इक्विटी सेविंग्स फंड्स: म्यूचुअल फंड की ये स्कीम इक्विटी, डेट और आर्ब्रिट्राज में निवेश करती है. कुल एसेट का कम से कम 65 फीसदी शेयरों में निवेश करना होगा. इसी तरह कम से कम 10 फीसदी निवेश डेट में करना होता है.

हाइब्रिड फंड: एक विस्तृत अवलोकन

हाइब्रिड फंड एक प्रकार के होते हैंम्यूचुअल फंड्स जो इक्विटी के संयोजन के रूप में कार्य करता है औरडेट फंड. हाइब्रिड म्युचुअल फंड अनुमति देते हैं aइन्वेस्टर इक्विटी और डेट मार्केट दोनों में निश्चित अनुपात में निवेश करना। इन फंडों में म्यूचुअल फंड निवेश का अनुपात या तो पूर्व निर्धारित होता है या समय के साथ बदल सकता है। हाइब्रिड फंड इनमें से एक हैंसर्वश्रेष्ठ निवेश योजना क्योंकि वे न केवल निवेशकों को आनंद लेने की अनुमति देते हैंराजधानी विकास लेकिन स्थिर भी होआय नियमित अंतराल पर।

Hybrid-funds

आमतौर पर, हाइब्रिड फंड रिटर्न विविध होते हैंम्यूचुअल फंड्स इन फंडों के एक निश्चित अनुपात के रूप में आवेगी इक्विटी बाजारों में निवेश किया जाता है। हालांकि, जोखिमफ़ैक्टर बैलेंस्ड फंड (एक प्रकार का हाइब्रिड फंड) की तुलना में बहुत अधिक हैमासिक आय योजना (एक अन्य प्रकार के हाइब्रिड फंड)।

हाइब्रिड फंड की श्रेणियाँ

6 अक्टूबर 2017 को, भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हाइब्रिड फंड की छह श्रेणियां पेश कीं। इसने इक्विटी और डेट फंडों को फिर से वर्गीकृत किया है। यह विभिन्न म्यूचुअल फंड द्वारा शुरू की गई समान योजनाओं में एकरूपता लाने के लिए है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना और सुनिश्चित करना है कि निवेशकों को उत्पादों की तुलना करना और पहले उपलब्ध विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन करना आसान हो जाएनिवेश एक योजना में। सेबी का इरादा निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड निवेश को आसान बनाना है, ताकि वे अपनी जरूरत के अनुसार निवेश कर सकें,वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम क्षमता।

इस योजना का मुख्य रूप से ऋण साधनों में निवेश किया जाएगा। उनकी कुल संपत्ति का लगभग 75 से 90 प्रतिशत ऋण उपकरणों में और लगभग 10 से 25 प्रतिशत इक्विटी से संबंधित उपकरणों में निवेश किया जाएगा। इस योजना को रूढ़िवादी नाम दिया गया है क्योंकि यह जोखिम से बचने वाले लोगों के लिए है। जो निवेशक अपने निवेश में ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, वे इस योजना में निवेश करना पसंद कर सकते हैं।

बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड

यह फंड अपनी कुल संपत्ति का लगभग 40-60 प्रतिशत डेट और इक्विटी दोनों उपकरणों में निवेश करेगा। बैलेंस्ड फंड का लाभकारी कारक यह है कि वे कम जोखिम वाले कारक के साथ इक्विटी तुलनीय रिटर्न प्रदान करते हैं।

  • आक्रामक हाइब्रिड फंड- यह फंड अपनी कुल संपत्ति का लगभग 65 से 85 प्रतिशत इक्विटी से संबंधित उपकरणों में और अपनी संपत्ति का लगभग 20 से 35 प्रतिशत ऋण उपकरणों में निवेश करेगा।म्यूचुअल फंड हाउस संतुलित हाइब्रिड या आक्रामक हाइब्रिड फंड की पेशकश कर सकते हैं, दोनों नहीं।

