10 महीने में 900% से अधिक का रिटर्न, शेयरों के बंटवारे के साथ कंपनी देगी बोनस!

USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया

USD INR (अमरीकी डॉलर स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? बनाम भारतीय रुपया) के बारे में जानकारी यहां उपलब्ध है। आपको ऐतिहासिक डेटा, चार्ट्स, कनवर्टर, तकनीकी विश्लेषण, समाचार आदि सहित इस पृष्ठ के अनुभागों में से किसी स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? एक पर जाकर अधिक जानकारी मिल जाएगी।

समुदाय परिणामों को देखने के लिए वोट करें!

USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया समाचार

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com - घरेलू बाजार में इक्विटी बेंचमार्क सूचकांक सोमवार को दो दिन की गिरावट के क्रम को तोड़ते हुए सत्र सपाट खुलने के बाद उच्च स्तर पर बंद.

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com - दलाल स्ट्रीट में गुरुवार को एक सुस्त व्यापारिक सत्र देखा जा रहा है, क्योंकि यूएस फेड द्वारा बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा में एक लंबी.

अंबर वारिक द्वारा Investing.com-- भारतीय थोक मुद्रास्फीति नवंबर में 19 महीने के निचले स्तर पर गिर गई, बुधवार को डेटा दिखाया गया, क्योंकि ईंधन की दरों में और गिरावट और खाद्य कीमतों.

USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया विश्लेषण

# दिन के लिए USDINR ट्रेडिंग रेंज 82.48-82.98 है।# यूएसडी आईएनआर में कमी आई क्योंकि निवेशकों ने फेडरल रिजर्व की दर वृद्धि पथ पर विचार करना जारी रखा# लचीलापन कम होने के कारण भारत की.

# USDINR दिन के लिए ट्रेडिंग रेंज 82.66-83.01 है।# कमजोर अमेरिकी डेटा और प्रमुख केंद्रीय द्वारा दरों में बढ़ोतरी से प्रेरित विकास चिंताओं के कारण रुपया स्थिर रहा, जिससे निवेशकों को.

सप्ताह का आखिरी दिन बेहद नकारात्मक नोट पर समाप्त हुआ। बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स 0.79% गिरकर 18,269 पर आ गया, जबकि निफ्टी बैंक 0.64% गिरकर 43,219.5 पर आ गया। कोई भी क्षेत्र अपनी.

तकनीकी सारांश

कैंडलस्टिक पैटर्न

Three Outside Up1W Engulfing Bullish1W Morning Star1D Three Black Crows1D Tri Star Bullish30

आर्थिक कैलेंडर

केंद्रीय बैंक

करेंसी एक्स्प्लोरर

USD/INR आलोचनाए

as long as today booked double profit in usdinr ce side. also another usdinr ce side carrying forward for tomorrow hero zero call let see buying at 82.54 target 82.60/82.70/82.80.

जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है। इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।

Crypto News: प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टो करेंसी में क्या अंतर है?

Private Crypto: आपको यह पता होना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी दो तरह की होती है। इनमें से एक प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी है और दूसरी पब्लिक क्रिप्टो करेंसी। अगर आप इन दोनों के बीच अंतर नहीं जानते तो आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं।​

क्रिप्टो ट्रेड

पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी
ऐसी सभी क्रिप्टो करेंसी जिनके ट्रांजैक्शन एक-दूसरे से लिंक हो उन्हें पब्लिक क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। पब्लिक क्रिप्टो करेंसी में यह पता किया जा सकता है कि यह करेंसी किस किस व्यक्ति के पास से गुजरी है। बिटकॉइन, इथर या टेलर से लेकर तमाम बड़ी क्रिप्टो करेंसी पब्लिक क्रिप्टो करेंसी हैं।

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी
कई क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं जिनके लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती है, इन्हें प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं। Monero, Dash और दूसरे Crypto token भी प्राइवेट क्रिप्‍टोकरेंसी में आते हैं। इन प्राइवेट क्रिप्‍टोकरेंसी में यूजर की प्राइवेसी बनी रहती है, उनका डेटा सुरक्षित रहता है। इसे प्राइवेट टोकन भी कहते हैं।

प्राइवेट कॉइन की खासियत

प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी यूजर के वॉलेट का बैलेंस और उसका पता जाहिर नहीं होने देते। इसी विशेषता के चलते इनका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में हो सकता है। भारत में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर जो कानून ला रही है उसके तहत प्राइवेट किसको करेंसी को बैन किया जा सकता है।

