गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए एक गाइड

सोने में निवेश ईटीएफ न केवल लोकप्रियता में बढ़ रहा है बल्कि इसे सोने में निवेश करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना जाता है। गोल्ड ईटीएफ ने पिछले एक दशक में काफी महत्व प्राप्त किया है। गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड पहली बार 2003 में ऑस्ट्रेलिया में "गोल्ड" के साथ अस्तित्व में आया थाबुलियन सुरक्षा" लॉन्च की जा रही है। तब से कई देशों (भारत सहित) ने गोल्ड ईटीएफ लॉन्च किया गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड है। पहलागोल्ड ईटीएफ भारत में गोल्ड बीईएस था, इसे फरवरी 2007 में लॉन्च किया गया था।

गोल्ड ईटीएफ कैसे काम करते हैं? गोल्ड ईटीएफ की संरचना

पहलेनिवेश गोल्ड ईटीएफ में, उस संरचना को जानना महत्वपूर्ण है जिसके तहत वे काम करते हैं। गोल्ड ईटीएफ बैक-एंड पर फिजिकल गोल्ड द्वारा समर्थित हैं। तो जब एकइन्वेस्टर एक्सचेंज पर गोल्ड ईटीएफ खरीदता है, बैक-एंड में शामिल इकाई भौतिक सोना खरीदती है। गोल्ड ईटीएफ इकाइयां एक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हैं, उदाहरण के लिए गोल्ड बीईएस को पर सूचीबद्ध किया गया हैनेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और वे सोने की वास्तविक कीमतों को बारीकी से ट्रैक करते हैं (जिन्हें स्पॉट प्राइस कहा जाता है)। गोल्ड ईटीएफ की कीमत और सोने की कीमत समान है, यह सुनिश्चित करने के लिए "अधिकृत प्रतिभागियों" द्वारा निरंतर खरीद और बिक्री होती है। एक अधिकृत प्रतिभागी स्टॉक गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड एक्सचेंज (इस मामले में एनएसई) द्वारा प्रतिनियुक्त एक इकाई है जो की खरीद और बिक्री का प्रबंधन करता है।आधारभूत संपत्ति (इस मामले में भौतिक सोना) बनाने के लिएविनिमय व्यापार फंड. ये आमतौर पर बहुत बड़े संगठन होते हैं।

जबकि नीचे दिया गया चित्र जटिल लग सकता है:

  • गोल्ड ईटीएफ के खरीदार और विक्रेता (निवेशक) एक्सचेंज प्लेटफॉर्म (एनएसई) का उपयोग करते हैं, इसलिए ट्रेडिंग करना आसान है। वे खरीद और बिक्री के आदेश दे सकते हैं, और दलाल उसी पर अमल करेगा।
  • इसमें से कोई भी अतिरिक्त खरीद या बिक्री नेट (खरीदार और विक्रेता लेनदेन के बाद) अधिकृत प्रतिभागियों के साथ तय किया जाता है जो भौतिक सोना खरीदते और बेचते हैं। इसलिए यदि कोई खरीदार नहीं है और कोई बेचना चाहता है, तो अधिकृत प्रतिभागी बनाएगालिक्विडिटी, विक्रेता से गोल्ड ईटीएफ की इकाइयाँ खरीदना।

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गोल्ड ईटीएफ में निवेश के फायदे

कुछ केनिवेश के लाभ गोल्ड ईटीएफ में हैं:

1. छोटा संप्रदाय

एक खुदरा विक्रेता के पास जाने के लिए बहुत कम मात्रा में भौतिक सोना खरीदने के लिए एक अच्छी राशि की आवश्यकता होगी, साथ ही सोने की दुकानें बहुत कम मात्रा में शुद्ध सोना खरीदने की अनुमति नहीं देंगी। गोल्ड ईटीएफ को बहुत कम मात्रा में खरीदा और बेचा जा सकता है और उनमें कारोबार किया जा सकता है।

2. लागत दक्षता

गोल्ड ईटीएफ में निवेश का एक और फायदा यह है कि यह किफायती है। कोई नहीं हैअधिमूल्य गोल्ड ईटीएफ से जुड़े मेकिंग चार्ज की तरह, कोई भी बिना किसी मार्कअप के अंतरराष्ट्रीय दर पर खरीद सकता है।

