आप आप में से बहुत लोगों ने कभी ना कभी अखबारों में न्यूज़ चैनल में मैगजीन में या यूट्यूब पर या फिर किसी वेबसाइट पर शेयर बाजार तथा trading के बारे में जरूर सुना होगा । जिसमें किस तरह बताया जाता है कि आप शेयर बाजार से पैसा कमा सकते हैं। आपने कभी न कभी सुना होगा कि अमीर लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं जिसके कारण वह और अमीर होते जाते हैं। परंतु किसी आम आदमी के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह इसमें शुरुआत में इन्वेस्टिंग कर सके तो वह कुछ ही समय में पैसा कमाना चाहता है जिसके लिए वह ट्रेडिंग करता है।आज के इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की ट्रेडिंग क्या होती है तथा ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं । शेयर बाजार मैं शुरुआत करें तो आपको यह क्लियर हो।

Trading Kya Hai (ट्रेडिंग क्या है) What is trading

Trading Kya Hai शेयर मार्केट में पैसे कमाने का एक सबसे सरल और आसान तरीका ट्रेडिंग है लेकिन जितना आसानी है लगता है उतना ही जोखिम भरा भी है यहां पर यदि कोई व्यक्ति बिना कुछ सीखें ही एंट्री ले लेता है तो उसे काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है शेयर बाजार में ट्रेडिंग के माध्यम से आप रोज पैसा कमा सकते हैं लेकिन इससे पहले आपको बहुत कुछ ट्रेडिंग से संबंधित लर्निंग सीखना आवश्यक है तभी आप यहां से पैसा कमा सकते हैं तो चलिए विस्तार से जानते हैं की ट्रेडिंग क्या है ट्रेडिंग कैसे करते हैं और ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ट्रेडिंग करते समय किन-किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए

Trading Kya Hai? (what is trading)

Trading शेयर बाजार से पैसा कमाने का एक ऐसा तरीका है यहां पर आप रोज 9:15 से 3:30 तक कुछ ऐसे शेयर को चुनना होता है जिनको आप कम में खरीद के ज्यादा में बेच दे और इस प्रोसेस के बीच का जो प्रॉफिट होता है,

वह आप निकाल लेते हैं ट्रेडिंग का हिंदी में मतलब व्यापार होता है भारत में ज्यादातर ट्रेडर्स इक्विटी में ट्रेड करते हैं लेकिन कई लोग फ्यूचर और ऑप्शन में भी ट्रेडिंग करते हैं ट्रेडिंग को शेयर मार्केट का सबसे रिस्की फील्ड माना जाता है

ट्रेडिंग कैसे करेंhow to trade

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना आवश्यक है इस डिमैट अकाउंट के माध्यम से ही आप मार्केट के अंदर ट्रेड कर सकते हैं इसके बाद आप ट्रेडिंग से संबंधित पूरी शिक्षा प्राप्त कर लेवे उसके बाद आप शेयर मार्केट के अंदर ट्रेडिंग करना शुरू कर सकते हैं,

ट्रेडिंग की शुरुआत करते समय आप हमेशा थोड़े कम पैसों के साथ में ट्रेडिंग करें और जब आपको अच्छा ट्रेडिंग से संबंधित एक्सपीरियंस हो जाए तो आप ज्यादा पैसे से शुरू कर सकते हैं।

ट्रेडिंग कैसे सीखेhow to learn trading

आपके लिए ट्रेडिंग सीखने का सबसे बेहतरीन प्लेटफॉर्म यूट्यूब है यहां पर आप ट्रेडिंग से संबंधित काफी कुछ सीख सकते हैं उसके बाद आप एक अच्छे गुरु की सहायता से ट्रेडिंग को और ज्यादा अच्छे से सीख ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है सकते हैं

आपको ऑनलाइन प्लेटफॉर्म मैं कई सारे लोग कोर्स भी भेजते हैं लेकिन आपको इनसे बचना है इनके अलावा आपको एक ऐसे गुरु की तलाश करनी है जो आपको अच्छे से ऑनलाइन या ऑफलाइन ट्रेडिंग के बारे में बहुत कुछ सिखा सके लेकिन आप बेसिक लर्निंग यूट्यूब से भी सीख सकते हैं

ट्रेडिंग अकाउंट क्या हैwhat is trading account

जिस तरह से बैंक में अपने बचत खाते को चालू रखने के लिए उसमें थोड़ा बहुत पैसा रखना अनिवार्य होता है वैसे ही आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के लिए उसमें ट्रेड करना जरूरी होता है ट्रेडिंग अकाउंट आपका डिमैट अकाउंट के साथ में ही खुलता है जहां पर आप ट्रेड करते है जब आप डीमैट खाते के साथ ट्रेडिंग अकाउंट पर खोलते है

