ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक अक्‍टूबर में निवेशकों की ओर म्‍यूचुअल फंड में निवेश बना रहा. SIP के जरिए अक्‍टूबर में निवेश बढ़कर 13040 करोड़ हो गया, जो नया हाई है. इसमें मंथली बेसिस पर 0.5 फीसदी और 24 फीसदी YoY ग्रोथ रही. डोमेस्टिक म्‍यूचुअल फंड का इक्विटी AUM नए हाई 16.4 लाख करोड1 हो या, इसमें मंथली बेसिस पर 4.2 फीसदी ग्रोथ रही. इक्विटी स्‍कीम की सेल्‍स हालांकि मंथली बेसिस पर 25.3 फीसदी घटी है. इंडस्‍ट्री का AUM मंथली बेसिस पर 2.8 फीसदी बढ़कर 39.5 लाख करोड़ हो गया.

Best to Invest Share Market Or Mutual Fund: शेयर बाजार में लगाएं पैसे या म्यूचुअल फंड में, जानिए कहां होता है अधिक फायदा और किसे होता है नुकसान!

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Best to Invest Share Market Or Mutual Fund: शेयर बाजार में लगाएं पैसे या म्यूचुअल फंड में, जानिए कहां होता है अधिक फायदा और किसे होता है नुकसान!

शेयर बाजार वो जगह है जहां पर आप सीधे किसी भी कंपनी के शेयर में पैसे लगा सकते हैं। शेयर अगर चढ़ा तो मुनाफा आपका, गिरा तो नुकसना भी आपको ही झेलना होगा। अगर बात म्यूचुअल फंड की करें तो इसमें भी आप जो पैसे लगाते हैं, वह शेयर बाजार में ही लगाए जाते हैं। हालांकि, म्यूचुअल फंड में आपके पैसे कोई जानकार फंड मैनेजर लगाता है और एक लंबी अवधि में आपको अधिक से अधिक रिटर्न देने की कोशिश करता है। यानी म्यूचुअल फंड में रिस्क कम होता है।

किसे लगाना चाहिए म्यूचुअल फंड में पैसा?

अगर आपको शेयर बाजार की अधिक जानकारी नहीं है तो अच्छा है कि आप म्यूचुअल फंड में पैसे लगाएं। इसमें भी आपको अच्छा खासा रिटर्न मिल जाता है। इसमें एक फंड मैनेजर शेयर बाजार के उतार चढ़ाव के हिसाब से आपके पैसे शेयर बाजार में लगाता है। वहीं इसमें आपके पैसे किसी एक शेयर में नहीं लगाए जाते, बल्कि शेयर्स का एक पूरा पोर्टफोलियो होता है, जिसमें कुछ शेयर्स होते हैं। यानी म्यूचुअल फंड में रिस्क कम होता है।

किसके लिए शेयर बाजार है बेस्ट?

अगर आप शेयर बाजार को अच्छे से समझते हैं और कंपनियों की फंडामेंटल-टेक्निकल एनालिसिस कर सकते हैं, तो आपके लिए शेयर बाजार कुबेर का खजाना है। अच्छी कंपनी के शेयर में निवेश करते हैं तो आपको कुछ सालों में बेहतरीन रिटर्न देखने को मिलेगा। वहीं अगर शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आती है तो आप अपनी रणनीति बदलते हुए और शेयर खरीद सकते हैं या फिर अचानक दाम बढ़ने पर मुनाफावसूली कर सकते हैं। ध्यान रहे कि शेयर बाजार में सीधे पैसे लगाने से तगड़ा रिटर्न मिलता है, लेकिन रिस्क भी उतना ही होता है।

Investment Tips: म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट में से कहां निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद! यहां जानें

Investment Tips: म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट में से कहां निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद! यहां जानें

Mutual Funds vs Share Market: आजकल के समय में हर व्यक्ति शेयर मार्केट में निवेश करना चाहता है. शेयर मार्केट में निवेश करने का दो तरीका है. पहला कि निवेशक अपना एक डीमैट अकाउंट खोलें और इसके जरिए बाजार में निवेश करें. दूसरे तरीके में आपको म्यूचुअल फंड में एसआईपी की मदद से लंबे वक्त में मोटा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.

