Part-2: बच्चों की इंटेलिजेंसी मशीन करेगी तय, आंख और बालों का कलर भी आपके मुताबिक होगा
एक्टोलाइफ के अनुसार दंपति को अपने मन मुताबिक बच्चा मिल सकेगा. इसके अलावा ग्रोथ पॉड्स में बच्चों को रखकर पूरे 9 माह तक मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी की जाएगी.
By: दुष्यंत कुमार | Updated at : 12 Dec 2022 06:00 PM (IST)
बच्चे की आंख, बाल और त्वचा का रंग खुद तय करिए! (फोटो क्रेडिट: फेसबुक वीडियो)
कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें दुनियाभर में लोग 'भगवान की मर्जी' या फिर 'प्रकृति की देन' कहकर स्वीकार करते हैं. इंसान खुद भी मानता है कि कुछ चीजों के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए लेकिन ऐसा होता कहां है. अब अगर, कोई कंपनी ये कहे कि बच्चे को 9 महीने कोख में पालना जरूरी नहीं, हम मशीन में पाल देंगे, तो आप क्या कहेंगे? ये छोड़िए, फिर ये भी कहने लगे कि आप तय कीजिए कितना विद्वान बच्चा चाहिए? तब तो आप सोचने पर मजबूर हो ही जाएंगे. मगर, ये भी कहने लगे कि उसकी आंख और बालों का रंग वही होगा, जो आप चाहते हैं तो फिर आप शायद यही पूछें कि, ये कंपनी है कौन सी? और क्या करती है.
कौन सी कंपनी ने किया है दावा?
बच्चे को 9 महीने मां की कोख की बजाय, मशीनों के जरिए पालने का पूरा दावा करने वाली इस कंपनी का कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? नाम है एक्टोलाइफ (EctoLife). एक्टोलाइफ खुद को दुनिया की पहली आर्टिफिशियल वूम (Artificial Womb) सर्विस देने वाली कंपनी बताती है. कंपनी ने हाल ही में वीडियो जारी करके इस पूरे प्रोसेस के बारे में बताया है.
आर्टिफिशियल वूम (Artificial womb) क्या होता है?
आर्टिफिशियल वूम या आर्टिफिशियल यूट्रस का मतलब है, मशीनों के जरिए तैयार किया गया एक गर्भाशय जहां बच्चों को न सिर्फ 9 महीने पाला जा सकता है, बल्कि उसके जीन में भी बदलाव किए जा सकते हैं. इसे शुद्ध हिंदी में कृत्रिम गर्भाशय भी कह सकते हैं. इस कृत्रिम गर्भाशय में रखकर बच्चे की वैसे ही देखभाल कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? की जाती है, जैसे की मां की कोख में बच्चा रहता है. उसके खाने-पीने से लेकर उसकी सेहत का ध्यान रखा जाता है. जिस कृत्रिम गर्भाशय में बच्चा रखा जाता है, उसे ग्रोथ पॉड्स कहते हैं. ग्रोथ पॉड्स में बच्चों को रखकर पूरे 9 महीने तक उसकी मॉनिटरिंग की जाएगी.
कैसे मिलेगा मनचाहा बच्चा?
एक्टोलाइफ के मुताबिक किसी भी दंपति को को इस पद्धति के जरिए मनचाहा बच्चा मिल सकता है. इसके लिए कंपनी ने एलीट पैकेज (खास तरह का महंगा पैकेज, जिसमें बच्चे का डीएनए चुनने की व्यवस्था मिले) तैयार किया है. इसे जेनेटिक इंजीनियरिंग कहा जाएगा, जिसमें बच्चे के भीतर कुछ स्पेशल किस्म के डीएनए डाले जाएंगे जिससे वह सामान्य बच्चों के मुकाबले खास हो सके.
