भारत ने तीन मापदंडों पर गिरावट की है और एक पर सुधार किया है. सबसे पहले, स्वास्थ्य में, जीवन प्रत्याशा 69.7 से गिरकर 67.2 वर्ष हो गई है एजुकेशनल साइड के लिए, दो इंडिकेटर हैं, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्षों में गिरावट है, लेकिन स्कूली शिक्षा के औसत वर्षों में वृद्धि देखी गई है. यह गिरावट महामारी के दौरान स्कूल बंद होने के कारण है. अंत में, जीवन स्तर; यहीं पर प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI) आती है और भारत के लिए यह $6,681 से गिरकर $6,590 हो गई है.

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मानव विकास सूचकांक के प्रमुख संकेतक कौन कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकेंमानव विकास सूचकांक (एचडीआई) [जीवन प्रत्याशा], [शिक्षा], और [प्रति व्यक्ति आय] संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है, जो मानव विकास के चार स्तरों पर देशों को श्रेणीगत करने में उपयोग किया जाता है। जिस देश की जीवन प्रत्याशा, शिक्षा स्तर एवं जीडीपी प्रति व्यक्ति अधिक होती है, उसे उच्च श्रेणी प्राप्त होती हैं।

इसे सुनेंरोकेंसंपूर्ण प्रमुख संकेतक और सूचकांक प्रदर्शन: वर्ष 2019 के लिये HDI 0.645 है, जो देश को ‘मध्यम मानव विकास’ श्रेणी में तथा 189 देशों में 131वें प्रमुख संकेतक और सूचकांक स्थान पर रखता है। वर्ष 1990 और 2019 के मध्य भारत का HDI मान 0.429 से बढ़कर 0.645 हो गया है, यानी इसमें 50.3% की वृद्धि हुई है।

मानव विकास हेतु कौन कौन से मापदंडों का प्रयोग किया जाता है?

निम्नलिखित तीन सूचकांक इस्तेमाल किये जा रहे हैं:

  • जीवन प्रत्याशा सूचकांक (लम्बा व स्वस्थ जीवन)
  • शिक्षा सूचकांक (शिक्षा का स्तर)
  • प्रमुख संकेतक और सूचकांक
  • आय सूचकांक (जीवन स्तर)

मानव विकास का क्या अभिप्राय है उत्तर?

इसे सुनेंरोकेंमानव विकास, स्वास्थ्य भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्वतंत्रता तक सभी प्रकार के मानव विकल्पों को सम्मिलित करते हुए लोगों के विकल्पों में विस्तार और उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सशक्तीकरण के अवसरों में वृद्धि की प्रक्रिया है।

इसे सुनेंरोकेंअतः लोगों के विकल्पों में वृद्धि करना, उनके जीवन में सुधार एवं सार्थकता को विकसित करना और लोगों में क्षमताओं का निर्माण करने की प्रक्रिया को मानव विकास के रूप में परिभाषित किया जाता है।

इसे सुनेंरोकेंमानव विकास रिपोर्ट तीन संकेतकों-स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर-को मिलाकर विकास को मापती है। इन तीनों संकेतकों को समग्र रूप से मानव विकास सूचकांक यानी एच.डी. आई. में बदल दिया जाता है।

Human Development Index- ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स

क्या होता है ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स?
Human Development Index: ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स यानी मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) विभिन्न देशों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के स्तर को मापने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ (यूएन) द्वारा विकसित और संकलित आंकड़ा है। इसमें चार प्रमुख क्षेत्र शामिल होते हैं: स्कूलिंग का औसत वर्ष, स्कूलिंग के अपेक्षित वर्ष, जन्म के समय उम्र प्रत्याशा और सकल राष्ट्रीय आय प्रति व्यक्ति। यह इंडेक्स एक ऐसा टूल है जिसका उपयोग समय के साथ होने वाले विकास स्तरों में बदलाव का अनुसरण करने और विभिन्न देशों के विकास स्तरों की तुलना करने के लिए किया जाता है।

मुख्य बातें
- एचडीआई प्रत्येक देश में इंडीविजुअल मानव विकास के स्तर का मूल्यांकन करने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा प्रयुक्त एक माप प्रणाली है।
-एचडीआई रैंकिंग करने और देशों की तुलना करने के लिए औसत वार्षिक आय व शैक्षणिक अपेक्षाओं जैसे कंपोनेंट का उपयोग करता है।
-सामाजिक पक्षकारों द्वारा एचडीआई की आलोचना की गई है कि यह जीवन की गुणवत्ता की समुचित और व्यापक माप का प्रतिनिधित्व नहीं करता और अर्थशास्त्रियों द्वारा आलोचना की गई है कि यह आर्थिक जीवन स्तर के सरल मापों से परे बहुत कम उपयोगी सूचना उपलब्ध कराता है।