Investment Tips: म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट में से कहां निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद! यहां जानें

Mutual Funds vs Shares: आपके लिए क्या है निवेश का बेहतर तरीका? जानिए पूरी डिटेल

Mutual Funds vs Shares: अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं तो सीधा स्टॉक खरीद सकते हैं जिसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है. इसके अलावा म्यूचुअल फंड की मदद से भी बाजार में पैसा निवेश किया जा सकता है. दोनों में कौन बेहतर है, यह आपके लक्ष्य और रिस्क लेने की क्षमता पर निर्भर करता है.

Mutual Funds vs Shares: शेयर बाजार में निवेश का दो प्रमुख तरीका है. पहला तरीका है कि आप सीधा डीमैट अकाउंट से शेयर खरीदें और लंबी अवधि के निवेशक बनें. दूसरा तरीका है कि आप म्यूचुअल फंड की मदद से बाजार में SIP करें और लंबी अवधि में आपको मोटा रिटर्न मिलेगा. निवेश का दोनों तरीका बेहद पॉप्युलर है. आपके लिए इसमें कौन तरीका ज्यादा सुटेबल है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आफकी बाजार को लेकर समझ कितनी है. अगर समझदारी से निवेश का फैसला नहीं किया तो आपका पैसा डूब भी सकता है.

कब करें सीधा शेयर बाजार में निवेश?

अगर आप शेयर बाजार में दिलचस्पी रखते हैं और बाजार के उठापटक को समझते हैं तो सीधा स्टॉक में निवेश किया जा सकता है. स्टॉक में निवेश के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट अकाउंट की मदद से स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं. आपको कहां निवेश करना, किस सेक्टर में निवेश करना है और किस कंपनी का स्टॉक खरीदना है, यह आपका निजी फैसला होगा. हालांकि, बाजार के जानकारों की राय लेना जरूरी होता है. आप सीधा स्टॉक में निवेश करेंगे तो संभव है कि आपक रिटर्न ज्यादा मिले. दूसरी तरफ स्टॉक के गिरने पर नुकसान भी मोटा होगा.

बाजार में निवेश से पहले रिसर्च करना जरूरी होता है. स्टॉक के निवेशक दो तरह के होते हैं. पहला ट्रेडर होते हैं, जिनका यहा पेशा होता है. दूसरा आप धीरे-धीरे स्टॉक में निवेश करें और लंबी अवधि के निवेशक बनें. इस बात को ध्यान में रखना जरूरी है कि स्टॉक के प्रदर्शन से आपके पोर्टफोलिय पर डायरेक्ट असर होता है, ऐसे में यह आपके लिए इमोशनल जर्नी होती है.

किनके लिए है म्यूचुअल फंड?

जो निवेशक शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें इसके बारे में कम जानकारी है या फिर वे रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प है. म्यूचुअल फंड में आपका पैसा फंड मैनेजर निवेश करता है जिसके पास निवेश और बाजार का लंबा अनुभव होता है. म्यूचुअल फंड का एक और फायदा ये है कि आपका पैसे अलग-अलग असेट्स, अलग-अलग सेक्टर और अलग-अलग स्टॉक में निवेश किया जाता है. डायवर्सिफिकेशन के कारण आपका पोर्टफोलियो बैलेंस्ड रहता है.

आपके लिए दोनों में कौन बेहतर विकल्प है? यह एक कठिन प्रश्न है. हालांकि, यह पूरी तरह आपके लक्ष्य और रिस्क पर निर्भर करता है. अगर निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प माना जाता है. म्यूचुअल फंड में भी इक्विटी फंड का रिस्क ज्यादा होता है, जबकि डेट फंड में रिस्क कम होता है. अगर आप नए हैं और कम रिस्क उठाना चाहते हैं तो एक्सचेंज ट्रेडेड फंड भी निवेश का शानदार विकल्प है. दोनों में कई समानताएं भी हैं.