3. लंबी अवधि के होल्डिंग के लिए सुविधा

भौतिक सोने के विपरीत, गोल्ड ईटीएफ (भारत में) पर कोई संपत्ति कर नहीं है। इसके अलावा, भंडारण का कोई मुद्दा नहीं है जहां कोई सुरक्षा आदि के बारे में चिंतित है। इकाइयां व्यक्ति के नाम पर एक में रखी जाती हैंडीमैट खाता. आमतौर पर, यह एक समस्या है यदि कोई भौतिक सोने को घर पर अच्छी मात्रा में संग्रहीत करता है या aबैंक तिजोरी

4. समान उपलब्धता

एक्सचेंज पर गोल्ड बीज़ (या अन्य गोल्ड ईटीएफ) की गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड उपलब्धता के संबंध में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि एक्सचेंज ट्रेडिंग के लिए, खरीदने और बेचने के लिए जिम्मेदार है।

5. चलनिधि

तरलता उपलब्ध है क्योंकि इसका एक्सचेंज पर गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड कारोबार होता है और वहाँ हैंमंडी तरलता बनाने के लिए निर्माता (अधिकृत प्रतिभागी)। इसलिए किसी को बेचने के लिए दुकान खोजने की चिंता करने की जरूरत नहीं है या यहां तक कि मार्क-डाउन या यहां तक कि बिक्री के दौरान शुद्धता का परीक्षण करने की भी चिंता करने की जरूरत नहीं है।

6. चोरी का कोई खतरा नहीं

चूंकि गोल्ड ईटीएफ की इकाइयाँ धारक के डीमैट (डीमैटरियलाइज़्ड) खाते में होती हैं, इसलिए चोरी का कोई जोखिम नहीं होता है।

7. पवित्रता

गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने का एक सबसे बड़ा लाभ इसकी शुद्धता स्थिर है। शुद्धता के लिए कोई जोखिम नहीं है क्योंकि प्रत्येक इकाई शुद्ध सोने की कीमत से समर्थित है।

क्या है गोल्ड ETF? जानें इसमें निवेश करके कैसे कर सकते हैं कमाई

सोना प्राचीन काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है. हालांकि इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है. इस चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ.

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क्या है गोल्ड ETF? जानें इसमें निवेश करके कैसे कर सकते हैं कमाई

नई दिल्ली: शेयर मार्केट में रोजाना की गिरावट और उछाल के चलते सोने में निवेश सबसे सुरक्षित माना जाता है. हालांकि, सोना प्राचीन काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है. हालांकि इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है. इस चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ. यानी सोने को खरीदने की जगह आप गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं.

आसान शब्दों में समझें क्या है गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड ईटीएफ का अर्थ होता है गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड. इसकी ट्रेडिंग सभी बड़े स्टॉक एक्सचेंजेज में होती है. ट्रेडिंग के दौरान निवेशक किसी भी समय इन फंड को खरीद सकता है. इनकी वैल्यू मांग और आपूर्ति के आधार पर शेयर के दाम की तरह तय होती है. उसी तरह गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड बदलती भी रहती है. इन फंड की एनएवी सोने की कीमत के साथ जु़ड़ी रहती है. इसका अर्थ है कि फंड की कीमत सोने की कीमत के आधार पर बदलती रहती है. ये फंड उन निवेशकों के लिए हैं जो सोने की बदलती कीमतों के आधार पर मुनाफा कमाना चाहते हैं. चूंकि कारोबार के आखिर में निवेशकों को पैसे के रूप में रिर्टन मिलता है तो वो इस पैसे से सोना या और कोई माध्यम खरीद सकते हैं.

डीमेट अकाउंट के जरिये होती है खरीदी-बिक्री
गोल्ड ईटीएफ में आप सोने की खरीद ऑनलाइन करते हैं. इसे वहीं बेच भी सकते हैं. खरीदी-बिक्री डीमेट अकाउंट के जरिये होती है. गोल्ड ईटीएफ फंड बड़े पैमाने पर फिजिकल गोल्ड की खरीद करता है और उसे स्टोर करता है. यह ईटीएफ के पास होता है और निवेशकों को उनके निवेश के बदले शेयर ऑफर किए जाते हैं.

गोल्ड ईटीएफ के फायदे
- इसमें निवेशक जितनी चाहें उतनी चाहें उतनी यूनिट खरीद सकते हैं. इससे निवेशक जितनी चाहें उतनी राशि से फंड खरीद सकते हैं.
- एक कारोबारी दिन में निवेशकों को अलग-अलग वैल्यू मिलती है और वो किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. इसके जरिये निवेशक इंट्राडे मूवमेंट में भी पैसा कमा सकते हैं.
- निवेशकों को सोने को सुरक्षित रखने के जोखिम की चिंता नहीं रहती. इसमें सोने को खरीदने की तरह कई अन्य तरह के चार्ज नहीं होते.
- इसमें निवेशक अपनी सहूलियत के अनुसार एंट्री और एक्जिट ले पाता है तो फिजिकल गोल्ड में नहीं हो पाता है.

