MCD Election 2022: आज से नामांकन की प्रक्रिया शुरू, जानिए कौन लड़ सकता है निगम चुनाव
दिल्ली में एमसीडी चुनाव का बिगुल बज चुका है और सारी पार्टियों ने इसके लिए अपने-अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. इसी क्रम में सोमवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो (mcd elections enrollment process starts from today) गई है. लेकिन कौन व्यक्ति एमसीडी चुनाव लड़ सकता है और इसकी प्रकिया और पात्रता क्या हैं, जानें इस रिपोर्ट में..
नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (MCD) की 250 सीटों पर चुनाव के लिए आज से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो (mcd elections enrollment process starts from today) गई है. सुबह 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार, अपने क्षेत्र में रिटर्निंग ऑफिसर के पास नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं. वहीं नामांकन की अंतिम तारीख 14 नवंबर है. हालांकि अभी बीजेपी, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने किसी भी सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति नगर निगम चुनाव लड़ना चाहता है तो उसकी पात्रता क्या है, आइए जानते हैं..
एमसीडी चुनाव लड़ने की पात्रता: वह व्यक्ति जिसकी उम्र 21 वर्ष है और उसका नाम एक वार्ड के मतदाता सूची में मतदाता के रूप में पंजीकृत है, योग्य है और डीएमसी अधिनियम 1957 के खंड 9 के तहत एमसीडी के पार्षद के रूप में सदस्यता के लिए अयोग्य नहीं है, वह इस चुनाव में प्रत्याशी बनने के लिए नामांकन दाखिल कर सकता है.
एमसीडी चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार के लिए आवश्यकताएं: दिल्ली के पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त राकेश कुमार ने बताया कि एमसीडी चुनाव लड़ने के लिए किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राज्य राजनीतिक दल का उम्मीदवार, जिसे वह प्रस्तावित करता है, वह व्यक्ति उसी वार्ड में मतदाता होना चाहिए, जिसका वह प्रस्ताव कर रहा है. स्वतंत्र और अन्य उम्मीदवारों के मामले में, प्रत्येक उम्मीदवार को 10 प्रस्तावों द्वारा प्रस्तावित किया जाना चाहिए, जो उसी वार्ड में मतदाता होना चाहिए, जहां से वह प्रस्ताव कर रहा है.
यदि कोई उम्मीदवार अपने होम वार्ड के अलावा किसी अन्य वार्ड से चुनाव लड़ रहा है, तो उसे मतदाता सूची की प्रमाणित प्रति दाखिल करनी होगी, जिसमें उसका नाम मतदाता के रूप में पंजीकृत हो. प्रत्येक उम्मीदवार को नामांकन पत्र दाखिल करने के समय हलफनामा भी दाखिल करना होगा ताकि आपराधिक मामले / मामलों में उसकी भागीदारी, यदि कोई हो, उसकी संपत्ति और देनदारियों और निर्धारित प्रारूप में उसकी शैक्षणिक योग्यता के बारे में पूर्ण जानकारी हो. नामांकन पत्र के साथ इस तरह के हलफनामे को दाखिल न करना या गलत जानकारी देना, पर्याप्त कार्य के चरित्र और चूक के रूप में माना जाएगा और ऐसे उम्मीदवार के नामांकन को अस्वीकार कर दिया जाएगा.
राष्ट्रीय व राज्य राजनीतिक दलों द्वारा उम्मीदवारों को प्रायोजित करने की प्रक्रिया: इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रक्रिया निर्धारित है. दरअसल केंद्रीय स्तर पर पार्टी के अध्यक्ष या सचिव, राज्य स्तर पर एक पदाधिकारी के नाम को प्रायोजित करते हैं. इसकी प्रति को चुनाव आयोग और संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर को भेजा जाता है.
