शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने

Written by Web Desk Team | Published :November 21, 2022 , 11:06 am IST

महंगाई का मुकाबला करने के लिए, शेयर बाजारों और अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में निवेश और ट्रेडिंग पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है. यदि आप अपनी गाढ़ी कमाई को केवल फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे ट्रेडिशनल फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट (traditional financial instrument) में सेव करते हैं, तो आप अपने फाइनेंशियल गोल को पूरा करने से पीछे रह सकते हैं.

एक बिगिनर के रूप में आपको शेयर बाजार चुनौतीपूर्ण लग सकता है, हालांकि हम आपको आश्वस्त करते हैं कि ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना बहुत आसान है. ऑनलाइन ट्रेडिंग के आने से पहले, जो व्यक्ति बॉन्ड, शेयर, या अन्य सिक्योरिटीज जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को खरीदना या बेचना चाहते थे, उन्हें अपनी ब्रोकरेज फर्मों से संपर्क करना पड़ता था और उन्हें उनकी ओर से लेनदेन की व्यवस्था शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने करने के लिए कहना पड़ता था. इसके बाद, प्राइस चेक करने, कॉन्ट्रैक्ट वेरीफाई करने और अंत में ट्रेड की पुष्टि करने की एक लंबी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता था. हमें उस फीस को नहीं भूलना चाहिए जो ये ट्रेडिशनल ब्रोकर सर्विस के लिए मांगते थे. फिर आया डिस्काउंट ब्रोकर्स या ऑनलाइन ब्रोकर्स का युग, जिसने खेल को पूरी तरह से बदल दिया. इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग जो पहले कुछ चुनिंदा लोगों के लिए विशेष रूप से उपलब्ध थी अब बहुत बड़ी संख्या में आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया है.

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?
ऑनलाइन ट्रेडिंग फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को ऑनलाइन खरीदने और बेचने का एक सुविधाजनक तरीका है. इन लेन-देन को ऑनलाइन ब्रोकर्स के माध्यम से आसान बनाया जा सकता है जो इक्विटी, कमोडिटीज, बॉन्ड, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, फ्यूचर्स आदि जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करते हैं.

ऑनलाइन ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं?
किसी भी समय कहीं से भी ट्रेड करने की सुविधा: यदि आपके पास स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन तक पहुंच है तो आप अपने मोबाइल ट्रेडिंग ऐप से किसी भी समय (बाजार के घंटों के दौरान) कहीं से भी ट्रेड/निवेश कर सकते हैं.

अपने निवेश को रियल-टाइम के आधार पर ट्रैक करें और निवेश का निर्णय आसानी से लें: आप अपने निवेश और ट्रेंड्स को एक ही प्लेटफॉर्म पर ट्रैक कर सकते हैं. अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म ढेर सारे डेटा पॉइंट भी प्रदान करते हैं जिनसे आप खुद भी रिसर्च कर स्टॉक और अन्य वित्तीय साधनों में ट्रेड कर सकते हैं. यह आपको स्मार्ट निवेश और ट्रेडिंग डिसीजन लेने में मदद कर सकता है. जब भी आप अपने फोन या कंप्यूटर से लॉग इन करते हैं तो आप रीयल-टाइम प्रॉफिट या लॉस देख सकते हैं.

ट्रेड करने से पहले अपने ब्रोकर से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं: आपको कोई भी लेनदेन करने से पहले अपने ब्रोकर से बात करने की भी आवश्यकता नहीं है. इनफॉर्म्ड इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग डिसीजन लेने के लिए, आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखनी चाहिए और डेटा पॉइंट, पैटर्न, ट्रेंड और प्राइस मूवमेंट की समझ प्राप्त करनी चाहिए.

