कार्यशील पूंजी से ही कच्चे माल की खरीद, ट्रांसपोर्ट का खर्च, कर्मचारियों की सैलरी इत्यादि का खर्च वहन किया जाता है। यह फंज कम होने पर वर्किंग कैपिटल लोन लिया जाता है। ZipLoan से 7.5 लाख रुपये तक का वर्किंग कैपिटल लोन मिलता है।
Opportunity Cost - अपॉर्चुनिटी कॉस्ट
क्या होती है अपॉर्चुनिटी कॉस्ट?
अपॉर्चुनिटी कॉस्ट यानी अवसर लागत किसी व्यक्ति, निवेशक या कंपनी के संभावित लाभों का प्रतिनिधित्व करते मार्जिन और प्रॉफिट में क्या अंतर है हैं जो वे एक विकल्प को दूसरे पर चुनते समय चूक जाते हैं। अवसर लागत की धारणा अर्थशास्त्र की एक प्रमुख संकल्पना है। चूंकि परिभाषा के लिहाज से वे अज्ञात होते हैं, इसलिए सावधान न रहने पर अपॉर्चुनिटी कॉस्ट को आसानी से नजरअंदाज किया जा सकता है। एक निवेश को दूसरे की तुलना में चुन कर छोड़े गए संभावित छूटे हुए अवसरों को समझना बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। जहां वित्तीय रिपोर्ट अपॉर्चुनिटी कॉस्ट को प्रदर्शित नहीं करती, व्यवसाय मालिक अक्सर इस अवधारणा का उपयोग सुविज्ञ निर्णय लेने में करते हैं, जब उनके सामने कई विकल्प होते हैं।
मुख्य बातें
- अपॉर्चुनिटी कॉस्ट मार्जिन और प्रॉफिट में क्या अंतर है वह छूटा हुआ लाभ है जो उस विकल्प से प्राप्त हो सकता था जिसे नहीं चुना गया।
ज्वैलर्स को राहत, सोने मार्जिन और प्रॉफिट में क्या अंतर है के पुराने आभूषण की बिक्री में मार्जिन पर ही लगेगा जीएसटी
Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: July 18, 2021 18:28 IST
Photo:FILE
पुराने आभूषणों की बिक्री में सिर्फ मार्जिन पर GST
नई दिल्ली। जौहरियों को सेकेंड हैंड या पुराने सोने के आभूषणों की पुन:बिक्री पर होने वाले मुनाफे के लिए ही माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान करना होगा। अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर), कर्नाटक ने यह व्यवस्था दी है। बेंगलुरु की आद्या गोल्ड प्राइवेट लि.ने एएआर में आवेदन दायर कर यह जानकारी मांगी थी कि यदि वह किसी व्यक्ति से पुराना या सेकेंड हैंड सोने का आभूषण खरीदती है और बिक्री के समय उस उत्पाद के रूप या प्रकृति में कोई बदलाव नहीं होता है यानि उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाता, तो क्या जीएसटी का भुगतान खरीद और बिक्री मूल्य के अंतर पर ही करना होगा।
ZipLoan से कार्यशील मार्जिन और प्रॉफिट में क्या अंतर है पूंजी लोन प्राप्त करें
आरबीआई से रजिस्टर्ड एनबीएफसी ZipLoan एमएसएमई कारोबारियों के लिए समर्पित लोन प्रदाता है। जब कारोबारी को लगे कि उनके बिजनेस में कार्यशील पूंजी कम हो रही है या बिजनेस संचालन करने में फंज की कमी हो रही है तो उन्हें चाहिए कि वह ZipLoan से वर्किंग कैपिटल लोन प्राप्त करें। ZipLoan से बिजनेस लोन लेने के कई फायदे हैं।
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बिजनेस लोन की सुविधाएं और लाभ
ZipLoan द्वारा बिजनेस लोन बहुत आकर्षक सुविधाओं के साथ प्रदान किया जाता है। सुविधाएं और लाभ निम्नलिखित हैः