तो आपका ब्रोकर आपको मार्जिन की सुविधा देता है जिसका इस्तेमाल करके आप कम पैसों में भी ज्यादा पैसों की ट्रेडिंग कर सकते हो और इसमें जो फायदा होता है उसका कुछ हिस्सा फिर आपका ब्रोकर भी लेता है

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती हैWhat are the types of trading

ट्रेडिंग को आप मुख्यतः तीन भागों में कर सकते हैं इस तरह से ट्रेडिंग की तीन श्रेणियां है

Type of Trading in Hindi- ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है

Type of Trading in Hindi – Hello दोस्तों क्या आप जानते है Trading में तरह-तरह की Trading स्टाइल होती है|आप अपनी ट्रेडिंग स्टाइल या जो आपकी की पर्सनैलिटी को शूट करे आप उस तरह की ट्रेडिंग स्टाइल अपनाए|आएये जानते है की Type of Trading in Hindi कितने प्रकार की होती है और आपको कौन सी ट्रेडिंग स्टाइल शूट करती है या आप के लिए जो स्टाइल फायदेमंद है , उसके बारे में आज जानेंगे, आएये जानते है |

आप ट्रेडिंग में कुछ मिनटों के ट्रेड से लेकर कुछ दिनों तक के ट्रेड कर सकते है|इसी Time को देखकर ट्रेडर अपनी ट्रेडिंग स्टाइल चुनता है,आएये जानते है की Type of Trading in Hindi कितने प्रकार की होती है |

Trading मुख्य रूप से चार तरह की होती है |

Scalping Trading

Scalping Trading को Micro Trading भी कहते है,Scalping Trading की पोजीशन कुछ सेकंड से कुछ मिनटों तक रहती है|Scalping Trading भी Day Trading की तरह एक दिन की Trading होती है|

Scalping Trading में Pairs में उतार-चढाव बहुत ज्यादा होता है,इसीलिए इस Trading Style में Volatility बहुत ज्यादा होती है,इसी कारण से Scalping Trading ज्यादातर Experienced ट्रेडर करते है,क्योकि उन्हें मार्केट की पूरी समझ होती है|जो नए ट्रेडर है वो इस Trading Style को शुरुवात में नहीं अपनाए|वह लोग Day Trading से स्टार्ट करे,जब मार्केट को पूरी तरह से समझ जाये तब Scalping Trading करने की सोचे|

ट्रेडिंग क्या है इसके प्रकार और Trading से पैसे कैसे कमाए

ट्रेडिंग क्या है इन हिंदी: शेयर मार्केट में Trading करना और Trading से पैसे कमाना आज के समय में एक सामान्य बात हो गयी है. मोबाइल में अनेक प्रकार के Trading App हैं जिससे यूजर आसानी से Trading कर सकते हैं और पैसे कमा सकते है.

लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर Trading se Paise Kaise Kamaye. बहुत सारे लोग Trading करते तो हैं लेकिन उन्हें वास्तव में पता नहीं होता है कि Trading क्या है.

Trading के विषय में आपके सारे Confusion को दूर करने के लिए हमने यह लेख आपके लिए लिखा है. इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि ट्रेडिंग किसे कहते हैं. ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग कैसे की जाती है और ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमायें जाते हैं. तथा कुछ Best Trading App के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा.

अगर आप Trading के बारे में सही जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें, हमें पूरी उम्मीद हैं कि इस लेख को अंत तक पढने के बाद आपको Trading का ज्ञान हो जायेगा. तो चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं ट्रेडिंग क्या होता है.

Trading क्या है? Stocks में कितने प्रकार की होती है? हिंदी में(2022)

Trading

आप आप में से बहुत लोगों ने कभी ना कभी अखबारों में न्यूज़ चैनल में मैगजीन में या यूट्यूब पर या फिर किसी वेबसाइट पर शेयर बाजार तथा trading के बारे में जरूर सुना होगा । जिसमें किस तरह बताया जाता है कि आप शेयर बाजार से पैसा कमा सकते हैं। आपने कभी न कभी सुना होगा कि अमीर लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं जिसके कारण वह और अमीर होते जाते हैं। परंतु किसी आम आदमी के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह इसमें शुरुआत में इन्वेस्टिंग कर सके तो वह कुछ ही समय में पैसा कमाना चाहता है जिसके लिए वह ट्रेडिंग करता है।आज के इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की ट्रेडिंग क्या होती है तथा ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं । शेयर बाजार मैं शुरुआत करें तो आपको यह क्लियर हो।

Table of Contents

ट्रेडिंग क्या होती है?

