Nifty 50 ETF: नए निवेशक करना चाहते हैं शेयर बाजार में निवेश तो चुन सकते हैं ये रास्ता, लंबे समय में होगा फायदा
Nifty 50 ETF: अगर आप शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं तो अप्रत्यक्ष रूप से प्रबंधित निफ्टी 50 ईटीएफ एक बेहतर विकल्प हो सकता है जो लंबे समय में अच्छा मुनाफा भी दे सकता है.
By: ABP Live | Updated at : 09 Nov 2022 08:42 AM (IST)
Nifty 50 ETF: शेयर बाजार में निवेश करने का कोई उचित समय नहीं होता. मतलब आप शेयर बाजार की टाइमिंग नहीं कर सकते. दूसरी तरफ, भारतीय शेयर बाजार लगातार नई ऊंचाई छू रहे हैं. इक्विटी लंबे समय में बाकी सभी एसेट क्लास (Asset Class) की तुलना में बेहतर रिटर्न भी देते हैं. अब सवाल उठता है कि शेयरों में निवेश की शुरुआत कैसे करें. अगर आप शेयरों में निवेश के मामले में नए हैं तो निवेश करने के लिए सही कंपनी चुनना आसान काम नहीं है. इसके लिए आपको कंपनी की आर्थिक स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाओं, वैल्यूएशन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है.
यहां पर निफ्टी 50 ईटीएफ (Exchange Traded Funds) सामने आता है. ईटीएफ एक किसी खास इंडेक्स को ट्रैक करता है और स्टॉक एक्सचेंजों पर इसका कारोबार भी शेयरों की तरह ही किया जाता है. हालांकि, इसे म्यूचुअल फंड कंपनियों द्वारा पेश किया जाता है. आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग के समय स्टॉक एक्सचेंजों ईटीएफ के यूनिट्स की खरीद-बिक्री कर सकते हैं. इस संबंध में, निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए स्टार्टिंग पॉइंट हो सकता है.
ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा. ईटीएफ की एक यूनिट को आप कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं. उदाहरण के लिए, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड कर रहा था. इस प्रकार आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ के यूनिट्स खरीद सकते हैं. आप हर महीने व्यवस्थित निवेश भी कर सकते हैं. ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी करेंगे और आपके निवेश की लागत औसत होगी. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ का ट्रैकिंग एरर, जो किसी अंतर्निहित इंडेक्स से फंड रिटर्न के डेविएशन का एक पैमाना है - 0.03% है, जो निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिवर्स में सबसे कम है. सीधे शब्दों में कहें तो यह संख्या जितना कम है, उतना बेहतर.
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) के मामले में देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां शामिल हैं. इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश एक निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में बेहतर डायवर्सिफिकेशन (Diversification) उपलब्ध कराता है.
डायवर्सिफायड पोर्टफोलियो (diversified portfolio) किसी शेयर बाजार में नए हैं? निवेशक के निवेश जोखिम को कम करता है. अगर आप किसी खास स्टॉक में निवेश करते हैं तो जोखिम अधिक होता है जबकि डायवर्सिफायड पोर्टफोलियो के मामले में बाजार में आने वाला उतार-चढ़ाव सभी शेयरों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित नहीं कर सकता.
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश से मिलने वाला रिटर्न अंडरलाइंग इंडेक्स (Underlying Index) में उतार-चढ़ाव का अनुसरण करता है, उसे रिफ्लेक्ट करता है. ईटीएफ में निवेश करने के लिए आपको एक डीमैट खाते की आवश्यकता पड़ती है. जिनके पास डीमैट खाता नहीं है वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है. चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को अप्रत्यक्ष रूप से (passively) ट्रैक करता है और इसकी लागत भी कम होती है. एक्सपेंंस रेशियो या फंड का चार्ज सिर्फ 0.02-0.05% है.