शुरुआती लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते हैं?
1) ब्रोकर का चयन करें: शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग में पहला कदम यह शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने निर्धारित करना है कि ब्रोकर वैध है या नहीं. यह देखना होगा कि यह सेबी पंजीकृत ब्रोकर है या नहीं. हर एक ब्रोकर को अपनी सेबी पंजीकृत आईडी को अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर डिस्प्ले करना जरूरी है. एक बार जब आप ब्रोकर की वैधता चेक कर लेते हैं, तो आपको दो प्रकार के ऑनलाइन ब्रोकरों में से चुनना होगा:

– डिस्काउंट ब्रोकर या
– फुल-सर्विस ब्रोकर्स

एक डिस्काउंट ब्रोकर आपको कम शुल्क में सभी आवश्यक ट्रेडिंग टूल प्रदान करेगा, एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज फर्म आपको उच्च शुल्क में निवेश सलाह प्रदान करेगी. इस प्रकार आपकी आवश्यकताओं के आधार पर, आप यह तय कर सकते हैं कि आप डिस्काउंट ब्रोकर शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने या फुल-सर्विस ब्रोकर के साथ जाना चाहते हैं. असल में, डी-आई-वाई ट्रेडर बनने के लिए इंटरनेट पर कई संसाधन उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और शेयर बाजारों के बारे में सीख सकते हैं. आप डिस्काउंट ब्रोकरेज चुन सकते हैं. यदि आपके पास अपने दम पर ट्रेड करने का ज्ञान है, यदि आप निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आपके पास बाज़ार का समय या समझ नहीं है, तो एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज अकाउंट एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

2) डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें: शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए अगला कदम और आरंभ करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना है. डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है जहां यह आपके स्टॉक, एमएफ इत्यादि को डीमैटरियलाइज्ड रूप में रखता है जैसे बैंक आपकी नकदी रखता है. जबकि, ट्रेडिंग अकाउंट एक इंटरफ़ेस है जिससे आप एक्चुअल ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इन दिनों डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बेहद सहज, तेज और पेपरलेस हो गया है. एक बार जब आप कुछ बेसिक डॉक्यूमेंट प्रस्तुत कर देते हैं तो आप उसी दिन से ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.

3) ट्रेडिंग शुरू करें: निवेश या ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना, शेयर बाजारों का कुछ ज्ञान हासिल करना और वर्चुअल ट्रेडिंग का अभ्यास करना एक अच्छा आईडिया है. एक बार जब आप इसे जान लें तो अपने ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से ट्रेडिंग शुरू करें. D-I-Y (do-it-yourself) इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए अपने ब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध विभिन्न टूल्स का उपयोग करें.

निष्कर्ष ये है कि शेयर बाजार में शुरुआत करने के लिए आपको एक ऑनलाइन ब्रोकर का चयन करना होगा, एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलना होगा और ट्रेडिंग शुरू करनी होगी. सुनिश्चित करें कि आप अपने ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म और वेब पर उपलब्ध लर्निंग मटेरियल और टूल्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हैं

शेयर बाजार में टिप्स और स्ट्रैटजी के साथ कामयाबी के लिए चाहिए लंबी प्लानिंग

इंटरनेट के युग में सभी अच्छे ब्रोकरेज फर्म के ऐप उपलब्ध हैं और सभी डिस्काउंट ब्रोकर की तरह कम ब्रोकरेज का लाभ दे रहे हैं। ये मार्जिन फंडिंग की भी सुविधा देते हैं। लगभग 10-12 फीसद सालाना ब्याज पर चुनिंदा शेयर खरीदने का अवसर है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में पैसे कैसे लगाएं इस प्रश्न पर हर किसी की अपनी-अपनी राय होती है जो बहुत-से लोग अक्सर जोरदार दावे के साथ सामने रखते हैं। उनमें बहुत से सही भी होते हैं इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन वे हर बार सही या फिर गलत होंगे यह समझना भूल है। इसकी बड़ी वजह शेयर बाजार का पल-प्रतिपल बदलना और अब तो देश-दुनिया के राजनीतिक-आर्थिक हालात भी बहुत तेजी से बदलते हैं लिहाजा हमंे यह समझना होगा कि शेयर बाजार में आगे रहने के लिए लंबी रेस का घोड़ा बनना है। यह बात इक्वीटी ही नहीं फ्यूचर-आप्शन पर भी लागू होता है। ऐसे में आपको टिप्स और स्ट्रैटेजी के साथ लंबी प्लानिंग करनी होगी।