चुनाव की अवधि के दौरान किसी भी विवाद की यहां दी जा सकती है शिकायत: चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद और चुनाव की अवधि के दौरान उत्पन्न होने वाले विवाद को केवल जिला न्यायाधीश दिल्ली की अदालत में शिकायत कर सकते हैं. साथ ही चुनाव के परिणाम की घोषणा की तारीख से 15 दिनों के भीतर चुनाव याचिका दायर करने के माध्यम से चुनौती दी जा सकती है.
Delhi MCD Election 2022: केजरीवाल-मनोज तिवारी और सिसोदिया ने जहां डाला वोट, MCD की उन सीटों का क्या है हाल?
डीएनए हिंदीः दिल्ली एमसीडी चुनाव की मतगणना (MCD Election एमएसीडी क्या है? Result 2022) जारी है. 250 सीटों में 130 से अधिक सीटों पर आम आदमी पार्टी बढ़त बनाए गए हैं. वहीं बीजेपी भी कांटे की टक्कर दे रही है. 100 से अधिक सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है. शुरुआती रुझानों में दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को एमएसीडी क्या है? मिल रही थी लेकिन बाद में बीजेपी थोड़ी पिछड़ती नजर आई. कांग्रेस का चुनाव में काफी निराशाजनक प्रदर्शन रहा है. जिस सीटों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत वीवीआईपी ने वोट डाला था उन सीटों की स्थिति क्या है?
केजरीवाल के वार्ड पर कौन पार्षद?
अरविंद केजरीवाल ने वार्ड नंबर 74 पर मतदान किया था. चांदनी चौक इलाके की इस सीट पर आम आदमी पार्टी से पुनर्दीप सिंह, बीजेपी से रविंद्र सिंह और कांग्रेस से राहुल शर्मा मैदान में हैं. यहां आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है. हालांकि आप उम्मीदवार चुनाव में बढ़त बनाए हुए हैं.
मनोज तिवारी की सीट का क्या हाल?
बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उत्तरी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने वार्ड नंबर 231 घोंडा में मतदान किया. घोंडा सीट पर बीजेपी से प्रीति गुप्ता, आम आदमी पार्टी से विद्यावती और कांग्रेस की रीता मैदान में है. मनोज तिवारी और कपिल मिश्रा की प्रतिष्ठ इस सीट से जुडी हुई है. बीजेपी की प्रीति गुप्ता आगे चल रही हैं और 315 वोटों से आगे चल रही है. वहीं कपिल मिश्रा भी इसी वार्ड में रहते हैं.
मनीष सिसोदिया के वार्ड का क्या है हाल?
दिल्ली से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया वार्ड नंबर 203 लक्ष्मी नगर के मतदाता है. इस सीट पर आम आदमी पार्टी से मीनाक्षी शर्मा, बीजेपी से अल्का राघव और कांग्रेस से सुनीता धवन की बीच मुकाबला है. हालांकि यहां बीजेपी उम्मीदवार अल्का राघव ट आगे चल रही हैं.
परवेश वर्मा की सीट का क्या है हाल
बीजेपी सांसद परवेश वर्मा एमसीडी के वार्ड नंबर 122 के मतदाता है. इस सीट पर आम आदमी पार्टी से रजनीश मटियाला, बीजेपी से अनुराधा शर्मा और कांग्रेस से नीलम वत्स प्रत्याशी हैं. फिलहाल इस सीट पर बीजेपी की अनुराधा शर्मा बढ़त बनाए हुए हैं.
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MCD Mayor Election: आप की मेयर पद की उम्मीदवार डॉ शैली ओबरॉय की क्या रहेगी प्राथमिकताएं?