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Published at : 09 Nov 2022 08:42 AM (IST) Tags: stock market Mutual fund investment tips Exchange Traded Funds Nifty50 ETF हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
IPO में चूक गए थे! फिर बने निवेश के मौके, नए लिस्ट होने वाले ये शेयर दे सकते हैं 107% तक रिटर्न
बहुत से निवेशकों को IPO में पैसे लगाने के बाद भी शेयर नहीं मिले हैं. अगर आपभी इन्हीं में से हैं तो एक बार फिर कुछ नए लिस्ट होने वाले शेयरों में निवेश का मौका बना है.
प्राइमरी मार्केट में एक बार फिर जोरदार हलचल देखने को मिल रही है. (image: pixabay)शेयर बाजार में नए हैं?
IPO Investment Options: प्राइमरी मार्केट में एक बार फिर जोरदार हलचल देखने को मिल रही है. इंश्योरेंस कंपनी LIC के इश्यू को लेकर चर्चा रही है, अब कई कंपनियां शेयर बाजार में लिस्ट होने की कतार में हैं. वैसे इस साल बाजार में उतार चढ़ाव के बाद भी, निवेशकों को प्राइमरी मार्केट से ठीक ठाक रिस्पांस मिला है. जबकि साल 2021 में आए कई आईपीओ ने निवेशकों को मालामाल किया था. यहां तक कि निवेशकों का पैसा डबल या ट्रिपल हो गया. हालांकि बहुत से निवेशक पैसे लगाने के बाद भी खाली हाथ रह गए. यानी उन्हें बिडिंग के बाद भी शेयर नहीं मिला. अगर आपभी इन्हीं में से हैं तो एक बार फिर निवेश का मौका बना है. हाल फिलहाल में लिस्ट हुए कई शेयर ऐसे हैं, जो आगे भी बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. ऐसे कुछ शेयरों में ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने खरीदारी की सलाह दी है. आप भी इनमें पैसे लगाकर कमाई कर सकते हैं.
Fino Payments Bank
Fino Payments Bank का शेयर बाजार में 12 नवंबर 2021 को लिस्ट हुआ था. इश्यू प्राइस 577 रुपये की तुलना में यह 548 रुपये के भाव पर लिस्ट हुआ. वहीं लिस्टिंग डे पर करीब 6 फीसदी डिस्काउंट पर 545 रुपये पर बंद हुआ. अभी यह शेयर अपने इश्यू शेयर बाजार में नए हैं? प्राइस से 57 फीसदी कमजोर होकर 250 रुपये पर है. ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने शेयर में खरीदारी की सलाह देते हुए 450 रुपये का टारगेट दिया है. यानी इसमें मौजूदा भाव से 80 फीसदी रिटर्न मिल सकता है.
Sapphire Foods India
Sapphire Foods India का शेयर 18 नवंबर 2021 को बाजार में लिस्ट हुआ था. इश्ययू प्राइस 1180 रुपये की तुलना में शेयर 1311 रुपये पर लिस्ट हुआ था. लिस्टिंग डे पर यह 3 फीसदी मजबूत होकर 1216 रुपये पर बंद हुआ. अभी शेयर इश्यू प्राइस से 11 फीसदी कमजोर होकर 1049 रुपये के भाव पर है. ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने शेयर में खरीदारी की सलाह देते हुए 1700 रुपये का टारगेट दिया है. यानी इसमें मौजूदा भाव से 62 शेयर बाजार में नए हैं? फीसदी रिटर्न मिल सकता है.
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Dodla Dairy
Dodla Dairy का शेयर 28 जून 2021 को शेयर बाजार में लिस्ट हुआ था. इश्यू प्राइस 428 रुपये था, जबकि यह 550 रुपये पर लिस्ट हुआ था. लिस्टिंग डे पर यह 42 फीसदी मजबअूत होकर 609 रुपये पर बंद हुआ. अभी शेयर 488 रुपये पर आ गया है. यानी इश्यू प्राइस के करीब है. ब्रोकरेज हाउस शेयर बाजार में नए हैं? आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने शेयर में खरीदारी की सलाह देते हुए 600 रुपये का टारगेट दिया है. यानी इसमें मौजूदा भाव से 23 फीसदी रिटर्न मिल सकता है.