Stock Market Investment: What is Demat Account and Trading Account

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लंबी प्लानिंग का अर्थ कम से कम 6 महीने का समय है जिस दौरान अच्छे शेयर खासी गिरावट के बावजूद वापस सही स्तर पर आ जाते हैं। अब सवाल उठता है कि अच्छे शेयर कौन हैं? इसके लिए आप निफ्टी के शेयरों पर वेटेज के हिसाब से ध्यान दें। आपको रिलायंस, एचडीएफसी बैंक, टीसीएल, इन्फोसिस, एल एण्ड टी, यूनिलीवर जैसे कुछ नाम मिलेंगे जिनके बारे में ज्यादा आर एण्ड डी नहीं करना होगा। अब आप खुद इन शेयरों के ग्राफ देखें तो पता चलेगा कि इन शेयरों ने पिछले 6 महीनों में बेशक 25 फीसद गिरावट देखी हो पर धीरे-धीरे सही स्तर पर वापस आ जाते हैं। इनके अतिरिक्त मोनोपॉली के कुछ शेयर खरीद सकते हैं जैसे एनटीपीसी और पावरग्रिड। जरा सोचिए, देश में इनके विकल्प हैं क्या? फिलहाल एक भी नहीं है।

लंबी प्लानिंग करने और शेयरों के चुनाव के बाद यह जानना जरूरी है कि किस अनुपात में और कब-कब खरीदें। चूंकि बताए गए शेयरों का पोर्टफोलिया छोटा होगा इसलिए इनमें प्रत्येक पर हर दिन एक बार नजर डालना कठिन ना होगा चाहे आप किसी और रोजगार में क्यों ना हों। आप देखेंगे कि आए दिन इनमें किसी-ना-किसी शेयर का दाम गिरेगा और वह शेयर कम दाम पर आपकी झोली में आ गिरेगा। इस तरह 10 शेयरों के पोर्टफोलियो में आप केवल धैर्य रखने से 10 फीसद तक बचा लेंगे। और शेयर बाजार में कुछ भी बचा लेना और टिका रहना ही सबसे बड़ी बात है। इसके उलट यदि आप आए दिन नए-नए टिप्स पर कदम उठाएंगे तो मुमकिन ही आपके पास भंगार की दुकान होगी और इसमें मौजूद शेयरों के दाम इतने गिरे होंगे कि उन्हें रखना और बेचना दोनों कठिन होगा।

ऊपर बताए शेयरों के अतिरिक्त भी शेयर खरीदने में हर्ज नहीं है। लेकिन उनके बारे में अधिक से अधिक और नियमित रूप से जानकारी रखना उचित होगा। किस सेक्टर में कब पैसे लगाएं इसका ध्यान देना होगा। सेक्टर के हालात देख कर उसके किसी शेयर में पैसा लगाना बुद्धिमानी का काम है। मिसाल के तौर पर पिछले कुछ महीनों से आईटी सेक्टर कमजोर है तो अगले कुछ महीनों में उसमें बढ़त की संभावना अधिक है।

इंटरनेट के युग में सभी अच्छे ब्रोकरेज फर्म के ऐप उपलब्ध हैं और सभी डिस्काउंट ब्रोकर की तरह कम ब्रोकरेज का लाभ दे रहे हैं। इतना ही नहीं, मार्जिन फंडिंग की भी सुविधा देते हैं जिसका अर्थ बहुत कम ब्याज दर लगभग 10-12 फीसद सालाना पर चुनिंदा शेयर खरीदने का अवसर है। जानकारों से राय लेकर आप अच्छे शेयर में मार्जिन फंडिंग का लाभ ले सकते हैं।

