साल 2020 ने हमें इस बात की पूरी झलक दी है कि हमें हमेशा फाइनेंशियल बफर क्यों रखना चाहिए.

Financial Tips for 2021: नए साल में चाहते हैं वित्तीय आजादी, गांठ बांध लें ये जरूरी बातें

Financial Tips for 2021: अगर आप नए साल के लिए आइडिया तलाश रहे हैं, तो आपको कुछ रिजॉल्यूशन लेना चाहिए.

Financial Tips for 2021: नए साल में चाहते हैं वित्तीय आजादी, गांठ बांध लें ये जरूरी बातें

साल 2020 ने हमें इस बात की पूरी झलक दी है कि हमें हमेशा फाइनेंशियल बफर क्यों रखना चाहिए.

Financial Tips for 2021: निश्चित रूप से 2021 एक ऐसा साल है जिसका सभी को नई उम्मीद, जिज्ञासा और प्रत्याशा के साथ इंतजार है. कई वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां ट्रायल के अंतिम चरण में हैं. हो सकता है कि जल्द ही हमें फेस मास्क, फिजिकल डिस्टेंसिंग और कोरोना से बचने के कई उपायों से छुटकारा मिल जाए. दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसा होने पर 2021 स्वतंत्रता का साल होगा, जिसमें लोग जीवन का आनंद ले सकेंगे. लोग उन पहलुओं का आनंद लेंगे जिन पर हमने पहले कम ही ध्यान दिया था. साथ ही उनकी सराहना भी करेंगे. साल 2021 हमें नए सिरे से नई शुरुआत करने और वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने का सही मौका भी है. ऐसे में अगर आप नए साल के लिए आइडिया तलाश रहे हैं, तो आपको कुछ रिजॉल्यूशन लेना चाहिए.

फाइनेंशियल बफर

साल 2020 ने हमें इस बात की पूरी झलक दी है कि हमें हमेशा फाइनेंशियल बफर क्यों रखना चाहिए. यह न केवल हमें और हमारे परिवार को किसी भी इमरजेंसी जरूरत के लिए सुरक्षित करता है, बल्कि यह बेहतर वेल्थ क्रिएशन यानी दौलत बढ़ाने के लिए भी रास्ते खोलता है. मार्च में गिरावट के बाद से बेंचमार्क इंडेक्स 80 फीसदी तक बढ़ गए हैं. बाजार से इस साल करीब 12 फीसदी रिटर्न मिल चुका है. इस दौरान आईटी और फार्मा सहित कई शेयरों में कई गुना ग्रोथ देखने को मिली है. जितना अधिक आप निवेश करते हैं और निवेश को बनाए रखते हैं, आप रेलीवेंट मार्केट अपार्चुनिटी आने पर उतना ही अपनी दौलत बढ़ा सकते हैं.

खर्चों को चैनलाइज करना

आप निवेश शुरू कर रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको कोई खर्च कम करने की आवश्यकता है. महान रोमन नाटककार प्लेटस के शब्दों में आपको अधिक पैसा बनाने के लिए पैसा खर्च करना हो. इसका मतलब यह था कि आपको अपने खर्च को इस तरह से चैनलाइज करना होगा कि वे आपके लिए वेल्थ क्रिएट करेंगे. ऐसे में बेकार के खर्च को बंद कर वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण आप एसआईपी शुरू कर सकते हैं या स्टॉक खरीद सकते हैं. ऐसा करने से, आप वित्तीय के साथ-साथ अपनी शारीरिक फिटनेस भी सुनिश्चित करेंगे.

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वित्तीय ज्ञान

अगर बाजार के बारे में जानकारी नहीं है तो निवेशकों को कम मुनाफा कमाने और नुकसान उठाने की संभावना रहती है. यहां तक कि अगर आप एक सलाहकार, एक निवेश इंजन, या एक स्मॉलकेस की सिफारिश के अनुसार कुछ भी खरीद रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप उस इंस्टूमेंट की सभी पेचीदगियों के बारे में जानें जो आप खरीदने जा रहे हैं. यह सुनिश्चित करेगा कि आपके रिटर्न हमेशा अच्छे हों.

डाइवर्सिफाई

निवेशकों को कभी भी एक ही जगह अपना पूरा पैसा नहीं लगाना चाहिए. अगर आपने स्टॉक में निवेश किया है, तो सुनिश्चित करें कि आप अलग अलग सेक्टर के हिसाब से अपना निवेश डज्ञइवर्सिफाई कर रहे हैं. इसके अलावा, सोने या चांदी को एक वेटेज देकर इसे संतुलित करें. एक डाइवर्सिफाई पोर्टफोलियो जोखिम कम करता है.

