इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।

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INDORE NEWS- कोर्ट में पुलिस की किरकिरी, फर्जी फॉरेक्स ट्रेडिंग 50 करोड़ की ठगी में रिमांड नामंजूर

इंदौर। पिछले दिनों इंदौर पुलिस वाला फर्जी फॉरेक्स ट्रेडिंग के माध्यम से 50 करोड़ की ठगी के मामले का खुलासा किया गया था। इसी मामले में आज कोर्ट में पुलिस की काफी किरकिरी हुई। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों का रिमांड मांगा था परंतु कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।

बिजलपुर निवासी देवेश वरनदानी की शिकायत पर विजयनगर थाना में दर्ज इस प्रकरण की शुरुआत की गड़बड़ी से हुई है। आरोप है कि पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल नेतनराव को गिरफ्तार नहीं किया। गंभीर आर्थिक अपराध की जांच में लापरवाही की गई। बाद में कंपनी के कर्मचारी अनिल बिष्ट और हरदीप को पकड़ा, कोर्ट से दोनों को रिमांड पर लिया लेकिन दो दिन बाद इस मामले की जांच कर रहे हेड कांस्टेबल भरत बड़े को थाने से हटा दिया। डीसीपी जोन-2 संपत उपाध्याय ने एसआइटी का गठन किया लेकिन SIT कुछ भी नया नहीं कर पाई।

फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है?

चाहे आपको यूरो को डॉलर्स से एक्सचेंज करना हैं या फिर डॉलर को रुपए से, ये सब फोरेक्स ट्रेडिंग का ही हिस्सा है. फोरेक्स ट्रेडिंग करेंसी एक्सचेंज के लिए ग्लोबल मार्किट में इस्तेमाल होने वाला एक टर्म है.

इसमें आप किसी क्या भारत में लीगल है फॉरेक्स ट्रेडिंग? भी देश की करेंसी एक्सचेंज करके पैसा कमा सकते है बशर्ते उस देश की करेंसी रेट क्या चल रहा है. जैसे कि आप जानते है भारत में रुपए का रेट डॉलर से कम रहता है तो अगर आप आज डॉलर खरीद कर कुछ समय बाद डॉलर का रेट बढ़ने के बाद बेचते है तो आपको अच्छा मुनाफा होगा.क्या भारत में लीगल है फॉरेक्स ट्रेडिंग?

फोरेक्स ट्रेडिंग आज के समय में 5.3 ट्रिलियन डॉलर के रोजाना लेन-देन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा फाइनैंशल मार्केट बन चूका है.

क्या आप जानते है फॉरेक्स ट्रेडिंग काम कैसे करती है ?

आपकी जानकारी के लिए क्या भारत में लीगल है फॉरेक्स ट्रेडिंग? बता दे फॉरेक्स ट्रेडिंग और इक्विटी ट्रेडिंग में कुछ ज्यादा फर्क नहीं है. केवल इक्विटी ट्रेडिंग में कमाई या नुकसान के लिए शेयर का मूल्य निर्णायक भूमिका में होता है। तो वहीँ फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग में एक्सचेंज मूल्य निर्णायक भूमिका में होता है।

अगर किसी व्यक्ति को फॉरेक्स ट्रेडिंग से कमाई करनी है तो वह अपने अनुभव और जानकारी के बलबूते और कोई भी मुद्रा खरीदकर बिज़नस कर सकता है.

भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग लीगल होने के बाद कई तरह के प्लेटफार्म आ चुके है जहाँ पर कोई भी व्यक्ति फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकता है और आधिक से आधिक मुनाफा कमा सकता है जिनमे से MT4 भी एक है. इस पर ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान है.

चलिए, क्या भारत में लीगल है फॉरेक्स ट्रेडिंग? एक उदाहरण से समझते है:-

मन लीजिये, निखिल चाहता है कि बढ़ती हुई डॉलर की कीमतों से कुछ मुनाफ़ा कमाया जाए जिससे कि उसकी अच्छी एक्स्ट्रा इनकम हो जाए.

फोरेक्स में ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करे

पहले भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग करना आसान नहीं था लेकिन भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग लीगल होने के बाद भारत के लोगो के लिए ट्रेडिंग करना आसान हो गया है. लेकिन अभी भी भारतीय रिज़र्व बैंक ने फोरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए काफी शर्ते व नियम लागू किये हुआ है.

चलिए, आपको बताते है कि फोरेक्स ट्रेडिंग कैसे कर सकते है:-

  • अगर आप फोरेक्स ट्रेडिंग करना चाहते है तो इसके लिए सबसे जरुरी है कि सबसे पहले आप किसी SEBI रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवा ले.
  • ध्यान रहे, ट्रेडिंग अकाउंट रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास ही खुलवाए.
  • ट्रेडिंग अकाउंट किसी डिस्काउंट ब्रोकर के पास ही खुलवाएं क्यूंकि यहाँ पर चार्जेज काफी कम लगते है.
  • भारत में करेंसी ट्रेडिंग डेरिवेटिव्स मार्किट यानी फ्यूचर एंड आप्शन में होती है.
  • NSE करेंसी ट्रेडिंग सोमवार से शनिवार, सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक करवाती है.
  • ये बात ध्यान रखे कि किसी भी करेंसी का रेट देश में चल रही घटनाओं पर आधारित होता है जैसे ब्याज दर, GDP, महंगाई दर, बेरोज़गारी, राजनैतिक स्थिरता या अन्य कोई आकस्मिक घटना,

ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में

बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।

शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब क्या भारत में लीगल है फॉरेक्स ट्रेडिंग? खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।