शेयर बाजार में निवेश के लिए जरूरी है डीमैट खाता, जानिये क्या हैं इसके फायदे

डीमैट अकाउंट आपके निवेश दस्तावेज को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखता है जिससे इनके चोरी होने , नष्ट होने या खो जाने का जोखिम नहीं रहता।

शेयर बाजार में निवेश के लिए जरूरी है डीमैट खाता, जानिये क्या हैं इसके फायदे

शेयर बाजार में निवेश के लिए सबसे जरूरी होता है कि निवेशक के पास उसका अपना एक डीमैट खाता हो. इसलिए कोई भी शख्स अगर बाजार में निवेश की योजना बनाता है तो पहले उसे डीमैट अकाउंट (Demat account) खुलवाना होता है. ऐसे में आपके मन में सवाल उठना तय है कि ये डीमैट अकाउंट होता क्या है, और इसके फायदे क्या है. दरअसल डीमैट को समझना, उसकी पूरी जानकारी रखना और सही ब्रोकर के साथ डीमैट खाता खुलवाना ही तय करता है कि आप आने वाले वक्त में बाजार (stock market) का कितना फायदा उठा सकते हैं. दरअसल डीमैट के साथ निवेश की लागत, समय के साथ मिलने वाली निवेश की सलाहें, और निवेश करने में आसानी जैसी कई बातें जुड़ी होती. ऐसे में आज हम आपको डीमैट अकाउंट से जुड़े कुछ अहम सवालों के जवाब दे रहे हैं जिससे आप इसका पूरा फायदा उठा सकें.

क्या होता है डीमैट अकाउंट

डीमैट शब्द डीमटिरिलाइजेशन (Dematerialisation)से बना है. एनएसडीएल के मुताबिक डीमटिरिलाइजेशन एक ऐसी प्रकिया है जिसमें क्लाइंट अपने निवेश से जुड़े पेपर को डिजिटल रूप में रखता है. डीमैट अकाउंट वो अकाउंट या खाता होता है जहां निवेश से जुड़े दस्तावेज डिजिटल रूप में रखे जाते हैं. ये एक बैंक खाते जैसा होता है लेकिन इसमें कैश की जगह आपके निवेश दस्तावेज जैसे शेयर, बॉन्ड आदि इलेक्ट्रॉनिक रूप जमा रहते हैं. हर ग्राहक का अपना एक अलग और खास डीमैट अकाउंट होता है, जो खास लॉगइन आईडी और पासवर्ड से सुरक्षित होता है । खरीद और बिक्री की सुविधा के लिए डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक खाते के साथ लिंक होता है।

क्यों जरूरी होता है डीमैट खातों को गंभीरता से लेना

देश के अधिकांश ब्रोकर और डिस्काउंट ब्रोकर ऐसे खाते खोलते हैं. ये सभी एक खास शुल्क लेकर जिसे ब्रोकरेज कहते हैं कारोबार की सुविधा देते हैं वहीं अपने खाता धारकों को निवेश सलाह, रिसर्च और अपनी खुद की सलाह के लिए टूल्स ऑफर करते हैं. अलग अलग ब्रोकर के ब्रोकरेज अलग अलग होते हैं जिससे निवेश की लागत पर असर पड़ता है. वहीं निवेश सलाहें इस बात पर तय होती हैं कि ब्रोकरेज की टीम कितनी अनुभवी है. यानि साफ है कि किसी अच्छे ब्रोकर के साथ डीमैट खुलवाने का फैसला आपकी आगे की राह आसान करता है.