Human Development Index: मानव विकास सूचकांक में भारत 132वें स्थान पर खिसका, वर्ष 2020 में 131 वें स्थान पर था देश

रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव विकास सूचकांक राष्ट्र के स्वास्थ्य शिक्षा और औसत आय का संकेतक होता है। यह वैश्विक गिरावट के अनुरूप है जो दर्शाता है कि दुनिया भर में मानव विकास 32 वर्षों में पहली बार ठप हो गया है।

नई दिल्ली, एजेंसियां: मानव विकास सूचकांक (एचडीआइ) के मामले में भारत 2021 में 191 देशों की सूची में 132 वें स्थान पर रहा। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत का एचडीआइ मान 0.633 है। वर्ष 2020 में भारत 0.645 प्रमुख संकेतक और सूचकांक एचडीआइ मान के साथ 131वें स्थान पर रहा था। रिपोर्ट के अनुसार इसके लिए जीवन प्रत्याशा में गिरावट को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। भारत में जीवन प्रत्याशा 69.7 से घटकर 67.2 वर्ष हो गई है।

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Human Development Index (HDI) क्या है?

एचडीआई इस बात पर जोर देने के लिए बनाया गया था कि किसी देश के विकास का आकलन करने के लिए लोगों और उनकी क्षमताओं को अंतिम मानदंड होना चाहिए, न कि केवल आर्थिक विकास। एचडीआई का उपयोग राष्ट्रीय नीति विकल्पों पर सवाल उठाने के लिए भी किया जा सकता है, यह पूछते हुए कि प्रति व्यक्ति जीएनआई (GNI) के समान स्तर वाले दो देश अलग-अलग मानव विकास परिणामों के साथ कैसे समाप्त हो सकते हैं। ये विरोधाभास सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं के बारे में बहस को बढ़ावा दे सकते हैं।

Human Development Index (HDI) क्या है?

मानव विकास सूचकांक (HDI) मानव विकास के प्रमुख आयामों में औसत उपलब्धि का एक सारांश उपाय है: एक लंबा और स्वस्थ जीवन, जानकार होना और एक सभ्य जीवन स्तर होना। एचडीआई तीन आयामों में से प्रत्येक के लिए सामान्यीकृत सूचकांकों का ज्यामितीय माध्य है।

'मानव विकास सूचकांक' की परिभाषा [Definition of 'Human Development Index'] [In Hindi]

मानव विकास सूचकांक (HDI) एक सांख्यिकीय प्रमुख संकेतक और सूचकांक उपकरण (Statistical Tools ) है जिसका उपयोग किसी देश की सामाजिक और प्रमुख संकेतक और सूचकांक आर्थिक आयामों में समग्र उपलब्धि को मापने के लिए किया जाता है। किसी देश के सामाजिक और आर्थिक आयाम लोगों के स्वास्थ्य, उनकी शिक्षा प्राप्ति के स्तर और उनके जीवन स्तर पर आधारित होते हैं। Gross Domestics Savings क्या है?

पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक ने 1990 में एचडीआई बनाया था जिसका इस्तेमाल संयुक्त प्रमुख संकेतक और सूचकांक राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा देश के विकास को मापने के लिए किया गया था। सूचकांक की गणना चार प्रमुख संकेतकों को जोड़ती है: स्वास्थ्य के लिए जीवन प्रत्याशा, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष, शिक्षा के लिए स्कूली शिक्षा के वर्ष और जीवन स्तर प्रमुख संकेतक और सूचकांक के लिए प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय।

मानव विकास सूचकांक 2022: भारत में यूएनडीपी की रेजिडेंट प्रतिनिधि शोको नोडा ने कहा, पब्लिक हेल्‍थ में अधिक इन्‍वेस्‍टमेंट है जरूरी

Human Development Index 2022: More Investment In Public Health Is Critical, Says Shoko Noda, UNDP Resident Representative In India

नई दिल्ली: गुरुवार (8 सितंबर) को जारी मानव विकास रिपोर्ट 2021/2022 में भारत 191 देशों और क्षेत्रों में से 132वें स्थान पर है. नवीनतम मानव विकास रिपोर्ट, अनसर्टेन टाइम्स, अनसेटल्ड लाइव्स: शेपिंग अवर फ्यूचर इन ए ट्रांसफॉर्मिंग वर्ल्ड के अनुसार, भारत की एचडीआई वैल्‍यू 0.633 है जो देश को मीडियम ह्यूमन डेवलपमेंट कैटेगरी में रखती है, जो 2020 की रिपोर्ट में 0.645 के मूल्य से कम है. मानव विकास सूचकांक (HDI) में भारत 189 देशों में 131वें स्थान पर है.

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