डा. ए. के. सिंह, , उप महानिदेशक (बागवानी)
बागवानी संभाग, कृषि अनुसंधान भवन - II, नई दिल्ली - 110 012 भारत
फोनः (कार्यालय) 91-11-25842068, 91-11-25842285/62/70/71 एक्स. 1422 ई-मेलः ddghort[dot]icar[at]gov[dot]in, ddghort[at]gmail[dot]com

Twitter Blue Tick: एलन मस्क फिर देंगे झटका, ब्लू टिक के लिए देना होगा 11 डॉलर

ट्विटर (Twitter) के नए मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने इस कंपनी को खरीदने के बाद से ही इससे कमाई का प्लान बना चुके हैं। एलन मस्क ने ट्विटर पर ब्लू टिक (Blue Tick) को लेकर एक कमोडिटी मार्केट की मूल बातें बार फिर से सस्पेंस बढ़ा दिया है। कुछ दिन पहले खबर आई कि ट्विटर ब्लू टिक के लिए 8 डॉलर की फीस वसूल सकता है, जिसे फिलहाल कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया। अब फिर से खबर आ रही है कि ट्विटर आईफोन (iPhone) यूजर्स से ब्लू टिक वेरिफिकेशन के लिए 8 नहीं बल्कि 11 डॉलर की फीस वसूलेगा।

आईफोन यूजर्स को झटका

खबरों की माने तो ट्विटर आईफोन यूजर्स के ब्लू टिक वैरिफिकेशन के लिए 11 डॉलर की फीस लेने की तैयारी कर रहा है। जो यूजर ब्लू सब्सक्रिप्शन के लिए आईफोन ऐप से पेमेंट करेगा उनसे 11 डॉलर की फीस ली जाएगी। अगर वहीं यूजर कमोडिटी मार्केट की मूल बातें वेबसाइट से इसका पेमेंट करता है तो उसके लिए ब्लू सब्सक्रिप्शन का चार्ज 7.99 डॉलर ही होगा। माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने इससे पहले भी ब्लू टिक के लिए 8 डॉलर चार्ज लेने की बात कही थी, लेकिन भारी विरोध के बाद उसे डाल दिया गया।

ट्विटर के बॉस एलन मस्क माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म से कमाई का प्लान तैयार कर चुके हैं। उन्होंने पहले भी कई बार कहा है कि ट्विटर पर वेरिफाई यूजर्स को हर महीने चार्ज देना होगा। ट्विटर ब्लू प्लान के जरिए ट्विटर अपने साइट के फेक अकाउंट की सफाई की तैयारी कर रहा है। कंपनी ने ब्लू टिक वेरिफाई अकाउंट यूजर्स से 8 डॉलर यानी करीब 576 रुपए और आईफोन यूजर्स से 11 डॉलर यानी करीब 906 रुपये वसूलेगा। आपको बता दें कि ट्विटर अकेला नहीं है जो आईफोन यूजर्स से अधिक चार्ज वसूलता है। Spotify जैसे प्लेटफॉर्म भी कमोडिटी मार्केट की मूल बातें आईफोन यूजर्स से एक्सट्रा चार्ज लेता है। जिसका कारण एप्पल का आईफोन ऐप चार्ज है, जो करीब 30 प्रतिशत है।

कमोडिटी मार्केट की मूल बातें

Horticulture Division

विज़न
पोषण, पारिस्थितिकी और आजीविका सुरक्षा में सुधार के लिए राष्ट्रीय परिवेश में बागवानी के सर्वांगीण एवं त्वरित विकास का दायित्व बागवानी संभाग को सौंपा गया है।

मिशन
बागवानी में प्रौद्योगिकी आधारित विकास

लक्ष्य
बागवानी में राष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान और विकास कार्यक्रम का नियोजन, सहयोग और निगरानी के साथ इस क्षेत्र में ज्ञान रिपोजटिरी की तरह कार्य करना।