कोडिंग सीखें

देश में होने वाले सभी ट्रेड्स में एक-तिहाई से अधिक एल्गोरिथम ट्रेड हैं. एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग (एल्गो ट्रेडिंग) सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री को ऑटोमेट करने के लिए ट्रेडिंग रणनीति का वर्चुअल मॉडलिंग है. इसे सीखना बहुत मुश्किल नहीं है. इसमें आपको बस एक कोड लिखना है और अपने कॉल को एल्गोरिदम में एक्शन के लिए फीड करना है. विकसित देशों में मार्केट का 80 फीसदी हिस्सा एल्गो ट्रेड्स का है. जिस तरह से ट्रेंडिंग और इंवेस्टमेंट में तकनीकी इस्तेमाल बढ़ रहा है, यह आंकड़ा और भी अधिक हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि भविष्य की जरूरतों के मुताबिक अभी वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण से खुद को तैयार करें और पायथन या जावा जैसी भाषा सीखने की कोशिश करें.

(लेख: अमरजीत मौर्य, एवीपी, मिड कैप्स, एंजेल ब्रोकिंग)

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वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण

रिटायरमेंट पेंशन प्लान्स

सेवानिवृत्ति बीमा योजनाओं के साथ स्टाइल में अपनी सेवानिवृत्ति का आनंद लें

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सेवानिवृत्ति पेंशन योजनाएं आपको वर्षों में अपनी कमाई को निवेश करने में मदद करती हैं और एक ऐसा फंड बनाती हैं जिसे आप अपने सेवानिवृत्ति के वर्षों के दौरान पूर्ण रूप से या इसे भागों में निकाल सकते हैं। इसके अलावा, ये योजनाएं आपके जीवन के सुनहरे वर्षों निवेश के साथ सुरक्षा के दोहरे लाभों के साथ आपकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए आदर्श हैं। जीवन यापन की उच्च लागत और बढ़ती मुद्रास्फीति को देखते हुए, सेवानिवृत्ति योजना अधिक आवश्यक हो गई है।

सेवानिवृत्ति पेंशन योजनाएं आपको वर्षों में अपनी कमाई को निवेश करने में मदद करती हैं और एक ऐसा फंड बनाती हैं जिसे आप अपने सेवानिवृत्ति के वर्षों के दौरान पूर्ण रूप से या इसे भागों में निकाल सकते हैं। इसके अलावा, ये योजनाएं आपके जीवन के सुनहरे वर्षों निवेश के साथ सुरक्षा के दोहरे लाभों के साथ आपकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए आदर्श हैं। जीवन यापन की उच्च लागत और बढ़ती मुद्रास्फीति को देखते हुए, सेवानिवृत्ति योजना अधिक आवश्यक हो गई है।

रिटायरमेंट वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण प्लान के लाभ

    युवा अवस्था की ज़िम्मेदारियाँ : युवा अवस्था में नौकरी पेशा व्यक्ति, उन दिनों की जिम्मेदारियों जैसे कि घर का किराया, बच्चों की पढाई का खर्चा आदि को निभाते निभाते अपने वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण बुढ़ापे की आर्थिक ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ कर देता हैं और फिर एक ऐसा समय आता हैं जब उसे पैसो की ज़रूरतों को पूरा करने के अपने बच्चों या फिर रिश्तेदारों पर निर्भर होना पड़ता हैं | इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता हैं कि आप युवा अवस्था से ही अपनी रिटायरमेंट को बेहतर बनाने का प्रयास करे और यह आप एक सही रिटायरमेंट पॉलिसी ले के कर सकते है |

सेवानिवृत्ति योजनाएँ या पेंशन योजनाएँ क्या हैं?

सेवानिवृत्ति योजना या पेंशन योजना एक विशिष्ट प्रकार की बीमा पॉलिसी हैं जो आपको एक आरामदायक सेवानिवृत्त जीवन जीने में मदद करती वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण हैं। ये योजनाएं आपको सुरक्षा प्रदान करती हैं और निवेश नीतियों के रूप में भी कार्य करती हैं जो सेवानिवृत्ति के बाद की आपकी जरूरतों जैसे चिकित्सा खर्च, रहने की लागत आदि को पूरा करने के लिए एक कोष जमा करने में मदद करती हैं।

ये योजनाएं आपकी कमाई को वर्षों में निवेश करती हैं और एक फंड बनाती हैं, जिसका उपयोग आप एक बार में या सेवानिवृत्ति के दौरान भागों में करते हैं। पर्याप्त निवेश और उचित योजना के साथ, आप आसानी से अपने सुनहरे वर्षों की योजना बना सकते हैं और सेवानिवृत्ति के बाद भी आय के एक स्थिर प्रवाह के साथ अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।

आपको एक सेवानिवृति योजना की आवश्यकता क्यों है?