इतना ही नहीं बच्चों के जीन को बदलने के लिए CRISPR-Cas9 नाम के जीन एडिटिंग टूल का सहारा लिया जाएगा, जिससे बच्चे के 300 तरह के DNA बदले जा सकेंगे. यानी मशीन में पल रहे बच्चे में खास जीन डाल दिए जाएंगे, जिससे आप अपनी पसंद का लायक बच्चा पैदा कर पाएंगे. जो लोग कहते हैं कि हमारा बच्चा नालायक है, उन्हें इस तकनीक से छुटकारा मिल जाने का दावा कंपनी ने किया है.
इसके पीछे कौन है? (Who is Hashem Al-Ghaili)
आर्टिफिशियल कोख में बच्चे को पालने का पूरा श्रेय एक्टोलाइफ ने हासिम अल गायली को दिया है. उन्हीं के प्रोफाइल से वो वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें विस्तार से इस तकनीक के बारे में बताया गया है. एक्टोलाइफ का कॉन्सेप्ट और ये फैसिलिटी बायोटेक्नोलॉजिस्ट और साइंस कम्यूनिकेटर हासिम अल गायली का है. कंपनी का दावा है कि इस कॉन्सेप्ट पर साइंटिस्ट और इंजीनियर मिलकर साल 1950 से काम कर रहे हैं.
देखें वीडियो-
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Published at : 12 Dec 2022 06:00 PM (IST) Tags: Health GK Artificial Womb कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? हिंदी कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi
क्राउड 1 क्या है ? इससे लाखो रुपये कमाई कैसे करें !
अगर आप Crowd 1 का नाम पहली बार सुन रहें है तो आपको वेबसाइट हिंदी के इस लेख को पढना जरुर चाहिए . जैसा की हम जानते है Crowds कंपनी कुछ ही दिन पहले भारत में आया और यहाँ के व्यक्ति इसके प्लान को देखकर प्रभावित हुए |
क्राउड 1 क्या है ? , यह कैसे काम करता है सभी जानकारी जानना आवश्यक है क्यूंकि यह कुछ ही दिनों में अमीर बनाने की सपना दिखता है | क्राउड वन crowd1.com का कहना है हमसे जुड़ने के बाद आप जिस चीज पर हाथ रखोगे उसे आप जीवन में खरीद सकते हो | आइये “What Is Crowd1” को विस्तार से समझते है |
Crowd1 क्या हैं ?
इस कंपनी Multi-Level Marketing (MLM) COMPANY है जो अपने ग्राहक को शेयर (बेचती) प्रदान करता हैं . जिसे आप €99 यूरो (लगभग 8500 रुपये) में पहला प्लान खरीदते हो |
ये कंपनी Spain की हैं | कंपनी के द्वारा सभी देन-देन स्पेन के मुद्रा Euro में होता हैं | भारत में 2018 साल में स्थापित होने के बाद कंपनी अपनी कामयाबी की ओर तेजी से बढ़ रही हैं | जैसा की हम जानते है किसी भी कंपनी में शामिल होने से पहले उस कंपनी के बैकग्राउंड के बारे में तलाश करना आवश्यक समझा जाता हैं |
क्राउड 1 का सच
क्राउड वन कंपनी के अनुसार 2018 में स्थापित किया गया था | लेकिन Whois वेबसाइट से चेक करने पर पहले का भी विवरण खुल कर सामने आया |
क्राउड 1 का पूरा नाम Crowd1 Network Europe Ltd है जिसको पहली पर 14 नवम्बर 2007 को क्रिएट किया गया . जिसे आप 13 वर्ष पहले बना था |
Crowd1 की कमाई कैसे होती है ?
क्राउड1 क्या हैं ? (Crowd1 Kya Hai Hindi) जानने के बाद कंपनी के होनेवाले कमाई के बारे में जानना आवश्यक हैं |
यह कंपनी Affilgo, Miggster जैसे Gaming वेबसाइट से जुडी हुई हैं |
आजकल के समय में करोड़ो लोग हर दिन मोबाइल / लैपटॉप पर ऑनलाइन Game खेलते रहते है उसी तरह Affilgo एक गेमिंग वेबसाइट है जिसमें Crowd 1 पैसा को Invest करता है जिससे उसे कमाई होती हैं |
Crowd_1 ग्राहकों के बिच काम कैसे करता है ?