Gold ETF : अच्छा रिटर्न चाहिए तो ऐसे करें सोने में निवेश, दिवाली तक बढ़ सकती है कीमत

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Gold ETF दुनियाभर के बाजार जहां हर क्षेत्र में नकारात्मक रिटर्न दे रहे हैं, वहीं कोरोना काल में सोना चर्चा का विषय बन गया है। सोने के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और फिलहाल सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 50 हजार रुपए के भी पार हैं। बीते दो माह की ही बात की जाए तो सोने में निवेश करने वाले निवेशकों को शानदार रिटर्न मिला है और बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि दीपावली तक सोने के दाम 60 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। गोल्ड एक्सपर्ट्स की माने तो यह समय सोने में निवेश के लिए बहुत अच्छा है और आने वाले दो से तीन माह में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। ऐसे में यदि सोने की कीमतों में गिरावट भी आती है तो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना सुरक्षित हो सकता है। आइए जानते हैं क्या होता है गोल्ड ईटीएफ

सुरक्षित निवेश के लिए अपनाएं गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है, जो सोने में निवेश करता है। इस म्यूचुअल फंड योजना की यूनिट स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती हैं। गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड पैसिव तरीके से प्रबंधित किए जाने वाले इस प्रकार के गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड फंड होते हैं, जो फिजिकल गोल्ड के समान ही रिटर्न देता है।

ऐसे करना पड़ता है गोल्ड ईटीएफ में निवेश

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए कम से कम एक यूनिट खरीदनी पड़ती है। ये यूनिट एक ग्राम सोने के तुल्य होती है। हालांकि कुछ कंपनियां जैसे क्वांटम म्यूचुअल फंड आधे ग्राम सोने की यूनिट भी उपलब्ध कराता है। कोई भी निवेशक अपने ट्रेडिंग खाते के जरिए स्टॉक एक्सचेंज से गोल्ड ईटीएफ खरीद सकता है। जब निवेशक को जरुरत हो तो इसे ट्रेडिंग खाते के जरिए ही बेचा भी जा सकता है।

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गोल्ड ईटीएफ में निवेश के फायदे

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के कई फायदे हैं, क्योंकि गोल्ड ईटीएफ निवेशक के खाते में यूनिट के तौर पर दर्ज होता है। गौरतलब है कि साल 2007 में बेंचमार्क एमएफ ने भारत में पहला गोल्ड ईटीएफ लांच किया था और इस समय निवेश के लिए 13 गोल्ड ईटीएफ बाजार में उपलब्ध है।

दिवाली तक बढ़ सकती है सोने की कीमतें

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बाजार में विशेषज्ञों का मानना है कि दिवाली तक सोने की कीमत 60,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है, वहीं, कुछ का मानना है कि दिवाली तक डिमांड आने से सोने का भाव 65000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक भी हो सकता है, इसलिए गोल्ड ईटीएफ में निवेश को सुरक्षित माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार फिलहाल गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट 4400-4660 रुपए में मिल रही है, अगर आप आधे ग्राम की यूनिट खरीदना चाहें, तो यह अभी मिल सकती है। आप हर महीने कम से कम एक यूनिट की खरीदारी से शुरुआत कर सकते हैं, इस तरह सोने में थोड़ा-थोड़ा निवेश करके भविष्य के लिए भी पूंजी तैयार की जा सकती है।

एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड क्या है, इसमें निवेश कैसे फायदेमंद है?

ईटीएफ क्‍या है?

एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ प्रतिभूतियों का बास्‍केट होता है. इसकी स्‍टॉक एक्‍सचेंज पर खरीद-फरोख्‍त हो सकती है. ईटीएफ की पेशकश इक्विटी, बॉन्‍ड या गोल्‍ड जैसे एसेट पर की जाती है. देश में कुछ लोकप्रिय ईटीएफ में निफ्टी50 ईटीएफ, गोल्‍ड ईटीएफ, लिक्विड ईटीएफ और इंटरनेशनल ईटीएफ शामिल हैं. ईटीएफ जिस मूल्‍य पर ट्रेड किए जाते हैं, यह उनके एसेट्स की एनएवी पर निर्भर करता है. इसका मतलब हुआ कि अगर ये गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड गोल्‍ड ईटीएफ हैं तो इनका मूल्‍य सोने से और बॉन्‍ड ईटीएफ हैं तो बॉन्‍ड की कीमत से तय होता है. ईटीएफ जिस मूल्‍य पर ट्रेड किए जाते हैं, यह उनके एसेट्स की एनएवी पर निर्भर करता है. इसका मतलब हुआ कि अगर ये गोल्‍ड ईटीएफ हैं तो इनका मूल्‍य सोने से और बॉन्‍ड ईटीएफ हैं तो बॉन्‍ड की कीमत से तय होता है.

​एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड के क्‍या फायदे हैं?

​एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड के क्‍या फायदे हैं?

इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इन्‍हें रियल टाइम में खरीदा और बेचा जा सकता है. इनमें निवेश की लागत कम होती है. एक बार ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाने के बाद कारोबारी घंटों में इनकी आसानी से खरीद-फरोख्‍त हो सकती है. डीमैट अकाउंट का इस्‍तेमाल करके आप ऐसा कर सकते हैं. इनका एक्‍सपेंस रेशियो कम होता है. कम से कम एक यूनिट में निवेश किया जा सकता है. ईटीएफ निवेशकों को मार्केट में इंट्रा-डे मूवमेंट का फायदा उठाने का मौका देते हैं. ओपन-एंडेड फंडों के साथ यह मुमकिन नहीं है. चूंकि, फंड मैनेजर इन्‍हें सक्रिय तौर पर मैनेज नहीं करते हैं. इसलिए इनका कॉस्‍ट स्‍ट्रक्‍चर बहुत कम होता है. आप सिर्फ 0.05 से 0.10 फीसदी एक्‍सपेंस रेशियो में व्‍यापक इंडेक्‍स ईटीएफ खरीद और बेच सकते हैं.

​कब निवेशक ईटीएफ में पैसा लगाते हैं?

​कब निवेशक ईटीएफ में पैसा लगाते हैं?

जो निवेशक यह तय नहीं कर पाते हैं किस शेयर या सेगमेंट में अपना पैसा लगाएं, वे अक्‍सर इंडेक्‍स ईटीएफ में निवेश करते हैं. इसकी मदद से उन्‍हें निवेश को बनाए रखने में मदद मिलती है. अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर इनकी लोकप्रियता बढ़ने का कारण यह है कि इन्‍होंने हाल में सक्रिय रूप से प्रबंधित किए जाने वाले फंडों को पीछे छोड़ा है.

​क्‍या हैं नुकसान?

​क्‍या हैं नुकसान?

कुछ कम लोकप्रिय ईटीएफ में बहुत अधिक बोली हो सकती है जो आपका खरीद मूल्‍य बढ़ा दें या आपको बेचने के वक्‍त पर्याप्‍त लिक्विडिटी नहीं मुहैया कराएं. अगर आप ईटीएफ यूनिटों का बहुत कम हिस्‍सा खरीदते और बेचते हैं तो ब्रोकरेज और डीमैट चार्ज ज्‍यादा बैठ सकते हैं.

Web Title : what is exchange traded fund or etf, how investing is useful in it?
Hindi News from Economic Times, TIL Network

Investment Tips : धनतेरस पर यहां लगाएं पैसा, मिलेगा सोने जैसा खरा भरोसा और शेयरों जैसा आसान निवेश

गोल्‍ड ईटीएफ एक तरह से म्‍यूचुअल फंड की तरह होते हैं.

गोल्‍ड ईटीएफ एक तरह से म्‍यूचुअल फंड की तरह होते हैं.

इस त्‍योहारी सीजन में आप फिजिकल गोल्‍ड खरीदने के बजाए अगर गोल्‍ड ईटीएफ पर दांव लगाते हैं तो दोहरे फायदे में रहेंगे. एक . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 22, 2022, 07:44 IST

हाइलाइट्स

गोल्ड ईटीएफ को इलेक्ट्रॉनिक रूप में म्यूचुअल फंड यूनिट्स की तरह रखा जाता है.
गोल्ड ईटीएफ की भी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टिंग और ट्रेडिंग होती है.
कोई भी व्यक्ति किसी भी समय गोल्ड ईटीएफ को आसानी से खरीद और बेच सकता है.