प्राइवेट क्रिप्टो की तकनीक
प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी प्राइवेट ब्लॉकचेन के सहारे चलती है। इसे ट्रेस करना लगभग नामुमकिन हो जाता है। आमतौर पर इसकी परिभाषा भी यही है। जीकैश, मोनेरो, डैश प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरण है, वहीं बिटकॉइन, डॉगकॉइन, इथेरियम ये सब पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी हैं जिनके ट्रांजेक्शन को ट्रेस किया जा सकता है।

क्रिप्टो के दुरुपयोग पर नजरें
क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजेक्शन को ट्रैक करना काफी जटिल है और सरकार का मानना है कि इसका बड़े स्तर पर दुरुपयोग हो सकता है। क्रिप्टो को हवाला फंडिंग या टेरर फंडिंग के लिए उपयोग किया जा सकता है, इसलिए इसे बैन करने या रेगुलेट करने की जरूरत है।

Cryptocurrency और Digital Currency में क्या अंतर है? आसान शब्दों में समझिए

Cryptocurrency और Digital Currency में क्या अंतर है? आसान शब्दों में समझिए

Cryptocurrency Vs Digital Currency क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी दो अलग-अलग चीजें हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद इस बात को स्पष्ट किया है कि क्रिप्टोकरेंसी कोई डिजिटल करेंसी है। डिजिटल करेंसी वो होता है जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट 2022-23 के भाषण के दौरान डिजिटल संपत्ति, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और अपूरणीय टोकन (NFTs) शामिल हैं, उनके हस्तांतरण से होने वाली किसी भी आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने की घोषणा की। और, इसके तुरंत बाद वित्त मंत्री ने भारत की अपनी डिजिटल करेंसी का भी ऐलान कर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी जारी करेगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को वित्त वर्ष 2022-23 किसी समय जारी किया जा सकता है।

Rules Changes 1st January 2023 (Jagran File Photo)

डिजिटल संपत्ति के लिए कराधान की घोषणा के तुरंत बाद सीबीडीसी की घोषणा ने बहुत से लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या सीबीडीसी पर भी कर लगेगा। ऐसे इसीलिए हुआ क्योंकि ज्यादातर लोग क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी को एक ही मान रहे हैं। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को साफ किया क्रिप्टोकरेंसी (उन्होंने सिर्फ क्रिप्टो ही बोला था, इसके आगे करेंसी नहीं जोड़ा था) कोई करेंसी नहीं है। करेंसी वो होती है, जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है, जिसे वह इस साल जारी करेगा।

Nirmala Sitharaman Says Eight Percent Annual Increase In Circulation

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में अंतर?

डिजिटल करेंसी अनिवार्य रूप से सरकार द्वारा जारी करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जबकि क्रिप्टोकरेंसी मूल्य का एक भंडार है, जो एन्क्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित है। क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति कहलाती हैं जबकि डिजिटल करेंसी कोई डिजिटल संपत्ति नहीं है। लोगों ने विशेष रूप से महामारी के दौरान जिन डिजिटल वॉलेट का उपयोग करना शुरू किया, उनमें डिजिटल स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी, दोनों हो सकते हैं लेकिन यह दोनों वास्तव में एक दूसरे से अदली-बदली नहीं जा सकती हैं।

FPIs invest Rs 10555 cr in equities in December (Jagran File Photo)

डिजिटल करेंसी, मौजूदा पेपर मनी (नोट) का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। यह संपर्क रहित लेनदेन में उपयोग की जा सकती है, जैसे- आपके बैंक खाते से इलेक्ट्रॉनिक रूप से किसी और को भुगतान करना। सभी ऑनलाइन स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? लेनदेन में डिजिटल करेंसी शामिल होती है। हालांकि, जब आप उस पैसे को बैंक या एटीएम से निकाल लेते हैं, तो वह डिजिटल करेंसी, तरल नकदी में बदल जाती है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी मूल्य का एक भंडार है, जो एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित है। क्रिप्टोक्यूरेंसी निजी स्वामित्व में हैं और इन्हें उन्नत ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है। अभी तक अधिकांश देशों में क्रिप्टोक्यूरेंसी को नियमित नहीं किया गया है। हालांकि, डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक द्वारा नियमित होती है।

Gross Direct Tax Collections rise 26 percent 13.63 crore (Jagran File Photo)

