चालू खाता किसे कहते हैं (What Is Current Account)
चालू खाता किसे कहते हैं (What Is Current Account) अधिकांश लोगों को पता नही होता है क्योंकि बैंक करंट अकाउंट क्या होता है? द्वारा सबसे ज्यादा बचत खाता (Savings Account) ओपन किया जाता है, चालू खाता जिसे करंट अकाउंट भी बोला जाता है यह अकाउंट बैंक में कुछ खास लोग ही ओपेन करवाते है, जी हाँ दोस्तों जब आप किसी बैंक में खाता ओपेन कराने जाएंगे तो बैंक आपको न्यू अकाउंट ओपनिंग फाॅर्म भरने को कहता है जिसमें अकाउंट के प्रकार यानि बचत खाता (Saving Account) या चालू खाता (Current Account) का चुनाव करने को कहा जाता है, मैनें पिछले आर्टिकल में बचत खाता (Saving Account) के संदर्भ में बातें कर चुका हूं, आईयें इस आर्टिकल में जानने की कोशिश करते है चालू खाता क्या होता है यानि Chalu Khata Kise Kahte Hai? एवं चालू खाता के फायदे और नुकसान क्या होता है?
चालू खाता किसे कहते हैं (What Is Current Account) |
चालू खाता किसे कहते हैं (What Is A Current Account)
सरकारी या प्राइवेट सभी बैंकों में चालू खाता (Current Account) ओपेन कराया जा सकता है परंतु इस प्रकार के अकाउंट खासकर विजनेसमैन एवं विभिन्न क्षेत्रों के छोटी बड़ी संस्थाए ओपेन कराते है क्योंकि चालू खाताधारकों के लिए किसी भी तरह का लिमिटेशन नही होता प्रतिदिन जितनी बार चाहे अकाउंट में पैसे जमा और निकासी कर करंट अकाउंट क्या होता है? सकता है लेकिन चालू खाते में जमा धन पर किसी भी प्रकार का ब्याज नही दिया जाता है, परंतु चालू खाताधारकों को ऑभरड्राप्ट (Overdraft) जैसी सुविधा मिल जाती है, ओवरड्राप्ट के तहत अकाउंट होल्डर चालू खाता में जमा धन से अधिक पैसे निकाल सकता है और बैंक के शर्तो के मुताबिक उस पैसे को बाद में जमा कर सकता है ।
चालू खाता ओपेन कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents Required To Open Current Account)
बैंक चालू खाता ओपेन करने के लिए विजनेसमैन और संस्थाओ से भिन्न-भिन्न दस्तावेजों का मांग करते है जबकी व्यक्तिगत चालू खाता खोलने हेतू नीचे दिए गए निम्नलिखित प्रकार के दस्तावेजों की मांग करते है-
1. पासपोर्ट साईज फोटो (Passport Size Photo)
2. पहचान प्रमाणपत्र (Identity Certificate)
3. निवास प्रमाणपत्र (Address Proofe)
4. पेन कार्ड (Pen Card)
(नोट:- पासपोर्ट साईज 2 रंगीन फोटो, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, इंडियन पासपोर्ट, पानी बिल, बिजली बिल, गैस बिल इत्यादि इनमें से 1 पहचान प्रमाणपत्र और 1 निवास प्रमाणपत्र के रूप में चालू खाता ओपेन हेतू मान्य दस्तावेज है तथा बैंक एक चेक का भी मांग करती है जो की व्यक्ति के पहले से मौजूद बचत खाता या चालू खाता का होना आवश्यक है ।
चालू खाता के फायदे (Benefits Of Current Account)
असीमित जमा निकासी की सुविधा- चालू खाताधारक एक दिन में जितनी बार चाहें जमा और निकासी कर सकता है ।
चेकबुक की सुविधा- करंट अकाउंट क्या होता है? चालू खाताधारकों को चेकबुक की फैसिलिटी दी जाती है जिसके इस्तेमाल से किसी को भी पैसे दिया जा सकता है।
