Coding decoding questions reasoning in Hindi | संकेतिक भाषा कूट के सवाल
Competitive exam मे coding and decoding () से एक या दो questions in reasoning के अवश्य पूछे जाते हैं आज हम विस्तार और new pattern trick के माध्यम से सरल रूप में कोडिंग डिकोडिंग के सवाल और meaning को hindi में समझेंगे।
Coding decoding meaning in Hindi-
Coding-Decoding की शाब्दिक अर्थ अर्थ संकेतिक भाषा है।
संकेतिक भाषा या कूट का मतलब शब्द, अक्षर और संख्या कोडिंग के पश्चात decoding करने से है।
जब अवस्थित संख्या तथा अक्षरों नियम अनुसार परिवर्तन करके सही क्रम में परिवर्तन/बदल कर लिखने को coding कोडिंग कहा जाता है।
कोडिंग के ठीक विपरीत/opposite संख्या तथा अक्षरों नियम के अनुसार पुनः इसलिए मैंने परिवर्तित किया गया था वापस परिवर्तन करना decoding कहलाता है।
Coding decoding new pattern trick-
English alphabet Number
Vowels alphabets number trick-
English alphabets vowels आसानी से क्रम को याद रखा जा सकता है।
First and last Alphabet trick
पहले और आखिरी अल्फाबेट 1 और 26 ही होगी
4 number gapping alphabets new trick-
Ejoty शब्द से भी 5,10,15,20,25 क्रम को याद रख सकते हैं
First and last five alphabets new pattern trick-
प्रथम पांच और अंतिम पांच अक्षरों को आसानी से याद कर सकते हैं
Coding decoding question and answer
Qus-1 यदि 453945 को DECIDE है तो 8978 को क्या लिखा जाएगा?
Qus-2 यदि NOIDA को 39658 को लिखा जाए तो INDIA को क्या लिखेंगे?
Qus-3 यदि E=5 , PEN=35 तो EGG को क्या लिखेंगे?
QUS-4 अगरA=2, M=26,Z=52 तो CAP का क्या मान होगा।
Qus-5 यदि 123 को 987 लिख सकते हैं तो 234 को क्या लिखेंगे?
Qus-6 अगर MATTER को TAMRET तो BEYOND क्या लिखेंगे।
QUS-7 अगर संकेतिक कूट मे EAT को 318 और CHAIR को 24156 लिखा जा सकता है तो TEACHER को कैसे लिखेंगे।
TEACHER= 8312436 Ans
Qus-8 यदि किसी सांकेतिक भाषा में RADIO का कोड OIDAR है तो FAN उसी भाषा मे क्या लिखेंगे।
यहां पर RADIO ALPHABETS OPPOSITE क्रम देखने को मिलता है
QUS-9 यदि संकेतिक भाषा में DEAR को कोड EFBS तू उसी भाषा में TAP क्या कोड होगा।
यहां पर +1 का gap सभी वर्ल्डस मिलता है TAP +1 करेंगे
Qus-10 यदि संकेतिक भाषा में CAMEL का कोड DCPIQ है तो उसी में भाषा में HORSE का कोड क्या होगा।
यहां पर series +1,2,3,4,5 increase हो रही है
HORSE–+1,2,3,4,5 GAPPING करनी होगी।
QUS-11 यदि संकेतिक भाषा में COMTER का कोड MOCRET है तो उसी भाषा में RENTEL का क्या कोड होगा।
यहां पर COM और TER का अपोजिट सीरीज का प्रयोग किया गया है।
QUS-12 यदि सांकेतिक भाषा में REST का कोड 3456 कथा TEAM का कोड सिक्स 6497 है तो उसी भाषा में METER की क्या ABCD पैटर्न के नियम coding होगी।
Qus-13 यदि CHANDRA का कोड 49 है तो उसी भाषा में ARMY की coding क्या होगी।
Qus-14 यदि संकेतिक भाषा में GOT का कोड 20127 है तो उसी भाषा में SON का कोड क्या होगा।
यहां पर विपरीत अल्फाबेट्स लिया गया, नंबर क्रम में रखा गया है
Qus-15 यदि सांकेतिक भाषा में RAKESH का कोड 8 है तो उसी भाषा में RAMESH का क्या कोड होगा!