नई दिल्‍ली. शुभ अवसरों पर सोना खरीदना हमेशा से भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है और इस फेस्टिव सीजन में लोगों ने सोने के गहने खरीदने की तैयारी कर ली है. एक निवेशक के रूप में आप कई प्रकार के सोने के प्रोडक्ट खरीदकर इसमें निवेश कर सकते हैं. बदलते माहौल के साथ फिजिकल सोने में पैसे लगाने से ज्‍यादा बेहतर ऑप्‍शन बन रहा है गोल्‍ड ईटीएफ. इसमें आपको सोने जैसा खरा भरोसा मिलता है तो शेयर बाजार का बंपर रिटर्न भी रहता है.

दरअसल, गोल्ड ईटीएफ भी आपके पैसों को फिजिकल गोल्ड में निवेश करते हैं और इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में म्यूचुअल फंड यूनिट्स की तरह रखा जाता है, जो एक डीमैट खाते में जमा रहते हैं. गोल्ड ईटीएफ की प्रत्येक यूनिट बहुत उच्च शुद्धता (high purity) के फिजिकल गोल्ड जैसी होती है. हर दूसरे ईटीएफ की तरह, गोल्ड ईटीएफ की भी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टिंग और ट्रेडिंग होती है. इसलिए, कोई भी व्यक्ति किसी भी समय गोल्ड ईटीएफ को आसानी से खरीद और बेच सकता है. तो, इस दिवाली आप भी गोल्‍ड ईटीएफ में पैसे लगाकर दोहरा लाभ कमाने का मौका बना सकते हैं.

गोल्ड ईटीएफ की खूबियां
छोटी मात्रा में निवेश : निवेशक गोल्ड ईटीएफ में कम से कम 45 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं, जो कि (20 अक्टूबर, 2022 तक) आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ की 1 यूनिट की कीमत है. ऐसे में देखा जाए तो एक निवेशक को गोल्‍ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए बड़ी रकम की जरूरत नहीं है, जबकि फिज़िकल सोना खरीदने के लिए ज्‍यादा पैसे चाहिए.

अफोर्डेबिलिटी : फिज़िकल सोने की खरीद, स्टोरेज और बीमा की तुलना में ईटीएफ में निवेश की लागत बहुत कम है.

विश्वसनीयता : गोल्ड ईटीएफ का लक्ष्य 99.5% गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड शुद्धता या इससे अधिक शुद्धता वाला सोना खरीदना है, जिससे ग्राहक किसी भी तरह की मिलावट से बचे रहते हैं.

कम खर्च : फिज़िकल सोने के निवेश की तुलना में ईटीएफ गोल्ड से जुड़े खर्च काफी कम हैं, क्योंकि इसमें कोई मेकिंग चार्ज नहीं रहता. उदाहरण के लिए, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ का एक्सपेन्स रेशियो 0.5% है जो गोल्ड ईटीएफ में सबसे सस्ता है.

लिक्विडिटी : गोल्ड ईटीएफ को किसी भी समय एक्सचेंज पर रीयल टाइम एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) पर ट्रेडिंग आवर्स के दौरान 1 यूनिट से बेचा (liquidated) जा सकता है. नतीजतन, यह आभूषणों, सिक्कों या बारों को बेचने की तुलना में अधिक आसान है.

कोलेटरल : ईटीएफ लोन के लिए कोलेटरल के रूप में स्वीकार किए जाते हैं, तो आपको जब भी इमरजेंसी में पैसे की जरूरत हो आप ईटीएफ के जरिये लोन ले सकते हैं.

टैक्स की बचत : गोल्ड ईटीएफ को यदि 3 साल से अधिक समय तक रखा जाता है तो इससे अर्जित आय को लॉंग टर्म कैपिटल गेन के रूप में माना जाता है. यह सोना रखने के लिए एक टैक्स बचाने का कुशल तरीका है.

डाइवर्सिटी : किसी के पोर्टफोलियो में विविधता (diversification) लाने के लिए एक टूल के रूप में गोल्‍ड ईटीएफ को भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

ये जानकारी है जरूरी
ईटीएफ की कीमतें फिज़िकल गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड गोल्ड की कीमतों की तरह बढ़ती या घटती हैं. नतीजतन, गोल्ड ईटीएफ को सोने की कीमत से लाभ उठाने के लिए एक टूल के रूप में उपयोग किया जाता है. यानी निवेशक वास्तविक संपत्ति खरीदे बिना सोने में निवेश के लाभ हासिल कर सकते हैं. इसे बेचने (redemption) पर निवेशक को नकद प्राप्त होता है न कि फिज़िकल गोल्ड. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते समय, एक निवेशक के पास सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से निवेश करने या एकमुश्त निवेश का विकल्प होता है.

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