Paytm
Paytm का शेयर 18 नवंबर 2021 को लिस्ट हुआ था. लिस्टिंग डे पर यह 2150 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले 27 फीसदी कमजोर होकर 1564.15 रुपये के भाव पर बंद हुआ शेयर बाजार में नए हैं? था. अभी यह इश्यू प्राइस से 71 फीसदी कमजोर होकर 620 रुपये पर है. ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने शेयर में 1285 रुपये के लक्ष्य के साथ निवेश की सलाह दी है. करंट प्राइस 620 रुपये के लिहाज से इसमें 100 फीासदी से ज्यादा रिटर्न मिल सकता है.
Tatva Chintan Pharma
29 जुलाई 2021 को लिस्ट होने वाले Tatva Chintan पर भी ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज पॉजिटिव है. ब्रोकरेज ने शेयर में 3000 रुपये का टारगेट देते हुए खरीदारी की सलाह दी है. अभी शेयर 2185 रुपये पर है. इश्यू प्राइस 1083 रुपयेक की तुलना में इसमें 102 फीसदी रिटर्न मिल चुका है.
(Disclaimer: यहां शेयर में निवेश को लेकर सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह जी बिजनेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
Investment Tips: शेयर बाजार में नए हैं तो यह हो सकता है निवेश के लिए एक बेहतर तरीका
आम निवेशक (Investor) भी इक्विटी (Equity) की ओर आमतौर पर इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि इसमें लंबी अवधि में इंफ्लेशन (Inflation) को पछाड़ने की संभावना होती है। इसके अलावा, हमारे सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इक्विटी एक्सपोजर (Equity Exposure) के तत्व की आवश्यकता होती है।
शेयर बाजार का फायदा यहां मिलेगा
हाइलाइट्स
- आप शेयर बाजार में नए हैं
- आपको समझ में नहीं आ रहा है कि कहां से शुरूआत करें
- तो हम आपको बता रहे हैं निवेश का बेहतर तरीका
शेयरों में निवेश से पहले जरूरी होती है शेयर बाजार में नए हैं? कुछ जानकारी
शेयरों में निवेश से पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाओं, वैल्यूएशन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहां पर निफ्टी 50 ईटीएफ (Exchange Traded Fund) सामने आता है। ईटीएफ, जो एक विशिष्ट सूचकांक को ट्रैक करता है, इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे एक म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ के यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में, निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक स्टार्टिंग पॉइंट में से एक है।
निफ्टी 50 ईटीएफ हो सकता है मददगार
ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा। ईटीएफ की एक यूनिट को आप कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है। इस प्रकार आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ की इकाइयां खरीद सकते हैं। आप हर महीने व्यवस्थित निवेश भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी करेंगे और आपके निवेश की लागत औसत होगी। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ का ट्रैकिंग एरर, जो किसी अंतर्निहित इंडेक्स से फंड रिटर्न के विचलन (deviation) का एक पैमाना है - 0.03% है, जो निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिवर्स में सबसे कम है। सीधे शब्दों में कहें तो यह संख्या जितना कम है, उतना बेहतर।
निफ्टी 50 में कौन कंपनी
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण (market capitalization) के मामले में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश एक निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा डाइवर्सिफिकेशन (excellent diversification) प्रदान करता है क्योंकि यह सूचकांक की राह पर चलता है।
डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो क्यों है जरूरी
एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो (diversified portfolio) किसी निवेशक के लिए जोखिम को कम करता है। यह किसी स्टॉक में निवेश करने के मामले में नहीं होता है, क्योंकि यहां बाजार में आने वाला उतार-चढ़ाव कंपनियों के एक बास्केट की तुलना में किसी एक स्टॉक की कीमत को अधिक प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है। साथ ही, निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश से मिलने वाला रिटर्न अंतर्निहित सूचकांक (underlying index) में उतार-चढ़ाव की नकल करेगा। केवल ईटीएफ में निवेश करने के लिए आपको एक डीमैट खाते की आवश्यकता पड़ती है। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।
निवेश सस्ता
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है। चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से (passively) ट्रैक करता है। साथ ही इंडेक्स घटकों (constituents) में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है। इसलिए, इसकी लागत कम होती है।
क्या होता है IPO और कैसे किया जाता है इसमें निवेश, स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं तो जान लें ये बेसिक बातें
शेयर मार्केट को काफी रिस्की माना जाता है. ये जितनी तेजी से मुनाफा करवाता है, उतनी ही तेजी से आपको पैसों का नुकसान भी करवा सकता है. इसमें पैसा लगाने से शेयर बाजार में नए हैं? पहले इसको लेकर स्टडी करना और बेसिक बातों को जानना जरूरी है.
