2 तरह के स्टॉक ब्रोकर होते हैं

Types Of Stock Broker In Share or Stock Market अर्थात stock broker कितने प्रकार के होते हैं

Stock Broker Kya Hota Hai? Top 5 Broker In India

जब भी आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते है तो स्टॉक ब्रोकर के मदद से करते है ऐसे में सवाल ये है की stock broker kya hota hai और इसकी जरूरत क्यों होती है ? इसके साथ ही साथ ये भी जानने को मिलेगा की अपने इंडिया में शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है? कौन कौन से best stock broker है |

पैसे से पैसे कमाने की सोच रहे है या आप पैसे को इन्वेस्ट करने की सोच रहे है तो सबसे ज्यादा प्रॉफिट और return सिर्फ और सिर्फ स्टॉक मार्केट ही दे सकता है, लेकिन आपको पता तो होनी ही चाहिए की आखिर शेयर खरीदा कैसे जाता है ?

अगर आप भी शेयर खरीदना चाहते है तो ये सब करना एकदम जरूरी है :-

  • सबसे पहले Demat Account खोले
  • Demat अकाउंट के साथ trading अकाउंट की भी जरूरत होगी उसके लिए आपको स्टॉक ब्रोकर के मदद से आसानी से खोल सकते है
  • इसके बाद जिस कंपनी का शेयर खरीदना चाहते है आसानी से खरीद सकते है |

Stock Broker Kya Hota Hai?

Stock Broker वो person या company होता है जिसका काम आपके और stock exchange के बीच सभी Transaction को कम्पलीट करता है |

stock broker kya hota hai

मतलब ये हुआ की जब भी आप किसी कंपनी का स्टॉक खरीदेंगे तो उसके लिए आपको हर हाल में किसी न किसी स्टॉक ब्रोकर के मदद से ही स्टॉक को buy कर सकते है |

दोस्तों, कोई भी आदमी डायरेक्ट stock exchange से शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है? किसी कंपनी का शेयर नही खरीद सकता है, मतलब ये हुआ की हर हाल में स्टॉक ब्रोकर बीच में आएगा ही आएगा और सारे प्रोसेस को कम्पलीट करने पर आपसे उसके बदले में कुछ न कुछ fee जरुर लेगा|

How Stock Brokers Work

दोस्तों, मान लीजिये की ABCD नाम का कोई स्टॉक ब्रोकर है जिसपर आपने अपना अकाउंट ओपन किया है तो ऐसे में वो stock broker दो जगह से registered जरुर होनी चाहिए, पहला ये की वो SEBI जिसे Securities and Exchange Board of India कहते है उससे registered तो होनी ही चाहिए

साथ ही साथ आपका स्टॉक broker NSE और BSE दोनों exchange पर भी लिस्टेड होना जरूरी है क्योकि आपको पहले ये जानना जरूरी है की आखिर SEBI क्यों होता है |

SEBI का काम है की stock खरीदने और बेचने जो शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है? भी सरकारी गाइडलाइन्स की जरूरत होगी वो सभी के सभी SEBI ही कण्ट्रोल करता है और साथ ही साथ टाइम तो टाइम सभी स्टॉक होल्डर के पैसे का किसी तरह का फ्रॉड न हो इसके लिए टाइम to टाइम अलग अलग तरह के rules भी लेट रहता है |

स्टॉक शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है? ब्रोकर का काम क्या होता है ?

दोस्तों इसको आप स्टेप by स्टेप ही अच्छे समझ सकते है , मान लीजिये की आपने किसी स्टॉक ब्रोकर पर अपना demat अकाउंट ओपन किया है और trading अकाउंट भी वो ओपन कर ही देगा जिससे की आप trading करेंगे और जो भी शेयर खरीदेंगे तो वो आपके demat अकाउंट में स्टोर रहेगा |

example के तौर पर आप एक XYZ कंपनी का शेयर खरदीना चाहते है तो आप जैसे ही सेलेक्ट करेंगे उस कंपनी का शेयर तो वहां पर दिखेगा की आप NSE या BSE से खरीदना चाहते है और जैसे ही buy करने पर पैसे को deduct करवाएंगे

तो उसके बाद आपका स्टॉक ब्रोकर stock exchange से कनेक्ट करेंगे मतलब शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है? की अगर BSE से खरीद रहे है तो BSE से और अगर आप NSE से buy कर रहे है तो फिर NSE से connect करेगा और देखेगा की स्टॉक available है या नही और साथ ही साथ जितने भी वेरिफिकेशन प्रोसेस होता है वो सब होगा

जब स्टॉक exchange और स्टॉक ब्रोकर के बीच सरे वेरिफिकेशन स्टेप फाइनल हो जायेगा तो उसके बाद आपका स्टॉक ब्रोकर शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है? आपको वो शेयर आपके demat अकाउंट में दे देगा|

शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? ब्रोकरेज चार्जेस की गणना किस प्रकार की जाती है?