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डीमैट अकाउंट के क्या हैं फायदे

डीमैट अकाउंट आपके निवेश दस्तावेज को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखता है जिससे इनके चोरी होने , नष्ट होने या खो जाने का जोखिम नहीं रहता. अगर आपके पास पहले के शेयर सर्टिफिकेट हैं या फिर दूसरे निवेश दस्तावेज हैं, आप उन्हें भी डिजिटल रूप में डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं और तनाव मुक्त हो सकते हैं. इसके साथ ही डीमैट अकाउंट आपको तेजी के साथ ट्रेड करने में मदद करता है। डीमैट अकाउंट के ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक खाते के साथ लिंक होने की वजह से आप न केवल तेजी के साथ निवेश कर सकते हैं साथ ही आप निवेश से पैसा भी उतनी ही तेजी के साथ निकाल सकते हैं. डीमैट की मदद से आप अपने निवेश को बेहद आसानी के साथ ट्रैक कर सकते हैं. वहीं बोनस शेयर, डिविडेंड, स्टॉक स्पिलिट, जैसी कई कॉर्पोरेट गतिविधियों की आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं होती. कंपनियों इससे जुड़े फायदे सीधे आपके खाते में ट्रांसफर कर देती हैं. आप आईपीओ जैसे निवेश के मौकों का भी सिर्फ कुछ क्लिक से फायदा उठा शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने पाते हैं डीमैट अकाउंट ग्राहकों के लिए निवेश प्रक्रिया आसान और पारदर्शी बनाने का, ट्रांजेक्शन को तेजी के साथ पूरी करने का और आम निवेशकों के लिए डॉक्यूमेंट्स से जुड़े जोखिमों और समस्याओं को खत्म करने का कारगर तरीका है.

शेयर बाजार में ऐसे. बनाएं शानदार करियर, लाखों में होगी कमाई, नौकरी के ढेरों विकल्प

नईदिल्ली। यदि आप कॉमर्स के छात्र है या शेयर बाजार में निवेश करने में आपकी रूचि है तो आपने निफ्टी, सेंसेक्स, शेयर ब्रोकर जैसे शब्द जरूर सुने होंगे। इन दिनों निवेश की इच्छा रखने वाले युवा शेयर बाजार में जमकर पैसा लगा रहे है। आप भी इस क्षेत्र में यदि आगे बढ़ना चाह रहे है तो बता दें की शेयर बाजार कोई बच्चों का खेल नहीं है। यहां पैसा लगाने से पहले आपको इस मार्केट की जानकारी होना बेहद जरुरी है। क्योंकि जानकारी के अभाव में आपको नुकसान भी हो सकता है। यदि आपको शेयर बाजार में दिलचस्पी और जानकारी है तो आप भी इस क्षेत्र में शानदार करियर बना सकते है।

इस क्षेत्र में आप स्टॉक ब्रोकर के रूप में काम कर सकते है। जो व्यक्ति किसी इन्वेस्टर और शेयर मार्केट के बीच काम करता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है। इस फील्ड में जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। ब्रोकर के बिना किसी भी इन्वेस्टर या निवेशक के लिए स्टॉक मार्केट में बेस्ट परफॉर्मेंस दे पाना मुश्किल है। ये इस मार्किट की अहम कड़ी होता है।

स्टॉक ब्रोकर 2 तरह के होते हैं -

फुल टाइम ब्रोकर -

फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट्स को स्टॉक एडवाइजरी, स्टॉक खरीदने के लिए मार्जिन मनी की सुविधा, मोबाइल फोन पर ट्रेडिंग सुविधा और IPO में इन्वेस्टमेंट जैसी सर्विस देते हैं। इस सर्विस की फीस ज्यादा होती है। फुल टाइम स्टॉक ब्रोकर की कस्टमर सर्विस काफी अच्छा मान जाता है।

डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर –

दूसरा होता है डिस्काउंट सर्विस स्टॉक ब्रोकर। ये अपने क्लाइंट से ब्रोकरेज लेकर शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा देता है। लेकिन ये अपने किसी भी क्लाइंट को स्टॉक एडवाइजरी और रिसर्च की सुविधा नहीं देते हैं। अकाउंट खोलने से लेकर इनके अभी काम ऑनलाइन माध्यम से ही होते है।