नेटबैकिंग की सुविधा- इसके इस्तेमाल से चालू खाताधारक अपने अकाउंट को एक्सेस और पैसों का आदान-प्रदान करने के साथ अपने खाता की पूरी विवरण देख सकता है ।
ओवरड्राफ्ट की सुविधा- इस सुविधा के तहत चालू खाता में जमा पैसा से अधिक निकाला जा सकता है ।
डेबिट/क्रेडिट कार्ड की सुविधा- इस कार्ड के जरिए आनलाईन खरीदारी, स्वैप के जरिए बिल पेमेंट, एटीएम मशीन से कैस निकासी तथा विभिन्न प्रकार के बिल भुगतान में उपयोग किया जा सकता है ।
चालू खाता के नुकसान (Disadvantages Of Current Account)
न्यूनतम शेषराशि आवश्यक- प्रत्येक बैंक के अलग-अलग नियमानुसार चालू खाता में क्रमशः 5 हजार से 10 हजार या 15 हजार तक का औसत तिमाही बनाये रखना अनिवार्य होता है, असफल रहने पर बैंक इसके लिए पेनाल्टी लगाता है ।
जमा पर जीरो ब्याॅज- चालू खाता में जमा धन पर ब्याॅज दिया जाता है जबकी बचत खाताधारकों को क्रमश 4% से 5% तक ब्याज दिया जाता है ।
चेकबुक का दुरुपयोग - चालू खाताधारक पैसों की लेन-देन के लिए सबसे ज्यादा चेक का इस्तेमाल करते है, खाताधारक के डुप्लीकेट हस्ताक्षर, या अन्य प्रकार से धोखाधड़ी की सामना करना पड़ सकता है ।
बिजनेस में सेविंग अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं या नहीं, इससे क्या हो सकते हैं नुकसान
बैंकों के जितने भी सेविंग खाते होते हैं उसकी एक खास प्लानिंग होती है. इसके तहत सेविंग के हर ट्रांजेक्शन की ट्रैकिंग होती है. यह भी देखा जाता है कि आपका ट्रांजेक्शन लिमिट क्रॉस न करे. बैंक हर ट्रांजेक्शन की जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देते हैं.
जैसा कि नाम से स्पष्ट है सेविंग अकाउंट का सीधा मतलब जमा करने से है. नियम बताते हैं कि सेविंग खाता पैसे जमा करने के लिए और उसका इस्तेमाल रोजमर्रा के खर्च के लिए नहीं होना चाहिए. सेविंग खाते में जमा पैसे पर ब्याज मिलता है. यह ब्याज जमा राशि और बैंक की ब्याज दर पर निर्भर करता है. बिजनेस करना है तो आपको एक करंट अकाउंट खोलने की सलाह दी जाती है. करंट अकाउंट कई मायनों में सेविंग खाते से अलग होता है जिस पर सुविधा के हिसाब से ग्राहकों को सेवाएं दी जाती हैं.
इन रूल्स और रेगुलेशंस के बावजूद लोग सेविंग खाते का इस्तेमाल बिजनेस के लिए करते हैं. यह काम भले ही छोटे बिजनेस के लिए हो, लेकिन लोग सेविंग खाते पर ही बिजनसे से जुड़े ट्रांजेक्शन को अंजाम देते हैं. ऐसे लोगों से सेविंग खाते पर बिजनेस के नफा-नुकसान के बारे में पूछें तो कई बातें पता चल जाएंगी. लोग सैकड़ों दिक्कतें बयां करते हैं जो सेविंग खाते पर बिजनेस के दरमियान दिखती हैं. जानकारों का कहना है कि बिजनेस वही फलता-फूलता है जो आसानी से चलता हो. वह बिजनेस एक न एक दिन डूब जाएगा जिसे कई अड़चनों के साथ चलाया जाता हो. यह बात सेविंग खाते पर भी अप्लाई होती है. सेविंग खाते पर बिजनेस की डीलिंग करें तो कई परेशानियां आएंगी और बिजनेस दिनों दिन मुश्किल होता जाएगा.
