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ट्रेडिंग में ADX इंडिकेटर का उपयोग कैसे करें – आधिकारिक Olymp Trade ब्लॉग

सूचक किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंSolution : सूचक दो प्रकार के होते हैं-(1) प्राकृतिक सूचक, (2) संश्लेषित सूचक। 1. प्राकृतिक सूचक-ऐसे सूचक जो प्राकृतिक पदार्थों, जैसे हल्दी, लिटमस आदि से प्राप्त हों, प्राकृतिक सूचक कहलाते हैं।

इसे सुनेंरोकेंसूचक किसे कहते है? (What is indicator in hindi) सूचक एक रंजक होता है। जो किसी अम्ल या क्षार के संपर्क में लाए जाने पर अपना रंग बदलता है। सूचक अम्ल तथा क्षार में भिन्न-भिन्न रंग देता है। अतः सूचक हमें यह बताता है।

सूचक क्या है सूचक का एक नाम लिखें?

इसे सुनेंरोकेंप्राकृतिक सूचक :-वैसे सूचक जिन्हें Indicators कितने होते है प्राकृतिक श्रोत से प्राप्त किया जाता है प्राकृतिक सूचक कहलाता है । जैसे – लिटमस, हल्दी ,प्याज, लाल पत्ता गोभी,वैनिला,लौंग आदि । मानव निर्मित सूचक :- वे सूचक जिन्हें प्रयोगशालाओं में बनाया जाता है मानव निर्मित सूचक कहलाता है जैसे -फेनाॅल्फथैलीन,मिथाईल आॅरेंज आदि ।

प्राकृतिक सूचक कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंजैसे- हल्दी पत्र, अड़हुल फूल का प्रयोग कर बनाए गए लिटमस पत्र, लाल पत्ता गोभी पत्र इत्यादि। प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator) : वे सूचक जो प्रत्यक्ष रूप से प्राकृतिक पदार्थों से बनाए जाते हैं, उन्हें प्राकृतिक सूचक कहा जाता है।

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ट्रेडिंग इंडीकेटर्स के प्रकार – (Trading Type Of Indicators)

  1. Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स)
  2. Lagging Indicators (लैगिंग इंडीकेटर्स)


Leading का अर्थ होता है नेतृत्व करना, लीडिंग इंडिकेटर किसी स्टॉक का Price Prediction करते है स्टॉक के प्राइस में आने वाली तेज़ी या मंदी का पता लगाकर उसका पहले ही सिग्नल दे देते है

Leading Indicator को Oscillators (ओसिलेटर) भी कहते है क्योंकि Leading Indicators 0 से 100 की एक रेंज के बीच में झूलते रहते है


मार्किट में आगे क्या हो सकता है Share Price आगे किस दिशा में जा सकती है यह बताने का काम Leading Indicator का होता है


Top 2 Leading Indicator:

RSI:

2. Lagging Indicators (लैगिंग इंडीकेटर्स)

लैगिंग का अर्थ होता है देरी से, Delayed या पिछड़ जाना। लैगिंग इंडीकेटर्स हमेशा Share Price के पीछे-पीछे चलता है

Lagging Indicator देरी से सिग्नल देते है मार्किट में क्या हो चूका है यह बताने का काम लैगिंग इंडीकेटर्स का होता है

शेयर प्राइस जिस भी दिशा में जा रहा हो चाहे वह ऊपर की तरफ जा रहा हो या नीचे की तरफ उसकी दिशा को Confirm करने के लिए Lagging Indicators का उपयोग किया जाता है।


इंडिकेटर की सहायता से किसी भी स्टॉक की कीमत ऊपर की तरफ जाने वाली है या नीचे की Indicators कितने होते है तरफ इसे समझने में मदद मिलती है इंडिकेटर से स्टॉक कहां खरीदना है और कहां बेचना है उन Levels को पता करने में मदद मिलती है

Stock चाहे Uptrend में हो, Downtrend में हो या Sideways Trend में इंडीकेटर्स का उपयोग करके स्टॉक के ट्रेंड का पता लगाया जा सकता है।