डिजिटल करेंसी को एन्क्रिप्शन की आवश्यकता नहीं है लेकिन हैकिंग और चोरी की संभावना को कम करने के लिए सभी उपयोगकर्ताओं को अपने डिजिटल वॉलेट और बैंकिंग ऐप को मजबूत पासवर्ड तथा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ सुरक्षित करने की आवश्यकता होती है। यही बात डेबिट और क्रेडिट कार्डों पर भी लागू होती है, जिनसे डिजिटल करेंसी में लेनदेन किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी को मजबूत एन्क्रिप्शन द्वारा संरक्षित किया जाता है और क्रिप्टो में व्यापार करने के लिए उपयोगकर्ताओं के पास बैंक अकाउंट होना चाहिए, जिससे वह डिजिटल करेंसी (बैंक खाते में पैसे) से बदले ऑनलाइन तरीके से संबंधित मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी खरीदता है। इसे ऐसे समझिए कि आपके बैंक खाते में 100 रुपये हैं और आपने उन 100 रुपये का टिजिटल तरीके से कोई सामान (जिसकी मौजूदा कीमत 100 रुपये है) खरीदा है।

भारत का डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग? जानिए कैसा होगा भविष्य का पैसा

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। लेकिन, सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसा होगा? इसे किस तरह संचालित किया जाएगा?

भारत का डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग? जानिए कैसा होगा भविष्य का पैसा

डिजिटल रुपये (Digital Rupees) की सुगबुगाहट पिछले एक साल से थी, आखिरकार इसका पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से शुरू हो गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। लेकिन, सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसा होगा? इसे किस तरह संचालित किया जाएगा? आइए एक-एक करके जानते हैं कि भविष्य का पैसा कैसा होगा?

हाल के कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रचलन की वजह से दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के सामने अपने देश की करेंसी को बचाए रखने का संकट भी धीरे-धीरे खड़ा हो रहा है। यही वजह है कि सभी देश अपने-अपने स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसीज को कोई रेगुलेट नहीं करता है इसलिए इसके जरिए टेरर फंडिंग की भी बात सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसीज के संचालन को लेकर कई बार चिंता भी व्यक्त की है। इस साल बजट में सरकार की तरफ से जब डिजिटल रुपये का ऐलान हुआ तभी यह बात स्पष्ट हो गई थी कि भारत सरकार किसी प्रकार मौका क्रिप्टोकरेंसीज को नहीं देना चाहती है। तब रही-कही कसर क्रिप्टोकरेंसी पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाकर पूरा कर दिया था। आइए जानते हैं जिस डिजिटल रुपये को भारत, क्रिप्टोकरेंसी के बराबर खड़ा करने की सोच रहा है वह है क्या? रिजर्व बैंक इसे रेगुलेट कैसे करेगा? इन सबके अलावा हम और आप जैसे आम आदमी इसका उपयोग कैसे कर पाएंगे।

क्या है डिजिटल रुपया?

अभी हम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी 100, 200 रुपये के नोट्स और सिक्के का उपयोग करते हैं। इसी का डिजिटल स्वरूप स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? ही डिजिटल रुपया कहलाएगा। टेक्निकल भाषा में इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भी कह सकते हैं। यानी रुपये का इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म, जिसका उपयोग हम बिना स्पर्श किए (कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन) करेंगे। बता दें, सरकार ने इसका ऐलान 2022 के बजट में किया था।

10 महीने में 900% से अधिक का रिटर्न, शेयरों के बंटवारे के साथ कंपनी देगी बोनस!

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपये में अंतर क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी रेगुलेट नहीं करता है। यह पूरा तरह से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर निर्भर करता है। इसलिए यह लेन-देन के लिए आधिकारिक करेंसी नहीं माना जाती है। वहीं, डिजिटल रुपये को रिजर्व बैंक जारी करेगा। इसका संचालन पूरी तरह आरबीआई के हाथ में होगा और बैंक अपने ग्राहकों को इसे बांट सकते हैं।

एक-दूसरे को कैसे करेंगे ट्रांसफर

डिजिटल रुपये के रिटेल वर्जन यानी जिसका उपयोग हम और आप जैसे सामान्य लोग करेंगे वह टोकन आधारित हो सकता है। व्यक्तियों को रसीद भी दी जा सकती है (जैसे ई-मेल इत्यादि)। डिजिटल रुपये को ट्रांसफर करते वक्त पासवर्ड जैसे डीटेल्स की जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि यह पूरी तरह से प्रोग्राम्ड होगा तो इसलिए शुरुआती समय में इसे सेक्टर बेस्ड ही जारी किया जा सकता है। उदाहरण के रूप में खाद की सब्सिडी डिजिटल रुपये में ट्रांसफर की जाए।

क्या डिजिटल रुपये पर मिलेगा ब्याज?