सेविंग खाते पर बिजनेस से परेशानी
- बैंकों के जितने भी सेविंग खाते होते हैं उसकी एक खास प्लानिंग होती है. इसके तहत सेविंग के हर ट्रांजेक्शन की ट्रैकिंग होती है. यह भी देखा जाता है कि आपका ट्रांजेक्शन लिमिट क्रॉस न करे. बैंक हर ट्रांजेक्शन की जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देते हैं. ऐसे में सेविंग खाते पर बिजनेस करते हैं तो टैक्स विभाग के रडार पर आ सकते हैं. बड़ी कार्रवाई हो सकती है
- SBI हो या कोई और बैंक, सेविंग खाते पर एक फिक्स्ड अमाउंट के ट्रांजेक्शन की सुविधा दी जाती है. एक तिमाही में 30 ट्राजेक्शन की सुविधा मिलती है. अगर इससे ज्यादा लेनदेन होती है तो बैंक आप पर जुर्माना लगा सकते हैं. बिजनेस में आपको ट्रांजेक्शन की लिमिट का पता नहीं चलता. ऐसे में जुर्माना देने से अच्छा है कि सेविंग खाते का उपयो न किया जाए
- सेविंग खाते पर होने वाले सभी ट्रांजेक्शन आपके पैन से जुड़ते जाते हैं. पैन में इसकी रिपोर्टिंग होती रहती है. ऐसे में सेविंग खाते में बड़े अमाउंट की डीलिंग होगी तो इनकम टैक्स की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है
- और भी कई नियम हैं जो बिजनेस के लिहाज से सेविंग खाते के लिए उपयुक्त नहीं बताए जाते. जैसे चेक का नियम है जिसमें बड़े अमाउंट के चेक लगाने में दिक्कत आएगी. इसके लिए करंट अकाउंट को ही सही माना जाता है
- सेविंग खाते में आपको 30 फ्री चेक मिलते हैं, लेकिन बिजनेस अकाउंट या करंट अकाउंट खोलते हैं तो करंट अकाउंट क्या होता है? आपको असीमित चेक की सुविधा मिलती है
इन सभी बातों को जानने के बाद भी आप छोटे बिजनेस के लिए सेविंग खाते का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल पर कोई मनाही नहीं है, लेकिन ऊपर बताई गई परेशानियों के लिए आपको तैयार रहना होगा.
Savings Account व Current Account क्या होता है; बचत व चालू खाते मे क्या अंतर है
जब पैसों की बात आती है तो आज के समय मे बैंक ही सबसे ज्यादा सुरक्षित जगह है उसे सेव करके रखने की आजकल ज़्यादकर लोगों के बैंक अकाउंट है और धीरे धीरे खुद का बैंक अकाउंट होना आज जिस तरह एक स्मार्टफोन होना जरूरी है उसी तरह हो जाएगा। इस ब्लॉग पोस्ट मे सेविंग क्या होता है? सेविंग अकाउंट व करंट अकाउंट मे क्या अंतर है इसके बारे मे अच्छे से बताया गया है।
अमूमन आप जब भी अपना नया खाता खुलवाने बैंक जाते हो तो आपसे ये नहीं पूछा जाता की आपको किस तरह का अकाउंट खुलवाना है पर बैंक अकाउंट कई तरह के होते है जैसे की सैविंग अकाउंट, सैलरी अकाउंट, करंट अकाउंट आदि, ज़्यादकर लोगों के लिए सैविंग अकाउंट ही सबसे अच्छा बैंक अकाउंट का प्रकार है।
ऑनलाइन खाता ओपन करते समय आप किस तरह का अकाउंट खोलना चाहते हो इसके बारे मे पूछा जाता है, इसके अलावा जब भी आप बैंक मे जाकर पैसे जमा करने का निकालने की पर्ची भरते हो तो वहा भी इसके बारे मे जानकारी मांगी जाती है।
Savings बैंक अकाउंट (बचत खाता) क्या होता है?
