जोखिम प्रबंधन (Jokhim Prabandhan) के लिए रिस्क मैनेज करो| कैसे? परिहार्य अनावरण रोको, क्योंकि बिज़नेस हो या जीवन, रिस्क कम तो किया जा सकता है, पर जोखिम प्रबंधन क्या है पूरी तरह खत्म नहीं| रिस्क मैनेजमेंट सिखाती रोष की मज़ेदार कहानी
निर्यात जोखिम प्रबंधन
निर्यात जोखिम प्रबंधन का कार्य यह जानना शुरू करता है कि वास्तव में जोखिम क्या हैं। इसलिए आपका पहला कदम निर्यात में जोखिम, निर्यात जोखिम के प्रकारों की पहचान करना है। जोखिम घरेलू या अंतरराष्ट्रीय सभी व्यापारिक लेनदेन में शामिल हैं। लेकिन विदेशी व्यापार में जोखिम घरेलू व्यापार से काफी अलग हैं। घरेलू बाजार में निर्यात की तुलना में अंतरराष्ट्रीय निर्यात के दौरान अधिक जोखिम शामिल है। इसलिए, यह उन कंपनियों के लिए आवश्यक है, जो व्यापार के निर्यात से संबंधित सभी जोखिमों को मापने के लिए समय और धन के निर्यात के लिए प्रवेश करने जा रही हैं और जोखिम प्रबंधन योजना स्थापित कर रही हैं।
वित्तीय जोखिम या क्रेडिट जोखिम
यह जोखिम विदेशी खरीदारों द्वारा दिवाला, गैर-भुगतान, देर से भुगतान, डिफ़ॉल्ट या धोखाधड़ी के जोखिम को संदर्भित करता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि एक निर्यातक के लिए यह मुश्किल है कि वह क्रेता की साख और प्रतिष्ठा को सत्यापित करे ताकि व्यापारिक दलों के बीच अधिक दूरी हो। इस प्रकार, निर्यातकों के लिए यह आवश्यक है कि वे खरीदार की फर्मों की वित्तीय ताकत और व्यावसायिक प्रतिष्ठा के बारे में विदेशी क्रेडिट एजेंसियों से रिपोर्ट एकत्र करें।
खराब गुणवत्ता जोखिम
यह निर्यात माल की खराब गुणवत्ता के कारण आयातक के परिसर में आगमन के बाद पूरे शिपमेंट की अस्वीकृति का जोखिम है। इसलिए, निर्यात करने से पहले सामानों की गुणवत्ता की सही जांच करना बेहतर है। कभी-कभी आयातक एक पूर्व-शिपमेंट निरीक्षण पूछ सकते जोखिम प्रबंधन क्या है हैं जो एक स्वतंत्र निरीक्षण कंपनी द्वारा आयोजित किया जाएगा या यह निर्यातक द्वारा आयातक को बातचीत के चरण के दौरान सुझाव दे सकता है कि इस तरह के निरीक्षण को अनुबंध के हिस्से के रूप में किया जाए। ऐसा निरीक्षण आयातक और निर्यातक दोनों की रक्षा करता है। निरीक्षण की लागत आयातक द्वारा वहन की जाती है या यह बातचीत की जा सकती है कि उन्हें अनुबंध मूल्य में शामिल किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय कूरियर कंपनी द्वारा आयातक को उत्पाद के नमूने का वैकल्पिक रूप से निर्यात करना एक अच्छा विकल्प है। लेकिन याद रखें कि उत्पादित और भेजे गए अंतिम उत्पाद उत्पाद के नमूने के समान होने चाहिए।
परिवहन जोखिम
लॉजिस्टिक रिस्क
लॉजिस्टिक जोखिम अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स के जोखिमों से संबंधित हैं। निर्यातक को अंतरराष्ट्रीय रसद के सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए, विशेष रूप से गाड़ी के अनुबंध पर। यह गाड़ी अनुबंध एक शिपर और एक वाहक (यानी परिवहन ऑपरेटर) के बीच खींची गई है और काफी हद तक इनकॉटर्म्स 2010 पर निर्भर करती है।
कानूनी जोखिम
