उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास मौजूद विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10 लाख डॉलर घटकर 1.551 अरब डॉलर रह गया है। रिजर्व बैंक के मुताबिक आलोच्य सप्ताह के दौरान आईएमएफ के पास मौजूद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार डॉलर वैश्विक मुद्रा क्यों 3.1 करोड़ डॉलर घटकर 5.125 अरब डॉलर रह गया है।
क्यों घट रहा है भारत का निर्यात? जानिए क्यों
वैश्विक आर्थिक विकास के मद्देनजर तेजी से गिरावट आ रही है विकसित देशों में लगातार उच्च मुद्रास्फीति और, परिणामस्वरूप, के रूप में मौद्रिक नीति की तीव्र कसौटी। पूरे बोर्ड में विकास संकुचन के साथ - यूके और यूएस मंदी देखने के लिए तैयार हैं, जबकि यूरो क्षेत्र के रुकने की संभावना है, भले ही चीन बढ़ने के लिए संघर्ष कर रहा हो - भारतीय वस्तुओं की मांग में गिरावट आई है। इसलिए निर्यात घटा है।
उच्च भोजन सहित ज्यादातर स्थानीय कारकों से मुद्रास्फीति बढ़ी है कीमतें, आयातित कारणों की तुलना में और उन दबावों को कम करने के लिए तैयार हैं
अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी की कीमतों में कमी और खरीफ के आगमन के लिए धन्यवाद काटना। पिछले कुछ महीनों में खुदरा मुद्रास्फीति लगातार 7% से ऊपर रही है अक्टूबर के लिए 6.8% पर था,
• तेल निर्यात वृद्धि सितंबर 2022 में 43.0% से घटकर -11.4% हो गई, आंशिक रूप से कम वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों को दर्शाती है, जबकि गैर-तेल निर्यात -16.डॉलर वैश्विक मुद्रा क्यों 9% वर्ष-दर-वर्ष गिर गया, लौह अयस्क में व्यापक रूप से गिरावट के साथ। हस्तशिल्प, कपड़ा, कुछ कृषि सामान, प्लास्टिक, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स और चमड़े के सामान।
विदेशी मुद्रा भंडार में 88.9 करोड़ डॉलर की हुई वृद्धि, ढ़कर 621.464 अरब डॉलर हुआ
नईदिल्ली। विदेशी मुद्रा भंडार में इस हफ्ते भी रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6 अगस्त, 2021 को समाप्त हफ्ते में 88.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 621.464 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर को छू गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई ने शुक्रवार देर शाम जारी अपने ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार 30 जुलाई, 2021 को समाप्त हफ्ते में 9.427 अरब डॉलर बढ़कर 620.576 अरब डॉलर हो गया था। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की वजह विदेशी मुद्रा संपत्तियों (एफसीए) का बढ़ना था, जो समग्र भंडार का प्रमुख घटक है। इस दौरान एफसीए 1.508 अरब डॉलर बढ़कर 577.732 अरब डॉलर हो गया। डॉलर के लिहाज से बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है। आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान स्वर्ण भंडार 58.8 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर वैश्विक मुद्रा क्यों डॉलर रह गया।
कमजोर वैश्विक रूझानों के बीच शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स, निफ्टी में गिरावट
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख और आईटी शेयरों में गिरावट के बीच बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में भी गिरावट हुई। इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 186.74 अंक गिरकर 62,491.17 अंक पर आ गया। व्यापक एनएसई निफ्टी 51.95 अंक टूटकर 18,608.35 अंक पर था।
सेंसेक्स में टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस, टाइटन और अल्ट्राटेक सीमेंट गिरने वाले प्रमुख डॉलर वैश्विक मुद्रा क्यों शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर, इंडसइंड बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एनटीपीसी में बढ़त हुई। अन्य एशियाई बाजारों में सियोल, तोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजार नुकसान में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार भी बुधवार को नुकसान में बंद हुए थे।
शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे टूटकर 82.64 पर आया
मुंबई, 15 दिसंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर की मजबूती और घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट के बीच रुपया बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 15 पैसे की गिरावट के साथ 82.64 के स्तर पर आ गया।
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने और आक्रामक रूख अपनाने से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनियम बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 82.63 पर खुला, फिर और गिरावट के साथ 82.64 के स्तर पर आ गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 15 पैसे की गिरावट को दर्शाता है।
रुपया पिछले सत्र में, बुधवार को डॉलर के मुकाबले 11 पैसे चढ़कर डॉलर वैश्विक मुद्रा क्यों 82.49 पर बंद हुआ था।
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भारत का धीमा निर्यात चिंता का कारण क्यों है?
भारत का निर्यात: एक वर्ष पूर्व की अवधि की तुलना में अक्टूबर में भारत के निर्यात में लगभग 16.7% की गिरावट आई है। भारत से निर्यात-आयात यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2023 (भारत के आयात एवं निर्यात सहित अंतर्राष्ट्रीय संबंध तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलू) के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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