बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क
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भारत में Bitcoins में निवेश करने की कर रहे प्लानिंग? जानिए Digital Coin के बारे में सब कुछ..
वैसे बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क तो कई cryptocurrencies हैं, लेकिन जब धनराशि के निवेश की बात आती है तो ज्यादातर लोग Bitcoin पर ही भरोसा करते हैं. यह दुनिया की सबसे पुरानी, बड़ी और सबसे लोकप्रिय Cryptocurrency है.
Bitcoin दुनिया की सबसे पुरानी, बड़ी और सबसे लोकप्रिय Cryptocurrency है
Cryptocurrency डिजिटल असेट है जो दुनिया में कहीं भी मुद्रा के आदान प्रदान में इस्तेमाल की जाती है, हालांकि यह फिजिकल रूप में नहीं होती. दरअसल यह एक इलेक्ट्रानिक ट्रांजेक्शन सिस्टम है जिसमें माल और सेवाओं 'खरीदने' के लिए टोकन के आदान-प्रदान में ब्लैकचैन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है. यूएस डॉलर और भारतीय रुपये की तरह cryptocurrency की भी 'स्टोर्ड वैल्यू ' होती है जो उसे डिजिटल करंसी की तरह काम करने के लिए सक्षम बनाती है. वैसे तो कई cryptocurrencies हैं, लेकिन जब धनराशि के निवेश की बात आती है तो ज्यादातर लोग Bitcoin पर ही भरोसा करते हैं. यह दुनिया की सबसे पुरानी, बड़ी और सबसे लोकप्रिय Cryptocurrency है.
यह भी पढ़ें
क्या है Bitcoin?
एक दशक से कुछ अधिक समय पहले शुरुआत करने वाला Bitcoin आज दुनिया की सबसे अधिक स्वीकार्य डिजिटल करेंसी बन गया है. यह लोकप्रिय cryptocurrency ब्लैकचैन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है और इसका अपना डिजिटली स्पेशल इलेक्ट्रॉनिक स्पेसिफिकेशन होता है. प्रत्येक Bitcoin में बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क विशिष्ट जानकारी होती है जिसे बदला या फिर से नहीं लिखा जा सकता. Bitcoin किसी सरकार से संबंधित नहीं है और पूर्ण पारदर्शिता रखने के लिहाज से यह सबसे अच्छा साधन है. कोई भी भौगालिक सीमा इस पर लागू नहीं होती. Bitcoin ऐसी करंसियों की तरह है जिसे हम फिजिकल फॉर्म में उपयोग करते हैं फर्क केवल इतना है कि इसका मूल्य (value) डिजिटली स्टोर होता है.
Bitcoin के मौजूदा मूल्य (latest price) के लिए यहां क्लिक करें
भारत में Bitcoin में कैसे निवेश करें
हालांकि भारत में cryptocurrency ट्रेडिंग अभी शुरुआती चरण में है लेकिन देश में कई कारोबारियों ने भुगतान के लिए Bitcoin और अन्य वर्चुअल काइन्स को स्वीकार करना प्रारंभ कर दिया है. इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए Bitcoin का भविष्य संभावना भरा लगा है. लगातार बढ़ते इसके रेट के कारण यह कई निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रहा है.
भारत में Bitcoin में निवेश के पहले इन बातों को ध्यान में रखना होगा
1. कानूनी प्रक्रिया
यदि आप Bitcoin में निवेश करना चाहते हैं तो सबसे पहले कानूनी मानकों पर इसका सत्यापन कराना होगा.आप यह नो योर कस्टमर वेरीफाइड (KYC) के जरिये कर सकते हैं. आपको निजी दस्तावेज जैसे-पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक अकाउंट का विवरण भी देना होगा.
2. Cryptocurrency एक्सचेंज प्लेटफॉर्म
Cryptocurrency में ट्रेडिंग का कोई तय स्ट्रक्चर नहीं है. हालांकि ऐसे क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म है, जहां लोग व्यापार (Trade) कर सकते हैं. भारत में प्रचलित एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स में WazirX, CoinDCX आदि शामिल हैं. आपको खुद ही ऐसे 'प्लेटफॉर्म' को चुनना होगा.
3. अकाउंट बनाना
एक बार जब आप अपना crypto exchange platform चुन लेते हैं तो यहां अकाउंट बनाना होता है. इसके लिए जरूरी है कि आप इस प्लेटफॉर्म की पॉलिसीज को ध्यान से पढ़ लें. आपको इनवेस्ट प्लान को चुनना होगा. अपने बैंक अकाउंट से राशि ट्रांसफर करके आप cryptocurrencies खरीद सकते हैं.