यह जोखिम अंतरराष्ट्रीय कानूनों और नियमों में बदलाव के कारण उत्पन्न होता है। वे बार-बार बदलते हैं और एक देश से दूसरे देश में भिन्न होते हैं। इसलिए, निर्यातक के लिए कानूनी फर्म के साथ मिलकर एक अनुबंध का मसौदा तैयार करना महत्वपूर्ण है, इस तरीके से यह सुनिश्चित करना कि निर्यातक के हितों का ध्यान रखा जाए। निर्यातक कानून और विवाद-निपटान प्रक्रिया के बारे में स्पष्ट होना चाहिए जो अनुबंध पर लागू होगा। किसी विशेष देश के साथ व्यापार के कानूनी पहलुओं जोखिम प्रबंधन क्या है का आकलन करने में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।
राजनीतिक जोखिम
यह जोखिम सरकारी क्षेत्र की अस्थिरता के कारण पैदा होता है। परिणामस्वरूप, सरकार की नीतियां अक्सर बदलती रहती हैं। इस प्रकार, निर्यातकों को विदेशी सरकारों की नीतियों के बारे में लगातार जागरूक रहना चाहिए ताकि वे अपने विपणन रणनीति को तदनुसार बदल सकें और व्यापार और निवेश के नुकसान को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठा सकें। निर्यातकों को लक्ष्य बाजार में सरकारी हस्तक्षेप के बारे में जानकारी होना महत्वपूर्ण है।
Unforeseen Risks
एक प्राकृतिक आपदा (भूकंप) या आतंकवादी हमले जैसे देश में अप्रत्याशित घटना के कारण Unforeseen जोखिम उत्पन्न होते हैं। यह एक निर्यात बाजार या किसी कंपनी के निर्यात किए गए सामान को पूरी तरह से नष्ट कर सकता है। इसलिए, निर्यातकों के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि निर्यातक किसी भी अंतरराष्ट्रीय अनुबंध में शामिल होने के लिए बल मेजर क्लॉज सुनिश्चित करें।
विनिमय दर जोखिम
विनिमय दर आंदोलन की संभावना को € € âexchange riskâ € ™ के रूप में जाना जाता है। निर्यातक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी मूल्य को उद्धृत करने से पहले अपने बैंक के विदेशी मुद्रा प्रभाग से संपर्क करना चाहिए। हेजिंग योजना एक ऐसी रणनीति है जिसका निर्यातक विनिमय दर की गतिविधियों के प्रभाव से बचाने के लिए अनुसरण कर सकता है।
संप्रभु जोखिम
इसमें किसी देश द्वारा अपने बाजार में विशेष वस्तुओं की पहुंच को रोकने या प्रतिबंधित करने का जोखिम शामिल है। यह प्रतिबंध एम्बार्गो, टैरिफ और कोटा के उपयोग से होता है। यह राजनीतिक कारणों से हो सकता है।
संस्कृति और भाषा जोखिम
अपने जोखिमों का प्रबंधन करना
निर्यात जोखिम प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य किसी कंपनी द्वारा सामना किए जाने वाले सबसे अनुकूल स्तर तक जोखिमों को कम करना है। जिस तरह से एक कंपनी अपने निर्यात जोखिम का प्रबंधन करती है वह जोखिम के लिए उसके रवैये और प्रतिस्पर्धी बढ़त की अपनी डिग्री से जुड़ी है।
एक कंपनी निम्नलिखित तरीकों से अपने निर्यात जोखिमों का प्रबंधन कर सकती है:
अपने क्रेडिट जोखिमों के शमन के लिए, कंपनियां अपने ग्राहकों को अग्रिम भुगतान करने के लिए कहती हैं। वे क्रेडिट सीमाएं निर्धारित कर सकते हैं और अपने ग्राहकों के भुगतान प्रदर्शन को प्रतिबिंबित करने के लिए इन्हें समायोजित कर सकते हैं।
जोखिम से बचाव
जोखिम स्थानांतरण
