App की निम्नलिखित विशेषताएं हैं जो निम्न प्रकार से है।
OctaFx Trading App मे Trading करके पैसे कैसे कमाए
OctaFx Trading App एक ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की ऐप है। यह ऐप बहुत ही फिक्स ट्रेडिंग अकाउंट भरोसेमंद और बढ़िया है। इस ऐप के माध्यम से हजारों की संख्या में लोग ट्रेडिंग करते है। इस ऐप्लिकेशन के माध्यम से आप Forex Exchange में Trading कर सकते है। यह एक तरह से Fix time Chain Broker सिस्टम होता है, जहाँ पर आप को Forex Index (USD, Euro, GBP, JPY), Cryptocurrency और Commodity (Metals, gold & Silver ) में आसानी से trading करने को मिल जाता है। यह app भी Olymp trade app और Binomo app की भांति ही काम करती हैं।
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OctaFx Trading App का Headquarter कहां है।
इस application का headquarter Saint Vincent and the Grenadines, फिक्स ट्रेडिंग अकाउंट Kingstown में स्थित है यहां पर एक Registered Forex ECN Broker कंपनी है। इस application की शुरुवात वर्ष 2011 में हुई थी, और धीरे-धीरे यह विश्वस्तरीय बाजार में एक विश्वशनीय कंपनी बन गयी फिक्स ट्रेडिंग अकाउंट है।
Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?
नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?
शेयर मार्केट फिक्स ट्रेडिंग अकाउंट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।
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क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को फिक्स ट्रेडिंग अकाउंट खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।
डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के फिक्स ट्रेडिंग अकाउंट बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।
Set leverage
Leverage reduces marginal requirements, the amount necessary to maintain a certain position, and helps you open orders with a volume larger than your balance would allow otherwise. It is important to note that the higher the volume of your order, the more you gain or lose for each pip.
Let's say, you have a trading account with 500 USD and a 1:500 leverage applied. You decide to open a position for 1 lot (100,000 units) on EUR/USD, when the price is at 1.13415. The required margin for this position is 226.83 USD, almost half of your funds. Each pip movement is then worth 10 USD. Therefore, the price only needs to drop to 1.13145 for you to lose nearly all of the money in your account. If you open a position for 0.5 lots, each pip will cost you only 5 USD. In this case, if the price falls to 1.13145, your loss will amount 135 फिक्स ट्रेडिंग अकाउंट USD.
Predict the price movement
As a beginner, you can simply track the general direction of the price on the chart and open Buy orders when it goes up or Sell orders when it goes down. This may not get you a guaranteed profit every time, however, it is a good start for developing your strategy.
If you have little to no experience, it's better to avoid trading during major news releases, as the market tends to be highly volatile. Two more advanced methods of price prediction are technical analysis and fundamental analysis. Basic risk management techniques may also prove beneficial in reducing losses.
Make a profit
There are many strategies that allow you to profit from currency price fluctuations, for example, scalping, martingale, hedging, news trading, and many others. Read our article फिक्स ट्रेडिंग अकाउंट to find a detailed description of the most common strategies and choose the best one for you.
Your order profit fluctuates depending on the current market price until the moment you close it. If you feel like you’ve gained substantial profit, open the Trade tab on your platform, find the open position, press on it to open a context menu, and select Close order.
Uniparts India IPO का प्राइस बैंड फिक्स, अगले हफ्ते मिलेगा निवेश का मौका, कम से कम इतने रुपए लगाने होंगे
Uniparts India IPO: यह आईपीओ 30 नवंबर को खुलेगा और 2 दिसंबर तक निवेशकों के लिए खुला फिक्स ट्रेडिंग अकाउंट रहेगा. इसके लिए 548-577 रुपए का इश्यू प्राइस फिक्स किया गया है. रिटेल निवेशकों को कम से कम 14425 रुपए निवेश करने होंगे.
Uniparts India IPO : इंजीनियरिंग सिस्टम एंड सॉल्यूशन प्रोवाइडर यूनिपार्ट इंडिया ने आईपीओ का प्राइस बैंड फिक्स कर लिया है. इस आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 548-577 रुपए रखा गया है. यह आईपीओ 836 करोड़ का है. इसकी ओपनिंग 30 नवंबर को होगी, जबकि क्लोजिंग 2 दिसंबर को है. एंकर निवेशक 29 नवंबर को शेयरों के लिए बोलियां लगा सकेंगे. आईपीओ पूरी तरह से प्रमोटर्स और मौजूदा निवेशकों द्वारा 14,481,942 शेयरों की बिक्री पेशकश (OFS) पर आधारित है. कंपनी को सार्वजनिक निर्गम से कोई आय प्राप्त नहीं होगी.
प्रमोटर की हिस्सेदारी घटकर कितनी रह जाएगी?