हम अपनी दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी मेहनत की कमाई का निवेश इतना अधिक करते हैं कि हम अपने बाद के वर्षों में अपने लिए एक आरामदायक और समृद्ध जीवन हासिल करने पर बहुत कम ध्यान देते हैं।

हममें से अधिकांश लोगों के नौकरी और यहां तक कि अच्छे लाइफ स्टाइल की मांग करते हैं| हमारे तनावपूर्ण जीवन की दैनिक भागदौड़ में, क्या हम अपने सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन के बारे में भी सोचते हैं? लेकिन इस सबके जिम्मेदार हम सब स्वयं हैं गहरी सांस गहरी सांस लें और अपने भविष्य के बारे में सोचें| यदि हम अपनी सेवानिवृति के बाद के जीवन का आनंद नहीं ले पा रहे हैं तो इतनी मेहनत करने का क्या मतलब है? लाइफस्टाइल के अलावा, हमारे पास अपने परिवारों के प्रति जिम्मेदारियां हैं जो सेवानिवृत्ति के साथ दूर नहीं हो सकती हैं।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी सेवानिवृत्ति के बाद का जीवन सुचारू और शांतिपूर्ण रहे और आपके परिवार की देखभाल भी अच्छी तरह से होती रहे, अब आपके लिए सेवानिवृत्ति की योजना बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी वर्तमान आयु, आय, लाइफ स्टाइल जीवन शैली और जीवन लक्ष्यों के आधार पर, आप एक निवेश राशि चुन सकते हैं और अपनी सेवानिवृत्ति के लिए योजना बना सकते हैं।

क्या आप रिटायरमेंट के बाद की आय में विश्वास रखते हैं?

प्रोफेशनल लाइफ से सेवानिवृत्ति का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि आप नियमित आय प्राप्त करना बंद कर दें। सेवानिवृत्ति योजनाएं आपको अपनी बचत का एक हिस्सा आवंटित करने और उन्हें समय के साथ बढ़ने देती हैं। फिर आप सेवानिवृत्त होने के बाद नियमित भुगतान प्राप्त करने का विकल्प चुन सकते हैं।

Honda News: जल्दी लीजिए, होंडा की कारें होंगी महंगी

Honda News: अगले वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण महीने से 30,000 रुपये अधिक देना पड़ेगा

Honda News:

Honda News: नयी दिल्ली। जापान की कार कंपनी होंडा जनवरी से अभी सभी मॉडलों की श्रृंखला के दाम 30,000 रुपये तक बढ़ाने पर विचार कर रही है। कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि उत्पादन की बढ़ती लागत और आगामी सख्त उत्सर्जन नियमों के अनुरूप अपने उत्पादों को ढालने के लिए उसे यह कदम उठाना पड़ रहा है।

Honda News:

कंपनी भारत में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी के जरिये कारोबार करती है। इसके साथ ही होंडा पहले ही अपने वाहनों के दाम बढ़ाने की घोषणा करने वाली कंपनियों मारुति सुजुकी, हुंदै, टाटा मोटर्स, मर्सिडीज बेंज, ऑडी, रेनो, किआ इंडिया और एमजी मोटर की सूची में शामिल हो गई है।

होंडा कार्स इंडिया के उपाध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) कुणाल बहल ने कहा, कच्चे माल की कीमतों के उत्पादन लागत पर प्रभाव और आगामी नियामकीय जरूरतों का आंकलन करने के बाद हमने 23 जनवरी से अपने वाहनों के दाम बढ़ाने का फैसला किया है। यह मूल्यवृद्धि 30,000 रुपये तक होगी। प्रत्येक मॉडल के लिए कीमत वृद्धि भिन्न होगी।

भारत चरण-छह उत्सर्जन नियमनों के अनुसार, वाहनों में ऐसा उपकरण लगाने की जरूरत होगी जो वाहन के चलते समय उत्सर्जन का स्तर बताएगा। यह नियम अप्रैल, 2023 से लागू होगा।