यहां पर सबसे पहले सभी नंबर को जोड़ (62=6+2) लेना उसके बहुत total value numbers को भी जोड़ लेना है।
Qus-16 यदि D=4 और CAT=8है तो EGO का कोड क्या होगा।
यहां पर सबसे पहले देखने को मिला है कि
EGO 3 alphabets है तो यहां पर 3 से भाग देने पर
Qus-17 यदि किसी सांकेतिक भाषा में ‘सफेद को हरा’ ‘हरे को पीला’तथा ‘पीले को नीला’ ‘नीले को गुलाबी’ तथा ‘गुलाबी को काला’ तथा ‘काले को भूरा’ कहा जाए तो आकाश का क्या रंग बनेगा।
लेकिन हमें यह देखना होगा नीले को क्या कहा गया
Qus-18 यदि ‘दिल्ली को हरियाणा’ ABCD पैटर्न के नियम ‘हरियाणा को पंजाब’ ‘पंजाब को राजस्थान’ ‘राजस्थान को मध्य प्रदेश’ तथा ‘मध्य प्रदेश को छत्तीसगढ़’ कहा जाए तो ‘जयपुर’ किस राज्य में स्थित होगा।
जयपुर स्थित = राजस्थान
यहां पर देखना होगा कि राजस्थान की कोडिंग क्या है
राजस्थान= मध्य प्रदेश and
Qus-19 यदि किसी सांकेतिक कूड भाषा में ‘358’ का अर्थ ‘please coming soon’ ‘275’ का अर्थ ‘you go soon’ और ‘867’ का अर्थ ‘please go there’ हो तो उसी भाषा में come को क्या लिखेंगे।
358= please come soon
275= you go soon
867= please go there
Qus-20 यदि किसी कूड भाषा मे ‘253’ से ‘books are old’ ‘546’ से ‘man is old’ और ‘378’ से ‘buy good books’ तो उसी संकेतिक भाषा से ‘are’ के लिए कौन सी decoding की गई है।
ABCD पैटर्न के नियम
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पढ़ाई बीच में छोड़ने पर नहीं बिगड़ेगा साल: एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में सुरक्षित रहेगा हर स्टूडेंट का रिकॉर्ड; जानें क्या है ABC और इसके फायदे
नई शिक्षा नीति को कैबिनेट से मंजूरी मिले 1 साल हो चुके हैं। 1986 के ABCD पैटर्न के नियम बाद यानी 34 साल बाद पहली बार देश की शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। प्राइमरी स्कूल से लेकर हायर एजुकेशन में एडमिशन लेने तक नई शिक्षा नीति में काफी कुछ बदलाव हुए हैं।
इस बदलाव को एक कदम आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 'एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट' स्कीम की शुरुआत की। इस स्कीम का फायदा उन स्टूडेंट्स को मिलेगा, जिन्हें किन्हीं कारणों से बीच मे ही पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। आइए छात्रों के लिए फायदेमंद इस स्कीम के बारे जानते हैं।
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट क्या है ?
यह एक वर्चुअल स्टोर-हाउस है, जो हर स्टूडेंट के डेटा का रिकॉर्ड रखेगा। इसके लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटीज को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट स्कीम में अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद वहां पढ़ने वाले हर स्टूडेंट का डेटा स्टोर होना शुरू हो जाएगा। यदि कोई स्टूडेंट बीच में ही पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे टाइम पीरियड के हिसाब से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री दी जाएगी। फर्स्ट ईयर पास करने पर सर्टिफिकेट, सेकेंड ईयर पास करने पर डिप्लोमा और तीन साल या कोर्स पूर करने पर डिग्री दी जाएगी। यह कमर्शियल बैंक की तरह काम ABCD पैटर्न के नियम करेगा। स्टूडेंट इसके कस्टमर होंगे।
कैसे काम करेगा एकेडमिक बैंक?
एकेडमिक बैंक में स्टूडेंट का अकाउंट खोला जाएगा। इसके बाद उसे एक स्पेशल ID और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का पालन करना होगा। स्टूडेंट्स के एकेडमिक अकाउंट में उच्च शिक्षा संस्थान स्टूडेंट्स को उनके किए जा रहे पाठ्यक्रमों के लिए क्रेडिट दिया जाएगा।
क्या एक ही संस्थान से मिलेंगे सभी क्रेडिट?