एक ट्रेडर को मार्किट में तेज़ी से बदलते हुए Trend में तेज़ी से Respond करना होता है इंडीकेटर्स ट्रेडर की Quick Decision Making में हेल्प करते है। इंडीकेटर्स स्टॉक मार्किट Indicators कितने होते है के Behaviour को समझने में मदद करता है की हमें Trade लेना चाहिए या नहीं।


इंडिकेटर की सीमाएं (Limitations of Technical Indicators)


इंडिकेटर सिर्फ Price Prediction करता है जरूरी नहीं की जो Signal इंडिकेटर ने दिया हो वो सही हो इंडिकेटर के सिग्नल गलत भी होते है।

कभी भी एक चार्ट में 3 से ज्यादा इंडिकेटर का उपयोग नहीं करना चाहिए बहुत सारे Indicators का उपयोग करने से सभी इंडीकेटर्स अलग-अलग सिंग्नल देने लगते है जिससे ख़रीदा-बेचना है या नहीं यह निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है

Indicators किसी भी स्टॉक में संभावित Entry और Exit Point देते है जरूरी नहीं है की मार्किट उन एंट्री और एग्जिट पॉइंट के हिसाब से चले Entry लेने के बाद Stock नीचे भी गिर सकता है और Exit लेने के बाद Stock बढ़ भी सकता है।

बहुत सारे इंडीकेटर्स एक दूसरे के विरोधाभासी होते है अगर एक इंडिकेटर Buy Signal देता है तो दूसरा Sell Signal देता है

कितना महंगा है Nifty? Zerodha के Nikhil Kamath ने 2 इंडिकेटर्स के जरिये बताई हकीकत

Zerodha cofounder Nikhil Kamath : भले ही भारत का प्रमुख इक्विटी इंडेक्स निफ्टी50 (Nifty50) अपने रिकॉर्ड हाई से 16 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है, फिर भी यह दुनिया के सबसे महंगे स्टॉक मार्केट्स में से एक है। जिरोधा (Zerodha) और ट्रू बेकॉन के कोफाउंडर निखिल कामत (Nikhil Kamath) ने ट्विटर के जरिये यह बात Indicators कितने होते है कही है।

कामत ने कहा, भारत के बारे में कई बातें कही जा सकती हैं, लेकिन एक बात तय है कि हम ऐतिहासिक प्राइस मल्टीपल्स की तुलना में सस्ते बाजार नहीं हैं।

1. इंडेक्स पीई रेश्यो (Index PE ratio)

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Kaveri Seed Share Price: लॉस में फंसे हैं तो जानिए क्या करें

निफ्टी फिलहाल 19.9 के पीई मल्टीपल (PE multiple) पर ट्रेड कर रहा है, जो एसएंडपी 500 (S&P 500) के 18.95 और निक्केई 225 (Nikkei 225) के 18.79 से ज्यादा है।

इंडेक्स पीई रेश्योर की गणना इंडेक्स मार्केट कैप को ग्रॉस अर्निंग से भाग देकर निकाली जाती है। ऊंचे पीई रेश्यो से एक ज्यादा महंगा बाजार होने के संकेत मिलते हैं। ब्रिटेन, जापान, शंघाई, ब्राजील और जर्मनी जैसे दूसरे बाजारों के मुख्य इंडेक्स ज्यादा सस्ते हैं।

India may be many things, one thing we still aren’t is cheap relative to historical price multiples. pic.twitter.com/u3a5CCxfTZ

Principle – डायल टेस्ट इण्डीकेटर कैसे काम करता है

इसमें Rank and Pinion द्वारा साइज के अन्तर को Mechanical Method से बड़ा करके डायल पर दिखाया जाता है।

क्कम के अनुसार Dial Test Indicator निम्न प्रकार के होते हैं :-

Plunger Type Dial Test Indicator – प्लंजर टाइप

Plunger Type डायल टेस्ट इण्डीकेटर में Plunger की थोड़ी – सी चाल को गियर ट्रेन के द्वारा रोटरी मोशन ( Rotary motion ) में बदलकर मैग्नीफाई ( Magnify ) करके डायल पर दिखाया जाता है।