जोखिम हस्तांतरण का अर्थ है निर्यात के विरुद्ध बीमा। बीमा कवर से पैसा खर्च होता है और निर्यात कारोबार में मार्जिन घटता है। कई कंपनियां अपने भुगतान को सुरक्षित रखने के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट (एल / सी) का उपयोग करती हैं, यदि प्रमुख नुकसान होने की संभावना है तो उत्पाद देयता बीमा लें।
जोखिम स्वीकृति
जोखिम स्वीकृति का मतलब है कि निर्यात कंपनी स्वयं भुगतान के जोखिम को वहन करने का निर्णय ले सकती है।
एक्सपोर्ट रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रैटेजीज़ स्वीकार करें, ट्रांसफ़र, अवॉइड और मिट्रेट उन जोखिमों को कम करने के तरीके पेश करें, जो एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियां चलाती हैं। हालांकि, कुछ उपायों में कुछ लागतें भी हैं।
हमेशा याद रखें कि एक्सपोर्ट रिस्क मैट्रिक्स में एक्सपोर्ट बिज़नेस वेंचर्स की पोज़िशन्स की समय-समय पर जाँच की जाती है और एक्सपोर्ट के अवसरों और रिस्क चेंज की आवश्यकता होने पर उनमें संशोधन किया जाता है।
व्यापार विभिन्न जोखिम प्रबंधन तकनीक(Risk management techniques) क्या हैं ?
व्यापार में उपयोग की जाने वाली विभिन्न जोखिम प्रबंधन तकनीक के बारे में जानने से पहले जोखिम क्या है इसे जान लेना आवश्यक होता है | व्यापार में जोखिम स्वाभाविक होता है | जोखिम लेने से ही व्यापार आगे बढ़ता है | किसी बड़े आर्डर के माल की डिलीवरी के लिए माल तैयार करने के लिए बैंक से लोन लेना पड़ सकता है |
लोन लेने से माल की डिलीवरी टाइम से करने पर लाभ हो जाता है | परन्तु इसमें जोखिम भी है | अगर माल की डिलीवरी में किसी कारण देरी हो जाये या माल सही नहीं पाए जाने पर क्रेता आर्डर कैंसिल कर दे तो ये जोखिम बहुत बड़ी हानि में बदल सकता है |
व्यापार जोखिम प्रबंधन तकनीक का पहला सिद्धांत है हानि से बचना | अगर पूर्णतया हानि से बचा न जा सके तो हानि को किसी
हद तक कम करना | हानि से न ही बचा जा सके और न ही हानि कम की जा सके तो हानि को इस तरह से अलग करना की वह पूरे व्यापार को प्रभावित न करे |
व्यापार जोखिम प्रबंधन की अगली तकनीक है हानि को बढ़ने से रोकना | मान लीजिये हानि से नहीं बचा जा सकता | न ही हानि को कम किया जा सकता है तो कम से कम ऐसा करना चाहिए की हानि और अधिक न बढे |
टॉप 1000 कंपनियों के लिए अनिवार्य हो सकती है जोखिम प्रबंधन समिति
देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध 1000 कंपनियों को अपने यहां जोखिम प्रबंधन समिति बनानी पड़ सकती है. सेबी ने मंगलवार को इस बारे में एक प्रस्ताव पेश किया है.
टॉप-1000 कंपनियों के लिए जोखिम प्रबंधन समिति अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव है. अभी सबसे बड़ी सूचीबद्ध 500 कंपनियों के लिए ही जोखिम प्रबंधन समिति बनाना जरूरी है.
सेबी ने कहा, "सूचीबद्ध कंपनियों में कई प्रकार के जोखिम होते हैं. ऐसे में जोखिम प्रबंधन काफी अहम है. कोरोन वायरस की महामारी ने जोखिम प्रबंधन के ढांचे की जरूरत बढ़ा दी है." सेबी ने 10 दिसंबर तक इस विषय में लोगों से राय मांगी है.