इस योजना का फायदा किसी भी इंस्टीट्यूट का छात्र उठा सकता है। शर्त सिर्फ इतनी है कि इंस्टीट्यूट ने अपना रजिस्ट्रेशन इस स्कीम के तहत कराया हो। अलग-अलग संस्थानों में सभी कोर्स नहीं होते, इसलिए किसी भी इंस्टीट्यूट को इसमें शामिल होने की छूट दी गई है। स्टूडेंट को सर्टिफिकेट, डिग्री या डिप्लोमा बैंक में जमा हो रहे क्रेडिट के आधार पर मिलेंगे।
एक बार पढ़ाई छोड़ने पर दोबारा कैसे एंट्री मिलेगी?
ये सारी प्रक्रिया नई शिक्षा नीति को लचीला बनाने के लिए ये स्कीम लाई गई है। इससे स्टूडेंट को अपने हिसाब से पढ़ाई पूरी करने की इजाजत मिलेगी। स्टूडेंट के पास यदि ABC में पुराने रिकॉर्ड जमा हैं तो वह पढ़ाई छोड़ने के बाद कभी भी दोबारा शुरू कर सकता है।
यानी कि स्टूडेंट्स के पास कॉलेज ABCD पैटर्न के नियम में मल्टिपल एंट्री और एक्जिट का ऑप्शन होगा। इसमें ग्रेजुएशन के लिए 3 से 4 साल के आधार पर डॉक्यूमेंटेशन रखा गया है। एक साल पर ABCD पैटर्न के नियम सर्टिफिकेट, 2 साल पर एडवांस डिप्लोमा, 3 साल पर ग्रेजुएट डिग्री और 4 साल के बाद रिसर्च के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री मिलेगी।
स्टोर क्रेडिट करने का पीरियड क्या होगा?
ABC में स्टोर क्रेडिट की अधिकतम शेल्फ लाइफ 7 साल होगी। इसके बाद इसका फायदा नहीं मिलेगा। यदि इंस्टीट्यूशन में अलग नियम हैं तो उसका फायदा छात्रों को मिल सकता है।
ABC के काम क्या होंगे?
ABC रजिस्टर्ड इंस्टीट्यूट द्वारा दिए गए क्रेडिट को स्टूडेंट्स के अकाउंट्स में जमा करेगा। यह UGC के दिशा-निर्देशों और मानदंडों के मुताबिक क्रेडिट को भी मान्य करेगा। बैंक सिर्फ इंस्टीट्यूट्स के दिए गए क्रेडिट स्वीकार करेगा ना कि स्टूडेंट्स के।
कौन से कोर्स शामिल होंगे?
UGC से मान्य सभी हायर इंस्टीट्यूट के कोर्सेस के साथ-साथ इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल, लॉ और अन्य प्रोफेशनल कोर्सेस को भी कवर करेगा। हालांकि, इनमें से कई कोर्सेस अलग-अलग प्रोफेशनल बॉडी द्वारा रेगुलेट किया जाएगा। क्रेडिट बैंक योजना के लिए उनकी मंजूरी मांगी जाएगी।
इसके अलावा सरकारी ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म जैसे SWAYAM, NPTEL, V-Lab या किसी यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रमों पर भी क्रेडिट ट्रांसफर और स्टोर करने के बारे में विचार किया जाएगा।
इलियट वेव थिअरी: यह क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है? (Elliott Wave Theory In Hindi)
शेयर बाजार की दिशा और बाजार की भविष्य में क्या चाल हो सकती है इसकी पहचान करने के लिए, कई व्यापारी, शेयर बाजार विशेषज्ञ और विश्लेषक विभिन्न शेयर बाजार सिद्धांतों के आधार पर चार्ट या ग्राफ का उपयोग करके पिछले बाजार के आंकड़ों का अध्ययन करते हैं। आज हम ऐसी ही एक थिअरी यानि की इलियट वेव थिअरी के बारे में बात करेंगे जो शेयर बाजार सिद्धांतों में से एक है। इलियट वेव थिअरी (Elliot Wave Theory Hindi) वेव्स पैटर्न के आधार पर बाजार की चाल की भविष्यवाणी करने में मदद