स्टॉक क्या है?
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Stock किसे कहते हैं। Stock के प्रकार।
नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट मे हम आज Stock के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी प्राप्त करेगे। जिसे हिंदी में स्कंध या रहतिया भी कहते हैं। जब व्यवसायी अपने व्यवसाय में पुनः विक्रय के उद्देश्य से माल खरीदता है। या किसी वस्तु का निर्माण करता है। तो कभी – कभी कुछ विशेष परिस्थितियों में वह माल गोदाम या दुकान मे रह जाता है। जिसे व्यवसायी को अपनी लेखा पुस्तकों मे दिखाना होता है। तो दोस्तों आज हम इस पोस्ट मे इस बिना विक्रय के रह गए माल के बारे में चर्चा करेगे।
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Stock किसे कहते हैं। Stock के प्रकार। |
किसी व्यवसाय में वित्तीय वर्ष या चालू वर्ष के अंत में जो माल (Goods) बिना बिका हुआ रह जाता है। उसे स्कंध, रहतिया या stock कहते हैं।
चालू वर्ष 2020-2021 के अंत में यानि 31 मार्च 2021 को जो माल बिना बिका रह जायगा वह माल वर्ष 2020-21 का अंतिम स्टॉक कहलायेगा। और फिर यही माल अगले वर्ष 2021-2022 के प्रारम्भ में यानि 1 अप्रैल 2021 को प्रारम्भिक स्टॉक स्टॉक क्या है? कहलायेगा।
वित्तीय वर्ष के अंत मे जो माल (Goods) विक्रय से रह जाता है। उसे अंतिम रहतिया (Closing Stock) कहते हैं।
वित्तीय वर्ष के अंत में जो माल (Goods) बिना बिका रह जाता है। वह माल अगले वर्ष के पहले दिन प्रारम्भिक रहतिया (Opening Stock) कहलाता है।
कभी – कभी व्यवसाय कुछ माल (Goods) के साथ प्रारम्भ किया जाता है। तो वह माल भी प्रारम्भिक रहतिया (Opening Stock) कहलाता है।
कच्चे माल का वह भाग जो व्यवसाय में उत्पादन के लिए प्रयोग नहीं किया गया है। तो ऐसा स्टॉक कच्चे माल का स्टॉक कहलाता है।
माल का वह भाग जो ना तो पूर्ण रूप से कच्चा है। ना ही पूर्ण रूप से निर्मित है। तो ऐसे माल को अर्द्ध-निर्मित माल का स्टॉक कहते हैं।
जो माल पूर्ण रूप से निर्मित है। परन्तु वित्तीय वर्ष के अंत में बिना बिका रह गया है। तो ऐसा माल का स्टॉक तैयार माल का स्टॉक कहलाता है।
नमस्कार दोस्तों आशा करता हु। की आप को मेरा पोस्ट बहुत आया होगा। जिसमें मेने आप को बहुत ही आसान शब्दों में बताया कि किसी व्यवसाय में Stock क्या होता है। तथा य़ह कितने प्रकार का होता है। दोस्तों यदि आप इसी तरह Accounting से संबधित पोस्ट निरंतर प्राप्त करना चाहते हैं। तो आप मेरे ब्लॉग पर उपस्थित नोटीफिकेशन बेल पर जरूर क्लिक करे।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम विकास जरीवाला है। और Accounting सीखें हिंदी में ब्लॉग में आप का स्वागत है। दोस्तों आप को इस ब्लॉग पर Accounting, Tally Prime, Tally Erp 9, Commerce Stream आदि से सम्बंधित विषयो की जानकारी हिन्दी भाषा में मिलेगी। दोस्तों मेरा लक्ष्य इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी को कम स्टॉक क्या है? शब्दों में ज्यादा ज्ञान उपलब्ध करना है। और इसके लिए में हमेशा नई – नई जानकारी अपडेट करता रहता हु। इसलिए आप मेरे ब्लॉग से हमेशा जुड़े रहे। तथा सोशल आइकॉन की मदद से ब्लॉग को शेयर जरूर करे।
Stock Market: शेयर बाजार क्या है?
अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है.
BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.
स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.
शेयर खरीदने का मतलब क्या है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.
कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.
ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.
किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.
Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.
प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है.
कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.
इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय स्टॉक क्या है? पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.
शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.
अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.
शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश स्टॉक क्या है? कर अरबपति बने हैं.
आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से स्टॉक क्या है? लिंक करना होगा.
बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से स्टॉक क्या है? खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.
इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.
