Chanakya Niti : बच्चे में दिखाई देने लगें ये आदतें तो हो जाना चाहिए माता-पिता को सावधान
Chanakya Niti For Motivation in Hindi : चाणक्य नीति कहती है कि बच्चे गलत सीखने लगें तो माता-पिता को सावधान हो जाना चाहिए और इन बातों पर ध्यान देना चाहिए.
By: ABP Live | Updated at : 28 Nov 2021 06:46 PM (IST)
Chanakya Niti For Motivation in Hindi : चाणक्य नीति कहती है कि ध्यान न दिया जाए तो बच्चा बहुत जल्द गलत आदतें सीखने लगता है. संतान को योग्य बनाने के लिए माता पिता को इन बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए. आइए जानते हैं आज की चाणक्य नीति-
झूठ बोलना- चाणक्य नीति कहती है कि यदि बच्चा झूठ बोलने लगे तों माता पिता को गंभीर हो जाना चाहिए और आरंभ में ही इस आदत को दूर करने का प्रयास करना चाहिए. यदि समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो ये आदत बच्चे के साथ माता-पिता का भी अहित करती है. चाणक्य के अनुसार बच्चों में झूठ बोलने की प्रवृत्ति बहुत जल्दी पनपती है. बच्चों को ऐसा माहौल, शिक्षा और संस्कार प्रदान करना चाहिए जिससे झूठ बोलने की आदत न पनप सके.
जिद करने की आदत- चाणक्य के अनुसार अधिक प्यार से भी बच्चे जिद्दी हो जाते हैं. ये आदत भी बच्चों में बहुत जल्दी पनपती है यदि उचित ध्यान न दिया जाए. चाणक्य नीति कहती है कि माता-पिता को बच्चों की बात को गंभीरता से सुनना चाहिए. हर बच्चे में कोई न कोई खास विशेषता होता है जो उसे दूसरों से अलग बनाती है. इस विशेषता की पहचान कर उसे प्रोत्साहित करें. बच्चों का सम्मान करें और उनके समय प्रदान करें.
घर का माहौल अच्छा रखें- चाणक्य नीति कहती है कि बच्चों पर सबसे अधिक घर के माहौल का पड़ता है. इसलिए माता-पिता को घर का माहौल बेहतर रखने का प्रयास करना चाहिए. माता-पिता को आपस में श्रेष्ठ व्यवहार करना चाहिए. अच्छी भाषा शैली का प्रयोग करना चाहिए. इन बातों का बच्चों के मन और मस्तिष्क पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
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Published at : 28 Nov 2021 06:46 PM (IST) Tags: chanakya niti Chanakya Niti For Motivation Chanakya Niti For Success Chanakya Niti In Hindi Ethics Of Chanakya motivational quotes हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi
Quotex पर एक प्रवृत्ति की पहचान कैसे करें
सद्गुरु, उन चीज़ों के रूप में अपनी पहचान बनाने के कारण और परिणाम के बारे में बता रहे हैं, जो हम नहीं हैं। वे बताते हैं कि जब हम उन चीज़ों के आधार पर अपनी पहचान बना लेते हैं, जो हम नहीं हैं - जैसे हमारी संपत्ति, पद, परिवार, पढ़ाई वगैरह, तब मन का शांत होना असंभव हो जाता है।
Badrinath Kapoor > Quotes
“यौवन बालू की उस आँधी के समान है जो व्यक्ति के गुणों को तितर-बितर और अंतर्धान कर देता है। यौवन हृदय की सभी बुराइयों की जड़ है और आंतरिक सद्गुणों का दमन करनेवाला है। इस प्रकार यह बुराई को बढ़ावा देनेवाला है।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“पूर्ण रूप से नियंत्रित और शांत है। वह देखता है कि सुख और दुख एक दूसरे का पीछा करते हैं और एक-दूसरे को काटते भी हैं। ऐसी स्थिति में समझदारी इसी में है कि आत्मनियंत्रण और शांति बनाई रखी जाए। जिसमें यह समझदारी नहीं वह उस व्यक्ति के समान है जो जलते हुए घर में सोता है।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“अपनी अंतर्ज्योति ही एकमात्र साधन है, अन्य कोई साधन नहीं। जब इस अंतर्ज्योति को प्रज्वलित रखा जाता है तब जड़ता का अंधकार उसे प्रभावित नहीं करता।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“इसी शक्ति को नियति कहते हैं अर्थात् प्रकृति का नियमन करनेवाली परमसत्ता की शक्ति।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“युवावस्था में व्यक्ति सुख की मरीचिका से ललचा उठता है और उसे पाने के प्रयास में दुखों के गर्त में जा गिरता है।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“कौन-सा रहस्य है जिससे मन की उस प्रवृत्ति का प्रतिरोध किया जा सके जो इस ब्रह्मांड में फैली हुई है?”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“नियति स्वप्रयास के माध्यम से ही कार्य करती है। नियति के दो पक्ष हैं-मानवीय और अतिमानवीय। मानवीय वहाँ दिखाई देती है जहाँ स्वप्रयास से सुफल प्राप्त होता है और अतिमानवीय वहाँ दिखाई देती है जहाँ स्वप्रयास से सुफल प्राप्त नहीं होता।