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Share Market in Hindi | शेयर बाजार किसे कहते हैं | शेयर बाजार क्या है?
बाज़ार (Market) एक ऐसी जगह है, जहाँ पर किसी भी वस्तु को खरीदा एवं बेचा (Sale and Purchase) जाता है। बाज़ार में बेचने वाले एक जगह पर होतें हैं, ताकि खरीदारों को वस्तु खरीदने में आसानी हो जाए अर्थात बाजार वह शब्द है, जहां पर वस्तुओं और सेवाओं का क्रय – विक्रय (Sale Purchase) होता है।
उसी प्रकार, शेयर बाज़ार एक ऐसा बाज़ार है, जहाँ कंपनियों के शेयर (हिस्सा) खरीदे-बेचे जाते हैं। किसी भी दूसरे बाज़ार की तरह शेयर बाज़ार में भी खरीदने और बेचने वाले एक-दूसरे से मिलते हैं और मोल-भाव करके शेयर को खरीद लेते हैं।
कंप्यूटर अर्थात इंटरनेट की दुनिया से पहले शेयरों की खरीद-बिक्री मौखिक (बोलियों) रूप से होती थी। खरीदने एवं बेचने वाले दोनों एक दूसरे के सामने बैठकर ही सौदे किया करते थे। लेकिन जब से कंप्यूटर अर्थात इंटरनेट आया है, तब से यह सारा लेन-देन ऑनलाइन हो गया है, अर्थात स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों के जरिये होता है।
वर्तमान समय में आप यह अंदाजा नहीं लगा सकते कि शेयर खरीदने वाला कौन है। क्योंकि यह सारा जाल कंप्यूटर के द्वारा ही होता है तथा कंप्यूटर के द्वारा ही पैसे को एक समूह से दूसरे समूह में ट्रांसफर किया जाता है।
जिस प्रकार पहले समय में शेयर खरीदने के लिए बोलियां लगाई जाती थी तथा जो सबसे ज्यादा महंगे शेयर कर देता था। मतलब जो व्यक्ति शेयरों की कीमत सबसे ज्यादा लगाता था। उसी को वह शेयर दिए जाते थे उसी प्रकार वर्तमान समय में शेयर खरीदने के लिए विभिन्न चैनलों/मंडियों का प्रयोग होता है। जैसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या नैशनल स्टॉक एक्सचेंज
शेयरों की बोलियाँ लगाने के लिये जो आवश्यक वस्तुएं या सुविधाओं की जरूरत होती है। वह सभी सुविधाएं इन संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाती हैं। इस प्रकार ऑनलाइन ट्रेडिंग या ऑनलाइन बोलियों के द्वारा लाखों-करोड़ों शेयरों का आदान-प्रदान प्रतिदिन होता है। अगर ऑनलाइन सुविधा नहीं हो, तो व्यापार करना कितना मुश्किल हो जाएगा।
यदि सभी व्यापारियों को चिल्लाकर शेयर बाज़ार क्या है? अपने शेयर बेचने पड़े तो यह बहुत मुश्किल हो जाएगा। शेयर मन्डियाँ (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज) इस काम को सरल और सही ढंग से करने का मूलभूत ढांचा प्रदान करती है। कई प्रकार के नियम, कम्प्यूटर की मदद, शेयर ब्रोकर (जैसे शेयर खान, एचडीएफसी सिक्योरिटी, ब्रोकन एंजल) इंटरनेट के मध्यम से ये मूलभूत ढांचा दिया जाता है।
कंप्यूटर या इंटरनेट आने से पहले तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मे सीधे खरीदारी करनी पड़ती थी। मगर पिछ्ले कुछ सालो से कम्प्यूटरो और इंटरनेट के माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे शेयर्स को ऑनलाइन खरीद और बेच सकता है। इंटरनेट के माध्यम से किसी भी वर्ग का व्यक्ति शेयर्स खरीद एवं भेज सकता है। मगर इंटरनेट आने से पहले सिर्फ धनी वर्ग ही इस व्यवसाय का लाभ उठा सकते थे।
शेयर बाजार को दो भागों में बांटा गया है।
- प्राइमरी मार्केट : यहां कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में पहली बार सूचीबद्ध होती है और अपने शेयर जारी करती हैं। कंपनियां IPO (Initial Public Offer) के जरिए अपने शेयर पहली बार शेयर बाज़ार में लाती हैं और बाजार से पूंजी इक्ट्ठा करने का प्रयास करती है।
- सेकेंडरी मार्केट : सेकेंडरी मार्केट को विनिमय व्यापार भी कहते हैं। यह एक रेगुलर मार्केट है, जहां पर कंपनियों के शेयर्स की ट्रेडिंग रेगुलर बेसिस (दिन-प्रतिदिन) पर होती है। निवेशक शेयर ब्रोकर (Dealer) के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज में अपने ट्रेडिंग आदेश (Orders) को पूरा करते हैं।
शेयर बाजार में व्यापार शुरू करने के लिए ग्राहक को किसी डीमैट (Demat) सर्विस देने वाले बैंक मे अपना खाता खोलना पडता है। आजकल कोमर्शियल बैंकें भी डीमैट सर्विस देते है। इस तरह के खाते की सालाना फीस 500-800 रु तक होती है। यह बैंक पर आधारित होता है।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब
Share Market Guide: शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा, किस कंपनी का शेयर खरीदे?