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए योग्यता -

उम्मीदवार यदि कॉमर्स स्ट्रीम से है तो उसके लिए ये फील्ड बेहतर है। एक स्टॉक ब्रोकर को एकाउंटेंसी, कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की अच्छी नॉलेज होनी बेहद जरूरी है। जिसके लिए वह 12वीं के बाद इन विषयों में यूजी एवं पीजी कोर्स कर सकते है। स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 'एनसीएफएम कोर्स' ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम भी उपलब्ध हैं।

नौकरी एवं वेतन -

इस फिल्ड में नौकरी की अपर संभावनाएं है। आप स्टॉक एक्सचेंज, फॉरेन इन्वेस्टमेंट फर्म्स, रेगुलेशन अथॉरिटी, म्यूचुअल फंड वाली कंपनी, इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंसी, ब्रोकर फर्म्स, इंश्योरेंस एजेंसी, बैंक आदि में नौकरी पा सकते है। शुरूआती सालों में 20 से 30 हजार एवं अनुभव के बाद आप 5 से आठ लाख रुपए प्रति वर्ष कमा सकते है।

शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने

Written by Web Desk Team | Published :November 21, 2022 , 11:06 am IST

महंगाई का मुकाबला करने के लिए, शेयर बाजारों और अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में निवेश और ट्रेडिंग पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है. यदि आप अपनी गाढ़ी कमाई को केवल फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे ट्रेडिशनल फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट (traditional financial instrument) शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने में सेव करते हैं, तो आप अपने फाइनेंशियल गोल को पूरा करने से पीछे रह सकते हैं.

एक बिगिनर के रूप में आपको शेयर बाजार चुनौतीपूर्ण लग सकता है, हालांकि हम आपको आश्वस्त करते हैं कि ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना बहुत आसान है. ऑनलाइन ट्रेडिंग के आने से पहले, जो व्यक्ति बॉन्ड, शेयर, या अन्य सिक्योरिटीज जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को खरीदना या बेचना चाहते थे, उन्हें अपनी ब्रोकरेज फर्मों से संपर्क करना पड़ता था और उन्हें उनकी ओर से लेनदेन की व्यवस्था करने के लिए कहना पड़ता था. इसके बाद, प्राइस चेक करने, कॉन्ट्रैक्ट वेरीफाई करने और अंत में ट्रेड की पुष्टि करने की एक लंबी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता था. हमें उस फीस को नहीं भूलना चाहिए जो ये ट्रेडिशनल ब्रोकर सर्विस के लिए मांगते थे. फिर आया डिस्काउंट ब्रोकर्स या ऑनलाइन ब्रोकर्स का युग, जिसने खेल को पूरी तरह से बदल दिया. इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग जो पहले कुछ चुनिंदा लोगों के लिए विशेष रूप से उपलब्ध थी अब बहुत बड़ी संख्या में आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया है.

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?
ऑनलाइन ट्रेडिंग फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को ऑनलाइन खरीदने और बेचने का एक सुविधाजनक तरीका है. इन लेन-देन को ऑनलाइन ब्रोकर्स के माध्यम से आसान बनाया जा सकता है जो इक्विटी, कमोडिटीज, बॉन्ड, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, फ्यूचर्स आदि जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करते हैं.

ऑनलाइन ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं?
किसी भी समय कहीं से भी ट्रेड करने की सुविधा: यदि आपके पास स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन तक पहुंच है तो आप अपने मोबाइल ट्रेडिंग ऐप से किसी भी समय (बाजार के घंटों के दौरान) कहीं से भी ट्रेड/निवेश कर सकते हैं.

