आज यानी बुधवार 4 मई को भारत के 100 रुपये अमेरिका में 1.31 डॉलर बराबर हैं। यानी एक भारतीय रुपया, यूएसए के 0.013 डॉलर बराबर है। ऐसे में भारतीय रुपये को कोई डॉलर में बदलना चाहते हैं तो 10 हजार रुपयों के बदले अमेरिका में आपको 131.01 डॉलर मिलेंगे। बुधवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 76.34 रुपये पर बंद हुआ। मंगलवार को बाजार बंद रहा। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से रुपया और डॉलर के भाव में ज्यादा बदलाव नहीं आया है।

Dollar Vs Rupee (Symbolic Image)

US Dollar Index (DXY)

पीटर नर्स द्वारा Investing.com - फेडरल रिजर्व द्वारा रातोंरात ब्याज दरों में वृद्धि करने और आने के संकेत के बाद अमेरिकी डॉलर शुरुआती यूरोपीय व्यापार में उच्च स्तर पर पहुंच गया.

पीटर नर्स द्वारा Investing.com - उम्मीद से कम मुद्रास्फीति के आंकड़ों के मद्देनजर रातोंरात तेज गिरावट के बाद फेडरल रिजर्व के दर निर्णय से पहले अमेरिकी डॉलर बुधवार के शुरुआती.

एलेसेंड्रो अल्बानो द्वारा Investing.com - सितंबर के मध्य के अपने शिखर के बाद से, यू.एस. डॉलर ने मुद्रास्फीति में कमी के कारण मूल्यह्रास के एक चरण का अनुभव किया है जो फेडरल रिजर्व.

US Dollar Index विश्लेषण

2023 में कोई मंदी नहीं हो सकती है, बस धीमी वृद्धि की अवधि है यह फेड को वित्तीय स्थितियों को चुस्त रखने की अनुमति देगा। तंग वित्तीय स्थितियों का मतलब है मजबूत डॉलर, ऊंची दरें और.

जैसा कि हम नए साल की प्रतीक्षा कर रहे हैं, मुद्रास्फीति के चरम पर पहुंचने के बारे में आशावाद स्टॉक के लिए नकारात्मक जोखिमों को सीमित करने के बारे में क्या यूएसडॉलर का पतन संभव है सोच सकता है। फिर भी, कम से कम.

प्रमुख संस्थानों ने 2023 के लिए अपने तेल मूल्य पूर्वानुमान में कटौती की है चीन की शून्य-सीओवीआईडी ​​नीति का अंत मुख्य कारकों में से एक है जो उच्च कीमतों का कारण बन सकता है यहां उन.

US Dollar के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा, 81 प्रति डॉलर तक टूटने की आशंका

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: July 12, 2022 18:53 IST

US Dollar vs rupee- India TV Hindi

Photo:FILE US Dollar vs rupee

Highlights

  • अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड लो 79.60 पर पहुंचा
  • यूरो भी दिसंबर 2002 के बाद सबसे निचले स्तर पर आया
  • डॉलर सूचकांक अक्टूबर 2002 के बाद सबसे मजबूत हुआ

US Dollar के मुकाबले रुपया मंगलवार को रुपया 15 पैसे टूट कर 79.60 के नए निचले स्तर पर बंद हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर रुख के साथ 79.55 प्रति डॉलर पर खुला और कारोबार के दौरान 79.53 के उच्चतम तथा 79.66 रुपये के निचले स्तर तक गया। अंत में रुपया पिछले बंद भाव के मुकाबले 15 पैसे की गिरावट के साथ 79.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह सोमवार को 79.45 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.48 प्रतिशत चढ़कर 108.54 अंक पर पहुंच गया। आइए, जानते हैं कि भारतीय रुपया कहां तक टूट सकता है।

कहां तक टूट सकता है रुपया?

बैंक ऑफ अमेरिका के अनुसार, भारतीय रुपया साल के अंत तक 81 प्रति डॉलर तक टूट सकता है। इस साल अब तक भारतीय रुपया 9% से अधिक लुढ़क चुकी है। डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल कीमतों में तेजी ने रुपया को कमजोर करने का काम किया है। भारत अपनी जरूरत का लगभग 80% कच्चा तेल आयात करता है। इससे रुपये पर दबाव बढ़ा है।

भारत तेल से लेकर जरूरी इलेक्ट्रिक सामान और मशीनरी के साथ मोबाइल-लैपटॉप समेत अन्य गैजेट्स आयात करता है। रुपया कमजोर होने के कारण इन वस्तुओं का आयात पर अधिक रकम चुकाना पड़ रहा है। इसके चलते भारतीय बाजार में इन वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी हो रही है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है। इसका भुगतान भी डॉलर में होता है और डॉलर के महंगा होने से रुपया ज्यादा खर्च होगा। इससे माल ढुलाई महंगी होगी, इसके असर से हर जरूरत की चीज पर महंगाई की और मार पड़ेगी।

Bankers Poll : इस साल रुपये में गिरावट थमने के आसार नहीं, दिसंबर तक 84.50 का हो सकता है एक डॉलर

Bankers Poll : इस साल रुपये में गिरावट थमने के आसार नहीं, दिसंबर तक 84.50 का हो सकता है एक डॉलर

बैंकर्स और फॉरेन एक्सचेंज एडवाइजर्स के एक पोल के मुताबिक इस साल रुपये में गिरावट जारी रहेगी.