वित्तीय अनुशासन के लिए

सुक्खू सरकार के शुरुआती रुझान और अंदाज को गौर से देखें, तो समझा जा सकता है कि ये संकेत और संदेश पूरी परिपाटी को बदलने का संकल्प भी हैं। सरकार अपने शैशवकाल में ही कड़े, अलोकप्रिय तथा प्रभावशाली कदम उठा सकती है और यहीं निर्देश मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्पष्टता के साथ दिए हैं। पूर्व सरकार के अंतिम चरण के फैसले, नियुक्तियां और सेवा विस्तार पर बारीकी से हो रहा मुआयना, राजनीतिक जरूरत और वर्तमान सत्ता को अपने शिलालेख लिखने में मदद करेंगे, साथ ही आत्मचिंतन की दिशा में उठाए गए कदम सराहनीय हैं। खास तौर पर हिमाचल भवन, सदन और अतिथि गृहों में ठहरने की नई दर घोषित करके वर्तमान सरकार ने आत्मशुद्धि का एहसास कराया है और अगर सरकार अपने घर से ऐसे निर्णय लेने की क्षमता का इ•ाहार करती रहेगी, तो यह हिमाचल के लिए एक नई इबारत लिख पाएगी। जो पिछली सरकार ने नहीं सीखा, वर्तमान को अवश्य ही सीखना पड़ेगा। हिमाचल के अस्तित्व से पूर्ण राज्यत्व तक और उसके साथ विकास के पथ पर निकले राज्य ने बहुत कुछ पाया, लेकिन जो खोया या जिसे हम खो रहे हंै, उस पर अंकुश चाहिए। बेशक वर्तमान कांग्रेस सरकार अपनी गारंटियां लागू करने को वचनबद्ध दिखाई दे रही है, लेकिन हिमाचल के प्रति सच्ची वचनबद्धता अब नए सरोकारों तथा नई प्राथमिकताओं की मांग करती है।

ये सरोकार प्रदेश की आर्थिक स्थिति, आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता और सरकार के कद से कमाई तथा अनावश्यक खर्चों में कटौतियां करके परिलक्षित होंगे। सुक्खू सरकार के समक्ष पिछली सरकारों की विरासत से निकले अपार कर्ज का हिसाब है और इसलिए हर पग पे बाधा है और हर डग पे नया इरादा चाहिए। यहां केंद्र पुचकारने से रहा, बल्कि मीन मेख निकालने में देरी नहीं लगेगी, फिर भी यह सफर प्रशासनिक व वित्तीय अनुशासन से नई तहजीब पैदा कर सकता है। सर्वप्रथम फिजूलखर्ची पर रोक के लिए सुक्खू सरकार क्या करती है, यह देखा जाएगा और इसकी शुरुआत मंत्रिमंडल के गठन, विभिन्न लाभकारी पदों के आबंटन तथा सत्ता के दम पर वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण होने वाले इवेंट व समारोहों के माध्यम से पता चलेगी। पिछली सरकार ने गैर सरकारी क्षेत्र को अहमियत देते हुए निजी निवेश के फलक पर इन्वेस्टर मीट तो जरूर कराई, लेकिन इस आधार पर विकल्प तैयार नहीं हुए। हिमाचल का व्यापारी वर्ग अगर प्रोत्साहित किया जाए, तो निजी निवेश की राह पर विकास का पहिया घूमना शुरू हो जाएगा। इसी तरह स्वरोजगार की दृष्टि से पहले से घोषित 680 करोड़ का स्टार्टअप फंड कारगर होगा, तो नवाचार के मोर्चे पर हिमाचली युवा वर्ग राज्य को आगे तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने का सबब बढ़ेगा। प्रदेश में आगामी कुछ सालों के लिए विकास का मॉडल, नए स्कूल, कालेज, चिकित्सालय या नए आफिस खोलकर साबित नहीं होगा, बल्कि वर्तमान ढांचे की प्रासंगिकता बढ़ाकर अवश्य ही परिवर्तन आएगा। प्रदेश में घाटे के बोर्ड-निगम तथा कई अनावश्यक कार्यालयों को समाहित करके, एक जैसे कार्यों के लिए समन्वित विभाग व प्रयास शुरू करने होंगे। प्रदेश में आर्थिक व प्रशासनिक सुधारों के प्रारूप में निष्कर्षों के साथ नई व्यवस्था कायम करनी होगी।