डायनेमिक एसेट एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड

यह योजना इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में उनके निवेश को गतिशील रूप से प्रबंधित करेगी। ये फंड ऋण के आवंटन को बढ़ाते हैं और वेटेज को कम करते हैंइक्विटीज जबमंडी महंगा हो जाता है। साथ ही, ये फंड कम जोखिम पर स्थिरता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

यह योजना तीन परिसंपत्ति वर्गों में निवेश कर सकती है, जिसका अर्थ है कि वे इक्विटी और ऋण के अलावा एक अतिरिक्त परिसंपत्ति वर्ग में निवेश कर सकते हैं। फंड को हर एसेट क्लास में कम से कम 10 फीसदी निवेश करना चाहिए। विदेशी प्रतिभूतियों को एक अलग परिसंपत्ति वर्ग के रूप में नहीं माना जाएगा।

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड: कम रिस्क के साथ मिलेगा बेहतर रिटर्न, किसे करना चाहिए निवेश?

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड: कम रिस्क के साथ मिलेगा बेहतर रिटर्न, किसे करना चाहिए निवेश?

Hybrid Mutual Funds: म्यूचुअल फंडों की अलग अलग कैटेगिरी में एक हाइब्रिड फंड भी है. ऐसी स्कीमें इक्विटी और डेट दोनों तरह के एसेट क्‍लास में निवेश करती हैं.

Hybrid Mutual Funds: म्यूचुअल फंडों की अलग अलग कैटेगिरी में एक हाइब्रिड फंड भी है. ऐसी स्कीमें इक्विटी और डेट दोनों तरह के एसेट क्‍लास में निवेश करती हैं. अगर आप कन्जर्वेटिव इन्वेस्टर हैं यानी बाजार का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो आपके लिए हाइब्रिड म्यूचुअल फंड अच्छे विकल्प हैं. इनमें जहां दूसरे कैटेगिरी के मुकाबले रिस्क कम है, वहीं रिटर्न भी बेहतर मिल रहा है. पिछले 3 से 5 साल के दौरान कई ऐसे फंड हैं, जिन्होंने डबल डिजिट में यानी 10 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. एक्सपर्ट का कहना है कि कोविड 19 संकट में अगर बाजार में अनिश्चितता को लेकर निवेशक कन्फ्यूज हैं तो, हाइब्रिड फंड में जोखिम से सुरक्षा मिल सकती है.

बेहतर मिल रहा है रिटर्न

इनमें भी अलग अलग स्कीम हैं. एग्रेसिव हाइब्रिड, कंजर्वेटिव हाइब्रिड, बैलेंस्ड हाइब्रिड, डायनेमिक एसेट एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज, मल्टी एसेट एलोकेशन, आर्बिट्राज और इक्विटी सेविंग स्कीम इनमें शामिल हैं. बीते 5 साल की बात करें तो एग्रेसिव हाइब्रिड फंडों का औसत रिटर्न 10.50 फीसदी रहा है. बैलेंस्ड हाइब्रिड सेग्मेंट का औसत रिटर्न 5 साल में करीब 8 फीसदी रहा है. कंजर्वेटिव हाइब्रिड में 5 साल का औसत रिटर्न 7 फीसदी रहा है. हाइब्रिड इक्विटी सेविंग में 5 साल का औसत रिटर्न 7 फीसदी से ज्यादा रहा है.

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड एक से अधिक एसेट क्लास में निवेश करते हैं. इनमें इक्विटी और डेट एसेट शामिल हैं. कई बार ये स्कीमें सोने में भी पैसा लगाती हैं. यानी एक ही प्रोडक्ट में इक्विटी, डेट और सोने में पैसा लगाने का मौका मिलता है. इस तरह से इनका निवेश काफी डायवर्सिफाइड होता है. इसका हाइब्रिड फंड क्या हैं फायदा यह है कि अगर इक्विटी में रिटर्न बिगड़ता है तो डेट या सोने का रिटर्न ओवरआल रिटर्न बैलेंस कर सकता है. उसी तरह से डेट या सोने में रिटर्न कमजोर पड़े तो इक्विटी का रिटर्न इसे बैलेंस कर देता है.