महंगाई (Inflation) बढ़ रही है और रुपये (Rupee) का मूल्य घट रहा है. यानी सिर्फ पैसा बचाने से काम नहीं चलेगा, पैसा बढ़ाना भी पड़ेगा. ऐसे में शेयर बाजार (Share Market) में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन शेयर मार्केट (Stock Market) में पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्या जानना जरूरी है? शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है?
कब कर सकते हैं? किस शेयर में पैसा लगाएं? ये सारी बातें यहां हम आपको बता रहे हैं.
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब
1. शेयर क्या है?
किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.
अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.
2. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?
शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.
3. डीमैट अकाउंट क्या है
डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.
4. किस कंपनी का शेयर खरीदें?
जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.
5. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट क्या है?
जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए.. यह प्राइमरी मार्केट है. यानी कंपनियां जो शेयर्स बाजार में इश्यू करती है. लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते शेयर बाज़ार क्या है? हैं तो वो सेकेंड्री मार्केट है. यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की जब खरीद बिक्री होती है.
6. ट्रेडिंग या निवेश?
एक्सपर्ट कहते हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.
7. शेयर बाजार नहीं समझते हैं तो कैसे निवेश करें?
अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.
Share Market: किसी ने कमाए करोड़ों- इसपर न जाएं, अपनी अक्ल लगाएं
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Diwali Muhurat Trading 2022: दिवाली के दिन एक घंटे के लिए खुलता है शेयर बाजार, जानें क्या है परंपरा?
Diwali Muhurat Trading 2022: शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते शेयर बाज़ार क्या है? हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है।
दिवाली के दिन यूं तो शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी होती है। इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है। दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है। प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी जो शाम के 7.15 तक चलेगी। इस दौरान लगातार दो दिनो से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।
पांच दशक पुरानी है यह परंपरा
शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।
इस दिन पहले निवेश को माना जाता है शुभ
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। दिवाली को कुछ भीनया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है। ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।
पिछले वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान हरे निशान में हुआ था कारोबार
पिछले वर्ष यानी 2021 की दिवाली के दिन एक घंटे के लिए हुई मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर खुले थे। 6.15 बजे शाम को बीएसई का सेंसेक्स 60,207.97 के स्तर पर खुला था और एनएसई का निफ्टी 17,935.05 पर स्तर पर खुला था। पूरे ट्रेडिंग सेशन के दौरान दोनों हरे निशान पर कारोबार करते रहे थे। कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 296 अंक या 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 60,067.62 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 88 अंक उछलकर 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स के सभी सेक्टर्स में जमकर खरीदारी दिखी थी।
विस्तार
दिवाली के दिन यूं तो शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी होती है। इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है। दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है। प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी जो शाम के 7.15 तक चलेगी। इस दौरान लगातार दो दिनो से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।
पांच दशक पुरानी है यह परंपरा
शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।
इस दिन पहले निवेश को माना जाता है शुभ
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। दिवाली को कुछ भीनया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है। ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।
पिछले वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान हरे निशान में हुआ था कारोबार
पिछले वर्ष यानी 2021 की दिवाली के दिन एक घंटे के लिए हुई मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर खुले थे। 6.15 बजे शाम को बीएसई का सेंसेक्स 60,207.97 के स्तर पर खुला था और एनएसई का निफ्टी 17,935.05 पर स्तर पर खुला था। पूरे ट्रेडिंग सेशन के दौरान दोनों हरे निशान पर कारोबार करते रहे थे। कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 296 अंक या 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 60,067.62 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 88 अंक उछलकर 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स के सभी सेक्टर्स में जमकर खरीदारी दिखी थी।
अधिकतम अंक: 5
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मतदाताओं की संख्या: 522