नियामक ने कहा है कि कंपनी की जोखिम प्रबंधन समिति की साल में कम से कम दो मीटिंग जरूरी होनी चाहिए. अभी साल में एक बार जोखिम प्रबंधन समिति की बैठक अनिवार्य है. सेबी ने कहा कि समिति को आंतरिक और बाहरी, दोनों ही प्रकार की विस्तृत जोखिम प्रबंधन की नीति के बारे बतानी चाहिए.
जोखिम में वित्तीय, कामकाजी, सेक्टर, जानकारी, साइबर सुरक्षा, स्थिरता, पर्यावरण, सामाजिक और गवर्नेंस से जुड़े मसले हो सकते हैं. नियामक ने कहा कि यह समिति जोखिम प्रंबधन के साथ कारोबारी तंत्र को योजनाओं के नियंत्रण का भी काम करेगी.
समिति को सुनिश्चित करना होगा कि सूचीबद्ध कंपनी में जोखिम पर नजर रखने के लिए उपयुक्त तंत्र औऱ प्रणाली होनी चाहिए और इसकी समीक्षा वार्षिक आधार पर होना चाहिए. मुख्य जोखिम अधिकारी की नियुक्ति, निकासी, वेतन आदि का अधिकार भी इस समिति के पास होना चाहिए.
सेबी ने कहा कि जोखिम प्रबंधन समिति के पास किसी भी कर्मचारी से जानकारी हासिल करने का अधिकार होना चाहिए. साथ ही समिति जरूरत पड़ने पर कानूनी या संबंधित क्षेत्र से जुड़ी पेशेवर राय भी ले सकती है.
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जोखिम प्रबंधन
जोखिम प्रबंधन (Jokhim Prabandhan) के लिए रिस्क मैनेज करो| कैसे?
परिहार्य अनावरण रोको, क्योंकि बिज़नेस हो या जीवन, रिस्क कम तो किया जा सकता है, पर पूरी तरह खत्म नहीं|
रिस्क मैनेजमेंट सिखाती रोष की मज़ेदार कहानी
सी.के. और सनी बड़े चाव से, रोष को मज़ेदार जीवंत उदाहरणों से मार्केटिंग की शब्दावली समझाता, सुन रहे थे|
जैसा कि उसने वादा किया था, पाँच मिनट खत्म होने से पहले ही उसने पाठ समाप्त कर दिया|
पत्थर की ठंडी पटिया, जिसपर वह अब तक बैठा हुआ था, से वह उठ खड़ा हुआ और उनकी ओर देखकर मुस्कराया| उसे मालूम था कि उसने अपनी डाक बाँट दी थी, और अच्छे से बाँटी थी|
एक पैमाना अब तय हो गया था| उन्हें भी अपना स्तर वहां तक उठाना होगा, अगर वे उसकी अन्तर्दृष्टि और परिश्रम से आगे भी फायदा उठाते रहना चाहते थे|
अभी तक वे अपना पेट पकड़ कर बेकाबू हंसी से लोटपोट हो रहे थे|
“ज़बरदस्त हो आप,” सनी ने ठहाके लगते हुए कहा, “लेकिन सोने पे सुहागा ये, कि मज़ाकिया भी हो|”
“शुक्रिया,” रोष ने सरलता से कहा| “अगले पाठ में भी साथ आना हो, तो स्वागत है तुम्हारा| आना है?”
