MCD ने पार्कों के रख रखाव के लिए लॉन मूवर और हेज ट्रिमर खरीदी

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दिल्ली नगर निगम अपने पार्कों के रख रखाव और सौंदर्यीकरण के लिए 122 लॉन मूवर और 122 हेज ट्रिमर मशीनें ख़रीदी है. लॉन मूवर मशीन से पार्कों में बढ़ी हुई घास काे बेहद जल्दी और आसानी से काटा जा सकता है. हेज ट्रिमर एक बागवानी उपकरण है जिसका उपयोग हेजेज और झाड़ियों को काटने के लिए किया जाता है. MCD buys lawn mover and hedge trimmer

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के उद्यान विभाग ने अपने हेजिंग के लिए उपकरण पार्कों, नर्सरी और हरित अपशिष्ट प्रबंधन केंद्रों में बड़ी संख्या में मैकेनिकल उपकरणों का उपयोग करना शुरू कर दिया है. इस दिशा में एक और कदम उठाते हुए विभाग ने अपने अधिकार क्षेत्र में पार्कों के बेहतर रख रखाव और सौंदर्यीकरण के लिए 122 लॉन मूवर और 122 हेज ट्रिमर मशीनें खरीदी है (MCD buys lawn mover and hedge trimmer).

उद्यान विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शहरी विकास मंत्रालय द्वारा इन नवीनतम और उच्च गुणवत्ता वाली मशीनों की खरीद के लिए 1.75 करोड़ का फंड उपलब्ध कराया गया है. इन मशीनों के उपयोग से पार्कों में घास काटने, छंटाई और सौंदर्यीकरण सहित रख रखाव का कार्य सुगम और तीव्र होगा. उन्होंने कहा कि नई खरीदी गई मशीनों को ज़ोन के विभिन्न पार्कों में उपयोग के लिए वितरित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि लॉन मूवर मशीन बहुत उपयोगी है, इसके द्वारा पार्कों में बढ़ी हुई घास बेहद जल्दी व आसानी से काटा जा सकता है. एक घास की सतह को एक समान ऊंचाई तक काटने के लिए एक या एक से अधिक घूमने वाले ब्लेड का उपयोग करने वाली मशीन है. हेज ट्रिमर एक बागवानी उपकरण है, जिसका उपयोग हेजेज और झाड़ियों को काटने के लिए किया जाता है. ट्रिमर मैनुअल या पावर्ड हो सकते हैं. मैनुअल ट्रिमर, जिसे हेज क्लिपर्स भी कहा जाता है, झाड़ियों के शीर्ष पर पहुंचने के लिए लंबे हैंडल वाले बड़े कतरनी होते हैं.

हेजिंग के लिए उपकरण

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Q. Consider the following statements regarding the recently launched AGRIDEX, India`s first agriculture futures index:

Which of the statements given above are correct?

Q. हाल ही में प्रारंभ किए गए भारत के पहले कृषि वायदा सूचकांक एग्रीडेक्स (AGRIDEX) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं?

इलेक्ट्रिक 2 और 3 व्हीलर को बढ़ावा देने के लिए बनेगा एक अरब डॉलर का फंड

इलेक्ट्रिक 2 और 3 व्हीलर को बढ़ावा देने के लिए बनेगा एक अरब डॉलर का फंड |_40.1

विश्व बैंक और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) के सहयोग से सरकार जल्द ही $ 1 बिलियन का फंड लॉन्च कर सकती है। इस फंड का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक टू या थ्री-व्हीलर खरीदने के लिए लिए गए लोन में चूक के खिलाफ गारंटी देने के लिए किया जाएगा। नीति आयोग परियोजना की सुविधा देने वाली एजेंसी होगी। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से और आसान वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करना है।

यह किस तरीके से किया जाएगा

शुरुआत में $300 मिलियन का फंड “पहले नुकसान जोखिम साझाकरण साधन” के रूप में रखा जाएगा। यह धनराशि सभी वित्तीय संस्थानों को उपलब्ध होगी। यह उपकरण बैंकों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर ऋण की चूक के मामले में पहुंच के लिए एक हेजिंग तंत्र के रूप में कार्य करेगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के वित्तपोषण की लागत में 10-12 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है।

इलेक्ट्रिक टू और थ्री व्हीलर खरीदने पर लोन

इस समय भारत में इलेक्ट्रिक टू व्हीलर और थ्री व्हीलर खरीदने पर लोन की दरें 20 से 25 फ़ीसदी तक है। भारत में इस तरह का फंड बनाने के लिए नीति आयोग ने पहल की है। वह इस प्रोजेक्ट के लिए सारी सुविधाएं जुटाने में लगी हुई है। देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए आसान लोन लोगों को जल्द मिल सके, इसलिए इस तरह की पहल की जा रही है।