विदेशी बाजारों में भी निवेश का मौका

हाल ही में पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न के लिए इंटरनेशनल इक्विटी में निवेश शुरू किया है. पीजीआईएम इंडिया हाइब्रिड इक्विटी फंड ने पीजीआईएम जेनिसन ग्लोबल इक्विटी अपॉर्च्युनिटी फंड के माध्यम से इंटरनेशनल इक्विटीज में निवेश करना शुरू किया है. फंड 3 अलग-अलग एसेट क्लास जैसे डोमेस्टिक इक्विटी, डोमेस्टिक डेट और इंटरनेशनल इक्विटीज में निवेश करता है, जिससे पोर्टफोलियो की अस्थिरता को कम करने में मदद मिलती है.

इससे फंड उन निवेशकों के लिए आकर्षक हो जाता है जो स्टडी कंपाउंडर्स और वैश्विक दिग्गज कंपनियों में निवेश करके इन्वेस्टमेंट ग्रोथ की संभावनाएं तलाशते हैं. वहीं उनके लिए भी जो फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट और हाई क्वालिटी लो ड्यूरेशन निवेश से से पोर्टफोलियो में स्थिरता चाहते हैं.

किसे करना चाहिए निवेश

एसेट एलोकेशन और डायवर्सिफिकेशन पर फोकस कर म्यूचुअल फंड की ये स्कीमें तमाम एसेट क्लास में निवेश करती हैं. इनमें वे निवेशक भी पैसा लगा सकते हैं जो न के बराबर जोखिम ले सकते हैं. थोड़ा जोखिम लेने की क्षमता रखने वालों के लिए भी ये सही हैं. हालांकि हाइब्रिड फंड क्या हैं एग्रसिव इन्वेस्टर्स भी इनमें पैसा लगा सकते हैं. अगर आप म्यूचुअल फंड के नए निवेशक हैं तो ये स्कीम बेहतर हो सकती है.

एग्रेसिव हाइब्रिड फंड: म्यूचुअल फंड की इस कटेगिरी में 65 से 80 फीसदी निवेश इक्विटी में होता है. वहीं, हाइब्रिड फंड क्या हैं 20 से 35 फीसदी निवेश डेट में किया जाता है.

बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड और एग्रेसिव हाइब्रिड फंड: बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड अपने कुल एसेट का करीब 40 से 60 फीसदी इक्विटी या डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हें. ये स्कीम आर्बिट्राज में निवेश नहीं कर सकती हैं.

डायनेमिक एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड: म्यूचुअल फंड की ये स्कीम कुल निवेश का 100 फीसदी इक्विटी या डेट में निवेश कर सकती है. यह अपने निवेश का प्रबंधन डायनेमिक तरीके से करती है.

Hybrid Mutual Funds : 3 फंड्स ने 15 साल में किया निवेशकों को मालामाल, बाजार में अस्थिरता पर भी नहीं घटा रिटर्न

  • News18Hindi Last Updated : August 09, 2022, 15:55 IST

 हाइब्रिड फंड (Hybrid Funds) म्यू्चुअल फंड (Mutual Funds) की ऐसी स्कीम है, जो शेयर और डेट में पैसे लगाती है. एग्रेसिव फंड (Aggressive Fund) हाइब्रिड फंड की सब-कैटेगरी है. एग्रेसिव फंड अपना 65 से 80 फीसदी पैसा शेयरों में लगाते हैं. बाकी राशि यह डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है. एग्रेसिव हाइब्रिड फंड अपना ज्यादा पैसा शेयरों में निवेश करता है, जिससे मार्केट में तेजी का फायदा इससे मिलता है. जब मार्केट में गिरावट आती है तो डेट में इसका निवेश इसके रिटर्न को ज्‍यादा गिरने नहीं देता. हम आपको कुछ एग्रेसिव फंडों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने 15 साल में सिप से किए गए निवेश के पैसे को तिगुना किया है.