आम आदमी पार्टी (AAP) ने शुक्रवार को एमसीडी के मेयर, डिप्टी मेयर और चार स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य के पदों के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने प्रेसवार्ता करते हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीएम आवास पर पार्टी के पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की बैठक हुई। जिसमें एमसीडी के वार्ड 86 ईस्ट पटेल नगर से पार्षद डॉ शैली ओबरॉय को मेयर पद के लिए और वार्ड 76 चांदनी महल से पार्षद आले मोहम्मद इकबाल को डिप्टी मेयर पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है।
आम आदमी पार्टी ने मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के चार सदस्यों के पदों के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। आप ने स्टैंडिंग कमेटी सदस्यों के लिए श्रीराम कॉलोनी वार्ड 246 से पार्षद आमिल मलिक, फतेह नगर वार्ड 100 से पार्षद रमिंदर कौर, सुंदर नगरी के वार्ड 218 से पार्षद मोहिनी जीनवाल और दरियागंज वार्ड 142 से पार्षद सारिका चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, इस घोषणा के बाद आप के राष्ट्रीय संयोजक और सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सभी उम्मीदवारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भगवान आप सभी को दिल्ली को साफ करने का आशीर्वाद दें। एमसीडी की 6 जनवरी 2023 को पहली सदन की बैठक होने वाली है। इस बैठक में मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव होंगे।
एमएसीडी कैसे काम करता है? इस प्रसिद्ध संकेतक के 3 घटकों को कैसे पढ़ें
हमने अपने ब्लॉग पर पहले ही कई तकनीकी विश्लेषण टूल का वर्णन किया है। एमएसीडी कैसे काम करता है? हम अब इस सूचक के बारे में बात करेंगे। एमएसीडी ('मकड़ी') संकेतक लगभग 50 साल पहले गेराल्ड एपेल द्वारा विकसित किया गया था। लेखक का आधार एक संकेतक बनाना था जो शेयर बाजारों में एक प्रवृत्ति की ताकत और दिशा को मापता था।
एमएसीडी सूचक समझाया
एमएसीडी संकेतक वर्तमान प्रवृत्ति इसकी ताकत और इसके उलट होने की संभावना को निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें एमएसीडी लाइन, एक सिग्नल लाइन और बार चार्ट शामिल हैं। हम संकेतक के इन 3 घटकों पर एक-एक करके चर्चा करेंगे।
एमएसीडी लाइनें
एमएसीडी लाइन
एमएसीडी लाइन अलग-अलग अवधि वाले दो ईएमए मूविंग एवरेज के बीच का अंतर दिखाती है। जब एमएसीडी लाइन शून्य रेखा को पार करती है तो यह इंगित करती है कि इस समय उनके बीच कोई अंतर नहीं है।
एमएसीडी लाइन शून्य रेखा को पार करती है
दो के बीच का अंतर जितना बड़ा होगा मूविंग एवरेज आगे एमएसीडी लाइन जीरो लाइन से है।
एमएसीडी लाइनें शून्य रेखा से दूर जाते हुए
सिग्नल लाइन
सिग्नल लाइन एक स्मूद एमएसीडी लाइन है। मूल रूप से, गणना के लिए पिछले नौ अवधियों के औसत मूल्य का उपयोग किया जाता है।
सिग्नल लाइन की गणना एक्सएनयूएमएक्स अवधियों से की जाती है
सिग्नल लाइन एक धीमे सिंपल मूविंग एवरेज की तरह काम करती है जिसे तेज एमएसीडी पार कर लेती है।
एमएसीडी लाइन शून्य रेखा को पार करती है
एमएसीडी बारचार्ट
बार चार्ट सिग्नल लाइन और एमएसीडी लाइन के बीच की दूरी को प्रदर्शित करता है। यह मूल्य आंदोलन की दिशा के आधार पर शून्य रेखा के सापेक्ष अपनी ध्रुवीयता को बदलता है। यदि कीमत ऊपर की ओर जाती है तो बार चार्ट बेसलाइन से ऊपर होता है। यदि यह नीचे की ओर जाता है तो बार चार्ट इसके नीचे होता है। एमएसीडी बारचार्ट को अन्यथा हिस्टोग्राम के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह उस प्रकार का चार्ट है जिसका वह उपयोग करता है।
एक बरचार्ट की ध्रुवीयता
आप एमएसीडी संकेतक कैसे पढ़ते हैं?