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“व्यक्ति को शांति से प्रवाहित होनेवाले आनंद से आनंदित होना चाहिए। जिसका मन पूर्णतः नियंत्रित होता है वह दृढ़ता से शांति में स्थित होता है। जब इस प्रकार हृदय शांति में स्थित होता है तब विशुद्ध आनंद बिना किसी प्रकार के विलंब वे आत्मा से उत्पन्न होता है।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“सत्य हों या असत्य हों अथवा इन दोनों का मिश्रण हों, हैं ये सभी धारणाएँ ही। धारणाएँ न सत्य होती हैं न असत्य। फिर इस ब्रह्मांड में है क्या जिसे सत्य कहा जाए?”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“बुढ़ापा कितना रहस्यमय और स्तब्धकारी है! जिन्हें शत्रु जीत नहीं पाते और जो लोग अगम्य पर्वत शिखरों पर जाकर निवास करते हैं, उन्हें भी यह जरा राक्षसी दबोच लेती है।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“जब कुछ भी प्राप्त करने के योग्य नहीं रहता तब कुछ छोड़ने के योग्य भी नहीं होता। अच्छा और बुरा, बड़ा और छोटा, योग्य और अयोग्य ये सभी इच्छाजन्य धारणा पर आधारित होते हैं।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“यह आनंद के अनुभव के रूप में अपने में ही प्रकट होती है और इसलिए इसकी अनुभूति अपने अंदर ही होती है।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“ये सभी इंद्रियाँ और यह सारा संसार मन के अतिरिक्त कुछ नहीं। हे राम, इसके अतिरिक्त यह संसार हो भी क्या सकता है?”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“जीव अपने को सृष्टिकर्ता, पालक आदि सोच लेता है, परंतु यह सब–कुछ विचार–रूप से अधिक कुछ नहीं। तो भी यह विचार–रूप अन्य विचारों की कल्पना या धारणा कर लेता है और उन्हें अनुभूत भी करता है।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“जब कोई अनेकता की अवास्तविकता पर विचार करता है तो वह दुखों से मुक्त हो जाता है।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“हम उस सत्ता का चिंतन करते हैं जिसमें हर पदार्थ विद्यमान है, सभी पदार्थ उसी के हैं, तथा जिसमें से सब-कुछ उत्पन्न होता है। जो सभी का कारण है और जो सब-कुछ है। हम उस आत्मा का चिंतन करते हैं जो संपूर्ण भाषा और अनुभव का आधार है। जिसमें अ से ह तक का विस्तार क्षेत्र है और जिसे ‘अहं’ से अभिहित किया जाता है।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“आत्मा सदा दुख और सुख से परे होती है। परंतु अपने को शरीर मान लेने पर वह शरीर के भोगों का अनुभव करने लगती है। इस अज्ञानजन्य धारणा का त्याग ही मोक्ष है।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“अनिर्वचनीय और Quotex पर एक प्रवृत्ति की पहचान कैसे करें चमत्कारिक ढंग से नाम और रूप-संबंधी विविध पदार्थों को उत्पन्न करनेवाली हमारी चेतना की रहस्यमय शक्ति को अहं कहते हैं। जब अहं उत्पन्न होता है तो (वह चेतना से भिन्न न होने पर भी) वह अनेक ऐसे तत्त्वों की अवधारणा कर लेता है जो इस ब्रह्मांड की रचना करते हैं।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“हर समय असीम चेतना ही यहाँ विद्यमान है। जो कुछ दिखाई देता है वह मात्र आकृति है। जब आकृति का बोध आकृति के रूप में होता है, तो जो है उसका बोध होता है। या तो यह बोध होगा कि “मैं नहीं हैं और ये अनुभव मेरे नहीं हैं” या “मैं ही सब–कुछ हूँ। इससे तुम दृश्य संसार के आकर्षण से मुक्त हो जाओगे।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
“(बद्ध-मानसिकता वाला) मन बंधन होता है, और संसक्ति (आसक्ति, पहचान आदि) से मुक्ति मोक्ष। आंतरिक संबंध ही मोक्ष और बंधन का कारण होता है। अबद्ध मन द्वारा किए हुए कर्म अकर्म होते हैं।”
― Badrinath Kapoor, Yog Vashishth
Chanakya Niti: इन लक्षणों से तुरंत कर सकते हैं धोखेबाज और स्वार्थी लोगों की पहचान
आचार्य चाणक्य की नीतियां आज के युग में भी मनुष्य को सही मार्ग पर चलकर जीवन की चुनौतियों से लड़ने की सीख देती हैं। वहीं चाणक्य नीति शास्त्र में व्यक्ति के गुण-अवगुण को लेकर भी कई बातें बताई गयी हैं। चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य के ये लक्षण उसकी धोखेबाज प्रवृत्ति को दर्शाते हैं।
Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मनुष्य के गुणों और अवगुणों को लेकर बहुत सी बातें बताई हैं। चाणक्य नीति के अनुसार जहां एक गुणी, चतुर और ज्ञानी व्यक्ति का साथ आपके जीवन में बहुत मायने रखता है, वहीं यदि किसी स्वार्थी और धोखेबाज इंसान से आपका पाला पड़ जाए तो वह आपको मुश्किल में डाल सकता है। ऐसे में अपने आसपास के लोगों की पहचान करने की सीख भी चाणक्य नीति देती है। तो आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य के अनुसार किन लक्षणों से धोखेबाज इंसान का पता लगा सकते हैं.