सेविंग बैंक अकाउंट सभी प्रकार के बैंक अकाउंट मे सबसे बेसिक प्रकार का अकाउंट होता है जिसे हर कोई ओपन कर सकता है, जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है की ये एक सेविंग अकाउंट है और इसमें आप अपना बचाया हुआ पैसा रख सकते है। ज़्यादकर बैंक अपने ग्राहकों का यही अकाउंट ओपन करती है।
एक Saving अकाउंट मे ग्राहक को सभी जरूरी सुविधाएं दी जाती है इसके अलावा सेविंग अकाउंट पर 3 से 4% का सालाना ब्याज भी मिलता है, यदि आप एक कोई बिजनेस नहीं करते है तो आपके लिए सेविंग अकाउंट ही सबसे बेहतर अकाउंट है। एक आम आदमी के लिए सेविंग अकाउंट के केवल फायदे ही है वही अगर आप बिजनेस के लिए कोई अकाउंट खोलना चाहते है तो करंट अकाउंट सबसे बेहतर है।
Current Account (चालू खाता) क्या होता है?
करंट बैंक अकाउंट यानि की चालू खाता इस प्रकार का अकाउंट होता है जिसे मुख्यतः बिजनेस करने वाले इस्तेमाल करते है, इस अकाउंट मे लेन देन करने की कोई लिमिट नहीं होती यहा 1 दिन मे कितने भी रुपयों का ट्रैन्सैक्शन किया जा सकता है। इसके अलावा इस अकाउंट पर बैंक ग्राहक को उसके खाते मे पड़े पैसे पर ब्याज नहीं देती।
Current Bank Account किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं बल्कि उस संस्था या कंपनी के नाम पर खुलता है, इसमें 1 से ज्यादा लोगों को अकाउंट को कंट्रोल करने के लिए जोड़ा जा सकता है। करंट अकाउंट मे Monthly मिनमम बैलन्स भी सैविंग के मुकाबले काफी ज्यादा रखना पड़ता है।
Savings अकाउंट व Current अकाउंट मे अंतर
करंट अकाउंट (चालू खाता) व सेविंग अकाउंट मे कई तरह के अंतर होते है, सेविंग और करंट अकाउंट अलग अलग जरूरतों को पूरा करते है, कुछ चीजों मे सेविंग अकाउंट अच्छा है और कुछ 1 आध चीजों मे करंट अकाउंट बेस्ट है, नीचे बताए अंतर से आपको इनके फायदे व नुकसान भी समझ आ जाएंगे।
- Savings Bank Account एक बेसिक अकाउंट होता है जिसे हर कोई ओपन करवा सकता है वही करंट अकाउंट खुलवाने के लिए आपका कोई बिजनेस होना जरूरी है, करंट अकाउंट बिना बिजनेस के नहीं खुलवाया जा सकता।
- सैविंग अकाउंट मे एक दिन मे एक निर्धारित अमाउन्ट का लेन देन किया जा सकता है जबकि करंट अकाउंट मे कितने भी ट्रैन्सैक्शन किये जा सकते है।
- एक सेविंग अकाउंट उन सभी लोगों के लिए सबसे उपयोगी अकाउंट है जिनकी हर महीने सैलरी आती है या फिर वो खुद का कोई काम करते है वही करंट अकाउंट बिजनेस के लिए काम आता है
- Savings Account मे आपको 3 से 4% तक अकाउंट मे पड़े पैसे पर सालाना ब्याज मिलता है जबकि करंट अकाउंट मे आपको कोई ब्याज नहीं मिलता।
- एक सेविंग अकाउंट से आप उतना ही पैसा निकलवा सकते है जितना आपके खाते मे बचा हुआ है जबकि करंट अकाउंट मे आप खाते मे बची हुई राशि से ज्यादा पैसे भी निकाल सकते है। बैंक द्वारा दी गई इस सेवा को ओवरड्रॉइंग कहते है।