Trading शब्द का उपयोग व्यापार में प्राचीन काल से होता आ रहा है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है किसी वस्तु का या किसी उत्पाद का विनिमय करके लाभ प्राप्त करना । अर्थात् जब व्यापारी किसी उत्पाद(product) या वस्तु को कम मूल्य ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है पर खरीदकर अधिक मूल्य पर बेच दे उसे trading कहा जाता है।

शेयर बाजार मैं ट्रेडिंग का अर्थ होता है उसमें लिस्टेड कंपनियों में खरीदी तथा बिक्री करना इसकी समय सीमा 1 दिन से लेकर 1 साल तक होती है अर्थात यदि आप कोई कंपनी के शेयर 1 दिन से लेकर 1 साल तक अपने पास रखते हैं तो कह सकते हैं कि आप उसमे ट्रेडिंग कर रहे हैं। जिसमें कंपनी का शेयर ही उसका उत्पाद होता है जिसमें लेनदेन का काम किया जाता है।

उदाहरण के रूप में हम इसे इस तरीके से समझ सकते हैं कि रिलायंस नाम की कंपनी है जिसका शेयर प्राइस ₹2000 है। एक व्यक्ति जिसका नाम प्रतीक है वह उसके शेयरों को खरीदता है तथा जब शेयर की कीमत 2500 रुपए हो जाती है तो वह उसे बेच देता है तथा उस पर ₹500 का लाभ अर्जित करता है तो हम कह सकते हैं कि उसने उस कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग करके यह पैसे कमाए हैं।

शेयर मार्केट मैं ट्रेडिंग बिना कंपनी के फंडामेंटल को समझें केबल प्राइस के आधार पर की जाती है जिसमें जैसे ही प्राइस बढ़ता है हम शेयर बेचकर पैसे कमा सकते हैं।

इस प्रकार की trading में चार्ट का महत्वपूर्ण स्थान होता है । क्योंकि इस प्रकार की ट्रेडिंग में चार्ट के विभिन्न पैटर्नो का अध्ययन किया जाता है।

जिसमें कंपनी के फंडामेंटल को समझें बिना केवल चार्ट के आधार पर ट्रेडिंग की जाती है ।चार्टों के इस प्रकार के अध्ययन को tecnical analysis कहते है।

ट्रेडिंग के प्रकार

ट्रेडिंग को मुख्यतः 4 प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं।

  1. Scalping
  2. Intraday trading
  3. Swing trading
  4. Positional trading

Scalping trading क्या होती है।

Scalping से तात्पर्य उस प्रकार की ट्रेडिंग से है जिसमे किसी कंपनी के शेयरों को कुछ समय के लिए खरीदा जाता है तथा फिर उसे बेच दिया जाता है ।

Scalping की समय सीमा 1मिनट से लेकर 15 मिनट तक होती है । इसमें लाभ उस समय के बीच मार्केट में हुए उतार चढ़ाव के आधार पर की जाती है।

Scalping मार्केट में 9:15 से लेकर 9:20 के बीच कभी भी की जा सकती है। इस समय के दौरान आप मार्केट में ट्रेड करके पैसा बना सकते हैं।

Intraday trading क्या होती है?

वह ट्रेडिंग जिसमे किसी कम्पनी के शेयर्स को 1 दिन के के लिए खरीदा तथा बेचा जाता है intraday trading कहलाती है। जो buyers तथा sellers इसमें सक्रिय रूप से trading करते है उन्हे intraday traders कहा जाता है।

Intraday trading की समय सीमा एक दिन के भीतर कितनी भी हो सकती है परंतु यह trading केवल 9:15 से 3:20 तक के बीच मे ही की जा सकती है यदि आप अपने शेयर्स 3:20 तक नहीं बेचते हो तो आपका स्टॉक ब्रोकर्स इन्हे सेल कर देगा ।

इस प्रकार की trading में चार्ट का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि चार्ट में मार्केट के छोटे से लेकर बड़े उतार चढ़ाव का ब्यौरा होता है चार्ट के अध्ययन के लिए इसमें बहुत सारे tools होते हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग से अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं।

Swing trading क्या होती है?

Swing trading से मार्केट में बहुत सारे लोगों ने पैसा बनाया है। एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें किसी कंपनी के शेयरों को 1 दिन से अधिक समय के लिए रखा जाता है यह समय एक हफ्ता एक महीना तथा 1 साल तक हो सकता है।

Swing trading में भी चार्ट बहुत अधिक महत्वपूर्ण है इसमें दिए गए विभिन्न टाइम फ्रेम का यूज करके आप मार्केट में आए स्विंग का पता लगा सकते हैं और वहां से पैसा बना सकते हैं।

यह ट्रेडिंग इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें आपको किसी शेयर में बढ़ोतरी के लिए अधिक समय मिल जाता है।

Positional trading क्या होती है?