- बिजनेस लोन सिर्फ 3 दिन* में: मार्जिन और प्रॉफिट में क्या अंतर है बिजनेस तभी सतत गति से चलता है, जब बिजनेस की जरूरतों की पूर्ति तत्काल होती है। इस बात समझते हुए ZipLoan मार्जिन और प्रॉफिट में क्या अंतर है द्वारा सिर्फ 3 दिन* में बिजनेस लोन प्रदान किया जाता है।
- 6 महीने बाद प्री पेमेंट चार्जेस फ्री बिजनेस लोन: ZipLoan द्वारा प्रदान किया जाने वाला बिजनेस लोन 6 महीने बाद प्री पेमेंट चार्जेस फ्री यानी फॉर क्लोजर चार्जेस फ्री होता है।
- आसान EMI: ZipLoan द्वारा इस बात का ध्यान रखा जाता है कि लोन लेने के बाद कारोबारी पर अधिक भार न पड़े। बिजनेस लोन चुकाने के लिए 12 से 24 महीने की समयावधि दी जाती है।
- ZipScore से भी बिजनेस लोन: बिजनेस लोन देने के लिए ZipLoan ना केवल Cibil Score के मापदंडों को फॉलो करता है, बल्कि मार्जिन और प्रॉफिट में क्या अंतर है ZipLoan की एक अलग क्रेडिट स्कोर पॉलिसी भी है। जिसे ZipScore कहा जाता है। ZipScore की गणना कारोबारी की बैंक डीटेल, पिछले 2 सालों की ITR, सिबिल स्कोर और बिजनेस प्रॉफिट मार्जिन इन सभी दस्तावेजों को समायोजित करके किया जाता है। ZipScore से उन एमएसएमई कारोबारियों के लिए बिजनेस लोन प्राप्त करने का अवसर बढ़ जाता है, जिनका क्रेडिट स्कोर किन्हीं कारणों से कम होता है।
- टॉप-अप लोन की सुविधा: टॉप-अप लोन की सुविधा उन कारोबारियों को दी जाती है, जिनके द्वारा अपने वर्तमान बिजनेस लोन के 9 EMI का भुगतान तय समय-सीमा में किया गया होता है।
बिजनेस लोन की पात्रता
- कारोबार 2 साल से अधिक का पुराना होना चाहिए।
- बिजनेस का सालाना टर्नओवर 10 लाख रुपये से अधिक होना चाहिए।
- कारोबार के लिए आईटीआर फाइल होना चाहिए। पिछले फाइनेंशियल ईयर में मार्जिन और प्रॉफिट में क्या अंतर है डेढ़ लाख रुपये से अधिक की आईटीआर फाइल होना चाहिए।
- घर और बिजनेस की जगह अलग – अलग होना चाहिए।
- घर या बिजनेस की जगह में से कोई एक खुद के कारोबारी के नाम पर या कारोबारी के किसी ब्लड रिलेटिव के नाम होना चाहिए।
बिजनेस लोन के लिए निम्न कागजातों की आवश्यकता होती है:
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बुनियादी समस्याओं का हल
मैं बारह वर्षों से अपना कारोबार चला रहा हूं लेकिन अपने बिजनेस का विस्तार करने के लिए सक्षम नहीं था। मैंने Ziploan में आवेदन किया और उन्होंने मेरे लोन आवेदन को बहुत ही मार्जिन और प्रॉफिट में क्या अंतर है कम समय में मंजूरी दे दी।
बिहार चुनाव: 500 से भी कम अंतर से जीती गईं कई सीटें, एनडीए को सबसे ज्यादा फायदा
बिहार विधानसभा चुनाव इस बार आईपीएल मुकाबले की तरह अंतिम समय तक रोमांचक बना रहा। सुबह आठ बजे गिनती शुरू मार्जिन और प्रॉफिट में क्या अंतर है हुई और रात आठ बजे तक कोई नहीं कह सकता था कि सरकार एनडीए की बनेगी या महागठबंधन को सत्ता मिलने जा रही है। इसका कारण कई सीटों पर अंतिम समय तक उतार चढ़ाव था। कई सीटें ऐसी थी जहां मुकाबला बेहद नजदीकी रहा। कई सीटों पर 500 से भी कम वोटों से हार जीत हुई है। इसमें सबसे ज्यादा फायदा भी एनडीए को मिला है। एक सीट पर तो केवल 12 वोट से जीत हासिल हुई है। आइये ऐसी सीटों के बारे में जानें.
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