अपने निवेश को रियल-टाइम के आधार पर ट्रैक करें और निवेश का निर्णय आसानी से लें: आप अपने निवेश और ट्रेंड्स को एक ही प्लेटफॉर्म पर ट्रैक कर सकते हैं. अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म ढेर सारे डेटा पॉइंट भी प्रदान करते हैं जिनसे आप खुद भी रिसर्च कर स्टॉक और अन्य वित्तीय साधनों में ट्रेड कर सकते हैं. यह आपको स्मार्ट निवेश और ट्रेडिंग डिसीजन लेने में मदद कर सकता है. जब भी आप अपने फोन या कंप्यूटर से लॉग इन करते हैं तो आप रीयल-टाइम प्रॉफिट या लॉस देख सकते हैं.

ट्रेड करने से पहले अपने ब्रोकर से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं: आपको कोई भी लेनदेन करने से पहले अपने ब्रोकर से बात करने की भी आवश्यकता नहीं है. इनफॉर्म्ड इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग डिसीजन लेने के लिए, आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखनी चाहिए और डेटा पॉइंट, पैटर्न, ट्रेंड और प्राइस मूवमेंट की समझ प्राप्त करनी चाहिए.

शुरुआती लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते हैं?
1) ब्रोकर का चयन करें: शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग में पहला कदम यह निर्धारित करना है कि ब्रोकर वैध है या नहीं. यह देखना होगा कि यह सेबी पंजीकृत ब्रोकर है या नहीं. हर एक ब्रोकर को अपनी सेबी पंजीकृत आईडी को अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर डिस्प्ले करना जरूरी है. एक बार जब आप ब्रोकर की वैधता चेक कर लेते हैं, तो आपको दो प्रकार के ऑनलाइन ब्रोकरों में से चुनना होगा:

– डिस्काउंट ब्रोकर या
– फुल-सर्विस ब्रोकर्स

एक डिस्काउंट ब्रोकर आपको कम शुल्क में सभी आवश्यक ट्रेडिंग टूल प्रदान करेगा, एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज फर्म आपको उच्च शुल्क में निवेश सलाह प्रदान करेगी. इस प्रकार आपकी आवश्यकताओं के आधार पर, आप यह तय कर सकते हैं कि आप डिस्काउंट ब्रोकर या फुल-सर्विस ब्रोकर के साथ जाना चाहते हैं. असल में, डी-आई-वाई ट्रेडर बनने के लिए इंटरनेट पर कई संसाधन उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से आप ऑनलाइन शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने ट्रेडिंग और शेयर बाजारों के बारे में सीख सकते हैं. आप डिस्काउंट ब्रोकरेज चुन सकते हैं. यदि आपके पास अपने दम पर ट्रेड करने का ज्ञान है, यदि आप निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आपके पास बाज़ार का समय या समझ नहीं है, तो एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज अकाउंट एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

2) डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें: शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए अगला कदम और आरंभ करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना है. डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है जहां यह आपके स्टॉक, एमएफ इत्यादि को डीमैटरियलाइज्ड रूप में रखता है जैसे बैंक आपकी नकदी रखता है. जबकि, ट्रेडिंग अकाउंट एक इंटरफ़ेस है जिससे आप एक्चुअल ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इन दिनों डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बेहद सहज, तेज और पेपरलेस हो गया है. एक बार जब आप कुछ बेसिक डॉक्यूमेंट प्रस्तुत कर देते हैं तो आप उसी दिन से ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.

3) ट्रेडिंग शुरू करें: निवेश या ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना, शेयर बाजारों का कुछ ज्ञान हासिल करना और वर्चुअल ट्रेडिंग का अभ्यास करना एक अच्छा आईडिया है. एक बार जब आप इसे जान लें तो अपने ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से ट्रेडिंग शुरू करें. D-I-Y (do-it-yourself) इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए अपने ब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध विभिन्न टूल्स का उपयोग करें.

निष्कर्ष ये है कि शेयर बाजार में शुरुआत करने के लिए आपको एक ऑनलाइन ब्रोकर का चयन करना होगा, एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलना होगा और ट्रेडिंग शुरू करनी होगी. सुनिश्चित करें कि आप अपने ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म और वेब पर उपलब्ध लर्निंग मटेरियल और टूल्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हैं

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