विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42)

संसद इस अधिनियम जून, 2000 को केंद्र सरकार के 1 दिन अस्तित्व में आया विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 की जगह के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 अधिनियमित किया है। उक्त अधिनियम के तहत मामलों की जांच के ऊपर लेने के उद्देश्य के लिए, निदेशक और अन्य अधिकारियों के साथ प्रवर्तन निदेशालय की स्थापना की है।

अधिनियम की वस्तु को मजबूत करने और विदेशी विदेशी मुद्रा बाजार पर व्यापार व्यापार और भुगतान को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य के साथ और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के व्यवस्थित विकास और रखरखाव को बढ़ावा देने के लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून में संशोधन करने के लिए है।

यह अधिनियम पूरे भारत में फैली हुई है और यह भी लागू होते हैं भारत में निवासी व्यक्ति के स्वामित्व या नियंत्रण भारत से बाहर सभी शाखाओं, कार्यालयों और एजेंसियों के लिए लागू होता है। यह इस अधिनियम के लागू होता है जिसे करने के लिए किसी भी व्यक्ति द्वारा भारत के बाहर प्रतिबद्ध किसी उल्लंघन के लिए भी लागू होता है।

अमेरिका-चीन व्यापार तनाव का भारतीय मुद्रा पर असर, रुपया 23 पैसे टूटा

चीन के बीच व्यापार क्षेत्र में तनाव के बीच विदेशी कोषों के धन निकासी का सिलसिला जारी रहने से विदेशी विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डालर के मुकाबले लगातार चौथे दिन गिरावट में रहा.

अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 69.70 कमजोर खुला (फोटो- पीटीआई).

चीन के बीच व्यापार क्षेत्र में तनाव के बीच विदेशी कोषों के धन निकासी का सिलसिला जारी रहने से विदेशी विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डालर के मुकाबले लगातार चौथे दिन गिरावट में रहा. बृहस्पतिवार को डालर के मुकाबले रुपया 23 पैसे टूटकर प्रति डालर 69.94 पर बंद हुआ. बाजार सूत्रों ने कहा कि अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चेतेल में मजबूती और शेयर बाजार में गिरावट से भी रुपये के प्रति बाजार में धारणा प्रभावित हुई.

अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 69.70 कमजोर खुला. कारोबार के दौरान यह 70.03 तक हल्का होने के बाद अंत में पिछले बंद के मुकाबले 23 पैसे टूटकर 69.94 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 230.22 अंक अथवा 0.61 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता 37,558.91 अंक पर बंद हुआ.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ चल रहे व्यापार युद्ध को और तेज करते हुए 10 मई से चीन के सामान पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. अमेरिका ने चीनी सामान पर 10 फिसदी की इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ा कर 25 फीसदी कर दिया है. अमेरिकी ने चीन के करीब 200 अरब डॉलर के उत्पाद पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का फैसला किया है. अमेरिका के इस कदम से दुनियाभर के कारोबारी जगत में हलचल मच गई है. हालांकि ट्रंप की धमकी के बाद से ही विभिन्न देशों के स्टॉक मार्केट पर इसका असर देखा जा रहा था. भारत में संसेक्स लगातर गोते खा रहा है.

Stock Market Update : शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 304 अंक चढ़ा, डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर

Stock Market Update : वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक रुझानों से शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 304 अंक चढ़ गया. जबकि, डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर रहा. पिछले कारोबारी सत्र में रुपया आठ पैसे टूटकर 82.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

Published: December 21, 2022 11:41 AM IST

Bombay Stock Exchange (BSE)

Sensex Today : वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुख और आईटी शेयरों में लिवाली के बीच बुधवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त रही.

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इस दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक 304.17 अंक की तेजी के साथ 62,006.46 अंक पर पहुंच गया. एनएसई निफ्टी 88.05 अंक बढ़कर 18,473.35 अंक पर था.

मंगलवार को सेंसेक्स 61,800 के स्तर से नीचे और निफ्टी 18,400 के निशान के नीचे बंद हुआ. घरेलू इक्विटी में व्यापक आधार पर बिकवाली देखी गई थी. ऑटो शेयरों ने अपने पिछले लाभ को गंवा दिया था और इस पर सबसे अधिक मार पड़ी. इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले भारतीय रुपया भी गिरा था.

सेंसेक्स में एचसीएल टेक्नोलॉजीज, सन फार्मा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एशियन पेंट्स, विप्रो, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एक्सिस बैंक, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट बढ़ने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे.

वहीं पावर ग्रिड और आईटीसी पिछड़े रहे.

मंगलवार को अमेरिकी बाजार सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे.

डॉलर के मुकाबले रुपया टूटा

विदेशों में प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले डालर के मजबूत होने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे कमजोर हो गया.

हालांकि, विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि घरेलू इक्विटी में उच्च शुरुआत ने स्थानीय मुद्रा का समर्थन किया और इस गिरावट को कम किया.

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर होकर 82.76 प्रति डॉलर पर खुला. बाद में यह पांच पैसे के नुकसान के साथ 82.75 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा था.