Plunger Type Indicator की बनावट

जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है । यह एक गोल घड़ी की आकृति का Device है , जिसमें एक Plunger होता है, जिसके बीच के हिस्से में 1mm पिच की रैक बनी होती है। रैक Indicators कितने होते है से एक छोटी गरारी ‘ B ‘ जुड़ी रहती है , इसमें 10 दाँते होते हैं। ‘ B ‘ गरारी की शाफ्ट Indicators कितने होते है पर 100 दाँतों का एक गियर ‘ C ‘ लगा रहता है। इस गियर ‘ C ‘ से एक अन्य 10 Indicators कितने होते है दाँतों की पिनियन ‘ D ‘ जुड़ी होती है। पिनियन ‘ D ‘ की शाफ्ट पर एक इण्डीकेटर लगा होता है, जो 0 से 100 डिवीजनों वाले डायल पर घूमता है।

British Type – ब्रिटिश इण्डीकेटर

इसकी कार्य प्रणाली भी मीट्रिक डायल टेस्ट इण्डीकेटर के समान होती है। इसकी रैक पर 1 ” की पिच के दाँते होते हैं तथा पिनियन ‘ B ‘ में भी 40 40 दाँते होते हैं। अन्य गियरों के दाँते मीट्रिक के समान 100 तथा 10 ही होते हैं। इसकी अल्पतम माप या 0.001 इंच होती है। 1000 लीवर टाइप

लीवर टाइप डायल टेस्ट इण्डीकेटर में स्टाइल्स को दी गई चाल एक लीवर के द्वारा स्क्रॉल ( scroll ) को बढ़ाकर ( magnified ) दी जाती है। यह स्क्रॉल इसे डायल पर एक इण्डीकेटर के द्वारा प्रदर्शित करता है।

Digital Dial Test Indicator – डिजिटल टेस्ट इण्डीकेटर

डायल टेस्ट इण्डोकेटर के क्लॉक फेस ( डायल ) को LCDs तथा Clock work को Linear Encoder में बदलकर डिजिटल टेस्ट इण्डीकेटर बनाया जाता है । डिजिटल टेस्ट इण्डीकेटर बहुत अधिक प्रभावी एवं लाभदायक है, इसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप में Data को रिकॉर्ड तथा प्रेषित ( transmit ) कर सकते हैं, एवं बटन के द्वारा ये मीट्रिक यूनिट को इंच यूनिट में बड़ी ही आसानी से बदल देता है।

कम्पेरेटर एक आधुनिक Device है, जो Mechanical Multiplication तथा Optical Indicators कितने होते है System का मिल हुआ रूप होती है। इसमें शीशे या प्रिज्म से परावर्तित प्रकाश के Angular Deflection का प्रयोग किया जाता है। यह एक आप्टिकल आधारित Device होता है।

इसे निम्नलिखित कार्यों के लिए प्रयोग किया जाता है

  1. मास प्रोडक्शन में, जहाँ पर Parts को बहुत ही जल्दी से चैक करना होता है।
  2. Gauge के Inspection करने के लिये इसका उपयोग किया जाता है।
  3. कम्पेरेटर को कुछ मशीनों के साथ लगाया जाता है, जिसमें उन्हें Working Gauge के समान रूप से प्रयोग किया जाता Indicators कितने होते है है। इस प्रकार पार्ट्स को खराब होने से बचाया जा सकता है ।

ADX इंडिकेटर क्या है और इसे कहां पाया जा Indicators कितने होते है सकता है?

प्राय, प्लेटफ़ॉर्म पर दो मुख्य प्रकार के भिन्न-भिन्न इंडिकेटर उपलब्ध होते हैं: ट्रेंड इंडिकेटर और ऑसिलेटर । दृष्टिगत रूप में, ऑसिलेटर्स को अक्सर एक अलग चार्ट द्वारा दर्शाया जाता है जो मूल्य प्रदर्शन चार्ट के अनुरूप होता है। ADX इंडिकेटर इस दूसरे प्रकार के अंतर्गत आता है।

इस तरह से, जब आप Olymp Trade प्लेटफॉर्म पर नीचे बाई तरफ कंपास चिन्ह को दबाते हैं, तो आपको ऑसिलेटर्स खंड में ADX इंडिकेटर प्राप्त होगा। जैसा कि आप देख सकते हैं, इसमें तीन रेखाएँ होती हैं जो स्क्रीन के निचले भाग में ऊपर और नीचे जाती हैं।

ADX Indicator on the Olymp Trade Platform - 2022/03/05

मैं ADX इंडिकेटर को कैसे निर्धारित कर सकता हूँ?