यूनिपार्ट्स ने इससे पहले दिसंबर 2018 और सितंबर 2014 में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास आईपीओ के शुरुआती दस्तावेज जमा किए थे जिसके लिए उसे मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन वह आईपीओ लेकर नहीं आई थी. आईपीओ से पहले प्रमोटर की हिस्सेदारी 75.54 फीसदी है जो घटकर 65.79 फीसदी पर आ जाएगी.
एक लॉट में 25 शेयर होगा. रिटेल निवेशकों को कम से कम एक लॉट खरीदना होगा जिसकी कीमत 14425 रुपए होगी. अधिकतम 13 लॉट खरीदा जा सकता है जिसकी वैल्यु 187525 रुपए होगा. स्मॉल HNI कम से कम 14 लॉट खरीदना होगी जिसकी वैवल्यु 201950 रुपए और बिग एचएनआई को कम से कम 70 लॉट खरीदना होगा जिसकी वैल्यु 1009750 रुपए होगी.
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Fixed Deposit Kya Hai – फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है ?
Fixed Deposit Kya Hai :- फिक्स्ड डिपॉजिट इन्वेस्ट का सबसे अच्छा और सुरक्षित तरीका माना जाता हैं। इसमें आपको फिक्स (निश्चित) अवधी (Time) के लिए निवेश (Invest) किया जाता हैं। इसमें फिक्स ब्याज ( Fix Interest) मिलता हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट में बचत खाता से ज्यादा ब्याज ( Fix Interest) मिलता हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट में अधिक ब्याज मिलने के कारण आपका फिक्स ट्रेडिंग अकाउंट पैसा जल्दी से बढ़ता हैं। सेविंग के बदले बचत पैसा को फिक्स्ड डिपॉजिट में रखना अच्छा माना जाता हैं। Fixed Deposit को को शार्ट (Short) में FD कहा जाता हैं, और FD का फिक्स ट्रेडिंग अकाउंट Full Form Fixed Deposit होता हैं।
ये भारतीयों का पारंपरिक निवेश (Invest) माना जाता हैं, पहले ज्यादातर लोग सुरक्षित निवेश का तरीका खोजते थे जिसमे ये तरीका मशहूर हुआ करता था और आज भी हैं। अभी भी कुछ ही लोग हैं जो म्यूच्यूअल फण्ड, SIP, IPO और शेयर बाजार में निवेश करते हैं। हलाकि ये सभी Risky भी होता हैं मगर जब बात Return का होता हैं तो FD के मुकाबले कई गुना ज्यादा होता हैं।
एफडी के फायदे – Fd Ke Fayde – फिक्स डिपॉजिट के फायदे – Fd Karne Ke Fayde
Fd Ke Fayde :- अगर आप FD यानि की Fixed Deposit में निवेश (Invest) का मन बनाये हैं तो सबसे अच्छा और सुरक्षित हैं ये सबसे बड़ा फायदा हैं। Fixed Deposit करने पर ब्याज भी ज्यादा मिलता हैं बचत खाते के मुकाबले। इसलिए इसमें लोग ज्यादा निवेश करना पसंद करते हैं।
- अगर आप किसी भी बैंक में FD यानि की Fixed Deposit करते हैं ओ बैंक आपको कोई भी लोन आसानी से दे सकता है।
- FD यानि की Fixed Deposit में निवेश करने पर कुछ बैंक अपने ग्राहक को Health Insurance का लाभ देता हैं।
- ज्यादातर बैंक अपने निवेशक/ग्राहक को FD यानि की Fixed Deposit में निवेश करने पर Credit Card देती हैं। जिसका Limit FD के 80-85% तक का रहती हैं।
- फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने पर निवेशक Tax Saving का भी लाभ मिलता हैं। Tax Saving का लाभ 5 साल के FD पर ही मिलता हैं। ये छूट 80C के तहत मिलता हैं।
- फिक्स्ड डिपॉजिट करने पर गारंटीड रिटर्न मिलता हैं, जो जोखिम बाजार से दूर रहता हैं। Bank Defaulter होने पर भी निवेशक को 5 लाख का रिटर्न जरूर मिलेगा।
एफडी के नुकसान – Fd Ke Nunsan – फिक्स डिपॉजिट के नुकसान – Fd Karne Ke Nuksan
फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) हमेशा से निवेश का लोकप्रिय साधन रहा है और हैं भी। इसमें निवेशक को निश्चित ब्याज के साथ जोखिम भी बहुत कम रहता हैं न के बराबर। लेकिन इसकी भी अपनी सीमाएं हैं। अगर बैंक का डिफॉलटर होते हैं तो पैसा डूबने का भी खतरा रहता हैं। मैच्योरिटी से पहले फंड निकासी की सुविधा नहीं होती है। महंगाई भी FD के ब्याज को प्रभावित करती हैं। FD कराते समय इन 5 बातो का ध्यान रखना जरुरी होता हैं।
- डिफॉल्ट का जोखिम
- मैच्योरिटी से पहले फंड निकासी नहीं
- अधिक टैक्स का भुगतान
- महंगाई पर ब्याज दर प्रभावित
- फिर से निवेश पर कम ब्याज
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