Stock Market Live: नए हाई पर बाजार, सेंसेक्‍स 400 अंक मजबूत, निफ्टी 18850 के पार, TECHM-INFY टॉप गेनर्स

क्या है re-rating

शेयर बाजार में री-रेटिंग का मतलब है कि निवेशक उन शेयरों की अधिक कीमत चुकाने को तैयार हैं, जिनसे भविष्य में अधिक कमाई की उम्मीद है. इस तरह का पूर्व अनुमान निवेशक के सेंटीमेंट और कंपनी की भविष्य को लेकर संभावना की वजह से होता है. इसे एक आसान उदाहरण से ऐसे समझ सकते हैं कि किसी कंपनी का शेयर 10 गुना अर्निंग प्रति शेयर (EPS) के साथ 100 रुपये प्रति शेयर के भाव पर कारोबार कर रहे हैं. इसका मतलब है कि प्राइस टु अर्निंग रेश्यो (P/E) 10 है.

जब शेयर की कीमत 200 रुपये तक बढ़ जाती है और ईपीएस भी 15 हो जाता है, तो नया P/E 13.3 होगा, जो पिछली अवधि में 10 से अधिक है. अगर बाजार कंपनी के शेयरों के लिए आय की तुलना में अधिक कीमत देने को तैयार है, तो उसे बाजार द्वारा ‘शेयरों की पुनः रेटिंग’ के रूप में जाना जाता है. मूल रूप से, कंपनी की कमाई के लिए दीर्घकालिक संभावनाओं की वजह से निवेशक के सेंटीमेंट में बदलाव से शेयर की रेटिंग फिर से हो जाती है.

कई वजह से होती है re-rating

इस उदाहरण से यह साफ है कि जब कंपनी को फिर से रेट किया जाता है, तो इसका P/E फंडामेंटल में एक महत्वपूर्ण सुधार के साथ एक्सपैंड करता है. निवेशकों द्वारा देखा जाने वाला प्रमुख प्वॉइंट यह है कि हालांकि आय में सुधार होता है, P/E वृद्धि अकेले निवेशकों के लिए दौलत बनाती है. P/E में बढ़ोत्तरी के कई कारण हैं.

सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब री-रेटिंग होती है, तो आमतौर पर संस्थागत निवेशक कंपनी की संभावनाओं से उत्साहित होते हैं और शेयर खरीदना शुरू करते हैं. कभी-कभी, उस योयर या उससे जुड़े सेक्टर को फिर से रेट किया जा सकता है, जिससे सेंटीमेंट बेहतर होते हैं. उदाहरण के लिए, बैंकिंग और पीएसयू जैसे सेक्टर में री रेटिंग की वजह से फ्रेश बॉइंग दिख रही है.

ग्रोथ से जुडी होती है री-रेटिंग

आम जानिए क्या स्टॉक रेटिंग का मतलब तौर पर, जब कोई कंपनी लगातार ग्रोथ दिखाती है, तो फिर से रेटिंग होती है. साथ ही, अगर बिजनेस की संभावनाओं के बारे में अनिश्चितता होती है, तो डी-रेटिंग होती है. री-रेटिंग से पहले शेयर की पहचान करना कोई आसान काम नहीं है, हालांकि, कोई कम P/E अनुपात वाली कंपनी की पहचान कर सकता है. उन शेयरों की री रेटिंग नहीं होती जो हाई मल्टीपल पर ट्रेड कर रहे होते हैं. जिन जानिए क्या स्टॉक रेटिंग का मतलब कंपनियों ने लंबी अवधि के लिए अनुमान की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है, वे फिर से रेटिंग दर्ज कर सकते हैं.

उन कंपनियों का मूल्यांकन करने के लिए जिनमें सबसे अधिक संभावना है कि वे फिर से रेटेड हो सकते हैं, किसी को मूल्यांकन की पूरी समझ होनी चाहिए. इसके अलावा उस कंपनी के महत्वपूर्ण सफल फैक्टर्स की पहचान करने की क्षमता होनी चाहिए.

(लेखक: P Saravanan, professor of finance & accounting, IIM Tiruchirappalli

ONGC पर 'ओवरवेट' रेटिंग, PSU शेयर में आगे 38% मिल सकता है रिटर्न; चेक करें टारगेट

Buy call on ONGC: शेयर बाजार में बीते कुछ दिनों से उतार-चढ़ाव का दौर बना हुआ है. सेंसेक्‍स 59 हजार के नीचे और निफ्टी 18 हजार के नीचे ट्रेड कर रहा है. इस बीच, ऑयल एंड गैस सेक्‍टर की PSU कंपनी ONGC के शेयर निवेश के लिहाज से अच्‍छी वैल्‍युएशन पर हैं. ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन (JP Morgan) ने ओएनजीसी के आगे बेहतर जानिए क्या स्टॉक रेटिंग का मतलब अर्निंग की उम्‍मीद को देखते हुए निवेश की सलाह दी है. जेपी मॉर्गन ने ONGC स्‍टॉक पर 'ओवरवेट' रेटिंग बरकरार रखी है. इसके लिए टारगेट प्राइस 212 रुपये रखा है. ONGC के स्‍टॉक्‍स में निवेशकों को बीते एक साल में 100 फीसदी से ज्‍यादा का रिटर्न मिल चुका है.