Stocks vs Mutual Funds: निवेशक को कहां करना चाहिए निवेश जिससे मिले ज्यादा रिटर्न

Stocks vs Mutual Funds: निवेशक को कहां करना चाहिए निवेश जिससे मिले ज्यादा रिटर्न

रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए इन्वेस्टमेंट स्कीम का म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स रिटर्न महंगाई के मुकाबले ज्यादा होना चाहिए. वर्तमान में महंगाई दर 5-6 फीसदी के बीच है. ऐसे में अगर निवेश के परंपरागत साधनों में निवेश करते हैं तो नेट रिटर्न कम होगा. म्यूचुअल फंड में आपका पैसा शेयर बाजार में भी निवेश होता है जिसके कारण रिटर्न ज्यादा मिलता है और आपका नेट रिटर्न ज्यादा होगा.

निवेशकों (Investors) के मन में एक सवाल बार-बार आता है कि उन्हें म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश करना चाहिए या फिर शेयर बाजार (Share market investment) में निवेश करना चाहिए. शेयर बाजार में निवेश का मुख्य रूप से दो तरीका है. पहला- खुद शेयर खरीदें और बेचें. दूसरा तरीका है कि म्यूचुअल फंड के जरिए शेयर बाजार में निवेश करें. निवेश म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स का दोनों तरीका अच्छा है, अंतर बस इतना है कि डायरेक्ट शेयर खरीदने पर फायदे और नुकसान दोनों के लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे. यह आपको तय करना है कि बाजार में कब एंट्री लेनी है, कौन सा शेयर खरीदना है, कितने दिन के म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स लिए निवेश करना है. अगर म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो फंड मैनेजर आपके बदले ये तमाम फैसले लेता है.

पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड रखें

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की सलाह होती है कि पोर्टफोलियो को हमेशा डायवर्सिफाइड रखें. इससे रिस्क कम रहता है. पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड रखने से रिस्क फैक्टर घटता है. बाजार में किसी तरह की हलचल का आपके इन्वेस्टमेंट पर कम असर होता है. कोई इंडिविजुअल जब किसी खास सेक्टर के खास स्टॉक में निवेश करता है तो उसका रिस्क ज्यादा होगा. वहीं, म्यूचुअल फंड में आपके पैसा अलग-अलग सेक्टर के अलग-अलग स्टॉक्स में निवेश किया जाता है. इस तरह सेक्टर डायवर्सिफिकेशन के साथ-साथ स्टॉक डायवर्सिफिकेशन का भी लाभ मिलता है.

निवेशकों को इस बात को समझना चाहिए कि अगर आप खुद से शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो राइट स्टॉक पिक होने पर आपको मल्टीबैगर रिटर्न मिल सकता है. लेकिन, म्यूचुअल फंड आपको इतने कम समय में मल्टीबैगर रिटर्न नहीं देगा. हालांकि, इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि खुद से निवेश करने पर आपका इन्वेस्टमेंट कई गुना घट भी सकता है, म्यूचुअल फंड के साथ ऐसा नहीं होता है. आसान शब्दों में खुद से निवेश करने पर ज्यादा रिटर्न के साथ ज्यादा रिस्क भी जुड़ा है. म्यूचुअल फंड बैलेंस्ड रिटर्न के साथ-साथ बैलेस्ड रिस्क का भी भरोसा देता है.

म्‍यूचुअल फंड ने इन 10 लार्जकैप में की बिकवाली

IOC, Coal India, टोरेंट फार्मा, बंधन बैंक, Adani Enterprises, Tata कंज्‍यूमर प्रोडक्‍ट्स, ग्रासिम इंडस्‍ट्रीज, चोलामंडलम इन्‍वेस्‍टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी, HCL Tech, Dr. Reddy’s Lab

वोडाफोन आइडिया, Yes Bank, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्‍स, Tata Chemicals, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, Delhivery, पेट्रोनेट, LNG, L&T फाइनेंस होल्डिंग्स, Biocon, प्रेस्टिज एस्‍टेट प्रोजेक्‍ट्स

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