दोनों ने फ़ौरन गर्मजोशी से सिर हिलाकर हामी भरी| अगले दिन का वक़्त और जगह फटाफट तय की गई| दूसरा पाठ रोष तैयार करके कराएगा, ये तय हुआ| विषय था, जोखिम प्रबंधन|
सी.के. का पहला सबक उसके दो दिन होना तय हुआ| सनी दोबारा आना चाहे, तो उसका दोनों सत्रों में स्वागत था|
अगले दिन कॉलेज सभागार (ऑडिटोरियम) में वे दोबारा मिले| रोष ने फिर सरल शब्दों में अवधारणाओं (concepts) से उनका परिचय कराया, और रोज़मर्रा के दिलचस्प उदाहरण दिए| वक़्त उड़ चला| सीखने की गति तेज़ी पकड़ने लगी|
“लेकिन हैज़र्ड (hazard) और रिस्क (जोखिम) में अंतर क्या है?” सनी पूछ रहा था|
“हैजर्ड वो कोई भी चीज़ हो सकती है, जिससे नुकसान पहुँच सकता हो,” रोष ने समझाया| “ये हानि का संभावित स्रोत है। जैसे दीवार से बल खड़ी सीढ़ी, मेज़ पर पड़ी हथौड़ी, सड़क पर कार, तुम्हारे बगल से उड़ती मक्खी| ये सब जोखिम प्रबंधन क्या है खतरों के उदाहरण हैं| हैजार्ड हमारे जीवन में चारों ओर मौजूद हैं।"
“रिस्क किसी हज़र्ड से होने वाले असली नुकसान की सम्भावना है| प्रायिकता (probability) किसी घटना के होने की संभावना का एक संख्यात्मक माप है, और हम इसकी गणना कर सकते हैं। तो, रिस्क किसी विशिष्ट खतरे से होने वाली हानि की संभावना की मात्रा है|”
“किसी घटना के घटने के बारे में हम कितने विश्वास से कुछ कह सकते हैं? ये निश्चितता 0 से 100% के बीच किसी प्रतिशत, या 0 से 1 के बीच किसी संख्या से वर्णित की जा सकती है, जहाँ 0 का मतलब असंभव और 1 का मतलब घटना घटने की पूरी संभावना होता है। ये संख्या घटना घटित होने की प्रोबेबिलिटी है|"
"घटना की प्रायिकता जितनी बड़ी, उतनी बड़ी हमारी मानना, कि घटना घटेगी| कल सूर्योदय होगा, इसकी प्रायिकता लगभग 1 है, क्योंकि अभी बहुत वर्षों तक सूर्य का होना पक्का है। सी.के. बच्चा जनेगा, इसकी संभावना लगभग 0 है, क्योंकि सी.के. औरत नहीं है।"
"लगभग?" सनी पूछ बैठा। "ये संभावना 0 क्यों नहीं? क्या आदमी को गर्भ ठहरना असंभव नहीं, या सी.के. के बारे में आप कुछ ऐसा जानते हो जो मैं नहीं जानता?”
"मैं चौकस हूँ," रोष हंसा| “जिस तरह विज्ञान तरक्की कर रहा है, कुछ भी असंभव नहीं लगता।"
"लेकिन विषय पर ही रहें, तो प्रायिकता किसी निष्पक्ष सिक्के के टॉस से सरलता से समझी जा सकती है| चूँकि खरा सिक्का उछालने पर केवल दो संभावित परिणाम हो सकते हैं, हेड या टेल, तो वे दोनों समान रूप से संभावित हैं, और हेड आने की प्रायिकता टेल आने की प्रायिकता के बराबर है| दोनों संभावनाएँ 1/2 या 50% हैं।"
“रिस्क (जोखिम) तब पैदा होता है, जब ये संभव हो कि किसी खतरे (हैज़र्ड) से असल में हानि हो सकती है| जोखिम का स्तर कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि कोई व्यक्ति या वस्तु खतरे के नज़दीक कितनी बार आते हैं, और ये परिस्थिति के अनुसार बदल भी सकता है|”
“उदाहरण के लिए, एक बस ड्राइवर की सड़क दुर्घटना होने की संभावना, एक सेवानिवृत्त व्यक्ति, जिसके पास कार नहीं है, की सड़क दुर्घटना होने की संभावना से ज़्यादा है। एक खड़ी गाड़ी का किसी को ठोक देने का खतरा बहुत कम है, जबकि किसी का एक खड़ी गाड़ी को ठोक देने का खतरा अधिक है|”
