फायदे और नुकशान सके.

5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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