पर्सनल लाइफ- निजी मामलों में संघर्ष बना रहेगा. प्रेम स्नेह में सजग रहेंगे. विनय विवेक से सब प्रभावित होंगे. मिलजुलकर आगे बढ़ेंगे. प्रियजनों की इच्छाओं का ख्याल रखेंगे. उचित अवसर का इंतजार सबसे अच्छा समय दिन विदेशी मुद्रा व्यापार करें. परिजनों व करीबियों की सुनेंगे. चालाक लोगों से दूरी बनाए रखें.

जानें कैसा रहेगा आपका दिन

सर्वश्रेष्ठ Forex ब्रोकर कौन है?

विदेशी मुद्रा सबसे कठिन व्यवसायों में से एक है। भारत में लोग मुख्य रूप से इसमें होने वाले जोखिम के कारण विदेशी मुद्रा में व्यापार से बचते हैं। भारत सरकार ने सबसे अच्छा समय दिन विदेशी मुद्रा व्यापार मुद्राओं में व्यापार के लिए सख्त मानदंड तैयार किए हैं और उनकी समीक्षा हर बार की जाती है।

यदि दुनिया भर में अलग-अलग समय-क्षेत्रों के बारे सबसे अच्छा समय दिन विदेशी मुद्रा व्यापार में कोई उचित विचार है, तो ऐसे अस्थिर बाजार में पैसा बनाना बहुत आसान हो जाता है।

लगभग सभी अर्थव्यवस्थाओं में, बाजार को दिन के दौरान दो प्रमुख गतिविधियों में वर्गीकृत किया जाता है - सुबह - खुलने का समय और शाम - समापन के समय | सुबह के समय JPY/USD बहुत सक्रिय है जबकि शाम USD / EUR और USD / GBP के लिए है। इसलिए, उन्हें क्रमशः अमेरिकी और यूरोपीय समय क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है।

अब, ऐसे परिदृश्य में जो भी संकेत देता है वह उद्योग में सबसे अच्छा है। कुछ चीजें हैं जो कुछ के लिए काम करती हैं जबकि अन्य लोगों के लिए काम नहीं करती है। इसलिए, ब्रोकरों को वर्गीकृत करना थोड़ा मुश्किल होगा जो सभी के लिए सर्वश्रेष्ठ हो सकते हैं | याद रखें, अगर कोई एक्सचेंज पर पैसा कमा रहा है, तो कोई और उन्हें खो भी सकता है | लेकिन मैं आपको कुछ ऑनलाइन ब्रोकरों की एक सूची दे सकता हूं जो उनके मजबूत प्लेटफ़ॉर्म और सक्रिय व्यापार कॉल के लिए जाने जाते हैं।

रुपये में रिकॉर्ड गिरावट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- बाकियों की तुलना में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बहुत अच्छा

रुपये में रिकॉर्ड गिरावट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- बाकियों की तुलना में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बहुत अच्छा

पीएम मुद्रा योजना: Finance Minister निर्मला सीतारमण (File Photo – PTI)

Dollar vs सबसे अच्छा समय दिन विदेशी मुद्रा व्यापार Rupees: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि भारतीय रुपया अन्य मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले काफी मजबूत है। रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर जाने से जुड़े सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि RBI और वित्त मंत्रालय स्थिति पर पूरी तरह नजर रख रहे हैं।

पुणे जिले की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगर कोई एक मुद्रा है जो खुद को संभालाने में सक्षम है और अन्य मुद्राओं की तुलना में उतार-चढ़ाव से बची हुई है, तो वह भारतीय रुपया है। हमने बहुत अच्छी तरह से वापसी की है और काफी अच्छी तरह से इस स्थिति का सामना किया है। रुपये की गिरती कीमत के बारे में पूछे जाने पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की जरूरत है।

आजादी से अब तक 10 बार ही मजबूत हुआ रुपया, समझें रुपये-डॉलर की चाल का गणित

डॉलर के मुकाबले रुपया सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

प्रियंक द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2022,
  • (अपडेटेड 11 मई 2022, 11:53 AM IST)
  • एक डॉलर की कीमत 77.32 रुपये पहुंची
  • 5 साल में 12 रुपये कमजोर हुआ रुपया
  • 1991 के बाद से तेजी से टूट रहा रुपया

फूटी कौड़ी से कौड़ी. कौड़ी से दमड़ी. दमड़ी से धेला. धेला से पाई. पाई से पैसा. पैसा से आना. और आना से बना रुपया. आज हम जिस रुपये का इस्तेमाल करते हैं, वो कई पड़ावों से होता हुआ हम तक पहुंचा है. ऐसा कहा जाता है कि रुपये शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल शेरशाह सूरी ने अपने शासन में किया था. तब सोने और तांबे के सिक्के चला करते थे. तब तांबे के सिक्कों को 'दाम' और सोने के सिक्कों को 'मोहर' कहा जाता था.

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सोमवार यानी 9 मई को रुपया रिकॉर्ड निचले सबसे अच्छा समय दिन विदेशी मुद्रा व्यापार स्तर पर पहुंच गया. इस दिन एक डॉलर की कीमत 77.44 रुपये हो गई. हालांकि, अगले दिन रुपये में 12 पैसे की मजबूती आई और 77.32 रुपये एक डॉलर के बराबर हो गए.

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 2010 की तुलना में 2022 में रुपया करीब 38 रुपये कमजोर हो चुका है. 2010 में एक सबसे अच्छा समय दिन विदेशी मुद्रा व्यापार डॉलर की कीमत 45.72 रुपये थी, जिसकी कीमत आज बढ़कर 77.32 रुपये हो गई है. आजादी के बाद से अब तक ऐसे बहुत कम ही मौके आए हैं, जब डॉलर की तुलना में रुपया मजबूत हुआ है.

लेकिन सवाल, रुपया कमजोर कैसे होता है?

डॉलर की तुलना में अगर किसी भी मुद्रा का मूल्य घटता है तो उसे मुद्रा का गिरना, टूटना या कमजोर होना कहा जाता है. अंग्रेजी में इसे 'करेंसी डेप्रिसिएशन' कहते हैं. रुपये की कीमत कैसे घटती-बढ़ती है, ये पूरा खेल अंतरराष्ट्रीय कारोबार से जुड़ा हुआ है.

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