शेयर मार्केट में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शेयर की खरीद बेच होती है जिसके लिए हमारे पास डीमैट अकाउंट तथा ट्रेडिंग अकाउंट का होना आवश्यक है परंतु हमें पता होना चाहिए कि हम सीधे तौर पर शेयर मार्केट (Share Market) में शेयर की खरीद बेच नहीं कर सकते हैं इसके लिए हमें एक माध्यम की आवश्यकता होती है जिसे ब्रोकर (Broker) कहा जाता है। ब्रोकर द्वारा हमें इंटरनेट पर एक ब्रोकिंग प्लेटफार्म प्रदान किया जाता है जिसकी मदद से हम शेयर संबंधित लेन देन कर पाते हैं।

ब्रोकर(Broker) एक वित्तीय माध्यम बिचौलिया अथवा एजेंट होता है जिसके माध्यम से हम शेयर मार्केट में शेयर को खरीद बेच कर पाते हैं। ब्रोकर हमें विभिन्न वित्तीय साधनों जैसे Stocks Futures तथा derivative की खरीद बेच में मदद करता है।

शेयर ब्रोकर क्या है?

ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं?

वे शुल्क जो ब्रोकर द्वारा अपनी सुविधाओं के एवज में लिया जाता है उसे ब्रोकिंग चार्जेस कहते हैं सभी ब्रोकरो के चार्ज एक से नहीं होते हैं यह इस पर भी निर्भर करते हैं कि किस प्रकार के ट्रांजैक्शन हमारे द्वारा किए जाते हैं यह शुल्क ब्रोकर द्वारा समय समय पर घटाया या बढ़ाया भी जा सकता है।

भारत में ब्रोकर द्वारा बता दो प्रकार के प्लान प्रदान किए जाते हैं

  1. Monthly Unlimited trading plan इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को एक निश्चित मासिक राशि शुल्क के रूप में ब्रोकर(Broker) को प्रदान की जाती है इसके तहत वे एक माह में असीमित stocks तथा securities की खरीद बेच कर सकते हैं।
  2. Flat per trade brokerage इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को प्रति सौदा के हिसाब से ब्रोकर को शुल्क चुकाना पड़ता है।

ट्रेडिंग हेतु ब्रोकरेज चार्ज की गणना किस प्रकार की जाती है?

ब्रोकर(Broker) शुल्क या ब्रोकरेज की गणना शेयर की खरीद बेच पर कुल कीमत के आधार पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में तय की जाती है यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है

  • Intraday Trading जब किसी व्यक्ति द्वारा शेयर की खरीद तथा बेच एक ही दिन में की जाती है उस स्थिति में व्यक्ति द्वारा किए गए सौदे शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है? पर Intraday Trading शुल्क चुकाया जाता है।

जैसे किसी व्यक्ति द्वारा शेयर को खरीद कर उसी दिन ट्रेडिंग सेशन की समाप्ति के पूर्व शेयर को बेच दिया जाता है एसएसबी में ब्रोकर(Broker) शुल्क की गणना इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत की जाती है इस स्थिति के लिए बेचे गाए और खरीदे गाए शेयर की संख्या समान होना आवश्यक है। इस प्रकार के सौदे पर ब्रोकर द्वारा लगाया गया intraday Trading शुल्क 0.01% से 0.05% के मध्य खरीद बेच किए गए शेयर की संख्या पर आधारित होता है। Intraday ब्रोकिंग शुल्क की गणना के लिए शेयर की बाजार कीमत को शेयर की संख्या तथा इंट्राडे शुल्क प्रतिशत के साथ गुणा कर की जाती है

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुल्क के अलावा अन्य कौन-कौन से शुल्क होते हैं?