- सेविंग अकाउंट मे आपको बहुत कम या कोई भी Monthly Average Balance रखना होता है जबकि एक करंट अकाउंट मे सेविंग अकाउंट से काफी ज्यादा बैलेंस हर महीने रखना होता है।
- एक करंट अकाउंट खुलवाने के लिए सैविंग अकाउंट के मुकाबले आपको अधिक डाक्यमेन्ट जमा करने पड़ते है व इसे खोलने मे समय भी ज्यादा लगता है।
सारांश
इस ब्लॉग पोस्ट मे आपने जाना की सेविंग अकाउंट व करंट अकाउंट मे क्या फर्क होता है, यदि आप कोई बिजनेस नहीं कर रहे हो तो आपके लिए सेविंग अकाउंट ही सबसे बेहतर अकाउंट है। सेविंग अकाउंट मे आपको पैसों पर ब्याज मिलता है पर करंट अकाउंट मे ऐसा नहीं होता। आप अपने सवाल कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है
सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट में क्या अंतर है
बहुत से करंट अकाउंट क्या होता है? लोगो को पता नहीं है Saving और Current Account में क्या अंतर होता है? जिस भी व्यक्ति के पास बैंक अकाउंट हैं उनको पता होना चाहिए की Current Account क्या होता है? अगर आप भी इस सवाल को लेकर उत्सुक हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर आए है।
जब आप बैंक अकाउंट Open करने के लिए जाते है तो बैंक अकाउंट ओपन (Bank Account Open) करते समय फार्म में पूछा जाता है की आप किस Type का अकाउंट खोलना चाहते है। आपके सबसे पहले करंट अकाउंट क्या होता है? यह जानना जरूरी है की आपके लिए सबसे अच्छा बैंक खाता कौन सा होता है? और इन सभी अकाउंट के क्या फायदे और नुकसान है।
Saving Account क्या है ?
सेविंग अकाउंट (Saving Account) को हम बचत खाता भी कहते है। इस कहते में आप अपने बचाए हुए पैसो को थोडा थोडा जमा कर सकते है। इस तरह का बैंक खाता आम व्यक्ति के लिए अच्छा है। क्योंकि बैंक इस तरह के खाते में लोगो को ब्याज प्रदान करता है। सेविंग अकाउंट खोलने पर आपको, जमा किये गए पैसे पर बैंक सालाना 3% से लेकर 5% तक इंटरेस्ट देता है। ये इंटरेस्ट रेट अलग अलग बैंको का अलग अलग है।
Current Account क्या है ?
करंट अकाउंट (Current Account) को हम चालू खाता भी कहते है। यह एक प्रकार का Ongoing अकाउंट है। यह अकाउंट बिजनेस करने वाले लोगो के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि करेंट अकाउंट में लेन-देन की कोई लिमिट नही होती है। जितनी बार चाहे आप अपने अकाउंट से पैसे की लेने देन कर सकते है।
बड़े पेमाने पर पैसो का लेन देन (transaction) करने वाले लोगो के लिए करेंट अकाउंट अच्छा होता है। परन्तु करंट अकाउंट का इस्तेमाल करने से बैंक आपको सालाना किसी भी तरह का इंटरेस्ट नहीं देता है।
Saving और Current Account में क्या अंतर है?