Indian rupee to drop further to 84.50 per USD by year end: भारतीय करेंसी में गिरावट का सिलसिला जारी रहेगा और इस साल के अंत तक एक अमेरिकी डॉलर का भाव 84.50 रुपये तक जा सकता है. ये अनुमान बैंकर्स और फॉरेन एक्सचेंज एडवाइजर्स के एक पोल में सामने आए हैं. गुरुवार को कराए गए इस पोल में शामिल एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत का व्यापार घाटा बढ़ना और अमेरिका में ब्याज दरों में लगातार इजाफा रुपये में गिरावट की बड़ी वजह है.

इस साल 12% गिर चुका है रुपया

अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के पोल में शामिल 14 बैंकर्स और फॉरेन एक्सचेंज एडवाइजर्स के अनुमानों पर यकीन करें तो इस साल रुपये में कम से कम 9 साल की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. भारतीय करेंसी इस साल अब तक करीब 12 फीसदी गिर चुकी है. इससे पहले 2013 में पूरे साल के दौरान रुपये में इतनी गिरावट देखने को मिली थी. गुरुवार 20 अक्टूबर को डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 83.29 तक चला गया था, लेकिन रिजर्व बैंक के दखल देने के बाद शाम को 82.75 पर बंद हुआ. बुधवार को यह 83.01 पर बंद हुआ था.

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25 से 86 रुपये के बीच रह सकता है डॉलर

पोल में शामिल अलग-अलग एक्सपर्ट्स ने इस साल के अंत तक एक डॉलर का भाव 83.25 से 86 रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान जाहिर किया है. सबके अनुमानों में अंतर जरूर है, लेकिन इस बात पर सभी सहमत हैं कि मौजूदा साल के दौरान रुपये में रिकवरी की उम्मीद नहीं है. बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकॉनमिस्ट मदन सबनवीस का अनुमान है कि दिसंबर तक डॉलर के मुकाबले रुपया 85 के स्तर तक गिर सकता है, क्योंकि बाहरी कारणों में कोई सुधार आने की संभावना नहीं दिख रही है. न सिर्फ डॉलर में तेजी है, बल्कि स्थानीय फंडामेंटल्स भी कमजोर बने हुए हैं. भारत का करेंट एकाउंट डेफिसिट (CAD) 3 से 3.5 फीसदी के बीच रहने के आसार हैं. व्यापार घाटा ऊंचे स्तर पर बने रहने के अलावा पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट भी अच्छा नहीं है. इन सभी कारणों से रुपये पर दबाव बना हुआ है.

मौजूदा साल के पहले 9 महीनों के दौरान एवरेज मंथली ट्रेड डेफिसिट 23.2 अरब डॉलर रहा है, जबकि 2021 में यह एवरेज 15.3 अरब डॉलर था. दूसरी तरफ यूएस फेड के ब्याज दरें तेजी से बढ़ाने का कैपिटल फ्लो पर भी बुरा असर पड़ा है. फेड हाइक के कारण इस साल डॉलर इंडेक्स अब तक 18 फीसदी बढ़ चुका है, जिसके चलते निवेशक इमर्जिंग मार्केट्स से पैसे बाहर निकाल रहे हैं. NSDL के आंकड़ों के मुताबिक इस साल विदेशी निवेशक अब तक भारतीय इक्विटी से 23.4 अरब डॉलर और डेट से 1.4 अरब डॉलर की रकम निकालकर बाहर ले जा क्या यूएसडॉलर का पतन संभव है चुके हैं.

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यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में काफी संख्या में भारतीय लोग ऐसे भी रहते हैं जिन्हें भारत से रुपया आता है जो अमेरिका में डॉलर के रूप में उन्हें मिलता है। छात्र और काफी पहले से यूएस में सेटल हो चुके भी वहां ऐसे काफी लोग हैं जिनका किसी न किसी जरिए ये पैसा भारत से अमेरिका जाता है। वहीं वैश्विक मार्केट में हर रोज डॉलर और रुपयों का भाव ऊपर-नीचे होता रहता है। ऐसे में हम आपको प्रतिदिन एक्सचेंज रेट में दोनों करेंसी का भाव बताते हैं जिससे भारत से आया पैसा यूएस डॉलर में कनवर्ट कराने में आप परेशान ना हो।

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40 एफएक्स विश्लेषकों के 3-6 अक्टूबर के रॉयटर्स पोल के अनुसार, यह गिरावट की प्रवृत्ति जल्द ही उलटने की संभावना नहीं है, जिसमें मुद्रा के लिए 82.00/डॉलर पर तीन महीने का औसत पूर्वानुमान दिखाया गया है.

बता दें, कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर सूचकांक में मजबूती से अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बृहस्पतिवार को 55 पैसे गिरकर 82.17 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया.

भारतीय मुद्रा डॉलर की तुलना में पहली बार 82 प्रति डॉलर के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुई. तेल आयातकों की भारी डॉलर की मांग और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की बढ़ती आशंकाओं का भी स्थानीय मुद्रा पर असर क्या यूएसडॉलर का पतन संभव है पड़ा.

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया मजबूती के साथ 81.52 के स्तर पर खुला लेकिन डॉलर में मजबूती से रुपये पर दबाव देखा गया. कारोबार के दौरान रुपये ने 81.51 का उच्चस्तर और 82.17 का निचला स्तर भी देखा.

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