ONGC: 38% मिल सकता है रिटर्न

JP Morgan ओएनजीसी के लिए 212 रुपये (ONGC Overweight) का टारगेट दिया है. 25 नवंबर को कंपनी का शेयर भाव 153 रुपये पर ट्रेड कर रहा. इस तरह, करंट प्राइस से इस शेयर में निवेशकों को 38 फीसदी से ज्‍यादा का रिटर्न मिल सकता है. एक साल में इस शेयर में निवेशकों का पैसा डबल हो गया. बीते एक साल में शेयर का प्राइस 80 रुपये से बढ़कर 168 रुपये के लेवल तक पहुंचा है.
ब्रोकरेज जानिए क्या स्टॉक रेटिंग का मतलब फर्म जेपी मॉर्गन का कहना है कि साल 2022 और 2023 में ब्रेंट क्रूड के 80 डॉलर से उपर बने रहने की उम्‍मीद है. ब्रोकरेज फर्म को ओएनजीसी के लिए लॉर्ज अर्निंग अपसाइड रिस्‍क दिखाई दे रहा है. इसका मतलब कि आगे कंपनी की अर्निंग में अन‍िश्चित तेजी की संभावना है.

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ONGC: जानिए क्या स्टॉक रेटिंग का मतलब सितंबर तिमाही में 565% बढ़ा प्रॉफिट

ऑयल एंड गैस सेक्‍टर की सरकारी कंपनी ओएनजीसी का जुलाई-सितंबर 2021 तिमाही नतीजे अच्‍छे रहे. ओएनजीसी को सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर नेट प्रॉफिट 565 फीसदी से ज्‍यादा बढ़ा था. कंपनी ने 18,347 करोड़ का मुनाफ कमाया. इसी अवधि में कंपनी का रेवेन्‍यू 44 फीसदी उछलकर 24,353.6 करोड़ रुपये रहा. कंपनी का प्रॉफिट और रेवेन्‍यू दोनों ही बाजार की उम्‍मीद से बेहतर रहा.

2020-21 से नए कॉरपोरेट टैक्‍स रेट (22 फीसदी) पर स्विच होने के चलते कंपनी का टैक्‍स खर्च कम हुआ है. इससे डेफर्ड टैक्‍स (आस्थगित कर) में 8,541 करोड़ रुपये की कमी और मौजूदा टैक्‍स में में 1,304 करोड़ रुपये की कमी आई है. सितंबर तिमाही में कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन बढ़कर 48.17 फीसदी हो गया, जो कि एक साल पहले इसी अवधि में 32.78 फीसदी था. कंपनी ने 5.5 रुपये अंतरिम डिविडेंड देने का एलान किया था.

52 वीक के हाई पर सरकारी कंपनी का स्टॉक, एक्सपर्ट बोले-रॉकेट की तरह बढ़ेगा भाव

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सरकारी क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड का स्टॉक 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। कोल इंडिया के स्टॉक को लेकर एक्सपर्ट भी काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं। ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर की मानें तो स्टॉक का भाव 250 रुपये के पार जाएगा। वहीं, बीते दिनों मोतीलाल ओसवाल ने भी कोल इंडिया के स्टॉक को खरीदने की सलाह दी थी।

क्या कहना है ब्रोकरेज का:जानिए क्या स्टॉक रेटिंग का मतलब ब्रोकरेज प्रभुदास लीलाधर ने कहा कि कोल इंडिया के शेयर की कीमत मजबूत प्रवृत्ति में है। प्रभुदास लीलाधर ने इस पीएसयू स्टॉक पर 255 रुपये के टारगेट प्राइस और 227 के स्टॉप लॉस के साथ बाय रेटिंग दी है। मतलब ये कि स्टॉक को खरीदने की सलाह दी गई है।

Paytm के शेयर में 8% की तेजी, एक्सपर्ट बोले-1200 रुपये के पार जाएगा भाव

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वैसे तो सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को शेयर बाजार में बिकवाली हावी रही लेकिन इस दौरान Paytm के स्टॉक ने जबरदस्त तेजी देखी। कारोबार के दौरान Paytm के स्टॉक में 8 फीसदी तक की तेजी रही। कारोबार के अंत में स्टॉक का भाव 7.06% चढ़कर 536.90 रुपये पर बंद हुआ। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि आने वाले वक्त में Paytm के स्टॉक में तेजी दिखेगी।

किस ब्रोकरेज ने क्या कहा: ICICI Securities के मुताबिक Paytm का स्टॉक 1,285 रुपये के स्तर तक जा सकता है। ब्रोकरेज ने इस टारगेट प्राइस का जिक्र करते हुए स्टॉक को बाय रेटिंग दी है। मतलब इसे खरीदने की सलाह दी गई है। ब्रोकरेज के मुताबिक मार्जिन सुधार की वजह से स्टॉक में तेजी की उम्मीद है।

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