SBI म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए रिस्क प्रोफाइल और जरूरत को देखते हुए कई कटेगिरी में स्कीम ऑफर कर रहा है. (reuters)

ये हैं निवेश के लिए 10 सबसे अच्‍छे म्‍यूचुअल फंड

हमने पांच अलग-अलग कैटेगरी से दो स्‍कीमों को चुना. इन कैटेगरी में एग्रेसिव हाइब्रिड, लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और मल्टीकैप शामिल हैं.

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यह भी मुमकिन है कि जिन स्‍कीमों के नाम बताए जाएं, वे लक्ष्‍यों और जोखिम प्रोफाइल के अनुकूल न हों. यही देखते हुए हमने टॉप 10 म्यूचुअल फंड स्‍कीमों की एक लिस्‍ट बनाई है. इसमें पांच अलग-अलग कैटेगरी से दो स्‍कीमों को चुना गया है. इन कैटेगरी में एग्रेसिव हाइब्रिड, लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और मल्टीकैप शामिल हैं. हमारा मानना है कि नियमित म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए ये पर्याप्त होनी चाहिए.

टॉप 10 स्‍कीमों की लिस्‍ट
1. एक्सिस ब्‍लूचिप फंड
2. मिराए एसेट लार्जकैप फंड
3. पराग पारेख लॉन्‍ग टर्म इक्विटी फंड
4. कोटक स्‍टैंडर्ड मल्‍टीकैप फंड
5. एक्सिस मिडकैप फंड
6. डीएसपी मिडकैप फंड
7. एक्सिस स्‍मॉलकैप फंड
8. एसबीआई स्‍मॉलकैप फंड
9. एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड फंड
10. मिराए एसेट हाइब्रिड इक्विटी फंड

हालांकि, इन स्‍कीमों में निवेश करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाहिए. पहली बात यह कि हर एक कैटेगरी के बारे में जानें और पता करें कि क्‍या वह आपके निवेश के लक्ष्‍य और जोखिम प्रोफाइल से मेल खाती है.

एग्रेसिव हाइब्रिड स्कीमों के लिए अपनी कुल रकम का 65-80 फीसदी इक्विटी में निवेश करना जरूरी है. बाकी का 20-35 फीसदी उन्हें डेट में निवेश करना होता है. ये पूर्व की बैलेंस्ड या इक्विटी हाइब्रिड स्कीमों की तरह निवेश करती हैं. इक्विटी में कम से कम 65 फीसदी निवेश की सीमा के चलते इन पर इक्विटी स्कीमों की तरह टैक्स लगता है.

इसमें 'एग्रेसिव' शब्द से आपको भ्रमित नहीं होना चाहिए. कई म्यूचुअल फंड एडवाइजर नए निवेशकों को एग्रेसिव हाइब्रिड स्कीमों में पैसा लगाने की सलाह देते हैं. उनकी दलील होती है कि इक्विटी और डेट का मिलाजुला पोर्टफोलियो उथल-पुथल के दौरान इन्हें स्थिरता देता है.

वहीं, लार्जकैप म्यूचुअल फंड स्कीमें बेहद बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. सेबी के वर्गीकरण नियमों के अनुसार, लार्जकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए निवेशकों से जुटाई गई रकम का कम से कम 80 फीसदी शीर्ष 100 कंपनियों में निवेश करना जरूरी है. चूंकि ये स्कीमें अपेक्षाकृत कम अस्थिर होती हैं. इसलिए इनमें रिटर्न भी सामान्य होता है. ऐसे में लार्जकैप स्कीमों में निवेश करते हुए रिटर्न की अपेक्षाओं को वास्तविक रखने की जरूरत है.

मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीमें मध्यम आकार की कंपनियों में निवेश करती हैं. इनमें बड़े आकार की कंपनी बनने का दमखम होता है. बेशक इनके साथ जोखिम और अस्थिरता ज्यादा होती है. लेकन, इनसे अधिक रिटर्न की भी अपेक्षा की जा सकती है. एडवाइजर नए निवेशकों को मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों की सलाह नहीं देते हैं. न ही उन्हें इन स्कीमों में पैसा लगाने को कहा जाता है जो अपने निवेश के साथ ज्यादा जोखिम नहीं ले सकते हैं.