करती है। इलियट वेव थिअरी की खोज राल्फ नेल्सन ABCD पैटर्न के नियम इलियट (Ralph Nelson Elliot) ने की थी और उन्होंने जो सुझाव दिया था कि बाजार पहचानने योग्य पैटर्न में ऊपर या नीचे चलता है। उन्होंने इन पहचानने योग्य पैटर्न को एक संरचना दी और उन्होंने वेव्स के रूप में उनका प्रतिनिधित्व किया या यूँ कहें कि उन्होंने जो पाया वह यह था कि बाजार में ये संरचनात्मक उतार चढाव विशिष्ट वेव्स के रूप में हुए। बाजार के सिद्धांतों को दो तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है एक भविष्य कहनेवाला सिद्धांत (Predictive Theory) और एक प्रतिक्रियाशील सिद्धांत (Reactive Theory)। प्रतिक्रियाशील सिद्धांत वह है जो बाजार का अनुसरण करता है जबकि एक भविष्य कहनेवाला सिद्धांत वह है जो कुछ हद तक आपको बाजार की संभावित भविष्य की दिशा के बारे में बताता है। इलियट वेव थिअरी एक पूर्वानुमान उपकरण नहीं है, यह आपको केवल मार्केट सेंटीमेंट्स की जानकारी देता है।
इस ब्लॉग में आप आगे देखेंगे,
३. इलियट वेव थिअरी के नियम
५. क्या इलियट वेव थिअरी सच में काम करता है या नहीं ?
इलियट वेव थिअरी क्या है? (What is Elliot Wave Theory)
राल्फ नेल्सन इलियट (२८ जुलाई १८७१ - १५ जनवरी १९४८ ) एक अमेरिकी लेखाकार और लेखक ने अपने शोध के आधार पर एक सिद्धांत प्रस्तुत किया था कि वेव्स के अपने आप को दोहराने वाले पैटर्न को देखकर और पहचान कर शेयर बाजार की गति की भविष्यवाणी की जा सकती है। यही सिद्धांत इलियट वेव थिअरी (Elliot Wave Theory Hindi) के रूप में जाना जाता है।
इलियट ने बाजार का गहराई से विश्लेषण और अध्ययन किया, वेव पैटर्न की विशिष्ट विशेषताओं की पहचान की,और उन पैटर्न के आधार पर विस्तृत बाजार भविष्यवाणियां की। इलियट ‘डॉव थिअरी’ (Dow Theory) से प्रेरित थे और उन्होंने इसकी मदद ली, जो वेव्स के संदर्भ में मूल्य के उतार-चढाव को परिभाषित करता है। उन्होंने १९३० में इस सिद्धांत की खोज की, लेकिन उन्होंने १९३८ में “द वेव प्रिंसिपल”(The Wave Principle) नामक पुस्तक में बाजार के पैटर्न के अपने सिद्धांत को पहली बार प्रकाशित किया।
इलियट वेव थिअरी के मूल सिद्धांत (Principals of Elliot Wave Theory)
इलियट वेव थिअरी में वेव पैटर्न का अध्ययन होता है, यानी ट्रेंड की दिशा में गति १ ,२,३,४,५ के रूप में लेबल की गई पाँच वेव में प्रकट होती है और इसे मोटिव वेव कहा जाता है, जबकि ट्रेंड के खिलाफ कोई भी सुधार तीन वेव में होता है। A, B, C से लेबल की हुई वेव करेक्टिव वेव कहलाती हैं।
ये पैटर्न लॉन्ग-टर्म और शॉर्ट-टर्म चार्ट में देखे जा सकते हैं। इलियट वेव थिअरी (Elliot Wave Theory Hindi) के अनुसार पांच-वेव पैटर्न मौजूद है। जैसा ABCD पैटर्न के नियम कि आप ग्राफ में देख सकते हैं कि यह एक पांच-वेव्स की संरचना है जहां वेव १, ३ और ५ अनिवार्य रूप से बाजार की दिशा निर्धारित करती हैं।
वेव २ और वेव ४ मूल रूप से १, ३ और ५ वेव के लिए काउंटर वेव्स हैं। छोटे पैटर्न को बड़े पैटर्न में पहचाना जा सकता है।