एमएसीडी को पढ़ने के लिए संकेतक के अलग-अलग घटकों को पढ़ना है। प्रत्येक घटक वर्तमान बाजार की स्थिति के बारे में जानकारी देता है। मानक संकेतक सेटिंग्स 12,26 और 9 हैं। ये भी अनुशंसित सेटिंग्स हैं, अधिकांश व्यापारी उनका उपयोग करते हैं और वे सबसे अच्छा काम करते हैं।
आप बदल सकते हैं संकेतक सेटिंग्स एमएसीडी और सिग्नल लाइन मूविंग एवरेज के लिए अवधि निर्धारित करने के लिए जो मोमबत्तियों की संख्या में मापा जाता है।
एमएसीडी सेटिंग्स
जब सिग्नल लाइन ऊपर की दिशा में एमएसीडी लाइन को काटती है तो यह मूल्य वृद्धि की संभावना होती है। इसके विपरीत, जब सिग्नल लाइन नीचे की दिशा में एमएसीडी लाइन को काटती है तो यह मूल्य में कमी की संभावना को इंगित करती है। एमएसीडी संकेतक का मुख्य लाभ इसकी दक्षता और सरलता है। हम आपको पीएसएआर के साथ एमएसीडी का संयोजन के बारे में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
एमएसीडी कैसे काम करता है
हमने आज एमएसीडी संकेतक के सभी तत्वों पर चर्चा की है। अब आप इस प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम हैं: एमएसीडी कैसे काम करता है? जो बचा है उसे अपना गृहकार्य होने दें। प्लेटफॉर्म पर स्विच करें, अपनी पसंदीदा संपत्ति का चार्ट खोलें और एमएसीडी क्या है? उस पर एमएसीडी लगाएं। सिग्नल लाइन के साथ एमएसीडी के अधिक से अधिक चौराहों का पता लगाएं। उन स्थितियों का पता लगाएं जहां हिस्टोग्राम 0 रेखा को पार करता है। गौर कीजिए कि इन स्थितियों के बाद क्या होता है। तकनीकी विश्लेषण में अवलोकन से अधिक शिक्षाप्रद कुछ भी नहीं है। एमएसीडी क्या है? इसलिए निरीक्षण करें और निष्कर्ष निकालें। लेख के नीचे टिप्पणियों में उन्हें साझा करना न भूलें।
Delhi MCD Election 2022 : क्यों इतना चर्चित और महत्वपूर्ण है दिल्ली का नगर निगम चुनाव? जानें किस बात की है जंग
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022) का एमएसीडी क्या है? बिगुल बज चुका है। 4 दिसंबर को 250 वार्डों में वोट डाले जाएंगे। राज्य चुनाव आयोग द्वारा शुक्रवार को (MCD Election Schedule) का ऐलान किया गया था।
इसके अलावा नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 नवंबर है। 19 नवंबर तक उम्मीदवार अपना नाम वापसे ले सकेंगे। वहीं एमसीडी चुनाव का परिणाम 7 दिसंबर को घोषित किया जाएगा।
पहली बार 250 सीटों पर होने जा रहे चुनाव
बता दें कि इस बार तीनों नगर निगमों के एक होने के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं। 2022 का एमसीडी चुनाव 250 सीटों पर होगा। इससे पहले पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC), दक्षिणी दिल्ली निगम (SCMC) और उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) में कुल 272 वार्ड थे।
गौरतलब है, कि MCDमें पिछले 15 सालों से बीजेपी राज कर रही है। ऐसे में बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस तीनों मैदान अपनी पूरी ताकत झोंकेंगे।
क्या है आरक्षण की प्रक्रिया
जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग द्वारा MCD के 250 वार्डों में से 42 अनुसूचित जातियों आरक्षण दिया गया है। इन 42 में से आधे यानी 21 वार्ड महिलाओं के लिए रिजर्व होंगे। बाकी बचे वार्ड्स में से 104 को महिलाओं के लिए रिजर्व हैं।
दरअसल, ताजा परिसीमन के मुताबिक 22 वार्ड घटाए गए हैं। इस बार 250 वार्ड की लिस्ट में 42 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। 50 प्रतिशत सीटों पर महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगी। एमसीडी के सभी जोन के सहायक आयुक्त जोन में चुनाव के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ती की गई है।
वोट डालने से पहले ये जरूर पढ़ें
वोट डालने से पहले जान लें कि चुनाव आयोग ने साफ किया है कि एमसीडी चुनाव में जनवरी में जारी वोटरों की संख्या को सिर्फ आधार माना गया है। इसमें पब्लिश फाइनल वोटर लिस्ट के बाद भी जिनका नाम लिस्ट में शामिल किया गया है, वह भी एमसीडी चुनाव में वोट दे सकते हैं। यहां तक कि नॉमिनेशन से पहले तक जिनका पहचान पत्र बन जाएगा, वे भी वोट दे सकेंगे।
दिल्ली में नगर निगम (MCD) कैसे करता है काम ?