1. जहाँ सेविंग अकाउंट में Transaction की लिमिट होती है वही करेंट अकाउंट में Transaction की कोई लिमिट नही होती है।
2 .सेविंग अकाउंट में बैंक आपको सालाना ब्याज (interest) देता है। जबकि Current Account इस्तेमाल करने से आपको ब्याज नही मिलता है।
3. Current Account में मैक्सिमम बैलेंस रखने की कोई लिमिट नहीं है लेकिन saving account में यह है।
4. सेविंग अकाउंट का उद्देश्य, Salary प्राप्त करने के लिए या फिर पैसे की बचत के लिए होता है। जबकि करेंट अकाउंट को बिजनेस करने वालो के लिए बनाया गया है।
5. सेविंग्स अकाउंट में आप अपने खाते से मौजूदा बैलेंस से ही पैसा निकाल सकते हैं। जबकि करंट अकाउंट में आप ओवरड्राफ्ट की मदद से मौजूदा बैलेंस से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं।
निष्कर्ष – आपने आज जाना कि Saving और Current Account में क्या अंतर है? अगर यह जानकारी आपके लिए Helpful रही हो और आपको कुछ नया जानने को मिला हो तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करे।
करंट अकाउंट या सेविंग अकाउंट: आपको क्या खुलवाना चाहिए, जानें दोनों में क्या है फर्क
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बैंक सेविंग अकाउंट आम बैंकिंग सुविधाओं में से एक है। अधिकतर लोग बैंक या पोस्ट ऑफिस के साथ सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं। सेविंग अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, फंड ट्रांसफर, बैंक से बैंक ट्रांसफर, एटीएम ट्रांजेक्शन, प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) मशीनों से ट्रांजेक्शन, बिल पेमेंट आदि जैसी कई सुविधाओं का लाभ उठा सकता है। करंट अकाउंट (चालू खातों) में कई अलग प्रकार की सुविधाएं मिलती हैं, जो कि अधिकतर बिजनेस के उद्देश्यों के लिए डिजाइन की गई होती हैं। एक करंट अकाउंट का उपयोग बड़े स्तर पर कई पेमेंट, रिसिप्ट, इससे संबंधित अन्य ट्रांजेक्शन करने के लिए किया जाता है जिसमें बड़ी पेमेंट और रिसीविंग शामिल होती है। कोई भी व्यक्ति बैंक की तरफ से तय लिमिट तक रोजाना ट्रांजेक्शन कर सकता है, जबकि एक सेविंग अकाउंट में ट्रांजेक्शन की संख्या काफी कम होती है। इसलिए, सेविंग बैंक अकाउंट सैलरी पाने वालों के लिए ठीक हैं और करंट अकाउंट उन लोगों के लिए ठीक है जिनको बार-बार ट्रांजेक्शन करनी होती है।
सेविगं अकाउंट और करंट अकाउंट में क्या है फर्क:
ब्याज दर
सेविंग बैंक अकाउंट में लगभग 4 फीसद का ब्याज मिलता है, जबकि करंट अकाउंट में कोई ब्याज नहीं मिलता है। वहीं कुछ बैंक सेविंग अकाउंट में जमा अमाउंट पर 6 फीसद तक ब्याज दर की पेशकश करते हैं।
ओवरड्राफ्ट
एक सेविंग अकाउंट रखने वाले व्यक्ति को ओवरड्राफ्ट की अनुमति नहीं होती है, जिसका मतलब है कि सेविंग अकाउंट धारक केवल उतना ही पैसा निकाल सकता है, जितना अकाउंट में मौजूद है। कोई भी बैंक या एनबीएफसी सेविंग बैंक अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा नहीं देता है। जबकि एक करंट अकाउंट होल्डर बैंक की सहमति से तय सीमा तक ओवरड्राफ्ट सुविधाओं का लाभ उठा सकता है।
मिनिमम बैलेंस
सेविंग बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की आवश्यकता करंट अकाउंट के मुकाबले काफी कम होती है। बैंक और अन्य माइक्रोफाइनेंस संस्थान जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट और स्मॉल सेविंग अकाउंट की पेशकश करते हैं, जिसमें अकाउंट होल्डर्स को मिनिमम एवरेज बैलेंस बनाए रखने की आवश्यकता नहीं होती है।
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