जब क्राउड 1 अपना शेयर ग्राहक में बेचता है तो चार प्रकार के प्लान में से किसी एक प्लान को लेकर शुरुआत करना होता है . जो निम्नलिखित है |
नो ट : यह कंपनी Euro मुद्रा स्वीकार करती है . जो घट या बढ़ सकता है तत्काल जानने के लिए Google में Search करें |
White
यह कंपनी का पहला प्लान है . इस प्लान को खरीदने के लिए €99 Invest करना होगा |
Black
दूसरा लेवल ब्लैक है जिसको ज्वाइन करने के लिए €299 यूरो भुगतान करना पड़ता हैं |
तीसरा में गोल्ड प्लान है जिसकी कीमत €799 Euro देखर खरीदना पड़ता है |
Titanium
चौथा प्लान टाइटेनियम को खरीदने के लिए €2499 यूरो भुगतान करना पड़ता है |
किसी भी कंपनी से जुड़ने का मकसद कमाई करना ही होता है | यहाँ पर हम उदाहरण के लिए €99 प्लान से करते कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? है | अगर आप इस प्लान को खरीदते है तो निम्नलिखित प्रकार से इनकम होता है |
- आपके ज्वाइन करने के पहली तारीख से 14 दिन के अंदर 4 व्यक्ति को Direct Refer कर देते है तो आपका मूल रकम लौटा दिया जाता है . सभी प्लान के अनुसार यह रकम €125 से €3000 तक होती है जो इस प्रकार है |
Streamline बोनस
White लेवल पर €99 से ज्वाइन करने के बाद 14 दिन के अंदर चार व्यक्ति को प्लान खरीदवाने पर मूल रकम €125 मिल जाता है |
Black लेवल पर €299 से ज्वाइन करने के बाद 14 दिन के अंदर चार व्यक्ति को प्लान खरीदवाने पर मूल रकम €375 मिल जाता है |
Gold लेवल पर €799 से ज्वाइन करने के बाद 14 दिन के अंदर चार व्यक्ति को प्लान खरीदवाने पर मूल रकम €1000 मिल जाता है |
Titanium लेवल पर €2499 से ज्वाइन करने के बाद 14 कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? दिन के अंदर चार व्यक्ति को प्लान खरीदवाने पर मूल रकम €3000 मिल जाता है |
बाइनरी बोनस
बाइनरी बोनस लाइफ टाइम लेने के लिए आपके बाएं और दायें एक – एक व्यक्ति को ज्वाइन होना आवश्यक है |
कुल व्यक्ति | इनकम यूरो में |
1:1 रेषो में व्यक्ति होने पर | €18 |
2:1 रेषो में व्यक्ति होने पर | €27 |
3:1 रेषो में व्यक्ति होने पर | €36 |
मैचिंग बोनस
आपके अंदर जितने भी व्यक्ति बाइनरी इनकम लेंगे उनके बाइनरी का 10% से 50% मिलता है | यह इनकम आपके लेवल से पांच लेवल तक मिलता है |
यह इनकम इस प्रकार होता है |
- पहले लेवल पर चार व्यक्ति होतें है तो 10% मिलता है |
- दुसरे लेवल पर आठ व्यक्ति होते है तो 20% मिलता है |
- तीसरे लेवल पर 16 व्यक्ति होते है तो 40% मिलता है |
- चौथा लेवल पर 20 व्यक्ति होतें है तो 50% मिलता है |
पूरा वर्ल्ड से इनकम
व्यक्ति के ज्वाइन करने की तिथि से जितने भी लोग ज्वाइन करते है वो सभी आपके लेग में ही आते है इस इनकम में से कुछ प्रतिशत ग्राहक में शेयर मिलता है |
समय- समय पर Cruise Trip भी मिलता है . जो एक बिजनेस करने वाले व्यक्ति को आवश्यक हैं |
निष्कर्ष