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पेनी स्टॉक में क्या आप भी पैसा लगाते रहते हैं, शेयर खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
पेनी स्टॉक्स में उतना ही इन्वेस्ट करें जितना डूबने पर आप बर्दाश्त कर सकें, क्योंकि पेनी स्टॉक ज्यादा रिस्की होता है.
पेनी स्टॉक को बहुत सारे निवेशक कम समय में अमीर बनने का रास्ता भी समझते हैं. लेकिन ये रास्ता अक्सर कांटों भरा ही होता है . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 30, 2022, 22:59 IST
मुंबई . शेयर बाजार में निवेशकों के बीच अक्सर पेनी स्टॉक की चर्चा होती रहती है. बहुत सारे निवेशक मल्टीबैगर स्टॉक की तलाश में पेनी स्टॉक में पैसा लगाते रहते हैं. पेनी स्टॉक को बहुत सारे निवेशक कम समय में अमीर बनने का रास्ता भी समझते हैं. लेकिन ये रास्ता अक्सर कांटों भरा ही होता है. ज्यादातर निवेशक पेनी स्टॉक के चक्कर में अपनी पूंजी गंवा बैठते हैं.
दरअसल पेनी स्टॉक वैसे शेयर होते हैं जिनकी कीमत कम होती या 10 रुपए से कम होती है. साथ ही कंपनी का मार्केट कम होता है. तमाम एक्सपर्टस 500 करोड़ के नीचे मार्केट कैप वालों को इसी कटगरी में रखते हैं. पेनी स्टॉक से जुड़ी कंपनियां छोटी होती हैं. इनके बारे में पता लगाना और जानकारियां इक्ट्ठा करना बहुत मुश्किल होता है. बिना किसी जानकारी ऐसे स्टॉक्स में इन्वेस्ट करना रिस्की होता है.
शेयर की कीमतों में मैनुपुलेशन
ऐसे सटॉक्स की लिक्वीडिटी भी कम होती है. यानी, बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध शेयर सीमित होते है. पेनी स्टॉक कंपनियों के कम बाजार पूंजीकरण और कम लिक्वीडिटी के कारण इसकी कीमत में हेरफेर आसान होता है.
ऑपरेटर इसमें खेल करते हैं
इंवेस्टर्स कई बार फर्जीवाड़े का शिकार हो जाते हैं. ऑपरेटर कम दाम में एक साथ ज्यादा शेयर खरीद लेते हैं जिसके चलते शेयर के स्टॉक क्या है? दाम बढ़ने लगते हैं. शेयर के दाम बढ़ते देख रिटेल निवेशक इसमें एंट्री करते हैं. दाम ज्यादा बढ़ने के बाद ऑपरेटर शेयर बेच देते हैं. इससे शेयर के दाम गिरने लगते हैं. लोअर सर्किट के कारण इसमें फंसे रिटेल निवेशक शेयरों को बेच नहीं पाते.
रिसर्च जरूरी
किसी भी कंपनी के स्टॉक्स खरीदने से पहले उस कंपनी के बारे में अच्छे से रिसर्च करें. ये कंपनियां बहुत छोटी होती हैं. इनके बारे में जानकारियां अवेलेबल नहीं होती. कंपनी के फ्यूचर ग्रोथ, प्रोडक्ट, परफॉरमेंस और बैकग्राउंड को जानने के बाद ही स्टॉक्स खरीदें.
ज्यादा पैसा एक साथ न लगाएं
एक साथ ज्यादा रुपए इन्वेस्ट न करें. पेनी स्टॉक्स में उतना ही इन्वेस्ट करें जितना स्टॉक क्या है? डूबने पर आप बर्दाश्त कर सकें, क्योंकि पेनी स्टॉक ज्यादा रिस्की होता है. पेनी स्टॉक्स के प्राइस स्टेबल नहीं होतें, इसलिए इन्वेस्ट करने से पहले मार्केट को जरूर समझें. मार्केट को समझने के लिए किसी एक्सपर्ट से बात कर सकते हैं.
मुनाफा मिले तो निकल लें
पेनी स्टॉक्स में ज्यादा दिनों के लिए इन्वेस्ट न करें. इनके शेयर का दाम तेजी से बढ़ता है, उतना ही तेजी से गिरता भी है. इसलिए शेयर खरीद कर भूल न जाएं, अच्छे रिटर्न मिलने पर शेयर बेच दें. आज इंटरनेट पर ज्ञान की कमीं नहीं है. किसी पर आंख बंद कर विश्वास न करें. जांचने और समझने के बाद ही इन्वेस्ट करें.
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