Ration Card : राशन कार्डधारकों के लिए आई जबरदस्त खुशखबरी, सुनकर नहीं रहेगा ख़ुशी का ठिकाना
Ration Card : अगर आप भी राशन कार्ड लाभार्थी हैं तो ये खबर जरूर पढ़ लें. सरकार ने राशन कार्ड धारकों की सुविधा को देखते हुए अंत्योदय कार्ड (Antyodaya Ration Card) रखने वाले सभी परिवारों के लिए एक बड़ी सुविधा शुरू कर दी है.
सरकार के इस फैसले के तहत सभी अंत्योदय कार्ड धारकों के निशुल्क इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे. सरकार इसके लिए डिस्ट्रिक लेवल पर कार्यक्रम शुरू भी कर चुकी है. इसके खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र तहत कार्ड धारक के परिवार के सभी सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है.
सरकार ने शुरू की सुविधा
गौरतलब है कि सरकार इसे सफल बनाने के लिए व्यापक स्तर पर काम शुरू कर दी है. सरकार की तरफ से कार्ड धारक के परिवार के सभी सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बनानी की सुविधा जन सुविधा केंद्रों पर भी मुहैया कराई जा रही है. अगर आप भी चाहते हैं. योजना का लाभ लेना तो आप अपना राशन कार्ड दिखाकर जन सुविधा केंद्र पर आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं.
दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अंत्योदय कार्ड धारकों (antyodaya ration card) के आयुष्मान कार्ड बनाने का आदेश दिया है. फ़िलहाल खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र जिला स्तर पर यह अभियान चलाया जा रहा है. आपको बता दें कि पहले इसकी लास्ट डेट जुलाई में थी, जिसे अब खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र आगे बढ़ा दिया गया है. इस अभियान के तहत सभी अंत्योदय कार्ड धारकों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे. अगर आपने भी अब तक नहीं बनवाया है, तो तुरंत बनवा लें.
कैसे करें आवेदन? (Ration Card)
अगर आप भी इसके लिए आवेदन करना चाहते हैं तो संबंधित विभाग में जाकर इसकी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. इसके तहत पात्र लाभार्थी कार्ड मिलने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जन सेवा केंद्र, आयुष्मान पैनल से जुड़े प्राइवेट हॉस्पिटल या जिला अस्पताल में जाकर अंत्योदय राशन कार्ड दिखाकर परिवार के सभी सदस्यों के आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं.
आसानी से होगा इलाज
आपको बता दें कि इस समय नए आयुष्मान कार्ड (ayushman card) नहीं बनाए जा रहे हैं, जो इससे जुड़े हैं उनका ही कार्ड बनाया जा रहा है. दरअसल, इस अभियान के पीछे ये वजह है कि खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र सरकार नहीं चाहती है कि किसी भी हाल में अंत्योदय कार्ड धारकों को स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी होने पर इलाज के लिए भटकना पड़े या सुविधा से अछूते रहना पड़े.
Crypto.com प्रूफ-ऑफ-रिजर्व डेटा दिखाता है कि क्लाइंट एसेट्स पूरी तरह से समर्थित हैं
क्रिप्टोक्यूरेंसी, डिजिटल संपत्ति और पैसे के भविष्य पर समाचार और सूचना में अग्रणी, कॉइनडेस्क एक मीडिया आउटलेट है जो उच्चतम खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र पत्रकारिता मानकों के लिए प्रयास करता है और इसका पालन करता है। संपादकीय नीतियों का सख्त सेट. कॉइनडेस्क की एक स्वतंत्र परिचालन सहायक कंपनी है डिजिटल मुद्रा समूह, जिसमें निवेश किया जाता है क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन स्टार्टअप. उनके मुआवजे के हिस्से के रूप में, कुछ कॉइनडेस्क कर्मचारी, संपादकीय कर्मचारियों सहित, DCG इक्विटी के रूप में एक्सपोजर प्राप्त कर सकते हैं स्टॉक प्रशंसा अधिकार, जो एक बहु-वर्ष की अवधि में निहित है। कॉइनडेस्क के पत्रकारों को DCG में एकमुश्त स्टॉक खरीदने की अनुमति नहीं है .