देश के बाकी नगर निगमों की तरह ही MCD काम करता है। वाटर सप्लाई, ड्रेनेज सिस्टम, बाजारों की मेंटेनेंस, पार्क, पार्किंग लॉट्स, सड़कें और ओवरब्रिज, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्ट्रीट लाइटिंग की व्यवस्था इसके जिम्मे है।
जन्म-मृत्यु का रिकॉर्ड हो या प्रॉपर्टी और प्रफेशनल टैक्स का जमा करना। टोल टैक्स कलेक्शन सिस्टम हो या शवदाह गृहों का प्रबंधन रखना। इन सभी चीजों का ध्यान रखना एमसीडी की जिम्मेदारी है। इसके अलावा एमसीडी द्वारा प्राइमरी स्कूल, अस्पताल और डिस्पेंसरी भी चलाए जाते हैं।
इस तरह होते हैं एमसीडी चुनाव
बता दें कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) के जरिए कराए जाएंगे। राज्य चुनाव आयुक्त विजय देव के अनुसार 55 हजार से ज्यादा EVMs का इंतजाम किया गया है। इस बार भी NOTA का विकल्प मिलेगा। एक लाख से ज्यादा स्टाफ एमसीडी चुनाव कराएगा। इसमें एमएसीडी क्या है? NOTA का भी विकल्प मिलेगा। चुनाव का ऐलान होते ही आचार संहिता लागू कर दी गई है।
MCD को कहा जाता है दिल्ली की ‘छोटी सरकार’
MCD को दिल्ली की ‘छोटी सरकार’ कहा जाता है। लेकिन हम आपको इसके पीछे का कारण बताते हैं। दरअसल, दिल्ली की सरकार और नगर निगम के अधिकार ओवरलैप करते हैं। मसलन, एमसीडी और दिल्ली सरकार दोनों ही सड़कें और नाले मेंटेन करते हैं।
क्या है दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच फर्क
आपको बता दें कि अंतर कि 60 फीट से कम चौड़ी ज्यादातर सड़कें MCD संभालता है और दिल्ली सरकार उससे चौड़ी वाली सड़कों को जिम्मा उठाती है।
वहीं बड़े मोटराइज्ड वीइकल्स को दिल्ली सरकार लाइसेंस देती है तो एमसीडी साइकिल-रिक्शा, हाथगाड़ी को डील करता है। प्राइमरी स्कूल को MCD चलाती है तो वहीं हायर स्कूलिंग, कॉलेज और प्रफेशनल एजुकेशन को दिल्ली सरकार द्वारा देखा जाता है। एमसीडी कई डिस्पेंसरी और कुछ अस्पताल चलाता है। दिल्ली सरकार बड़े और स्पेशलाइज्ड अस्पताल को मैनेज करती है।
दिल्ली की सीमाओं पर टोल टैक्स, विज्ञापन राजस्व और भू-कर MCD के लिए कमाई का जरिया है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार और केंद्र से भी MCD को मदद मिलती है। वहीं एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स और वैल्यू एडेड टैक्स से दिल्ली सरकार की कमाई होती है।
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