हालांकि, इस बार करने के लिए बहुत कुछ था. पिछले कुछ महीनों से कैसे खरीदें और रणनीति काम पकड़ो करता है लेस्टर के दक्षिण एशियाई समुदायों के बीच तनाव बढ़ रहा था. लेस्टर में पली-बढ़ी और फिलहाल चैनल4 में होम अफेयर्स की संवाददाता दर्शना सोनी ने मुझे बताया कि शहर में हिंदू और मुसलमान अलग-अलग मोहल्लों में रहते और शायद ही कभी अंतर्जातीय विवाह करते, फिर भी वे "हमेशा अच्छी तरह से मिलते थे." उन्होंने कहा कि दमन और दीव के हाल के हिंदू आप्रवासियों का- जो केंद्र शासित प्रदेश के औपनिवेशिक इतिहास के कारण पुर्तगाली पासपोर्ट के हकदार हैं और ब्रेक्जिट से कुछ ही समय पहले बड़ी संख्या में लेस्टर चले आए थे- स्थानीय मुसलमानों के साथ अधिक टकराव था. 22 मई को एक मुस्लिम किशोर पर हिंदू पुरुषों के एक समूह ने कथित तौर पर हमला किया था. सोनी ने कहा कि घटना पर पुलिस की धीमी प्रतिक्रिया और इसे हेट क्राइम कैसे खरीदें और रणनीति काम पकड़ो करता है के रूप में मानने से शुरुआती इनकार ने स्थिति को और खराब कर दिया. "मुस्लिम पुरुषों का रवैया कुछ इस तरह था, 'पुलिस कुछ नहीं कर रही है. हमें अपनी हफाजत खुद करनी होगी.'" (लेस्टरशायर पुलिस के एक प्रवक्ता ने मुझे बताया कि इस घटना की जांच जारी है.) दो दशकों तक ब्रिटेन में दक्षिण एशियाई समुदायों को कवर करने वाले पत्रकार सनी हुंदल ने मुझे बताया कि कई हिंदू बेबुनियाद अफवाहों के बारे में शिकायत करते हैं कि "मुस्लिम गिरोह हमारे कर्मचारियों की पिटाई और हिंदू महिलाओं को शिकार बना रहे हैं."
ऑपइंडिया की एंटी पत्रकारिता : गंदा है पर धंधा है
भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के एशिया कप में पाकिस्तान को हराने के तुरंत बाद, 28 अगस्त को, सैकड़ों की तादाद में लोग गोल्डन माइल नामक लेस्टर शहर के बेलग्रेव उपनगर की एक सड़क पर जश्न मनाने के लिए इकट्ठा हुए. यह सड़क अपने भारतीय रेस्तरां और दुकानों के साथ-साथ भारत के बाहर सबसे बड़े दिवाली समारोह की मेजबानी के लिए भी जानी जाती है. मैच के बाद इस तरह की सभाएं हिंदू-बहुसंख्यक इस उपनगर में असामान्य नहीं है. जून 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान द्वारा भारत को हराने के बाद, दोनों टीमों के समर्थक गोल्डन माइल पर आपस भिड़ गए और पुलिस पर भी बोतलें फेंकीं. दो साल बाद जब भारत ने विश्व कप में पाकिस्तान को हराया, तो नतीजा शांतिपूर्ण था. लेस्टर मर्करी के अनुसार, "सीटी, कार के हॉर्न और जयकारे की आवाजें" ही सुनाई दे रही थीं.