PK बोले-5 चुनावों में नहीं हुई जातिगत वोटिंग:कहा-बिहार के पैसे से फल-फूल रहे दूसरे राज्य, नीतीश की नाकामी है वजह
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी जन सुराज’ पदयात्रा में फिर बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार को निशाने पर लिया। वह शुक्रवार को पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन पहुंचे। यहां पर कहा कि अब बिहार के पैसे से दूसरे राज्यों में उद्योग धंधे हो रहे हैं। बिहार के बारे कहा कि यहां सिर्फ जाति के नाम पर ही वोट नहीं दिया जाता है। ऐसे भी चुनाव हुए जो जाति से ऊपर उठकर लोगों ने वोट किया। 20 साल में 5 चुनावों में लोगों ने जातियों से ऊपर उठकर वोट किया है।
अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार की नाकामी के वजह से बिहार बर्बाद हो रहा है। आज बिहार के पैसों से गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में उद्योग लगाया जा रहा है। बिहार के लोग उन राज्यों में जाकर मजदूरी कर रहे हैं। मतलब बिहार को दोगुनी मार झेलनी पड़ रही है। राज्यों में पूंजी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी बैंकों की है। हम और आप बैंकों में पैसे जमा करते हैं और बैंक लोगों को लोन देती हैं। ताकि रोजगार के अवसर पैदा हो सकें।
उन्होंने कहा कि देश के स्तर पर क्रेडिट-डिपोजिट का आंकड़ा 70 प्रतिशत है और बिहार में यह आंकड़ा पिछले 10 सालों से 25-40 प्रतिशत रहा है। लालू जी के जमाने में यह आंकड़ा 20 प्रतिशत से भी नीचे था। नीतीश जी के 17 साल के कार्यकाल में यह औसत 35 प्रतिशत है जो पिछले साल 40 प्रतिशत था। इसका मतलब है कि बिहार में जो भी पैसा बैंकों में लोग जमा करा रहे हैं, उसका केवल 40% ही ऋण के तौर पर लोगों के लिए उपलब्ध है। जबकि विकसित राज्यों में 80 से 90 प्रतिशत तक बैंकों में जमा राशि ऋण के लिए उपलब्ध है।
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आगे उन्होंने कहा कि बिहार के नेता क्रेडिट-डिपोजिट पर बात ही नहीं करते। बिहार के नेताओं को इन सब बातों की जानकारी भी नहीं है। ये बिहार का दुर्भाग्य है कि यहां के आम लोग भी इन मुद्दों पर चर्चा नहीं कर रहे हैं। पत्रकारों से मेरी गुजारिश है कि वह इन मुद्दों को बारीकी से उठाएं, ताकि इस पर पूरे बिहार में चर्चा हो सके।
20 साल में हुए 5 चुनावों में लोगों ने जातियों से ऊपर उठकर वोट किया
बिहार खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र के चुनाव में जातिगत राजनीति हावी रहती है। इस सवाल पर जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हमने जातिगत राजनीति वाली मानसिकता को ज्यादा हवा दे दी है। मैं आपको ऐसे 5 चुनाव बता सकता हूं, जिसमें बिहार के लोगों ने जातिगत राजनीति से ऊपर उठ कर वोट किया है।
1984 में इंदिरा गांधी की मृत्यु से उपजी हुई सहानुभूति की लहर में लोगों ने जातियों से ऊपर उठकर वोट किया था। 1989 में बोफोर्स के मुद्दे पर देश में वीपी सिंह की सरकार बनी थी। 2014 में नरेंद्र मोदी के चेहरे पर पूरे देश के लोगों ने भाजपा को वोट किया। 2019 में राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के नाम पर वोट किया।
कहा कि इतना ही नहीं, पूरे बिहार के लोगों ने बीजेपी को फिर से सरकार बनाने का मौका दिया। इसलिए यह कहना गलत होगा कि बिहार के लोग केवल जातिगत आधार पर वोट करते हैं। चुनावों में जाति एक फैक्टर हो सकता है, लेकिन बिहार में भी ये उतना ही बड़ा फैक्टर है, जितना दूसरे राज्यों में है।
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कुढ़नी जीत को PM मोदी ने बताया बदलाव का संकेत:तेजस्वी ने पूछा- मोकामा को क्यों भूल गए; नड्डा बोले- ये नीतीश के लिए संदेश
कुढ़नी उपचुनाव में बीजेपी की जीत के बाद बिहार से लेकर दिल्ली तक सियासत तेज हो गई है। कुढ़नी से बीजेपी के केदार गुप्ता की जीत को प्रधानमंत्री मोदी ने आने वाले दिनों का संकेत बताया। साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि बिहार की जनता पीएम के साथ है। इधर कुढ़नी में हार होने पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि हम हार की समीक्षा करेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री के बयान पर कहा कि पीएम मोदी मोकामा उपचुनाव के परिणाम पर चुप क्यों थे, उस वक्त कुछ क्यों नहीं कहा। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
भारत में प्रोडक्शन शिफ्ट करेंगी चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियां Xiaomi, Oppo और Vivo!
चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों Xiaomi, Oppo और Vivo ने चीन से भारत में कुछ प्रोडक्शन को शिफ्ट करने की योजना बनाई खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र है। यह केंद्र सरकार की मेड इन इंडिया पॉलिसी के लिए एक बड़ी सफलता कही जा सकती है। इन कंपनियों की योजना भारत में बने स्मार्टफोन्स का एक्सपोर्ट करने की भी है।
केंद्र सरकार की पॉलिसी का लक्ष्य देश को इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग का एक हब बनाना है। ये कंपनियां चीन में अपनी फैक्टरीज से कुछ प्रोडक्शन को भारत शिफ्ट करने की तैयारी कर रही हैं। ऐसी रिपोर्ट है कि इन्होंने भारत से प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट की योजना को फाइनल कर दिया है। इससे पहले आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple और दक्षिण कोरिया की Samsung ने भारत में प्रोडक्शन बढ़ाया है। ये कंपनियां भारत में बने डिवाइसेज का एशिया, अफ्रीका, मिडल ईस्ट और लैटिन अमेरिका को एक्सपोर्ट कर सकती हैं।
चीन में सरकार की ओर से रूल्स कड़े करने और भारत में प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) इन तीनों चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों के लिए भारत में प्रोडक्शन शिफ्ट करने के बड़े कारण हैं। PLI स्कीम में भारत में बने डिवाइसेज के प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट के लिए इंसेंटिव दिया जाता है। हालांकि, इन कंपनियों को कुछ मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है। हाल ही में भारतीय अथॉरिटीज ने चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी Vivo के लगभग 27,000 स्मार्टफोन्स का एक्सपोर्ट रोक दिया था। Vivo की देश में मौजूद यूनिट की मैन्युफैक्चरिंग वाले इन स्मार्टफोन्स को फाइनेंस मिनिस्ट्री की रेवेन्यू इंटेलिजेंस यूनिट ने नई दिल्ली के एयरपोर्ट पर रोका था।
इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि कंपनी पर डिवाइस के मॉडल्स और उनकी वैल्यू की गलत जानकारी देने का आरोप है। इस शिपमेंट की वैल्यू लगभग 1.5 करोड़ डॉलर की है। हालांकि, भारतीय मोबाइल कंपनियों के एक संगठन ने इस कार्रवाई को ‘एकतरफा और बेतुका’ कहा है। इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन Pankaj Mohindroo ने टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री को लिखे एक पत्र में कहा है, “प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से इस तरह की कार्रवाई से देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को नुकसान होगा।” कंपनी का कहना है कि इससे भारत से एक्सपोर्ट करने की उसकी योजना में बदलाव नहीं होगा। इन तीनों चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों का कहना है कि वे केंद्र सरकार के लक्ष्यों के अनुसार इनवेस्टमेंट करने के लिए तैयार हैं।
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बजट बिगड़ने से पहले खरीद लो इस कंपनी की कार, 1 जनवरी से ₹50000 ज्यादा करने होंगे खर्च