कम से कम 3000 डॉलर का निवेश

अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।

हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।

केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता

लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।

आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।

करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा

कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।

बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।

Forex Trading Kya होती Hai ? हिंदी में जाने

आइए दोस्तो! क्या आप फॉरेक्स मार्केट या Forex Trading के बारे में जानना चाहते तो आप सही पोस्ट पर आए है और मैं खुद एक ट्रेडर हूं इसके बारे में आप को बेहतर तरीके से बता सकता हु। आइए जानते इस दुनिया की सबसे बड़ी मार्केट बारे में।

फॉरेक्स क्या अर्थ होता है = foreion+exchange इस मार्केट में एक करेंसी को दूसरी करेंसी में बदला जाता है। यह दुनिया को सबसे बड़ी मार्केट है इसका रोज का लेनदेन 5 या 6 ट्रिलियन का होता है। यह 24×5 खुली रहती है और Suterday,Sunday बंद रहती है।

Forex Trading क्या होती है – FOREX TRADING IN HINDI

जिस तरह से लोग शेयर मार्केट में Profit यानी पैसा कमाने के लिए शेयरों की खरीदी बेचा करते है। इसी तरह इस forex market में किसी करेंसी को कम दाम में खरीद कर ज्यादा दाम में बेचने को ही फॉरेक्स ट्रेडिंग या करेंसी ट्रेडिंग कहते है। जिस तरह शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने पर high या medium रिस्क होता है। इस मार्केट में ट्रेडिंग करने पर medium या low रिस्क होता है। इसमें ट्रेड करने पर मार्जिन काम देना पड़ता है। आगे हम मार्जिन और जो भी फॉरेक्स मार्केट में concept है उसको जानेंगे।

भारत में यह दो तरीके से हो सकती है

  1. इंडियन ब्रोकर अकाउंट जैसे – Zerodha,Upstox Etc.
  2. International ब्रोकर अकाउंट जैसे – Octafx, Exness,Tickmill Etc.

फॉरेक्स मार्केट को इफेक्ट करने वाले कारक

USD/INR का प्राइस कम को एप्रीसिएशन कहते है और प्राइस बढ़ने को डिप्रीशिएशन कहते है। प्राइस कम होने का मतलब है भारतीय रुपया मजबूत होता है।जब प्राइस बढ़ता है तो भारतीय रुपया कमजोर होता है।

  1. इनफ्लेशन (मुद्रास्फीति) – जब महगाई की दर यानी महंगाई कम होती है तब INR एप्रीसिएशन होता है
  2. इंटरेस्ट रेट्स (ब्याज दर) – जब rbi रेट्स बढ़ाता है तब भी INR एप्रीसिएशन होता है।
  3. RBI का USD/INR का बेचना – जब INR का प्राइस बढ़ने लगता है।इससे एक्सपोर्टइंपोर्ट करने में परेशानी होने लगती है तो RBI USD/INR बेचने लगता है इससे मार्केट स्थिर हो जाता है और एप्रेशियट होने लगता है।
  4. निर्यात – जब एक्सपोर्ट या निर्यात बढ़ने लगता है।तब INR एप्रीसिएशन होता है।
  5. राजनीतिक स्थिरता – भारत में जब क्या भारत में लीगल है फॉरेक्स ट्रेडिंग? सरकार बार – बार नही बदलती है और एक सरकार पूरे पांच साल तक रहती है तो भी INR एप्रीसिएशन होता है
  6. करेंट अकाउंट डेफिसिट – करेंट अकाउंट डेफिसिट होता है तो भी INR का प्राइस कम होने लगता है

Forex Trading में जरुरी टिप्स

  • ट्रेडिंग करने के लिए सबसे जरूरी है सही ब्रोकर को चुनना।कुछ ब्रोकर hidden चार्जेस लेने लगते है।
  • ट्रेडिंग करते समय जरूरी है आप इमोशन पर काबू करे नही तो ट्रेडिंग आपकी दुश्मन बन जायेगी। जिसने भी इमोशन को कंट्रोल कर लिया वह ट्रेडर बन गया। ट्रेडिंग में 90% साइकोलॉजी यानी इमोशन और 10% स्किल important है।
  • आप हमेशा सीखते रहे और प्रैक्टिस करते है इससे आपकी स्किल improve होगी आप और भी अच्छे ट्रेडर बन पायेंगे।
  • एक अच्छा ट्रेडर मार्केट की साइकोलॉजी को समझता है वह यह जानता है अब मार्केट ओवरबॉट या ओवरसेल हो चुका है
  • जो ट्रेडर रिस्क नहीं लेता वह ट्रेडर नही होता है ।बिना रिस्क लिए आप क्या भारत में लीगल है फॉरेक्स ट्रेडिंग? प्रॉफिट नहीं कमा सकते है।वो डायलॉग सुना है रिस्क है तो इश्क है।
  • टेक्निकल एनालिसिस करे! और उसे ज्यादा से ज्यादा सीखे और चार्ट पैटर्न को देख कर ट्रेड करने का निर्णय लीजिए ।
  • स्टॉप लॉस ट्रेडिंग सबसे जरूरी हिस्सा है ।जब भी आप ट्रेड में एंटर हो पहले आप अपना स्टॉप लॉस सेट करने के बाद ही किसी ट्रेड में एंटर करे।

स्‍टॉक्‍स और शेयरों का क्‍या होगा?

आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.

किसी भी समय पर एक निवेशक का स्‍टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्‍स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.

इसी प्रकार आपका म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्‍यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.

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