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड क्या हैं? | Hybrid Fund कैसे काम करता है?

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड क्या हैं

इससे पिछले आर्टिकल में हमने अपने पाठकों को लिक्विड म्यूचुअल फंड के बारे में जानकारी प्रदान की थी और आज के इस लेख में हम म्यूचुअल फंड के एक और प्रकार हाइब्रिड म्यूचुअल फंड के बारे में बताने जा रहे है.

हाइब्रिड फंड क्या है? हाइब्रिड फंड कैसे काम करता है? हाइब्रिड फंड के प्रकार कौन कौन से है? यदि आप Hybrid Mutual Fund में निवेश करने के बारे में विचार कर रहे हैं तो इसके संबंध में पूरी जानकारी इस आर्टिकल में प्राप्त करें

हाइब्रिड फंड क्या हैं | What is Hybrid Fund

म्यूचुअल फंड का एक और प्रकार हाइब्रिड म्यूचुअल फंड है जिसके अंतर्गत अलग अलग प्रकार की एसेट्स में निवेश किया जाता हैं। हाइब्रिड फंड के नाम से ही आपको पता चल गया होगा की Hybrid Mutual Fund दो फंड इक्विटी और डेट फंड के मिश्रण से बना है।

अर्थात हाइब्रिड फंड के पोर्टफोलियो में इक्विटी फंड और डेट फंड का संतुलन पाया जाता है। फंड के लक्ष्यों के अनुसार इनका अनुपात तय किया जाता है। हर एक हाइब्रिड फंड में इक्विटी और डेट का मिश्रण अलग अलग होता है। सभी हाइब्रिड फंड, इक्विटी फंड की श्रेणी के अंतर्गत ही आते है।

हाइब्रिड फंड कैसे काम करता हैं | How Does Hybrid Fund Works?

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड लंबी अवधि में अच्छी संपति के निर्माण के लिए एक बेहतर विकल्प माना जाता है। इन फंड का उद्देश्य ऐसे निवेशकों के लिए एक संतुलित पोर्टफोलियो तैयार करना है जो मॉडरेट जोखिम सहन करना चाहते हैं.

हाइब्रिड फंड के प्रकार | Types of Hybrid Funds

जिस प्रकार म्यूचुअल फंड के कई सारे प्रकार है उसी तरह हाइब्रिड फंड को भी आगे कई सारे भागों में विभाजित किया गया है जिनके बारे में नीचे जानकारी दी गई है।

1. Equity Oriented Hybrid Fund

इस तरह में फंड में एसेट्स का कुल 65% हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाता है और 35% हिस्सा डेट फंड तथा मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर दिया जाता है। इक्विटी यहां पर हाइब्रिड फंड की ग्रोथ में मदद करता है जबकि डेट स्थायित्व प्रदान करने में मदद करता है।

2. Debt Oriented Hybrid Fund

डेट ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड के अंतर्गत एसेट्स का कुल 65% हिस्सा बॉन्ड्स, डिबेंचर्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटी जैसे फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है जबकि बचा हुआ 35% हिस्सा इक्विटी में निवेश कर दिया जाता है।

3. Monthly Income Plans

यह ऐसे फंड होते है जिसमे एसेट्स का बहुत ही छोटा हिस्सा जैसे की 15 से 20% ही इक्विटी में निवेश किया जाता है। बाकी बचे हुए हिस्से को पूर्ण रूप से डेट में निवेश किया जाता है। अतः यहां से अच्छे रिटर्न की संभावना रहती है। अधिकतर लोग मंथली इनकम प्लान में इसलिए निवेश करते है ताकि वह रेगुलर इनकम प्राप्त कर सके और यह इनकम उनको डिविडेंड के रूप में प्राप्त होती है।