संगठनात्मक ढांचा
बागवानी संभाग का मुख्यालय कृषि अनुसंधान भवन-।।, पूसा कैम्पस, नई दिल्ली में स्थित है। इस संभाग में दो कमोडिटी/सबजेक्ट विशिष्ट तकनीकी विभाग (बागवानी । और ।। के अलावा) और प्रशासन विंग, संस्थान प्रशासन-V विभाग है। उपमहानिदेशक (बागवानी) के नेतृत्व में कार्यरत इस संभाग में दो सहायक महानिदेशक, दो प्रधान वैज्ञानिक और एक उपसचिव (बागवानी) भी शामिल हैं। भा.कृ.अनु.प. का बागवानी संभाग 10 केन्द्रीय संस्थानों, 6 निदेशालयों, 7 राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्रों, 13 अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं और 6 नेटवर्क प्रायोजनाओं/प्रसार कार्यक्रमों के जरिये भारत में बागवानी अनुसंधान पर कार्य कर रहा है।

Organizational Structure of Horticulture Division

प्राथमिकता वाले क्षेत्र
बागवानी (फलों में नट, फल, आलू सहित सब्जियों, कंदीय फसलें, मशरूम, कट फ्लावर समेत शोभाकारी पौधे, मसाले, रोपण फसलें और औषधीय एवम सगंधीय पौधे) का देश के कई राज्यों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है और कृषि जीडीपी में इसका योगदान 30.4 प्रतिशत है। भा.कृ.अनु.प. का बागवानी संभाग इस प्रौद्योगिकी आधारित विकास में प्रमुख भूमिका निभाता है। आनुवंशिक संसाधन बढ़ाना और उनका उपयोग, कमोडिटी मार्केट की मूल बातें उत्पादन दक्षता बढ़ाना और उत्पादन हानि को पर्यावरण हितैषी तरीकों से कम करना आदि इस क्षेत्र के अनुसंधान की प्राथमिकता है।

  • आनुवंशिक संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन, बढ़ोतरी, जैव संसाधनों का मूल्यांकन और श्रेष्ठ गुणों वाली, उच्च उत्पादक, कीट और रोग सहिष्णु एवं अजैविक दबावों को सहने में सक्षम उन्नत किस्मों का विकास।
  • उत्पादकता बढाने हेतु अच्छी किस्मों के लिए सुधरी प्रौद्योगिकियों का विकास जो जैविक और अजैविक दबावों की सहिष्णु होने कमोडिटी मार्केट की मूल बातें के साथ ही स्वाद, ताजगी, स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होने जैसी बाजार की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
  • विभिन्न बागवानी फसलों के लिए स्थान विशिष्ट प्रौद्योगिकियों के विकास द्वारा उत्पादन, गुणवत्ता की विविधता को कम करना, फसल हानि को कम करने के साथ बाजार गुणों में सुधार करना।
  • पोषक तत्वों और जल के सही उपयोग की पद्धति विकसित करना और नई नैदानिक तकनीकों की मदद से कीट और रोगों के प्रभाव को कम करना।
  • स्थानीय पारिस्थितिकी और उत्पादन पद्धति के बीच संबंध को समझकर जैवविविधता के संरक्षण और संसाधनों के टिकाऊ उपयोग की पद्धतियों का विकास करना।
  • ऐसी उत्पादन पद्धति का विकास करना जिसमें कम अपशिष्ट निकले और अपशिष्ट के अधिकतम पुनर्उपयोग को बढ़ावा दे।
  • अधिक लाभ के लिए फलों, सब्जियों, फूलों की ताजगी को लम्बे समय तक बनाये रखना, उत्पाद विविधता और मूल्य संवर्धन।
  • समुदाय विशेष की आवश्यकता को समझकर संसाधनों के प्रभावी उपयोग और प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए क्षमता निर्माण करना।