शो रूम से 22 लाख की घडिय़ां चुराने वाली चादर गैंग उत्तराखंड की जेल में
जेल में इंदौर पुलिस ने की पूछताछ, प्रोडक् शन वारंट पर इंदौर लाने की तैयारी
इंदौर। एमजी रोड (MG Road) के कैसे खरीदें और रणनीति काम पकड़ो करता है कैसे खरीदें और रणनीति काम पकड़ो करता है एक घड़ी शो रूम (Watch Show Room) से 22 लाख की घडियां चुराने वाली चादर गैंग तक इंदौर पुलिस (Indore Police) पहुंच गई है। गैंग के सदस्य उत्तराखंड (Uttarakhand) कैसे खरीदें और रणनीति काम पकड़ो करता है की जेल (Jail) में बंद हैं। कोर्ट से अनुमति लेकर पुलिस ने जेल में पूछताछ की तो उन्होंने इंदौर में चोरी कबूल की है। अब पुलिस उनको इंदौर लाने की तैयारी कर रही है।
तीन माह पहले मल्हारगंज थाना क्षेत्र (Malharganj Area) में स्थित कृष्णा वॉच (Krishna Watch) शो रूम में चोरी की वारदात हुई थी। इसमें चादर गैंग कैसे खरीदें और रणनीति काम पकड़ो करता है के सदस्य 22 लाख की महंगी घडियां चुराकर ले गए थे। पुलिस को घटना के फुटेज मिल गए थे। फुटेज के आधार पर हुई जांच में यह स्पष्ट हो गया था कि ये गैंग घोड़ासन मोतिहारी बिहार की है, जो पूरे देश में वारदात करती है। एडीसीपी जयवीरसिंह भदौरिया ने बताया कि इसके बाद पुलिस की टीम फुटेज लेकर वहां पहुंची तो पता चला कि यह गैंग हल्द्वानी नैनीताल में एक अन्य चोरी में पकड़ी गई है और जेल में है। इस पर इंदौर पुलिस की टीम वहां गई और कोर्ट से अनुमति लेकर जेल में बंद नईम पिता मुन्ना, विक्रमसिंह, प्रमोद पासवान से पूछताछ की। आरोपियों ने इंदौर में चोरी करना कबूल किया और बताया कि घडियां उन लोगों ने नौशाद आलम निवासी चंपारण बिहार को बेचने के लिए दी है। बताते है कि वहां की पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया है और कुछ घडियां जब्त कर ली है। इसके बाद इंदौर पुलिस ने आरोपियों को इंदौर लाने के लिए कैसे खरीदें और रणनीति काम पकड़ो करता है प्रोडक्शन वारंट जारी करवाया। इस पर कोर्ट ने नैनीताल पुलिस को आरोपियों को इंदौर में पेश करने को कहा था। 20 दिसंबर को आरोपियों को यहां लाना था, लेकिन किसी कारण से वहां की पुलिस उनको नहीं ला सकी। इसके चलते अब पुलिस फिर प्रोडक् शन वारंट जारी करवाकर उनको इंदौर लाएगी।
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नेपाल में बेचते हैं चोरी का माल अन्नपूर्णा में की थी चोरी
पुलिस ने बताया कि यह कैसे खरीदें और रणनीति काम पकड़ो करता है गिरोह दिन में शहर में रैकी करता है और रात को दुकान के बाहर चादर कैसे खरीदें और रणनीति काम पकड़ो करता है बिछाकर सो जाता है। रात में शटर उचका कर वारदात करता है। इसके लिए बच्चों और महिलाओं का भी उपयोग करता है। इंदौर में की गई वारदात में सात सदस्य शामिल थे। ये लोग चोरी का माल नेपाल में बेचते हैं। यह गैंग घोड़ासन की चादर गैंग के रूप में पूरे देश में कुख्यात है।
30 दिन तक नेपाल कैसे खरीदें और रणनीति काम पकड़ो करता है के पहाड़ी क्षेत्र में रही इंदौर पुलिस
एडीसीपी जयवीरसिंह ने बताया कि इस गैंग को कैसे खरीदें और रणनीति काम पकड़ो करता है पकडऩे के लिए इंदौर पुलिस लगभग एक माह तक बिहार और नेपाल बार्डर से लगे पहाड़ी क्षेत्रों में रही है। लिंक जोड़ती गई और फिर हल्द्वानी नैनीताल की जेल में बंद आरोपियों तक पहुंची। इस दौरान एसआई ब्रजेश शर्मा के नेतृत्व में टीम एक माह तक वहीं घूमती रही।
खून, भगवान नरसिंह और जटिल समीकरण… वेदज्ञ गणितज्ञ, जिन्हें स्वयं महालक्ष्मी पढ़ाती थीं गणित: 100 साल में भी बन न पाए जो सवाल, मंदिर के फर्श पर उकेरते थे जवाब
श्रीनिवास रामानुजन सभी वेदों, उपनिषदों और कई अन्य हिन्दू साहित्यों में पारंगत थे। सोचिए, जिसके बारे में 'The Man Who Knew Infinity' कहा जाता है, उसकी महालक्ष्मी में इस तरह की आस्था थी और अपने धर्म में उन्हें इतना विश्वास था।
नमक्कल स्थित नामगिरी थेयर महालक्ष्मी और उनके साथ विराजमान नरसिंह के भक्त थे महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन (फाइल फोटोज)
भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को भला कौन नहीं जानता, जिनकी जयंती 22 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day)’ के रूप में मनाया जाता है। उन पर कई डॉक्यूमेंट्री और फ़िल्में भी बन चुकी हैं। गणित को लेकर उन्होंने एक से बढ़ कर एक सिद्धांत दिए। कई पुरानी समस्याओं को हल भी किया। उनके दिए कई समीकरणों पर आज तक शोध चल रहा है। मात्र 32 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था, लेकिन तब तक देश-विदेश में वो कैसे खरीदें और रणनीति काम पकड़ो करता है अपना डंका बजा चुके थे।
कोरोना की नई लहर से कितना डर?