नहीं, डिजिटल रुपये पर आरबीआई की तरफ से कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा।

पैसे के लेन-देन पर रहेगी आरबीआई की नजर

जब हमें कोई नोट देता है तो किसी को पता नहीं होता है कि इससे पहले किस-किस के पास से यह पैसा गुजरा है। डिजिटल रुपये में ऐसा नहीं होगा। रिजर्व बैंक सभी पैसे का पता कर पाएगा कि यह किसके-किसके पास से गुजरा है। खासकर बड़े अमाउंट पर कड़ी नजर रहेगी।

बिना इंटरनेट के कर पाएंगे डिजिटल रुपये को ट्रांसफर?

रिजर्व बैंक डिजिटल रुपये के ऑफलाइन मोड पर काम कर रहा है। यानी जब कभी ये आम लोगों के उपयोग में आए तो वह इसका उपयोग ऑफलाइन भी कर पाएं।

1 नवंबर से पायलट प्रोजेक्ट शुरू

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, 'डिजिटल रुपये (होलसेल ट्रांजैक्शन) का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा। इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा।' आरबीआई ने 'केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा' (central bank digital currency OR CBDC) लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है। थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले इस परीक्षण में नौ बैंक शिरकत करेंगे। इन बैंकों की पहचान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी के रूप में की गई है।

पहले दिन कैसा रहा रिस्पांस

मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार पहले दिन डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट में सेकेंड्री मार्केट गर्वमेंट बॉन्ड का ट्रांजैक्शन 2.75 अरब डॉलर रुपये का हुआ है। तीन सिक्योरिटीज में नए रूट से यह ट्रेड सेटल्ड हुआ है।

Multibagger Stock: 25 पैसे के शेयर ने बनाया करोड़पति, केवल 3500 रुपये का निवेश बन गया 1 करोड़ रुपये!

Multibagger Stock: फार्मा सेक्टर की कंपनी CAPLIN POINT LAB के शेयर लॉन्ग टर्म में अपने इन्वेस्टर्स को करोड़पति बनाने वाले साबित हुए हैं. इसमें करीब 20 साल पहले किया गया स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? 3500 रुपये का मामूली निवेश भी अब एक करोड़ का हो चुका है.

25 पैसे के शेयर ने निवेशकों की झोली भरी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2022,
  • (अपडेटेड 19 दिसंबर 2022, 4:41 PM IST)

हाई रिटर्न के मामले में मस्टीबैगर स्टॉक्स (Multibagger Stock) निवेशकों की किस्मत बदलने वाले साबित होते हैं. उतार-चढ़ाव और जोखिम भरा कारोबार समझे जाने वाले शेयर मार्केट (Share Market) में कब कोई छोटा सा शेयर भी इन्वेस्टर्स को मालामाल कर दे कहा नहीं जा सकता है. ऐसा ही कमाल किया है कैपलिन प्वाइंट लैब के शेयरों ने. जिसमें महज 3500 रुपये का इन्वेस्ट करने वाले निवेशक आज करोड़पति (Crorepati) बन गए हैं. इस शेयर ने लॉन्ग टर्म में जबरदस्त रिटर्न दिया है.

करीब दो दशक में यहां पहुंची कीमत
CAPLIN POINT LAB के शेयर 21 फरवरी 2003 को महज 25 पैसे के मामूली भाव पर मिल रहे थे, लेकिन इसकी कीमत अब 726 रुपये पर पहुंच गई है. यानी करीब 20 सालों में इस शेयर ने अपने निवेशकों को लगभग 2900 गुना रिटर्न देने का काम किया है. ऐसे में जिस निवेशक ने दो दशक पहले इस शेयर पर भरोसा करते हुए महज 3500 रुपये लगाए होंगे, वह निवेश अब बढ़कर 1 करोड़ रुपये हो गया होगा.

फार्मा कंपनी के शेयर ने किया कमाल
कैपलिन प्वाइंट लैब (CAPLIN POINT LAB) एक फुल्ली इंटीग्रेटेड फार्मा कंपनी है, जिसका कारोबार अफ्रीकी देशों तक फैला हुआ है. यह कंपनी ओइटमेंट्स, क्रीम बनाती है. इस फार्मास्युटिकल कंपनी का कारोबार वर्ष 1990 में शुरू हुआ था और इसका हेडक्वार्टर चेन्नई में है. भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में इस कंपनी की लिस्टिंग 1994 में लिस्ट हुई थी. इसके आईपीओ को निवेशकों ने जबरदस्त रिस्पांस दिया था.

रेटिंग: 4.67
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 235