क्या होता है IPO और कैसे किया जाता है इसमें निवेश (Zee Biz)
बीते कुछ समय से शेयर मार्केट को लेकर क्रेज काफी बढ़ गया है. तमाम लोग इसमें पैसा इन्वेस्ट करते हैं और बेहतर मुनाफा कमाते हैं. लेकिन शेयर मार्केट को काफी रिस्की माना जाता है. ये जितनी तेजी से मुनाफा करवाता है, उतनी ही तेजी से आपको पैसों का नुकसान भी करवा सकता है. इसलिए ये जरूरी है कि स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखने से पहले आप इसको लेकर स्टडी कर लें और कुछ बेसिक बातों को अच्छी तरह से जान लें.
स्टॉक मार्केट की दुनिया में आपने IPO का जिक्र जरूर सुना होगा. तमाम कंपनियां अपने IPO को समय-समय पर लॉन्च करती हैं और लोग उसमें अपना पैसा लगाते हैं. अगर आप इस क्षेत्र में नए हैं और शेयर मार्केट में पैसा लगाना चाहते हैं, तो यहां जानिए क्या होता है आईपीओ और इसमें निवेश करने का तरीका क्या है?
क्या होता है IPO
आईपीओ का मतलब है Initial Public Offering. जब कोई कंपनी पहली बार पब्लिक को अपने शेयर ऑफर करती है तो इसे IPO कहा जाता है. ऐसे समझें कि देश में तमाम प्राइवेट कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में काम करती हैं. जब इन कंपनियों को फंड की जरूरत होती है तो ये खुद को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवाती हैं और इसका सबसे बेहतर तरीका है आईपीओ. आईपीओ को जारी करने के बाद कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाती है. इसके बाद निवेशक उसके शेयर को खरीद और बेच सकते हैं.
आईपीओ खरीदने वालों की कंपनी में होती है हिस्सेदारी
कंपनी के आईपीओ खरीदने वालों की कंपनी में हिस्सेदारी हो जाती है और कंपनी के पास फंड इकट्ठा हो जाता है. साधारण शब्दों में समझें तो आईपीओ को लाने के बाद उस कंपनी को चलाने वाला सिर्फ उसका मालिक या परिवार नहीं होता, बल्कि वो सभी निवेशक भी इसमें शामिल होते हैं जिनका पैसा उसके शेयर में लगा होता है. निवेशकों से आए फंड को कंपनी अपनी कंपनी की तरक्की और तमाम अन्य कामों में खर्च कर सकती है.