10+ नीच लोगों पर शायरी | New Neech Log Quotes
इस आर्टिकल में हम लेकर आये हैं नीच लोगों पर शायरी , नीच लोग वो होते हैं जो अपनी हरकतों से इतने नीचे गिर चुके होते हैं के उनकी हरकतों की बात करते भी हमें शर्म आये, नीच लोग बहुत घटिया हरकतें करने वाले लोग होते हैं। कुछ नीच लोग अपने दोस्त के साथ रहकर उसकी ही माँ बहन को बुरी नज़र से देखते हैं ऐसे लोगों की हमें पहचान करनी चाहिए और उनसे दूर हो जाना चाहिए।
कुछ अमीर लोग जो किसी गरीब को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं वो लोग नीच दिखते तो नहीं लेकिन उनकी सोच बहुत नीच होती है और जिसकी सोच ही नीच होगी वो नीच लोगों से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
Neech Log Meaning in English – Despicable people
नीच लोगों पर शायरी | Neech Log Qoutes, Status
नीच लोग एक दिन अपना रंग दिखा देते हैं
आपको किसी मुसीबत में फंसा देते हैं
जो दूसरों को Quotex पर एक प्रवृत्ति की पहचान कैसे करें नीचा दिखाते हैं
वही लोग नीच कहलाते है
लोगों की नीचता देख डर जाती हूँ
लोग नीच होते जा रहे हैं मैं इसलिए घबराती हूँ
वो अपनी ही नज़रों में गिर जाएगा
जिस दिन उसे अपनी गलती का एहसास हो जाएगा
कोई कितना भी अमीर हो जाये चाहे अगर
सोच नीच है तो एक दिन नीचे गिर जाता है
जो पैसों के गुमान पर किसी को नीचा दिखाता है
भगवान उसे खुद नीचे लेकर आता है
नीच लोगों से दोस्ती हो तो
अभी उनसे रिश्ता तोड़ दो
वो आपको मुसीबत में फंसाये
इससे पहले उनका साथ छोड़ दो
नीच लोगों पर स्टेटस | नीच लोगों पर शायरी
गलती कर वो मुक्कर जाते हैं
इल्ज़ाम फिर किसी दूसरे पर लगाते हैं
नीच लोग खुद को बचाने के लिए
अपने दोस्तों तक Quotex पर एक प्रवृत्ति की पहचान कैसे करें को फंसा जाते हैं
कुछ नीच लोग इतने नीचे गिर जाते हैं
के आपने दोस्त की बहन पर ही नज़र गड़ाते हैं
जो लोग किसी को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं
असल मैं वो खुद नीच होते हैं,
किसी को नीचा दिखाने के बारे में एक नीच व्यक्ति ही सोच सकता है
इंसान को हवस इतना नीचे गिरा रही है
के अपनों से भी दुर्व्यवहार करना सीखा रही है
माना के हमारे पास पैसा नहीं
पर मैं नीच तेरे जैसा नहीं
उसे उसकी नज़रों में गिरा दूंगा
जब उसे उसकी नीच सोच का एहसास करा दूंगा
आपको यह नीच लोगों पर शायरी कैसी लगी हमें कमेंट कर ज़रूर बताएं और आप नीच लोगों के बारे में क्या सोचते हैं अपनी राय जरूर दें, यदि आपकी कांटेक्ट लिस्ट में ऐसे नीच लोग हैं तो उन्हें यह शायरी अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लगा कर जरूर दिखाएं क्या पता उन्हें अपनी नीचता का एहसास हो जाये और अपने आप को थोड़ा सुधार सकें। ?
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