उपलब्धियां

भारतीय बागवानी की झलक

  • फलों और सब्जियों का विश्व में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश।
  • आम, केला, नारियल, काजू, पपीता, अनार आदि का शीर्ष उत्पादक देश।
  • मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश।
  • अंगूर, केला, कसावा, मटर, पपीता आदि की उत्पादकता में प्रथम स्थान
  • ताजा फलों और सब्जियों के निर्यात में मूल्य के आधार पर 14 प्रतिशत और प्रसंस्करित फलों और सब्जियों में 16.27 प्रतिशत वृद्धि दर।
  • बागवानी पर समुचित ध्यान केंद्रित करने से उत्पादन और निर्यात बढ़ा। बागवानी उत्पादों में 7 गुणा वृद्धि से पोषण सुरक्षा और रोजगार अवसरों में वृद्धि हुई।
  • कुल 72,974 आनुवंशिक संसाधन जिसमें फलों की 9240, सब्जी और कंदीय फसलों की 25,400, रोपण फसलों और मसालों की 25,800, औषधीय और सगंधीय पौधों की 6,250, सजावटी पौधों की कमोडिटी मार्केट की मूल बातें 5300 और मशरूम की 984 प्रविष्टियां शामिल हैं।
  • आम, केला, नीबू वर्गीय फलों आदि जैसी कई बागवानी फसलों के उपलब्ध जर्मप्लाज्म का आणविक लक्षण वर्णन किया गया।
  • 1,596 उच्च उत्पादक किस्मों और बागवानी फसलों (फल-134, सब्जियां-485, सजावटी पौधे-115, रोपण फसलें और मसाले-467, औषधीय और सगंधीय पौधे-50 और मशरूम-5) के संकर विकसित किये गये। इसके परिणास्वरूप केला, अंगूर, आलू, प्याज, कसावा, इलायची, अदरक, हल्दी आदि बागवानी फसलों के उत्पादन में कमोडिटी मार्केट की मूल बातें महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
  • सेब, आम, अंगूर, केला, संतरा, अमरूद, लीची, पपीता, अनन्नास, चीकू, प्याज, आलू, टमाटर, मटर, फूलगोभी आदि की निर्यात के लिए गुणवत्तापूर्ण किस्मों का विकास किया गया।

भविष्य की रूपरेखा:

कृषि में वांछित विकास के लिए बागवानी क्षेत्र को प्रमुख भूमिका निभाने के लिए निम्न अनुसंधान प्राथमिकता के क्षेत्रों पर केंद्रित करना होगा:

  • विभिन्न पर्यावरण परिस्थितियों में उगाये जाने वाले फलों और सब्जियों के जीन और एलील आधारित परीक्षण
  • पोषण डायनेमिक्स एंड इंटरएक्शन
  • जैवऊर्जा और ठोस अपशिष्ट उपयोग
  • नारियल, आम, केला और पलवल का जीनोमिक्स
  • बागवानी फसलों में उत्पादकता और गुणता सुधार के लिए कीट परागणकर्ता
  • अपारम्परिक क्षेत्रों के लिए बागवानी किस्मों का विकास
  • फल और सब्जी उत्पादन में एरोपोनिक्स और हाइड्रोपोनिक्स तकनीकों का मानकीकरण
  • फलों और सब्जियों में पोषण गुणता का अध्ययन
  • बागवानी फसलों में कटाई उपरांत तकनीकी और मूल्य वर्धन
  • फलों और सब्जियों के लंबे भंडारण और परिवहन के लिए संशोधित पैकेजिंग

संपर्क सूत्र

डा. ए. के. सिंह, , उप महानिदेशक (बागवानी)
बागवानी संभाग, कृषि अनुसंधान भवन - II, नई दिल्ली - 110 012 भारत
फोनः (कार्यालय) 91-11-25842068, 91-11-25842285/62/70/71 एक्स. 1422 ई-मेलः ddghort[dot]icar[at]gov[dot]in, ddghort[at]gmail[dot]com

रेटिंग: 4.20
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 175