इस पोस्ट में क्राउड 1 क्या है ? (Crowd1 Kya Hai In Hindi) के बारे में बताया गया है | इसमें बताये गए इनकम कंपनी के ही माध्यम से है .आनेवाला समय में कंपनी का फ्यूचर कैसा रहेगा इसका पता आपको स्वयं करना है | किसी भी कंपनी से जुड़ने से पहले जांच-परख कर ही ज्वाइन करें . क्यूंकि यह आपका निर्णय हैं |
सुला विनयार्ड्स के शेयरों कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? की लिस्टिंग रही फ्लैट, 358 रुपए पर लिस्ट हुए शेयर
नई दिल्ली. भारत की सबसे बड़ी शराब निर्माता सुला विनयार्ड्स के शेयरों की लिस्टिंग फ्लैट रही. कंपनी के शेयर BSE पर सिर्फ 0.28 फीसदी प्रीमियम के साथ 358 रुपए पर लिस्ट हुए. वहीं NSE पर Sula Vineyards के शेयर कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? 1.12 फीसदी प्रीमियम के साथ 361 रुपए पर लिस्ट हुई है. कंपनी का इश्यू प्राइस 357 रुपए है. बता दें, Sula Vineyards के इश्यू का सब्सक्रिप्शन बहुत अच्छा नहीं हो पाया था.
कंपनी का इश्यू तीन दिनों में सिर्फ 2.33 गुना ही सब्सक्राइब किया गया था. लिस्टिंग से एक दिन पहले ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) भी 357 रुपए के इश्यू प्राइस से 11 रुपए नीचे 346 रुपए पर कारोबार कर रहे थे.कंपनी का पब्लिक इश्यू पूरी तरह से ऑफर-फॉर-सेल था, जिसका अर्थ है कि कंपनी को ऑफर से कोई आय प्राप्त नहीं हुई और पैसा बेचने वाले शेयरधारकों के पास चला गया.
12-14 दिसंबर के बीच खुला था आईपीओ
वहीं आपको बता दें कि सुला विनयार्ड्स का 960 करोड़ रुपये का आईपीओ 12-14 दिसंबर के बीच खुला था. देश के वाइन मार्केट में अच्छी पकड़ होने की वजह से यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि इसे अच्छा सब्सक्रिप्शन मिलेगा लेकिन फिर इश्यू खुला तो आखिरी दिन ही पूरा भर पाया. पहले दिन यह महज 28 फीसदी और दूसरे दिन 59 फीसदी सब्सक्राइब कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? हुआ. आखिरी दिन यह पूरा सब्सक्राइब हुआ और इसे 2.33 गुना बोलियां मिलीं.
कंपनी और उसके कारोबार के बारे में
बता दें कि सुला विनयार्ड्स कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? नासिक की वाइन कंपनी है. कंपनी वाइन बनाती है और इसके साथ ही वाइन और स्पिरिट इंपोर्ट करके उन्हें देश में बेचती है. मार्च 2022 के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में सुला के 13500 रिटेल टचप्वाइंट्स और 9 हजार से अधिक होटल, रेस्टोरेंट्स और कैटरर्स मिलाकर 23 हजार से अधिक प्वाइंट्स ऑफ सेल हैं. कंपनी के वाइन सेग्मेंट का 50 फीसदी रेवेन्यू महाराष्ट्र और कर्नाटक से आता है.
शेयर क्या है और शेयर कितने प्रकार के होते हैं (What Is Share In Hindi)
Share Kya Hai In Hindi: शेयर मार्केट के बारे में तो आपने सुना ही होगा. आज एक इस लेख में हम शेयर बाजार की सबसे छोटी इकाई शेयर के बारे में आपको बताने वाले हैं. इस लेख में हम आपको शेयर से जुडी अनेक सारी बेसिक जानकारी देने वाले हैं.
आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा की Share क्या है, शेयर कितने प्रकार के होते हैं, शेयर क्यों जारी किये जाते हैं, शेयर कैसे बनते हैं, शेयर कैसे खरीदें और शेयर खरीदने के फायदे कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? व नुकसान क्या हैं.
जब भी आप शेयर मार्केट सीखना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको शेयर के बारे में ही बताया जाता है, कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? तो चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं इस लेख को और समझते हैं शेयर क्या होता है हिंदी में.
लगातार गिरती ही जा रही पाकिस्तान की माली हालात, बढ़ी गरीबी दर
पाकिस्तान, दुनिया। भारत के पड़ोसी या कहें दुश्मन देश पाकिस्तान की गिनती दुनियाभर के गरीब देशों में होती है। यहां हालात पहले ही महंगाई के चलते कुछ सही नहीं रहते हैं, ऐसे में अब पाक की माली हालात और ज्यादा गिरती नज़र आ रही है क्योंकि, यहां अब गरीबी दर बढ़ने से हालात और ज्यादा बदतर हो गए हैं। इस बारे में जानकारी पाक के एक उर्दू अखबार इंतेखाब डेली के हवाले से सामने आई है।
पाक की हालात हुई और खराब :
दरअसल, पाकिस्तान के आर्थिक हालात पहले ही काफी खराब रहते हैं ऐसे में अब जो रिपोर्ट सामने आई है, उससे पाक के आर्थिक हालात को लेकर चिंता और बढ़ गई है। क्योंकि, पाकिस्थान के प्रसिद्ध उर्दू अखबार इंतेखाब डेली ने पाक में इन दिनों चल रही बुरी स्थिति को लेकर रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि, पाक में गरीबी दर में बढ़त दर्ज हुई है और यह बढ़कर 35.7% हो गई है। इसके अलावा खाद्य पदार्थों की कीमतें भी बढ़ी हैं। ऐसे में खाद्य पदार्थों की कीमत में 20 से 31% की वृद्धि दर्ज हुई है। इसके अलावा पाक वैश्विक गरीबी सूचकांक की लिस्ट में 116 देशों में से 92वें स्थान पर आ गया है। इसके अलावा इस इंतेखाब डेली की तरफ से पाक सरकार को सुझाव भी दिया गया है।
इंतेखाब डेली का सुझाव :
पाक के एक उर्दू अखबार इंतेखाब डेली की तरफ से सरकार को सुझाव दिया गया है कि, 'सरकार मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए एक प्रणाली बनाए क्योंकि इसके कारण पिछले कुछ वर्षों से खाद्य सुरक्षा बुरी तरह प्रभावित हुई है। देश की खाद्य सुरक्षा पहले से ही आतंकवादी गतिविधियों, अफगानिस्तान के साथ संघर्ष और मौसम परिवर्तन से प्रभावित हो चुकी है। बढ़ती महंगाई ने इसे और भी खराब कर दिया है। तेजी से व लगातार बढ़ती महंगाई ने लोगों को उनके भोजन और बुनियादी सुविधाओं से वंचित कर दिया है।'
स्थानीय मीडिया कवीश द्वारा जारी रिपोर्ट :
पाकिस्तान के अन्य स्थानीय मीडिया कवीश द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि, 'देश की माली हालत बहुत खराब नज़र आरही है। यहां कराची हवाई अड्डे से अपना माल बाहर निकालने के लिए व्यापारिक समुदाय के लोग आयात खेप निकासी के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। बैंकों में डॉलर की किल्लत से यह स्थिति पैदा हुई है। डॉलर का परिदृश्य देश में ऐसी सबसे अविश्वसनीय स्थिति में पहुंच गया है। कारोबारी समुदाय इस बात को लेकर चिंतित है कि कराची बंदरगाह से अपना माल कैसे निकाला जाए। वित्त मंत्रालय इन हालात पर काबू पाने में नाकाम रहा है।'
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