चीन में कोविड की नई लहर आने के पीछे वहाँ के बुरे प्रबंधन और वैक्सीन की गुणवत्ता हैं।…इसके साथ ही डॉ गोडसे इस बात पर भी ज़ोर दे रहे हैं कि कोविड के इस नये प्रारूप से पहले की तरह न तो तेज़ बुख़ार आता है और न ही ये हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने देता है। केवल गले में ख़राश होती है और दो-तीन दिन में मरीज़ ठीक हो जाता है। उनके अनुसार इसलिए कोविड के इस नये अवतार से ज़्यादा डरने के ज़रूरत नहीं है। केवल वो लोग जिन्हें पहले से ही कोई गंभीर बीमारी है वे ज़रूर पूरी सावधानी बरतें।
कुछ दिनों से चीन में कोरोना की नई लहर को लेकर काफ़ी भयावह दृश्य सामने आए हैं। कोरोना के नये वेरिअंट ने चीन में अपना आतंक दिखाना शुरू कर दिया है। चीन के अलावा कई और देशों में भी इस नये वेरिअंट के मरीज़ पाए गए हैं। दुनिया भर में डर का माहौल बना है। भारत समेत कई देशों ने कोरोना के इस नये जिन्न से निपटने के लिए सभी सावधानियाँ बरतनी शुरू कर दी हैं। भारत के सभी राज्यों के मुख्य मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जनता से सावधान रहने की अपील कर रहे हैं। सबके मन में प्रश्न है कि हमें इस नए वेरिअंट से कितना डरना चाहिए?
‘मंदी के बावजूद हमारे ज्यादातर स्टार्टअप्स ने हासिल किया अपना लक्ष्य’
एक इंटरव्यू में स्वामी ने कहा कि उनकी ज्यादातर पोर्टफोलियो कंपनियों ने इस साल अपने लक्ष्य हासिल कर लिए हैं। “इस मायने में, यह एक अच्छा साल रहा है। विकास के दौर को बढ़ाने के मामले में ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन यह पारिस्थितिकी तंत्र के पार है,” स्वामी ने कहा।
स्वामी का कहना है कि यह साल उन कंपनियों के लिए अच्छा रहा जो मार्केटिंग में दक्ष थीं और उन्हें बेहतरीन आरओआई मिला। “कंपनियों के लिए यह एक राहत की सांस लेने का अवसर है; विकास के दौरान, हमेशा कुछ बुरी आदतें होंगी, लेकिन कई बार ऐसा होता है जब आपको वापस जाने और इनमें से कुछ आदतों पर दोबारा गौर करने की आवश्यकता होती है। हमारे कई स्टार्टअप्स ने एक कदम पीछे लिया है और इस अवसर का उपयोग या तो अपने ऑपरेशन को तेज करने के लिए किया है, मार्केटिंग प्रयासों से उच्च आरओआई प्राप्त करने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है, मूल रूप से अधिक कुशल हो गया है।”
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