स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए अपनी कुल रकम का 80 फीसदी छोटी कंपनियों में निवेश करना जरूरी है. शेयर बाजार में 250वें पायदान के नीचे आने वाली सभी कंपनियां इस श्रेणी में आती हैं. इनमें हमेशा सात से 10 साल की लंबी अवधि को ध्यान में रखकर ही निवेश करना चाहिए. छोटी अवधि में केवल ज्यादा रिटर्न के लिए इनमें निवेश करने पर आप नुकसान उठा सकते हैं. इनके साथ बहुत ज्‍यादा जोखिम होता है. नए निवेशकों को इन स्‍कीमों में पैसा लगाने की सलाह नहीं दी जाती है.

मल्टीकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों का सुझाव अक्सर उन निवेशकों को दिया जाता रहा है जो निवेश के साथ थोड़ा जोखिम ले सकते हैं. सेबी के नए नियमों के अनुसार, मल्‍टीकैप स्‍कीम को अपने कुल एसेट का कम से कम 75 फीसदी इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्‍ट्रूमेंट में निवेश करना होगा. उनके लिए लार्ज, मिड और स्‍मॉलकैप शेयरों में न्‍यूनतम 25-25 फीसदी निवेश करना अनिवार्य किया गया है.

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SBI की 5 बेस्ट स्कीम: 10 साल में 9 गुना तक रिटर्न, 5 हजार मंथली जमा करने वालों को मिले 22.5 लाख

SBI म्यूचुअल फंड की कई स्कीम हैं, जो निवेशकों के लिए रिटर्न मशीन साबित हुई हैं. 10 साल के रिटर्न चार्ट को देखते एक मुश्त निवेश करने वालों को यहां 9 गुना तक रिटर्न मिला है.

SBI की 5 बेस्ट स्कीम: 10 साल में 9 गुना तक रिटर्न, 5 हजार मंथली जमा करने वालों को मिले 22.5 लाख

SBI म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए रिस्क प्रोफाइल और जरूरत को देखते हुए कई कटेगिरी में स्कीम ऑफर कर रहा है. (reuters)

SBI Best Mutual Fund Scheme: बाजार में कई फंड हाउस हैं, जो म्यूचुअल फंड स्कीम ऑफर कर रहे हैं. इन्हीं में एक SBI म्यूचुअल फंड भी है जो देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की म्यूचुअल फंड आर्म है. SBI म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए उनकी उम्र, रिस्क प्रोफाइल और जरूरत को देखते हुए कई कटेगिरी में स्कीम ऑफर कर रहा है. चाहे लार्जकैप हो मिडकैप, स्मालकैप हो सेक्टोरल फंड, हर कटेगिरी में निवेशकों के लिए विकल्प है. यह देश के सबसे पुराने म्यूचुअल फंड में शामिल हैं, जिनकी कुछ स्कीम 20 साल या इससे भी पुरानी है. SBI म्यूचुअल फंड की कई स्कीम हैं, जो निवेशकों के लिए रिटर्न मशीन साबित हुई हैं. 10 साल के रिटर्न चार्ट को देखते एक मुश्त निवेश करने वालों को यहां 9 गुना तक रिटर्न मिला है. इनमें SIP करने वाले भी मोटा फंड जुटाने में सफल रहे हैं. यहां 10 साल के प्रदर्शन के आधार पर हमने बेस्ट 5 स्कीम की जानकारी दी है.

SBI Small Cap Fund

10 साल का रिटर्न: 25% CAGR

SBI म्यूचुअल फंड की बीते 10 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली स्कीम SBI Small Cap Fund है. इसने 10 साल में 25% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 9 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 22.5 लाख का फंड हो गया.

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इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 11,288 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 1.73 फीसदी था.

SBI Tech Opportunities Fund

10 साल का रिटर्न: 20% CAGR

SBI Tech Opportunities Fund ने 10 साल में 20% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 6.35 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 20 लाख का फंड हो गया.

इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 2,313 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 2.23 फीसदी था.

SBI Magnum Midcap Fund

10 साल का रिटर्न: 20% CAGR

SBI Magnum Midcap Fund स्कीम भी निवेशकों के लिए रिटर्न मशीन साबित हुई है. फंड ने 10 साल में 20% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 6.16 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 16.5 लाख का फंड हो गया.

इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 6,859 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 1.94 फीसदी था.

SBI Focused Equity Fund

10 साल का रिटर्न: 18% CAGR

SBI Tech Opportunities Fund ने 10 साल में 18% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 5.28 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 15.5 लाख का फंड हो गया.

इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 23,186 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 1.92 फीसदी था.

SBI Consumption Opportunities Fund

10 साल का रिटर्न: 17.87% CAGR

SBI म्यूचुअल फंड की 10 साल में टॉप रिटर्न देने के मामले में टॉप 5 में SBI Consumption Opportunities Fund भी शामिल है. इस ने 10 साल में 17.87% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 5.18 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 14 लाख का फंड हो गया.

इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 892 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 2.44 फीसदी था.

पर्सनल फाइनेंस: अपनी गाढ़ी कमाई को सोच समझ कर सही जगह पर निवेश कीजिए, ज्यादा लाभ का वादा देनेवाली अधिकतर स्कीम्स में हुए फ्रॉड

जिस तरह के कोरोना ने अपना जाल फैलाया है, उसने हर किसी को यह सिखा दिया है कि पैसे की अहमियत कितनी है। पैसे की अहमियत हर कोई जानता है लेकिन कभी -कभी लोग बचत करने के नाम पर निवेश के ऐसे विकल्प चुन लेते हैं जो उनके लिए और घातक साबित होते हैं। निश्चित तौर पर कोरोना में आपके खर्चे कम हुए हैं। आपकी बचत हुई है। इस गाढ़ी कमाई को ऐसी जगह निवेश कीजिए जहां आपको उचित लाभ मिल सके और आपके निवेश की सुरक्षा उससे ज्यादा हो।

निवेश की सुरक्षा सबसे पहले

भारतीय हमेशा बैंक एफडी को पसंदीदा निवेश मानते हैं। जबकि सबसे कम ब्याज यहां पर ही मिलता है। आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि बैंकों में 109 लाख करोड़ रुपए की डिपॉजिट है। यानी यह भारतीयों की जमा पूंजी है। आप भी जानते हैं इसी जमा पर आपको बैंक 5 प्रतिशत एफडी पर और 3 प्रतिशत सेविंग खातों में रखे गए पैसों पर ब्याज देता है। जबकि यही पैसा आप बैंक से कर्ज टॉप 12 लाभदायक निवेश विकल्प के रूप में लेंगे तो आपको 8-9 या फिर 12 प्रतिशत भी ब्याज देना पड़ सकता है। फिर भी सुरक्षा है इसलिए लोग बैंकों में पैसे रखे हैं।

आकर्षक लाभ के सभी दावे खोखले और फंसाने वाले हैं

कभी भी पैसे को दोगुने या बहुत ज्यादा लाभ के लालच में निवेश मत कीजिए। पिछले 20-25 दिनों में बाजार के रेगुलेटर सेबी ने ऐसी 15 से ज्यादा निवेश की सलाह देनेवाली कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन सब में प्रमुख पैन कार्ड क्लब है। इसने देश भर में 50 लाख लोगों से 7,000 करोड़ रुपए जुटाए। यह दावा किया कि वह बहुत ज्यादा रिटर्न और बिजनेस में मुनाफा देगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

सेबी ने हाल में कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया

पीएसीएल को कौन भूल सकता है? इस कंपनी ने भी लाखों लोगों से 50 हजार करोड़ रुपए की रकम इसी आधार पर जुटाई कि वह जमीन देगी जिसमें मुनाफा मिलेगा। बंगाल के सारधा स्कैम या इस तरह के जितने ऑफर देनेवाली कंपनियां हैं, उन सब पर सेबी ने प्रतिबंध लगाया है। लेकिन उससे पहले आप अपनी गाढ़ी कमाई का निवेश करते हैं तो आपको इस तरह टॉप 12 लाभदायक निवेश विकल्प की लालच में नहीं आना चाहिए।

निवेश कहां करें?