वेव्स के बीच फिबोनेस्की (Fibonacci) संबंधों के साथ मिलकर बड़े पैटर्न में फिट होने वाले छोटे पैटर्न के बारे में यह जानकारी, व्यापारी को बड़े ABCD पैटर्न के नियम इनाम/जोखिम अनुपात के साथ व्यापारिक अवसरों की खोज और पहचान करने की क्षमता देती है।
इलियट वेव थिअरी के नियम (Rules of Elliot Wave Theory)
आगे दिये हुए तीन आवश्यक नियम हैं जिन्हें इलियट वेव ( Elliot Wave) का प्रयोग करने वाला कोई भी व्यक्ति नहीं तोड़ सकता है। यदि कोई इन नियमों को ABCD पैटर्न के नियम तोड़ता है तो वह जो अभ्यास कर रहा होगा वह वास्तविक इलियट वेव सिद्धांत नहीं होगा और यहीं पर कई विश्लेषक गलतियाँ करते हैं। वे अक्सर तर्क देते हैं कि आप यहां एक नियम जानते हैं और इसका उल्लंघन किया जा सकता है लेकिन जो कोई भी किसी भी नियम का उल्लंघन कर रहा है तो ऐसा समझना चाहिए की वह अन्य सिद्धांत का अभ्यास कर रहा है। आइए अब इन नियमों को देखें,
इलियट वेव थिअरी नियम १ :-
वेव २ कभी भी वेव १ से नीचे नहीं जाता है : - यह नियम है कि वेव २ का निचला हिस्सा वेव १ से कम नहीं हो सकता है। वेव २ पूरी तरह से वेव १ के निचले हिस्से तक रिट्रेस कर सकता है और फिर भी इसे वेव २ के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
इलियट वेव थिअरी नियम २ :-
वेव ३ कभी भी सबसे छोटा नहीं हो सकता : - किसी भी तरह से, वेव १ सबसे छोटा हो सकता है या वेव ५ सबसे छोटा हो सकता है लेकिन वेव ३ सबसे छोटा नहीं हो सकता। यह मापते समय कि वेव ३ सबसे लंबी या सबसे छोटी है, आपको अपने चार्ट को सेमी - लॉगरिथमिक या लॉगरिथमिक पैमाने पर रखने की आवश्यकता है, लेकिन इसे अंकगणितीय पैमाने पर नहीं रखना चाहिए क्योंकि कभी-कभी यह जानना मुश्किल हो जाता है कि कौन सी वेव सबसे लंबी है और कौन सी है सबसे छोटी। आमतौर पर शेयर बाजारों में वेव ३ सबसे लंबी वेव होती है लेकिन कमोडिटी में वेव ५ सबसे लंबी होती है।
इलियट वेव थिअरी नियम ३ :-
वेव ४ का मूल्य क्षेत्र वेव १ के मूल्य क्षेत्र में प्रवेश नहीं करता है : - इसका मतलब है कि वेव १ का हाई, वेव ४ के लो में प्रवेश नहीं कर सकता है।
Input-Output Questions for SBI PO/Clerk Mains: 12th July 2018 (in HINDI)
बैंकिंग और बीमा परीक्षाओं के लिए तार्किक अभिक्षमता में प्रश्नों की जटिलता काफी बढ़ रही है और इस खंड की तैयारी करते समय किसी को भी नाकों चने चबाने पड़ सकते है. यदि कोई नवीनतम पैटर्न आधारित प्रश्नों के निरंतर अभ्यास की आदत में नहीं आता है तो मुख्य स्तर के प्रश्नों को हल करना एक आसान काम नहीं होगा. और, आपको नवीनतम पैटर्न के प्रश्नों के साथ अभ्यास करने के लिए, यहां एसबीआई पीओ और क्लर्क मुख्य परीक्षा के लिए नवीनतम पैटर्न के आधार पर Adda247 एक तर्क प्रश्नोत्तरी है. इतना ही नहीं, ये प्रश्नोत्तरी आगामी बैंक ऑफ बड़ौदा परीक्षा के लिए भी मददगार साबित होगी. अब, अपने आपको तैयार करो. यह पूर्णता अभ्यास करने का समय है.
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न्यूनतम अंक: 1
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