मंगलवार को पिछले कारोबारी सत्र में रुपया आठ पैसे टूटकर 82.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

इसी बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत के नुकसान से 104.07 पर आ गया.

(With agency Inputs)

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विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) अथवा संक्षेप में फेमा पूर्व में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रतिस्थापन के रूप में शुरू किया गया है । फेमा ०१ जून, २००० को अस्तित्व विदेशी मुद्रा बाजार पर व्यापार विदेशी मुद्रा बाजार पर व्यापार में आया । विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) का मुख्य उद्देश्य बाहरी व्यापार तथा भुगतान को सरल बनाने विदेशी मुद्रा बाजार पर व्यापार के उद्देश्य तथा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के क्रमिक विकास तथा रखरखाव के संवर्धन के लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित तथा संशोधन करना है । फेमा भारत के सभी भागों के लिए लागू है । यह अधिनियम भारत के बाहर की स्वामित्व वाली अथवा भारत के निवासी व्यक्ति के नियंत्रण वाली सभी शाखाओं, कार्यालयों तथा एजेन्सियों के लिए लागू है ।. और अधिक

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फिर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, 563.5 अरब डॉलर रह गया कोष

LagatarDesk : लगातार पांच सप्ताह की बढ़त के बाद एक बार फिर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखने को मिल रही है. 16 दिसंबर 2022 को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का कोष 57.1 करोड़ डॉलर घटकर 563.5 अरब डॉलर पर आ गया. वहीं रिपोर्टिंग वीक में फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) और स्वर्ण भंडार घटा है. हालांकि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट और आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार में भी इजाफा हुआ है. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी कर इस बात की जानकारी दी. (पढ़ें, बिहार जहरीली शराबकांड : मुख्य आरोपी समेत 5 गिरफ्तार, होम्योपैथी दवा और चीनी मिलाकर बनाते थे नकली शराब)

लगातार पांच सप्ताह से विदेशी मुद्रा भंडार में हो रहा था इजाफा

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह इजाफा हुआ है. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 9 दिसंबर के खत्म हुए सप्ताह में यह 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.1 अरब डॉलर रहा था. इससे पहले 2 दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह में यह 11.02 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. इससे पहले 25 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.89 अरब डॉलर की उछाल के साथ 550.14 अरब डॉलर पर आ गया. 18 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में भारत का कोष 2.54 अरब डॉलर बढ़कर विदेशी मुद्रा बाजार पर व्यापार 547.25 अरब डॉलर पहुंच गया. 1 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का भंडार 14.72 अरब डॉलर के जबरदस्त उछाल के साथ 544.715 अरब डॉलर पर जा पहुंचा था. जो अगस्त 2021 के बाद सबसे अधिक इजाफा था.

499.624 अरब डॉलर रह गया फॉरेन करेंसी एसेट्स

रिपोर्टिंग वीक में फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) 50 करोड़ डॉलर घटकर 499.624 अरब डॉलर रह गया. हालांकि इससे पहले एफसीए 3.141 अरब डॉलर बढ़कर 500.125 अरब डॉलर पर पहुंच गयी थी. बता दें कि विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरेन करेंसी एसेट्स का अहम हिस्सा होता है. इसके बढ़ने और घटने से देश के भंडार पर सीधा असर पड़ता है. एफसीए घटने के कारण ही विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आयी है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है.

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रिपोर्टिंग वीक में गोल्ड विदेशी मुद्रा बाजार पर व्यापार रिजर्व 15 करोड़ डॉलर घट गया

आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व में भी गिरावट दर्ज की गयी है. 16 दिसंबर 2022 को समाप्त हुए सप्ताह में स्वर्ण भंडार 15 करोड़ डॉलर घटकर 40.579 अरब डॉलर रह गया.इससे पहले 9 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में स्वर्ण भंडार 29.6 करोड़ डॉलर घटकर 40.729 अरब डॉलर रह गया था. हालांकि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट 7.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.181 अरब डॉलर हो गया. इससे पहले आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर 6.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.106 अरब डॉलर हो गया था.

डॉलर के मुकाबले रुपया के वैल्यू में भारी गिरावट

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार 40 लाख डॉलर बढ़कर 5.114 अरब डॉलर हो गयी. इससे पहले यह 20 लाख डॉलर बढ़कर 5.11 अरब डॉलर हो गया था. आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह के दौरान वैश्विक घटनाक्रमों की खूब हलचल रही. जिसकी वजह से भारतीय मुद्रा का मूल्य डॉलर के मुकाबले काफी घट गया. इस गिरावट को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने डॉलर बाजार में बेचे. जिसका प्रभाव देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा.

अक्टूबर-नवंबर में भारत का कोष 4 बार घटा और तीन बार बढ़ा

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 4 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया था. वहीं 28 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर पर पंहुच गया था. जबकि इससे पहले देश का कोष लगातार घट रहा था. 21 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया था. 14 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया था. 7 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया था. वहीं 30 सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.66 अरब डॉलर पर पहुंच गया. जबकि 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था.

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