निवेश के लिए आपको अपना पोर्टफोलियो बनाना होगा। पोर्टफोलियो से मतलब आपके निवेश की क्षमता, लाभ पाने का लक्ष्य, आगे किस काम के लिए पैसा चाहिए जैसी तमाम बातें निवेश पर निर्भर होती हैं। आपको चाहिए कि आप देश में सरकारी स्कीम्स में निवेश करें। यहां आपको रिटर्न कम मिलेगा लेकिन निवेश सुरक्षित रहेगा। म्यूचुअल फंड में निवेश करें। यहां आपको एफडी की तुलना में ज्यादा लाभ मिलेगा। निवेश सुरक्षित रहेगा। आप चाहें तो बीमा में निवेश कर सकते हैं लेकिन यहां आपको जोखिम कवर ज्यादा मिलेगा रिटर्न कम मिलेगा।

निवेश सलाहकार से सलाह जरूर लें

आप अगर म्यूचुअल फंड या शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो आपको किसी बेहतर निवेश सलाहकार को पकड़ना चाहिए। आपको यह देखना होगा कि वह सेबी में रजिस्टर्ड हो। उसका ट्रैक रिकार्ड अच्छा हो। आप चाहें तो म्यूचुअल फंड में एसआईपी कर सकते हैं। इसने हाल के समय में अच्छा प्रदर्शन किया है। शेयर बाजार में आप अगर डायरेक्ट निवेश करते हैं तो आपको टॉप 100 कंपनियों में ही बने रहना चाहिए। या फिर किसी निवेश सलाहकार से सलाह लेकर आगे की कंपनियों में भी निवेश कर सकते हैं।

महंगे स्तर पर निवेश करने से बचें

याद रखिए बैंक एफडी, सोने में निवेश या बाजार में निवेश करना बुरा नहीं है। लेकिन आपको यह देखना होगा कि वित्तीय साधन में सबसे बेहतर निवेश क्या हो सकता है। हमेशा ध्यान रखें कि एक उचित रिटर्न और निवेश की सुरक्षा ही किसी निवेश की विशेषता है। अगर आप म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार या सोने में निवेश करते हैं तो आपको हमेशा यह देखना होगा कि इनका रुझान गिरावट की ओर है या बढ़त की ओर। निवेश तब किया जाना चाहिए जब कीमतें नीचे की ओर हों।

फिलहाल इस उतार-चढ़ाव वाले बाजार के माहौल में आप उन शेयरों में दांव लगाइए जो अभी भी बाजार की रिकवरी में शामिल नहीं हो पाए हैं। इससे आपको सस्ते में खरीदने और महंगे में बेचने का अवसर मिलेगा।

कमाई का मौका! खुल गया निवेश का नया विकल्प, 500 रुपये से कर सकते हैं शुरुआत, जानें पूरी डिटेल

Mutual fund NFO: मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने फैक्टर-आधारित दो नए फंड्स लॉन्‍च किए. इन दोनों फंड्स के एनएफओ के दौरान निवेशक कम से कम 500 रुपये और उसके बाद 1 रुपये के गुणकों में निवेश कर सकते हैं.

एनएफओ 12 अगस्त को बंद हो रहा है. (Reuters)

Mutual fund NFO: मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (MOAMC) ने फैक्टर-आधारित नए फंड्स लॉन्‍च किए हैं. ये फंड्स मोतीलाल ओसवाल S&P BSE Quality ETF व मोतीलाल ओसवाल S&P BSE Quality Index Fund और मोतीलाल ओसवाल S&P BSE Enhanced Value ETF व मोतीलाल ओसवाल S&P BSE Enhanced Value Index
Fund हैं. ये ओपन-एंडेड स्कीम हैं. एनएफओ (NFO) 29 जुलाई 2022 को खुल गया है और यह 12 अगस्त 2022 को बंद होगा. इसमें आप 500 रुपए से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं.