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड कैसे काम करते है

जैसा कि आपको पता है हाइब्रिड फंड इक्विटी और डेट का मिश्रण होता है। हम आपको बता दें कि इक्विटी फंड का पैसा कंपनी के स्टॉक और शेयर में इन्वेस्ट किया जाता है वही डेट फंड का पैसा गवर्नमेंट बॉन्ड, कॉरपोरेट बॉन्ड, मनी मार्केट, सिक्योरिटी में इन्वेस्ट किया जाता है।

तो हाइब्रिड म्युचुअल फंड का पैसा शेयर मार्केट यानी कंपनी के शेयर में भी, गवर्नमेंट बांड में भी, कॉरपोरेट बांड में भी, मानी मार्केट में भी इन सभी में थोड़ा थोड़ा अलग अलग जगह इन्वेस्ट किया जाता है।

इस तरह से इस फंड में रिस्क और रिटर्न को बैलेंस करने की प्रयास किया गया है हाइब्रिड फंड डेट फंड से थोड़ा ज्यादा रिस्की होता है और इक्विटी फंड से थोड़ा कम रिस्की होता है।

types of hybrid funds

SEBI ने हाइब्रिड फण्ड को 6 केटेगरी मे define की है।

aggressive hybrid fund:- म्यूच्यूअल फंड की इस category में 65-80% इक्विटी फंड में इन्वेस्टमेंट किया जाता है वही 20-35% इन्वेस्टमेंट डेट फण्ड में किया जाता है।

balanced hybrid fund:- अपनी कुल एसेट का लगभग 40 से 60% इक्विटी या डेट इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करते हैं ये स्कीम arbitrage में निवेश नहीं करती है।

balanced advantage fund & dynamic asset allocation:- म्यूच्यूअल फंड की यह स्कीम कूल इन्वेस्टमेंट का 100% equity या डेट में इन्वेस्ट कर सकते हैं। यह अपनी इन्वेस्टमेंट का मैनेजमेंट डाइनेमिक तरीके से करते है।

multi asset allocation fund:- म्यूच्यूअल फंड की इस कैटेगरी में इक्विटी, डेट, गोल्ड इन तीनों तरह की ऐसेट क्लास में इन्वेस्ट किया जा सकते हैं। इसमें 65% equity, 20-25% debt मे 10-15% investment गोल्ड में किया जा सकता है।

advantages of hybrid mutual funds

  1. हाइब्रिड फण्ड में आपका पैसा एक्सपीरियंस फंड मैनेजर के द्वारा उनकी पूरी टीम के साथ रिसर्च करके डायवर्सिफाई तरीके से अलग-अलग जगह थोड़ा-थोड़ा इन्वेस्टमेंट किया जाता है। यह लोग इसी काम के लिए डेडीकेट होते है। यह लोग फाइनेंस एंड इकोनॉमिक्स के एक्सपर्ट होते हैं। इनको बाजार की सही समझ होते हैं और यह हर समय बाजार की गतिविधि पर नजर बनाए रखते हैं। जिससे आपका पैसा सही जगह इन्वेस्ट होता है और आपको अच्छा खासा प्रॉफिट यानी अच्छा रिटर्न मिलता है।
  2. हाइब्रिड फंड में इन्वेस्ट करने के लिए आपको ज्यादा पैसे की जरूरत नहीं होती है इसमें आप अपनी सुविधा के अनुसार या मंथली SIP (systematic investment plan) ले सकते हैं जो मिनिमम ₹500 से शुरू किया जाता है।
  3. हाइब्रिड म्युचुअल फंड की द्वारा तीन तरह की ऐसेट क्लास में इन्वेस्ट किया जा सकता है इनमें इक्विटी, डेट और गोल्ड शामिल है।
  4. मार्केट के उतार-चढ़ाव के रिस्क को देखते हुए लंबी अवधि के निवेश की सुविधा दी गई है आप ध्यान रख कर aggressive hybrid schemes में पैसा लगा सकते हैं।
  5. जिन इन्वेस्टर को इक्विटी में निवेश करना है लेकिन रिस्क थोड़ा कम लेना है उनके लिए हाइब्रिड फंड बढ़िया साबित हो सकता है।
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