नए साल में कार खरीदने का प्लान करने वाले लोगों के लिए लगातार बुरी खबर आ रही है। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, सिट्रोन इंडिया, मर्सिडीज बेंज, रेनो और ऑडी के साथ कई कंपनियां जनवरी 2023 से कार को महंगा करने का ऐलान कर चुकी हैं। इस लिस्ट में अब किआ इंडिया का नाम भी शामिल हो चुका है। कंपनी ने बताया है कि वो 1 जनवरी, 2023 से अपनी कारों की कीमत में 50,000 रुपए तक की बढ़ोतरी करने वाली है। हालांकि, मिनिमम कितने रुपए की बढ़ोतरी की जाएगी, इस बारे में कंपनी ने कुछ नहीं कहा है। हालांकि, कंपनी सेल्टॉस, सॉनेट, कैरेंस और कार्निवल के अलग-अलग वैरिएंट पर अलग-अलग इजाफा करेगी।
2022 में किआ की जबरदस्त सेल्स
किआ इंडिया ने भारतीय बाजार में नया माइलस्टोन तैयार कर लिया है। कंपनी ने नवंबर खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र में 6 लाख यूनिट बेचने के चमत्कारी आंकड़े को पार कर लिया है। खास बात है कि इस मुकाम तक पहुंचने में उसे सिर्फ 40 महीने (3 साल और 4 महीने) लगे। किआ भारतीय बाजार 5 मॉडल की सेल्स कर रही है। इसमें सेल्टॉस, सॉनेट, कैरेंस, कार्निवल और EV6 शामिल है। किआ की कुल सेल्स में सेल्टॉस और सॉनेट का 88% मार्केट शेयर है। जबकि, कैरेंस का 10% मार्केट शेयर है। बचा हुआ मार्केट शेयर कार्निवल और EV6 के पास है।
सप्लाई रेंज में सुधार से फायदा
किआ खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और हेड ऑफ सेल्स एंड मार्केटिंग, हरदीप सिंह बराड़ ने कहा, “ग्राहकों की भावनाओं में सुधार और मांग में बढ़ोतरी के कारण हम इस पूरे साल बिक्री के अच्छे आंकड़े पेश कर खुश हैं। इस साल की शुरुआत में मॉर्डन अनंतपुर प्लांट और धीरे-धीरे सप्लाई सीरीज में सुधार ने भी हमें डिलीवरी टाइम को व्यवस्थित करने और अपने ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करने में मदद की है। हालांकि, हम बाजार की गतिशील स्थितियों पर नजर रखेंगे।
किआ का सेकेंड हैंड कार शोरूम
किआ इंडिया ने ग्राहकों के लिए अपने सर्टिफाइड प्री-ओन्ड कार बिजनेस ‘किआ सीपीओ’ की शुरुआत की घोषणा की है। एक्सक्लूसिव किआ सीपीओ आउटलेट के साथ, कंपनी का इरादा ग्राहकों को नई कार खरीदने जैसा एक नया अनुभव प्रदान करना है। यहां ग्राहक झंझट मुक्त ओनरशिप ट्रांसफर और कस्टमाइज्ड फाइनेंस विकल्पों के साथ ही कस्टमाइज्ड प्री-ओन्ड कारों को बेचने, खरीदने या एक्सचेंज करने की सुविधा मिलेगी। देश में बिक्री की शुरुआत के सिर्फ तीन वर्षों के भीतर सर्टिफाइड प्री-ओन्ड कार बिजनेस शुरू करते हुए किआ, इस प्रकार से तेज विस्तार करने वाला सबसे तेज ओईएम बन गया है।
थोड़ा सा इंतजार… फिर इस 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग वाली कार CNG में भी खरीद पाएंगे, कंपनी ने खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र शुरू की टेस्टिंग
डिजिटल इवेल्युएशन से बेहरत सर्विसेज मिलेगी
किआ सीपीओ के माध्यम से, किआ इंडिया का उद्देश्य ग्राहकों को उनकी कारों के लिए सही मूल्य प्रदान करने के लिए एक निष्पक्ष, पारदर्शी और क्विक डिजिटल इवेल्युएशन प्रोसेस का पालन कर बेहतरीन सर्विसेज देना है। ग्राहकों के हाथों में पहुंचने से पहले इन सभी कारों को कॉम्प्रिहेंसिव 175 प्वाइंट क्वालिटी टेस्ट से गुजरना होगा। इन कारों खरीदारी के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी पर एक नज़र में कोई स्ट्रक्चरल डैमेज नहीं होगा। साथ ही इनकी वेरिफाइड ओनरशिप और सर्विस हिस्ट्री होगी। इसके अलावा केवल किआ के असली पुर्जों के साथ इनका नवीनीकरण किया जाएगा। कंपनी 2 साल और 40,000 किलोमीटर तक का वारंटी कवरेज के साथ अधिकतम 4 फ्री मेंटेनेंस देगी।
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