प्रदेश को पर्यटन आर्थिकी, हाइड्रो पावर, बागबानी के साथ-साथ निजी संभावनाओं के अक्स में नीतिगत फैसले लेने पड़ेंगे। अत: दस गारंटियों के साथ-सात अनेकों संभावनाएं खड़ी करनी होंगी। ऐसे में देखना यह होगा कि मंत्रिमंडल का गठन व विभागों का आबंटन किस तरह होता है। सरकार को अगर बड़े परिवर्तन, ठोस इरादे तथा प्रदेश के हित साधने हैं, तो मंत्रिमंडल के हर सदस्य को काबिलीयत व समर्पण का उच्च स्तर दिखाना होगा। सरकार की पकड़ सरकारी मशीनरी पर जब तक नहीं होगी, तब तक सरकारी ढर्रा और ढांचा संवेदनशील नहीं होगा। ऐसा क्यों है कि निजी वोल्वो व डीलक्स बसें कम दरों पर अधिक कमा रही हैं, जबकि एचआरटीसी की अंतरराज्यीय बसें निरंतर अपनी छवि और वित्तीय स्थिति गंवा रही है। निजी होटल अपनी प्रतिस्पर्धा में निखर रहे हैं, जबकि पर्यटन निगम की कई वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण इकाइयां अलाभकारी व्यवसाय की उपेक्षित स्थिति में हैं। ऐसे कई घाटे के उपक्रम तथा सरकारी फिजूलखर्ची के पैबंद हटाने होंगे। जिस तरह अपने शुरुआती फैसलों की ताबड़तोड़ प्रक्रिया में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने बेलगाम निर्णयों पर रोक लगानी शुरू की है तथा हिमाचल भवनों में विश्राम की दरों से बारह सौ रुपए की अदायगी सुनिश्चित की है, उससे लगता है कि सरकार केवल नखरों के लिए धन जाया नहीं करेगी। ये प्रशंसनीय कदम माने जाएंगे और जनता भी ऐसे फैसलों के पक्ष में रहेगी।

डेली न्यूज़

Finance-Commission

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO), वैश्विक जल संसाधन रिपोर्ट 2021.

चर्चा में क्यों?

हाल ही में WMO (विश्व मौसम विज्ञान संगठन) ने अपनी पहली वार्षिक स्टेट ऑफ ग्लोबल वाटर रिसोर्सेज रिपोर्ट 2021 जारी की है।

रिपोर्ट:

  • इस वार्षिक रिपोर्ट का उद्देश्य बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति के युग में वैश्विक ताजे जल के संसाधनों की निगरानी और प्रबंधन का समर्थन करना है।
  • रिपोर्ट तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है:
    • धारा प्रवाह, किसी भी समय नदी धारा के माध्यम से बहने वाले जल की मात्रा।
    • स्थलीय जल भंडारण (TWS) - भूमि की सतह पर और उप-सतह में के सभी जल की मात्रा।
    • हिममंडल

    रिपोर्ट के निष्कर्ष:

    • परिचय:
      • 2001 और 2018 के बीच, UN-WATER ने बताया कि सभी प्राकृतिक आपदाओं का 74% जल से संबंधित था।
      • मिस्र में हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, COP27 ने सरकारों से अनुकूलन प्रयासों में जल को एकीकृत करने का आग्रह किया, पहली बार COP में जल के महत्त्व के परिणामों को दस्तावेज़ों में संदर्भित किया गया है।
      • 6 अरब लोगों को प्रति वर्ष कम से कम एक महीने जल तक अपर्याप्त पहुँच है और वर्ष2050 तक यह बढ़कर पाँच अरब से अधिक होने की उम्मीद है।
      • वर्ष 2021 में विश्व के बड़े क्षेत्रों में सामान्य से अधिक शुष्क स्थिति दर्ज की गई, जो एक ऐसा वर्ष था जिसमें जलवायु परिवर्तनऔरला नीना घटनासे वर्षा के प्रतिरूप प्रभावित हुए थे।
      • 30 साल के हाइड्रोलॉजिकल औसत की तुलना में औसत प्रवाह से कम वाला क्षेत्र औसत प्रवाह से अधिक वाले क्षेत्र की तुलना में लगभग दो गुना बड़ा था।
      • सूखा: असामान्य रूप से शुष्क क्षेत्रों में दक्षिण अमेरिका का रियो डी ला प्लाटा क्षेत्र शामिल है, जहाँ वर्ष 2019 से लगातारसूखेने इस क्षेत्र को प्रभावित किया है।
      • सामान्य से नीचे: अफ्रीका में नाइज़र, वोल्टा, नील और कांगो जैसी प्रमुख नदियों में वर्ष 2021 में औसत से कम जल प्रवाह था। यही प्रवृत्ति रूस, पश्चिम साइबेरिया और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों में नदियों में देखी गई थी।
      • सामान्य से ऊपर: दूसरी ओर कुछ उत्तरी अमेरिकी बेसिनों, उत्तरी अमेज़ॅन और दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ चीन के अमूर नदी बेसिन एवं उत्तरी भारत में नदी जल की मात्रा सामान्य से अधिक थी।
      • सामान्य से नीचे: नदी के प्रवाह में बदलाव के अलावा, समग्र स्थलीय जल भंडारण को संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी तट पर, दक्षिण- मध्य अमेरिका और पेटागोनिया, उत्तरी अफ्रीका एवं मेडागास्कर, मध्य एशिया तथा मध्य पूर्व, पाकिस्तान और उत्तर भारत में सामान्य से नीचे के रूप में वर्गीकृत किया वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण गया था।
      • सामान्य से ऊपर: यह मध्य अफ्रीका, उत्तरी दक्षिण अमेरिका विशेष रूप से अमेज़ॅन बेसिन एवं उत्तरी चीन में सामान्य से ऊपर था।
      • पहाड़ों को अक्सर प्राकृतिक "वाटर टावर्स" कहा जाता है क्योंकि वे अनुमानित रूप से 9 बिलियन लोगों के लिये नदियों और मीठे जल की आपूर्ति का स्रोत हैं।
      • हिममंडलजल संसाधनों में परिवर्तन खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य, पारिस्थितिकी तंत्र की अखंडता और रखरखाव को प्रभावित करते हैं तथा आर्थिक एवं सामाजिक विकास पर गहरा प्रभाव डालते हैं।

      भारतीय परिदृश्य:

      • पूर्वी पाकिस्तान, उत्तरी भारत, दक्षिणी नेपाल और पूरे बांग्लादेश में फैले सिंधु-गंगा के मैदान (Indo-Gangetic Plain- IGP) पर ग्लोबल वार्मिंग के कुप्रभाव देखे जा सकते हैं।
      • वर्ष 2021 में कुल जल भंडारण में गिरावट आने के बावजूद गंगा-ब्रह्मपुत्र और सिंधु घाटियों में हिमनदों के पिघलने के कारण इनकी नदी धाराओं में अधिक जल का प्रवाह दर्ज किया गया।
      • यह बेहद चिंताजनक खबर है क्योंकि IGP चार देशों के लगभग आधे अरब लोगों के जीवन यापन हेतु सहायक है।

      सुझाव:

      • मीठे जल के संसाधनों के वितरण, मात्रा और गुणवत्ता में हुए परिवर्तन संबंधी समझ पर्याप्त नहीं है, इस अंतर को समाप्त करने और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जल की उपलब्धता का संक्षिप्त विवरण प्रदान करने की आवश्यकता है।
      • सूखे और बाढ़ की पूर्व चेतावनी प्रणाली के लिये एंड-टू-एंड विकास की आवश्यकता है।
      • ग्लेशियर के पिघलने और उच्च जल उपलब्धता के समय का दीर्घकालिक अनुमान अनुकूलन निर्णयों के वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण लिये महत्त्वपूर्ण इनपुट होना चाहिये।
      • जल विज्ञान डेटा की उपलब्धता और साझाकरण में तेज़ी लाने की आवश्यकता है, जिसमें नदी के निर्वहन और सीमा पार नदी बेसिन की जानकारी शामिल है।

      विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO):

      • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) 192 देशों की सदस्यता वाला एक अंतर-सरकारी संगठन है।
        • भारत विश्व मौसम विज्ञान संगठन का सदस्य देश है।

        स्रोत: डाउन टू अर्थ

        शासन व्यवस्था

        विश्व एड्स दिवस

          टैग्स:

        प्रिलिम्स के लिये:

        विश्व एड्स दिवस, एड्स, HIV

        मेन्स के लिये:

        विश्व स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर एड्स की स्थिति, एड्स, HIV, संबंधित पहल

        चर्चा में क्यों?

        विश्व एड्स दिवस प्रत्येक वर्ष 01 दिसंबर को पूरी दुनिया में इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन सभी लोगों को याद करने के लिये मनाया जाता है जिन्होंने इससे अपनी जान गँवाई है।

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