क्वालिटी और वैल्यू फैक्टर्स पर आधारित हैं नए फंड

मोतीलाल ओसवाल असेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के एमडी और सीईओ नवीन अग्रवाल का कहना है कि निवेशकों की उभरती जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से, हमने फैक्टर निवेश सेगमेंट में ईटीएफ (ETF) और इंडेक्स फंड (Index Fund) पेश किया है. ये नए फंड क्वालिटी और वैल्यू फैक्टर्स पर आधारित हैं. हम भारत में फैक्टर इन्वेस्टिंग कैटेगरी को चलाने के लिए एक फंड हाउस के रूप में खुद को स्थापित करके एक यूनिक ब्रांड बनाने की इच्छा रखते हैं. इन दोनों फंड्स के लॉन्च के साथ, यह सिंगल फैक्टर-आधारित पैसिव पेशकश के हमारे पोर्टफोलियो को पूरा करेगा.

MOAMC के पैसिव फंड्स के प्रमुख प्रतीक ओसवाल का कहना है कि ये सिंगल फैक्टर-आधारित फंड्स उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं जो अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं और क्‍वालिटी या वैल्यू फैक्टर के लिए एक्‍सपोजर हासिल करना चाहते हैं. क्वालिटी फंड्स का उद्देश्य उन कंपनियों में निवेश करना है जो आमतौर पर झटकों का सामना करने के लिए लोचशील होती हैं और कई अलग-अलग बाजार स्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन करती हैं, विशेषकर जब बाजार में गिरावट और रिकवरी की स्थिति होती है। वहीं वैल्यू फंड्स का लक्ष्य उन कंपनियों में निवेश करना है जो लो प्राइस टू अर्निंग, प्राइस टू बुक और प्राइस टू सेल रेश्यो जैसे मानकों पर अपेक्षाकृत आकर्षक मूल्यांकन पर ट्रेड कर रही हों. इस स्ट्रैटेजी ने बाजार में सुधार के समय ऐतिहासिक रूप से अच्छा काम किया है.

मिनिमम कितना कर सकते हैं निवेश

इन दोनों फंड्स के एनएफओ के दौरान निवेशक कम से कम 500 रुपये और उसके बाद 1 रुपये के गुणकों में निवेश कर सकते हैं. इन्‍वेस्‍टमेंट एडवाइज के जरिए या कंपनी टॉप 12 लाभदायक निवेश विकल्प का आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन पर लॉग-इन करके स्‍कीम की यूनिट्स को खरीद या रिडीम कर सकते हैं.

किन स्टॉक्स में निवेश?

मोतीलाल ओसवाल एसएंडपी S&P BSE Quality ETF and Index Fund सिंगल फैक्टर आधारित निवेश स्ट्रैटेजी है, जिसका उद्देश्य नियम-आधारित मापदंडों के आधार पर शीर्ष 30 क्वालिटी वाले शेयरों को शामिल करना है. इन कंपनियों के पास स्‍थायी व्यापार मॉडल और स्थायी प्रतिस्पर्धी लाभ होते हैं. इंडेक्स में S&P BSE LargeMidCap Index में से चुना जाता है. उच्च आय, आय की बेहतर क्वालिटी और कम डेट वाली कंपनियों के आधार पर गुणवत्ता वाले शेयरों की पहचान की जाती है. लंबे समय के आउटलुक में यह देखा गया है कि ऐसे हाई क्वालिटी वाले स्टॉक लो क्वालिटी वाले स्टॉक से बेहतर प्रदर्शन करते हैं, क्योंकि वे प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों का सामना करने के लिहाज से बेहतर ढंग से तैयार होते हैं.

क्या है निवेश स्ट्रैटेजी?

