उन्होंने कहा कि इस कदम से ग्राहकों को अपने विदेशी मुद्रा जोखिम का प्रबंधन करने के लिये विभिन्न इकाइयों (मार्केट मेकर्स) के साथ काम करने का विकल्प मिलेगा।

ट्रेडिंग जोखिम के प्रबंधन के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग कैसे करें

विदेशी मुद्रा जोखिम प्रबंधन क्या है? मूल बातें जानें

प्रभावी विदेशी मुद्रा जोखिम प्रबंधन मुद्रा व्यापारियों को विनिमय दर में उतार-चढ़ाव के परिणामस्वरूप होने वाले नुकसान को कम करने की अनुमति देता है। नतीजतन, एक उचित विदेशी मुद्रा जोखिम प्रबंधन योजना होने से सुरक्षित, अधिक नियंत्रित और कम तनावपूर्ण मुद्रा व्यापार हो सकता है। इस टुकड़े में, हम एफएक्स जोखिम प्रबंधन की बुनियादी बातों को कवर करते हैं और उन्हें आपकी प्रक्रिया में शामिल करने के लिए कितना अच्छा है।

विदेशी मुद्रा जोखिम प्रबंधन में व्यक्तिगत क्रियाएं शामिल होती हैं जो व्यापारियों को एक व्यापार के नकारात्मक पक्ष से बचाने की अनुमति देती हैं। अधिक जोखिम का मतलब है, बड़े पैमाने पर रिटर्न की संभावना - लेकिन यह भी महत्वपूर्ण नुकसान की अधिक संभावना है। इसलिए, लाभ को कम करने के लिए जोखिम के स्तर को प्रबंधित करने में सक्षम होना, जबकि अधिकतम लाभ, किसी भी व्यापारी के लिए एक प्रमुख कौशल है।

विदेशी मुद्रा जोखिम प्रबंधन के शीर्ष 5 फंडामेंटल

1. के लिए पेप्टाइट R ISK

काम कर रहे यो उर ऐप जोखिम के लिए उपयुक्त उचित विदेशी मुद्रा जोखिम प्रबंधन के लिए केंद्रीय है। व्यापारियों को पूछना चाहिए: मैं एक व्यापार में कितना खोने को तैयार हूं? यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है सबसे अस्थिर मुद्रा जोड़े , जैसे कुछ उभरती बाजार मुद्राएं . इसके अलावा, विदेशी मुद्रा व्यापार में तरलता एक कारक है जो जोखिम प्रबंधन को प्रभावित करता है, क्योंकि कम तरल मुद्रा जोड़े का मतलब यह हो सकता है कि आप जिस कीमत पर चाहते हैं, उसमें पदों को दर्ज करना और बाहर निकलना मुश्किल है।

यदि आप नहीं जानते कि आप खोने के साथ कितने सहज हैं, तो आपकी स्थिति का आकार बहुत अधिक हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप नुकसान हो सकता है जो विदेशी मुद्रा जोखिम प्रबंधन के शीर्ष 3 फंडामेंटल अगले व्यापार पर लेने की आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है - या इससे भी बदतर।

मान लीजिए कि आपके ट्रेड के 50% विजेता हैं। लंबी अवधि में, गणितीय रूप से आप एक पंक्ति में कई खोने वाले ट्रेडों के रन होने की उम्मीद कर सकते हैं। 10,000 ट्रेडों के एक व्यापारिक करियर के दौरान, बाधाओं का सुझाव है कि आपको कुछ बिंदु पर 13 अनुक्रमिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। यह जोखिम के लिए आपकी भूख को जानने के महत्व को रेखांकित करता है, जैसा कि आपके खाते में पर्याप्त धन के साथ, जब खराब रन हिट हो, तो आपको तैयार रहने की आवश्यकता है।

डेली अपडेट्स

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने सार्क करेंसी स्वैप फ्रेमवर्क के तहत मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण (Maldives Monetary Authority- MMA) को 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा तक विस्तार करने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

  • करेंसी स्वैप अथवा मुद्रा विनिमय का आशय दो देशों के बीच पूर्व निर्धारित नियमों और शर्तों के साथ मुद्राओं के आदान-प्रदान हेतु किये गए समझौते या अनुबंध से है।
  • वर्तमान संदर्भ में, यह सुविधा अल्पकालिक विदेशी मुद्रा तरलता आवश्यकताओं के लिये वित्त पोषण के वैकल्पिक स्रोत के रूप में स्वैप सुविधा प्रदान करता है।
    • वर्ष 2020 में, RBI ने श्रीलंका के साथ 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मुद्रा विनिमय व्यवस्था पर हस्ताक्षर किये।

    सार्क के लिये स्वैप सुविधाओं हेतु रिज़र्व बैंक की रूपरेखा:

      15 नवंबर, 2012 को लागू हुई थी।
    • भारतीय रिज़र्व बैंक 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के समग्र कोष के भीतर एक स्वैप व्यवस्था की पेशकश करता है।
    • स्वैप व्यवस्था का उपयोग अमेरिकी डॉलर, यूरो या भारतीय रुपए में किया जा सकता है। यह रूपरेखा भारतीय रुपए में स्वैप निकासी के लिये कुछ रियायत भी प्रदान करती है।
    • यह सुविधा सभी सार्क सदस्य देशों के लिये उपलब्ध होगी, बशर्ते उन्हें द्विपक्षीय स्वैप समझौतों पर हस्ताक्षर करना होगा।
    • स्थापना: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (The South Asian Association for Regional Cooperation-SAARC) की स्थापना 8 दिसंबर,1985 को ढाका में सार्क चार्टर पर हस्ताक्षर के साथ की गई थी।
    • सदस्य देश: अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत ,मालदीव ,नेपाल, पाकिस्तान,श्रीलंका
    • सचिवालय: काठमांडू (नेपाल)
    • उद्देश्य: इस क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि, सामाजिक प्रगति, सांस्कृतिक विकास में तेज़ी लाना और विदेशी मुद्रा जोखिम प्रबंधन के शीर्ष 3 फंडामेंटल सभी व्यक्तियों को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अवसर प्रदान करना तथा विदेशी मुद्रा जोखिम प्रबंधन के शीर्ष 3 फंडामेंटल उनकी क्षमताओं का आकलन करना।

    एकल प्राथमिक डीलरों को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार की सभी सुविधाओं की पेशकश की अनुमति पर विचार

    फिलहाल श्रेणी-1 के अंतर्गत आने वाले अधिकृत डीलरों को इसकी पेशकश की अनुमति है।

    इस कदम से ग्राहकों को अपने विदेशी मुद्रा जोखिम का प्रबंधन करने के लिये विभिन्न इकाइयों (मार्केट मेकर्स) का विकल्प मिलेगा। साथ ही इससे भारत में विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार भी मजबूत होगा।

    एसपीडी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान होते हैं, जिन्हें सरकारी प्रतिभूतियों में लेन-देन की अनुमति होती है।

    मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद रिजर्व गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘एकल प्राथमिक डीलरों ने देश के वित्तीय बाजारों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसको देखते हुए उन्हें विदेशी मुद्रा बाजार में खरीद-बिक्री से संबंधित सभी सुविधाओं की पेशकश करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है. ।’’

    विदेशी मुद्रा जोखिम प्रबंधन के शीर्ष 3 फंडामेंटल

    दयानंद गुप्ता 23 साल के थे और वे प्रबंधन के स्तर पर काम करते थे जिसके लिए उन्हें अच्छा-खास वेतन भी मिलता था। उन्हें किसी जोखिम वाले कारोबार के लिए यह काम छोडऩे की जरूरत नहीं थी। लेकिन उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और विदेशी मुद्रा कारोबार में जुट गए। इस कदम का फायदा भी उन्हें मिला और दो साल के बाद आज गुप्ता बेहद सफल है और इस कारोबार की बुनियादी पकड़ भी उन्हें है। कई लोग वैश्विक स्तर के सबसे बड़े वित्तीय बाजार के विदेशी मुद्रा के कारोबार से खुद को दूर ही रखना चाहते हैं। इसका रोजाना कारोबार 38 खरब डॉलर से ज्यादा होता है और यह अमेरिका में डेट-इक्विटी बाजार के संयुक्त कारोबार का 3 गुना होता है। जिंस बाजार की तरह विदेशी मुद्रा का कारोबार भी लगातार होता रहता है।

    कैसे होता है कारोबार
    विदेशी मुद्रा कारोबार का मतलब एक मुद्रा का दूसरी मुद्रा के साथ आदान-प्रदान है। ज्यादातर मुद्रा का कारोबार डॉलर के लिए होता है। इसके अलावा यूरो, पाउंड, येन और स्विस फ्रैंक और ऑस्ट्रेलिया के डॉलर सबसे ज्यादा कारोबार करने वाली मुद्राएं हैं। विदेशी मुद्रा में मुद्रा के जोड़े में जो पहली मुद्रा होती है उसे बेस मुद्रा कहते हैं जो आमतौर पर घरेलू मुद्रा होती है। दूसरी मुद्रा को कोट मुद्रा क हते हैं और यह सामान्यतया विदेशी मुद्रा होती है। मिसाल के तौर पर अगर आप रुपये-डॉलर में कारोबार कर रहे हैं जो रुपया बेस मुद्रा होगा और डॉलर कोट मुद्रा होगा।

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