पोजीशनल ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग का एक प्रकार है जिसमें शेयरों को एक से अधिक दिन के लिए रखा जाता है परंतु यदि स्वयं ट्रेडिंग 1 महीने से अधिक के लिए हो जाती हैं तो उसे हम पोजीशनल ट्रेडिंग कह सकते हैं। पोजीशनल ट्रेडिंग में कंपनी के शेयरों को 1 महीने से 1 साल तक के लिए होल्ड किया जाता है तथा चार्ट की मदद से मार्केट में आए उतार-चढ़ाव के आधार पर ट्रेडिंग की जाती है।

आशा करता हूं कि आज के ब्लॉग के माध्यम से आपको ट्रेडिंग क्या होती है तथा यह कितने प्रकार की होती है समझ में आ गया होगा। जिससे आप जब भी शेयर बाजार में शुरुआत करें आपको इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी रहे।

आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो या किसी तरह के finace या शेयर बाजार से संबंधित सवाल हो तो हमे comment करके बता सकते है हम आपको पूरी मदद करेंगे ।

Trading क्या होती है?

किसी व्यापार में ट्रेडिंग का तात्पर्य किसी वस्तु या उत्पाद को कम कीमत पर खरीद कर उसे ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ऊंचे दाम पर बेचकर लाभ प्राप्त करने को कहते हैं।
शेयर बाजार में उत्पाद की जगह कंपनी के शेयरों को खरीदा तथा बेचा जाता है।

Trading के कितने प्रकार होते है

ट्रेडिंग मुख्यतः चार प्रकार की होती है
Scalping, intraday trading, swing trading,तथा positional trading ।

क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम बनाई जा सकती है?

शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर के आप रेगुलर इनकम बना सकते हैं बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने इसे करके रेगुलर इनकम बनाई है परंतु इसमें पैसे कमाने के लिए आपको discipline के साथ यह करनी होगी तभी आप इसमें सफल हो सकते हो ।

ट्रेडिंग क्या है?

ट्रेडिंग क्या है

ट्रेडिंग की बहुत सारी किस्में भी होती हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं:

  • स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
  • इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
  • स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
  • पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

ऊपर दी हुई 4 किस्मों के बारे में हम संक्षेप में बात करते हैं।

स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)

स्काल्पिंग ट्रेडिंग का मकसद होता है मिनटों में पैसा कमाना इसमें ट्रेडर शेयर को कुछ चंद मिनटों (या उससे ज्यादा समय के लिए) के लिए ही खरीदते हैं और स्टॉक मार्केट में इन्हीं शेयर के दाम बढ़ने (या कम होने पर) पर खरीदे गए शेयर को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। जब कोई भी ट्रेडर ऐसी ट्रेडिंग करता है तो उसे स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं।

ऐसी ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर 1 दिन में 1 से ज्यादा कुछ बार 10-20 से ज्यादा भी ट्रेड करते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।

इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।

इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।

ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है

पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।

ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।

लेकिन इसमें रिस्क भी होता है। क्योंकि अक्सर हम देखते हैं कि शेयर बाजार में किसी अच्छी या बुरी खबर के कारण आने वाले दिनों में बाजार कुछ बहुत ज्यादा ऊपर या बहुत ज्यादा नीचे खुलता हैं। उदाहरण के तौर पर 2020 में स्टॉक मार्केट कोरोना वायरस की वजह से बहुत बुरी तरह से गिरा था।

अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाई जा सकती है या नहीं। ऐसा सवाल हर इंसान के मन में आता है तो आइए हम आपको आसान शब्दों में इसकी जानकारी देते हैं।

हर एक इंसान के लिए ट्रेडिंग के जरिए पैसे कमाना संभव है पर यह आसान नहीं होता है क्योंकि जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अगर कोई व्यक्ति शेयर के मूल्य की हर एक छोटी मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाना चाहता है तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा शेयर लेने आवश्यक हैं और इसके लिए पैसों की जरूरत बहुत ज्यादा होगी।

पैसों के साथ-साथ हर एक व्यक्ति को जो कि इसमें पैसे लगाते हैं उनको TECHNICAL ANALYSIS की जानकारी होनी भी जरूरी है। तभी हम प्राइस के पैटर्न को समझ सकेंगे और वक्त आने पर शेयर को बेच और खरीद सकेंगे।

ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि लगातार अपनी गलतियों से सीखना क्योंकि जितना ही हम
सीखेंगे उतना हमारा तजुर्बा बढ़ेगा जिससे कि हम Successful Trader ट्रेडर बन सकेंगे। अपनी गलतियों से सीखना और उससे आगे बढ़ना ही सक्सेसफुल ट्रेडर की पहचान होती है।

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।

भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:

फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।

यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।

स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?

ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।

Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं:

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