मोतीलाल ओसवाल S&P BSE Enhanced, Value ETF & Index Fund सिंगल फैक्टर आधारित निवेश स्ट्रैटेजी हैं, जिनका उद्देश्य 30 'वैल्यू' शेयरों को शामिल करना है जो नियम-आधारित मापदंडों के आधार पर वैल्यूएशन में सबसे आकर्षक हैं. इंडेक्स को S&P BSE LargeMidCap Index में टॉप 12 लाभदायक निवेश विकल्प से चुना जाता है. वैल्यू स्टॉक्स की पहचान कम प्राइस टू अर्निंग, प्राइस टू बुक और प्राइस टू सेल रेश्यो के आधार पर की जाती है. वैल्यू इन्‍वेस्टिंग वास्तव में निवेश की सबसे पुरानी और सबसे प्रसिद्ध शैलियों में से एक है. यह इस बात पर आधारित है कि लॉन्ग टर्म में 'लो वैल्यू स्टॉक्स' यानी अपेक्षाकृत आकर्षक वैल्यूएशन वाले स्टॉक लंबी अवधि में 'हाई वैल्यू वाले स्टॉक' शेयरों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं.

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां फंड्स की जानकारी दी गई है. ये निवेश की सलाह नहीं है. निवेश से पहले फंड्स के बारे में खुद पड़ताल कर लें या अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)

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SBI म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए रिस्क प्रोफाइल और जरूरत को देखते हुए कई कटेगिरी में स्कीम ऑफर कर रहा है. (reuters)टॉप 12 लाभदायक निवेश विकल्प

SBI Best Mutual Fund Scheme: बाजार में कई फंड हाउस हैं, जो म्यूचुअल फंड स्कीम ऑफर कर रहे हैं. इन्हीं में एक SBI म्यूचुअल फंड भी है जो देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की म्यूचुअल फंड आर्म है. SBI म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए उनकी उम्र, रिस्क प्रोफाइल और जरूरत को देखते हुए कई कटेगिरी में स्कीम ऑफर कर रहा है. चाहे लार्जकैप हो मिडकैप, स्मालकैप हो सेक्टोरल फंड, हर कटेगिरी में निवेशकों के लिए विकल्प है. यह देश के सबसे पुराने म्यूचुअल फंड में शामिल हैं, जिनकी कुछ स्कीम 20 साल या इससे भी पुरानी है. SBI म्यूचुअल फंड की कई स्कीम हैं, जो निवेशकों के लिए रिटर्न मशीन साबित हुई हैं. 10 साल के रिटर्न चार्ट को देखते एक मुश्त निवेश करने वालों को यहां 9 गुना तक रिटर्न मिला है. इनमें SIP करने वाले भी मोटा फंड जुटाने में सफल रहे हैं. यहां 10 साल के प्रदर्शन के आधार पर हमने बेस्ट 5 स्कीम की जानकारी दी है.

SBI Small Cap Fund

10 साल का रिटर्न: 25% CAGR

SBI म्यूचुअल फंड की बीते 10 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली स्कीम SBI Small Cap Fund है. इसने 10 साल में 25% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 9 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 22.5 लाख का फंड हो गया.

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इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 11,288 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 1.73 फीसदी था.

SBI Tech Opportunities Fund

10 साल का रिटर्न: 20% CAGR

SBI Tech Opportunities Fund ने 10 साल में 20% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 6.35 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 20 लाख का फंड हो गया.

इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 2,313 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 2.23 फीसदी था.

SBI Magnum Midcap Fund

10 साल का रिटर्न: 20% CAGR

SBI Magnum Midcap Fund स्कीम भी निवेशकों के लिए रिटर्न मशीन साबित हुई है. फंड ने 10 साल में 20% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 6.16 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 16.5 लाख का फंड हो गया.

इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 6,859 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 1.94 फीसदी था.

SBI Focused Equity Fund

10 साल का रिटर्न: 18% CAGR

SBI Tech Opportunities Fund ने 10 साल में 18% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 टॉप 12 लाभदायक निवेश विकल्प साल में 5.28 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 15.5 लाख का फंड हो गया.

इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 23,186 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 1.92 फीसदी था.

SBI Consumption Opportunities Fund

10 साल का रिटर्न: 17.87% CAGR

SBI म्यूचुअल फंड की 10 साल में टॉप रिटर्न देने के मामले में टॉप 5 में SBI Consumption Opportunities Fund भी शामिल है. इस ने 10 साल में 17.87% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 5.18 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 14 लाख का फंड हो गया.

इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 892 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 2.44 फीसदी था.

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