ब्रोकर के सभी चार्ज

  • Transaction Charges शेयर मार्केट(Share Market) में शेयर की खरीद बेच के दौरान स्टॉक एक्सचेंज द्वारा शुल्क लिया जाता है जिसे ट्रांजैक्शन चार्जेस कहा जाता है यह ट्रांजैक्शन चार्ज मुख्य रूप से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई द्वारा लिए जाते हैं।
  • Security Transaction charges यह शुल्क सौदे (trade) में उपयुक्त securities की कीमत के आधार पर लगाया जाता है।
  • Commodity transaction charges यह शुल्क स्टॉक एक्सचेंज में commodity derivative के सौदे (trade) पर लगाया जाता है।
  • Stamp duty (स्टांप शुल्क) यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा securities इसकी trading पर लगाया जाता है।
  • GST (goods and service tax)वस्तु एवम सेवा कर यह शुल्क केंद्र सरकार द्वारा ट्रांजैक्शन चार्जेस तथा ब्रोकिंग शुल्क पर लगाया जाता है। वर्तमान में यह 18% है।
  • SEBI turnover charges यह शुल्क बाजार नियामक संस्था सेबी द्वारा सभी प्रकार के वित्तीय लेन देन जैसे stocks तथा सभी securities (debt को छोड़कर आदि पर लगाया जाता है।
  • DP( Depository Participants)

स्टॉक ब्रोकर के रूप में बनाएं करियर, अन्य कई विकल्प भी मौजूद

स्टॉक ब्रोकर के रूप में बनाएं करियर, अन्य कई विकल्प भी मौजूद

अगर आप देश-दुनिया की बिजनेस से संबंधित खबरों में दिलचस्पी रखते हैं तो शेयर मार्केट, स्टॉक एक्सचेंज, स्टॉक ब्रोकर, निफ्टी और सेंसेक्स जैसे शब्दों से जरूर परिचित होंगे। शेयर मार्केट में दिन-प्रतिदिन उतार-चढ़ाव होता है, ऐसे में इस इंडस्ट्री के विस्तार के साथ-साथ इसमें रोजगार के अवसर भी बढ़ शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है? रहे हैं। अगर आप भी इस क्षेत्र में दिल्चस्पी रखते हैं तो स्टॉक मार्केट में आप बेहतरीन करियर बना सकते हैं।

जो व्यक्ति निवेशक और शेयर मार्केट के बीच काम करता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है। स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने के लिए आपके पास ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट होना जरूरी है और इसके लिए आपको स्टॉक ब्रोकर की जरूरत पड़ेगी। स्टॉक ब्रोकर दो प्रकार के होते हैं, फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर और डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर। आइए अब जानते हैं कि ये ब्रोकर काम क्या करते हैं।

Career in Share Market: स्टॉक मार्केट में करियर बनाकर कर सकते हैं मोटी कमाई, जॉब के ढेरों विकल्प

Career in Share Market: स्टॉक मार्केट में करियर बनाकर कर सकते हैं मोटी कमाई, जॉब के ढेरों विकल्प

Career in Share Market: अगर आप शेयर बाजार स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange), स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker), निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) में दिलचस्पी रखते हैं तो इन सारे शब्दों से आप पहले से वाकिफ होंगे. शेयर बाजार में पैसा लगाना इन दिनों आम हो गया कई लोग इस शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं. लेकिन शेयर बाजार कोई बच्चों का खेल नहीं है इस मार्केट में पैसा लगाने के लिए काफी जानकारी होनी चाहिए नहीं आपको नुकसान भी हो सकता है. शेयर मार्केट पैसे कमाने का जरिया हो सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस क्षेत्र में अगर आपकी दिलचस्पी है तो आप अपना करियर भी बना सकते हैं.

India Has Only 3 Types Of Brokers

आईये अब India के 3 Types Of Brokers के बारे में जानते हैं। जो कुछ इस प्रकार है :-

1. Bank Based Broker

ये ब्रोकर्स बैंक होते है, इनमे securities बैंक होते है। जैसे – HDFC securities, Axis Bank, Kotak Securities

2. Full शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है? Service Broker

जिसमे आपको full service मिलती है, उसको फुल सर्विस ब्रोकर कहते हैं। जो हमें tips, research, high brokerage, offline branches आदि के बारे information provide कराता है। जैसे – Sherkhan, Motilal Oswal, Angel Broking इत्यादि।

3. Discount Broker

इन ब्रोकर्स में आपको कम ब्रोकरेज में अच्छी सर्विस provide कराई जाती है। इसमें आपको कम brokerage में trading की सुविधा मिलती है, लेकिन अन्य सुविधा नहीं मिलती।

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