आईपीओ में कैसे करें निवेश
आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है. डीमैट अकाउंट आप किसी भी ब्रोकिंग फर्म से खोल सकते हैं. आईपीओ जारी करने वाली कंपनी अपने आईपीओ को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है. उतने दिनों के अंदर ही निवेशक कंपनी की साइट पर जाकर या ब्रोकरेज फर्म की मदद से आईपीओ में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
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छोटे निवेशकों के दम से सेंसेक्स नए शिखर पर, ये हैं शेयर बाजार में तेजी के पांच प्रमुख कारण
सेंसेक्स अपने अब तक के उच्चतम स्तर को छूआ। 2020 में बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। उस समय रिटेल निवेशकों की संख्या चार करोड़ के करीब थी। इसके बाद इस आंकड़े में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई।
शेयर बाजारों में गुरुवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी का सिलसिला जारी रहा। छोटे निवेशकों की ताबड़तोड़ लिवाली से सेंसेक्स ने अपने अब तक के उच्चतम स्तर को छू लिया। वहीं, कारोबार में दौरान निफ्टी भी अपने 52 सप्ताह के उच्चस्तर 18,529.70 तक ´पहुंच गया था।
रिटेल निवेशकों शेयर बाजार में नए हैं? की 52 फीसदी भागीदारी
मार्च 2020 में बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। उस समय रिटेल निवेशकों की संख्या चार करोड़ के करीब थी। इसके बाद इस आंकड़े शेयर बाजार में नए हैं? में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई। अगस्त 2022 तक डिमैट अकाउंट की संख्या दोगुनी से अधिक होकर 10 करोड़ तक पहुंच गई। इसी तरह रोजाना के बाजार कारोबार में छोटे निवेशकों की भागीदारी 52 फीसदी हो गई है। वहीं घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी क्रमश : 29 और 19 फीसदी है।
मझौली और छोटी कंपनियों में रही खरीदारी
बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी खरीदारी रही। इससे मिडकैप 0.52 प्रतिशत उछलकर 25,398.89 अंक और स्मॉलकैप 0.42 प्रतिशत की छलांग लगाकर 29,000.60 अंक पर पहुंच गया। इस दौरान बीएसई में कुल 3635 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 1935 में तेजी जबकि 1570 में गिरावट रही वहीं 130 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह एनएसई में 44 कंपनियां हरे जबकि पांच लाल निशान पर रही वहीं एक के भाव स्थिर रहे।
इसका भी रहा असर
वैश्विक रुझान के साथ ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के उस बयान से भी निवेशकों में उत्साह रहा, जिसमें उन्होंने कहा कि देश के औपचारिक क्षेत्र में हर महीने रोजगार के औसतन 15-16 लाख नए पद सृजित हो रहे हैं। इससे भी बाजार में तेजी को बल मिला।
- आईटी 2.30%
- टेक 2.12%
- वित्तीय सेवाएं 1.03%
- तेज एवं गैस 1.25%
- कैपिटल गुड्स 0.98%
तेजी के पांच प्रमुख कारण
1. विदेशी संस्थागत निवेशकों का भरोसा और पूंजी प्रवाह बढ़ा
2. अमेरिकी फेडरल बैंक द्वारा ब्याज दर वृद्धि में नरमी के संकेत
3. त्योहारी सीजन में उपभोक्ता मांग और खपत में तेजी
4. रुपये की गिरावट पर अंकुश लगा
5. कच्चे तेल में नरमी का भी दिखा वैश्विक बाजारों पर असर
कब-कब उच्चतम स्तर पर पहुंचा सेंसेक्स
25000 पर 16 मई 2014
30000 पर 4 मार्च 2015
35000 पर 17 जनवरी 2018
40000 पर 23 मई 2019
50000 पर 21 जनवरी 2021
60000 पर 24 सितंबर 2021
61000 पर 1 नवंबर 2022
62000 पर 24 नवंबर 2022
10 वर्ष में कितना रिटर्न दिया
2013 में 08%
2014 में 19%
2015 में 25%
2016 में -9%
2017 में 17%
2018 में 11%
2019 में 17%
2020 में -24%
2021 में 68%
2022 में 18%
(2022 का आंकड़ा नवंबर तक का है)
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी दिखी तेजी
अमेरिकी केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के जारी मिनट्स में कहा गया है कि अमेरिका में अगले महीने से ब्याज दर में बढ़ोतरी किये जाने की गति धीमी रह सकती है। इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेजी का रुख रहा। शेयर बाजार में नए हैं? हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों से सहमे निवेशकों की बिकवाली से चीन के बाजार में गिरावट रही। इस दौरान ब्रिटेन का एफटीएसई 0.20, जर्मनी का डैक्स 0.71, जापान का निक्केई 0.95 और हांगकांग का हैंगसेंग 0.78 प्रतिशत चढ़ गया जबकि चीन के शंघाई कंपोजिट में 0.25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
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