एक बार जब आप अपने चार्ट में ADX इंडिकेटर जोड़ लेते हैं, तो आप इसे ज़रूरत अनुरूप बदलने के लिए ग्राफ़ के ऊपरी-बाएँ कोने में इसके नाम पर दबा सकते हैं।

तीन रेखायें में से प्रत्येक का रंग बदलने के अलावा, आप अवधियों की संख्या निर्धारित कर सकते हैं। वे डिफ़ॉल्ट रूप से 14 पर निर्धारित होते हैं, और अधिकांश ट्रेडर इसे वहीँ पर रखना पसंद करते हैं। अन्य इसे 12, 18, 21, या विभिन्न अवधियों में निर्धारित करते हैं, आमतौर पर 7 से 30 की सीमा में।

Technical Indicator ADX - How to Set the ADX Indicator on the Olymp Trade Platform - 2022/03/05

प्राय, आपके द्वारा निर्धारित अवधि की संख्या जितनी अधिक होगी, आपका ADX इंडिकेटर उतना ही अधिक दीर्घकालिक होगा। अवधियों की संख्या जितनी कम होगी, बाजार के क्षणिक उतार-चढ़ाव के प्रति यह उतना ही संवेदनशील होगा।

ADX इंडिकेटर की व्याख्या

इंडिकेटर की तीन रेखाओं का अर्थ निम्न है:

  • +DI रेखा असेट मूल्य वृद्धि को इंगित करती है।
  • -DI रेखा असेट मूल्य में कमी का संकेत देता है।
  • ADX रेखा बाजार, ट्रेंड या फ्लैट (सपाट) में ट्रेंड की अवस्था का संकेतक है।

सीमा 0 और 100 के बीच बदलती है:

  • 20 से नीचे की ADX संख्या बताती है कि ट्रेंड कमजोर है।
  • 20 से 40 की ADX संख्या का मतलब है कि ट्रेंड मजबूत है।
  • 40 से 60 तक की ADX संख्या एक बहुत शक्तिशाली ट्रेंड को इंगित करता है।
  • 60 ADX से अधिक की ADX संख्या अत्यंत दुर्लभ हैं।

यहाँ ADX और DI रेखाओं के बर्ताव की व्याख्या करने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • यदि बाजार में ऊपर या नीचे का ट्रेंड होता है, तो DI सिग्नल रेखाओं के बीच की दूरी बढ़ जाती है, और ADX बढ़ जाता है।
  • इसके विपरीत, जब बाजार में कम गतिविधि होती है, तो DI सिग्नल रेखाओं के बीच की दूरी कम हो जाती है और ADX गिर जाता है।
  • यदि +DI रेखा अन्य रेखा से ऊपर होती है, तो यह अपवर्ड ट्रेंड का संकेत होता है।
  • हालांकि, यदि -DI रेखा अन्य से ऊपर होती है, तो यह डाउनवर्ड ट्रेंड का संकेत होता है।
  • यदि +DI और -DI रेखाएं क्रॉस करती हैं, तो यह ट्रेंड परिवर्तन का संकेत है।

ADX इंडिकेटर उपयोग का उदाहरण

नीचे के चित्र में, ADX रेखा लाल है, और DI रेखाएँ नीली और भूरी हैं।

24 और 25 फरवरी को, FTSE 100 7,200 के निचले स्तर पर स्थित था, जो बाद में एक नए अपट्रेंड की शुरुआत के रूप में परिवर्तित हुआ। उस अवधि के दौरान, लाल ADX रेखा 51.259 की ओर बढ़ी जबकि DI रेखा नीचे थी।

इसकी व्याख्या एक बहुत शक्तिशाली ट्रेंड की शुरुआत के रूप में की जा सकती थी।

3 मार्च को जब FTSE 100 7,400 से नीचे था, लाल ADX रेखा नीचे थी, जबकि DI रेखाएं दोनों एक-दूसरे के बहुत करीब पहुँच रही थीं। हमारी स्पष्टीकरण पद्धति के अनुसार, तात्पर्य यह है कि ट्रेंड कमजोर था।

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