"जोखिम कम ज़्यादा इन बातों से भी हो सकता है कि गाड़ी कहाँ खड़ी है, कैसे खड़ी है, किसकी है और कितनी महंगी है, इत्यादि|"
सी.के. और सनी मंत्रमुग्ध वहाँ बैठे, उसे सुन रहे थे| चीज़ों को कितना सरल बना देता था वह| उसका स्पष्ट बोध अवधारणाओं को समझना कितना आसान कर देता था| उसके उदाहरण जोखिम प्रबंधन क्या है सिद्धांत को व्यावहारिकता से लागू करते थे|
उसका पांडित्य, उससे और सीखने को प्रेरित करता था| जब वह बोल रहा होता, तो समय को पंख लग जाते, और पलक झपकते वह अपने व्याख्यान का समापन करता दिखाई पड़ता|
"तो, जोखिम का उन्मूलन नहीं किया जा सकता,” रोष बात खत्म कर रहा था| “उसे केवल कम किया जा सकता है। और यही कारण है कि जोखिम प्रबंधित किया जाना चाहिए।"
"रिस्क को कम करने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है| उसे कम करने के लिए सभी संभव रणनीतियों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उसे मापा जाना चाहिए, सूचित किया जाना चाहिए| उसका परिहार्य अनावरण रोका जाना चाहिए।"
"एक आदमी, अपनी बीवी के शॉवर से बाहर निकलते ही, शावर में नहाने के लिए घुस रहा था, जब उनके दरवाज़े की घंटी बजी। दरवाज़ा खोलने कौन जाएगा, इस बात पर एक विद्युतीय बहस के बाद, पत्नी ने हथियार दाल दिए, जल्दी से खुद को बड़े तौलिये में लपेटा और बाथरूम से बाहर भागी|”
उसने बाहर का दरवाज़ा खोला| दरवाज़े पर चतुर खड़ा था, उसका पड़ोसी|
इससे पहले कि वह कुछ कह पाती, चतुर बड़बड़ाया, “हज़ार डॉलर दूँगा, अगर दम भर के लिए ये तौलिया गिरा दो|”
तेज़ी से फैसला कर, औरत ने तौलिया बदन से नीचे ढलक जाने दिया और चतुर के सामने नग्न खड़ी रह गयी|
कुछ पल उसे हसरत भरी आँखों से निहारने के बाद, चतुर ने चुपचाप बटुआ निकाला, $1000 निकाल कर उसके हाथ पर धरे और वापिस लौट गया|
अभी जो कुछ अचानक घट गया था - उसमें उलझी, उत्साहित औरत ने - अपना तौलिया उठाया, झटपट उसे खुद पर लपेटा, दरवाज़ा बंद किया, और पैसा अपने पर्स में रखने, यंत्रवत बेडरूम की ओर चल दी|
शावर से पति ने उसे पुकार कर पूछा, "कौन था?"
"चतुर था, अपना पड़ोसी," उसने जवाब दिया|
“बढ़िया!" पति ने कहा। "तुम्हें वो $1000 दे गया, जो उसने मुझे चुकाने थे?”
सी.के. और सनी हतप्रभ, रोष को घूर रहे थे|
"उसे दरवाज़ा खोलने खुद जाना चाहिए था," रोष ने कहना जारी रखा| “खुद जाने से पत्नी को भेजना, ज़्यादा जोखिम भरा था| क्यों? क्योंकि अधनंगी औरत का, बाहर का दरवाज़ा खोलने जाना, खतरनाक है|”
“औरत तो वैसे ही प्रलोभन है!” सनी फुसफुसाया| “अधनंगी हो, या नहीं . "
"तो, रिस्क मैनेज करो,” रोष ने उसे आँख मारते हुए, लेक्चर खत्म किया| “परिहार्य अनावरण से बचो|"
"और कैसे-कैसे कर सकते हो जोखिम प्रबंधन? लोगों को रिस्क के बारे में बताओ| कर्मचारियों, ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं और शेयरहोल्डरों जैसे हितधारकों के साथ, समय रहते, प्रासंगिक, गंभीर, क्रेडिट या रिस्क सम्बंधित जानकारी बाँटो।"
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