एमएसई को डॉलर-रुपये साप्ताहिक विकल्प शुरू करने को सेबी की मंजूरी

MSE

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अमरीकी डॉलर-भारतीय रुपए और अन्य दो मुद्राओं से संबंधित साप्ताहिक विकल्प शुरू करने को लेकर मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज (एमएसई) को मंजूरी प्रदान की है। एमएसई अमरीकी डॉलर-भारतीय रुपए को लेकर साप्ताहिक हेजिंग प्रोडक्ट शुरू कर रहा है, जो बाजार हिस्सेदारों को हेजिंग (वित्तीय हानि से बचाव हेतु वायदा) लागत में कटौती करने में महत्वपूर्ण रूप से सहायक होगा। एमएसई के सीएफओ कुणाल सांघवी ने कहा, "यह वित्तीय हानि से बचाव हेतु वायदा (हेज) की छोटी हेजिंग के लिए उपकरण अवधि के कारण वायदा या विकल्प उपकरण की 'समय लागत' को कम करता है। इस तरह की एक महत्वपूर्ण लागत में कटौती भारतीय बाजारों के लाभ के लिए काम करती है, जो हेजिंग व बीमा हेजिंग के लिए उपकरण उत्पादों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं।"

डॉलर-रुपए को लेकर साप्ताहिक विकल्प अनुबंध उन मौजूदा मासिक अनुबंधों का पूरक होंगे, जो समाप्ति माह के अंतिम कारोबारी दिन से दो कार्यदिवस पहले समाप्त हो जाते हैं। सेबी द्वारा एमएसई को यूरो-आईएनआर, जीबीपी-आईएनआर और जेपीवाई-आईएनआर के मुद्रा युग्म पर मासिक मुद्रा विकल्प अनुबंध पेश करने की अनुमति दी गई है।

एमएसई को यूरो-यूएसडी, जीबीपी-यूएसडी और यूएसडी-जेपीवाई के क्रॉस मुद्रा जोड़े पर वायदा और विकल्प पेश करने की अनुमति देती है। क्रॉस मुद्रा जोड़े पर ये हेजिंग के लिए उपकरण वायदा और विकल्प एमएसई पर व्यापार के दिनों के लिए 9.00 बजे से 7.30 बजे तक कारोबार के लिए उपलब्ध होंगे।

सांघवी ने कहा, "एमएसई अब नए उत्पाद को लांच करने और कामकाजी पूंजी की लंबी चिंताओं को पीछे छोड़ने के लिए एक बहुत ही आरामदायक स्थिति में है। इसने टर्नअराउंड योजना के अनुसार सभी उपायों को लागू करने का मार्ग तैयार कर रखा है, जिसमें हमारे उत्पादों का विस्तार शामिल है। बाजार नियामक की मंजूरी हमारी भविष्य की संभावनाओं के प्रति उसके विश्वास का द्योतक है और रिवाइवल पर ध्यान केंद्रित करने वाली प्रबंधन टीम के आत्मविश्वास को बढ़ावा देने वाला है।"

इलेक्ट्रिक 2 और 3 व्हीलर को बढ़ावा देने के लिए बनेगा एक अरब डॉलर का फंड

इलेक्ट्रिक 2 और 3 व्हीलर को बढ़ावा देने के लिए बनेगा एक अरब डॉलर का फंड |_40.1

विश्व बैंक और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) के सहयोग से सरकार जल्द ही $ 1 बिलियन का फंड लॉन्च कर सकती है। इस फंड का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक टू या थ्री-व्हीलर खरीदने के लिए लिए गए लोन में चूक के खिलाफ गारंटी देने के लिए किया जाएगा। नीति आयोग परियोजना की सुविधा देने वाली एजेंसी होगी। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से और आसान वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करना है।

यह किस तरीके से किया जाएगा

शुरुआत में $300 मिलियन का फंड “पहले नुकसान जोखिम साझाकरण साधन” के रूप में रखा जाएगा। यह धनराशि सभी वित्तीय संस्थानों को उपलब्ध होगी। यह उपकरण बैंकों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर ऋण की चूक के मामले में पहुंच के लिए एक हेजिंग तंत्र के रूप में कार्य करेगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के वित्तपोषण की लागत में 10-12 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है।

इलेक्ट्रिक टू और थ्री व्हीलर खरीदने पर लोन

इस समय भारत में इलेक्ट्रिक टू व्हीलर और थ्री व्हीलर खरीदने पर लोन की दरें 20 से 25 फ़ीसदी तक है। भारत में इस तरह का फंड बनाने के लिए नीति आयोग ने पहल की है। वह इस प्रोजेक्ट के लिए सारी सुविधाएं जुटाने में लगी हुई है। देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए आसान लोन लोगों को जल्द मिल सके, इसलिए इस तरह की पहल की जा रही है।

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