4. निवेश
आपको उस coin को चुनना होगा जिसमें निवेश करना चाहते हैं यहां निश्चित रूप से यह बिटकॉइन है. Bitcoin को चुनने के बाद अकाउंट में कोड स्टोर करना सुनिश्चित करें जो कि हैकिंग सहित विभिन्न जोखिमों से बचाव के लिए है. इसके अलावा यह प्लेटफॉर्म्स सुनिश्चित करते हैं कि cryptocurrency को रखने या स्टोर करने के लिए आपके पास Bitcoin wallet हैं.
Digital Rupee: क्या है डिजिटल रुपया, डिजिटल करेंसी से कैसे है अलग, जानें पूरी डिटेल
Digital Rupee Different From Digital Currency: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) पर एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया है.
डिजिटल करेंसी का उद्देश्य क्या और इससे क्या फायदे होंगे, कॉन्सेप्ट नोट में इस बात पर भी चर्चा हुई है कि इस करेंसी का बैंकिंग प्रणाली, मौद्रिक नीति और देश की वित्तीय स्थिरता पर कैसा प्रभाव होगा. रिजर्व बैंक ने इसे किसी प्राइवेट वर्चुअल करेंसी (बिटकॉइन) से अधिक सुरक्षित बताया है.
जब RBI ने पहली बार डिजिटल करेंसी की बात शुरू की थी तो लोगों ने इसकी तुलना बिटकॉइन से करना चालू कर दिया था. हम इसकी तुलना किसी क्रिप्टोकरेंसी से न करते हुए पहले से बाजार में चल रही डिजिटल करेंसी से करेंगे. क्या आरबीआई का डिजिटल रुपया फिलहाल बाजार में मौजूद डिजिटल करेंसी के मुकाबले बेहतर है. ये कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे होंगे.
भारतीय बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क रिजर्व बैंक सीबीडीसी को वैध मुद्रा (लीगल मनी) के रूप में जारी करेगा. ये देश की करेंसी का एक डिजिटल रिकॉर्ड बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क या टोकन होगा जिसे लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
बिटकॉइन को लेनदेन के माध्यम के तौर पर कम और इन्वेस्टमेंट के रूप में अधिक देखा जाता है. RBI ने कहा कि डिजिटल रुपये से पेमेंट सिस्टम और सक्षम होगा. भारत अकेला नहीं है जो सीबीडीसी पर काम कर रहा है. कई देशों में इसके पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं.
डिजिटल रुपये का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आप इसे कैश में बदल सकते हैं. डिजिटल लेनदेन पर लगने वाला शुल्क कम हो जाएगा. डिजिटल रुपया किसी करेंसी फ्रॉड से बचने में अधिक सक्षम होगा क्योंकि इसकी हर यूनिट यूनिक होगी जैसा फिएट करेंसी या पेपर मनी के साथ होता है. इसे आप डिजिटल पेमेंट की ही तरह कोई भुगतान करने या स्टोर करने के लिए इस्तेमाल कर पाएंगे.
डिजिटल करेंसी एक जगह से दूसरी जगह पर ट्रांसफर होने के लिए बैंकों के सिस्टम से होकर गुजरती है. डिजिटल रुपया निर्बाध रूप से भुगतान करने से प्राप्त करने वाले के पास जाएगा. सीबीडीसी केंद्रीय बैंक की जिम्मेदारी है किसी कमर्शियल बैंक की नहीं. इसका सबसे जबरदस्त फीचर है कि आपके पास अगर बैंक खाता नहीं है तब भी इससे डिजिटली पैसा ट्रांसफर हो पाएगा जबकि डिजिटल करेंसी के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता है.
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Jagran Trending: Cryptocurrency और Digital Currency में क्या है फर्क? इनके बारे में जानें
Cryptocurrency vs digital Currency इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी काफी चर्चाओं में रहती हैं। हालांकि बड़ी संख्या में अभी लोगों को इनके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क ऐसे में चलिए आपको इन दोनों में अंतर क्या है इसके बारे में बताते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मौजूदा समय में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और डिजिटल करेंसी (Digital Currency) की काफी चर्चा हो रही है लेकिन बहुत से लोग क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी को एक ही मान रहे हैं जबकि ऐसा नहीं है, यह दोनों एक नहीं हैं। दोनों में बहुत अंतर है। 1 फरवरी, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि 'क्रिप्टो कोई करेंसी नहीं है, करेंसी वह होती है, जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है।'
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में फर्क?
डिजिटल करेंसी को देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाएगा। इसे सरकार द्वारा रेगुलेट किया जाएगा। इसीलिए, सरकारी डिजिटल करेंसी में निवेश सुरक्षति होगा। सरकारी डिजिटल करेंसी को ऑफलाइन रुपये, डॉलर और बाकी विदेशी करेंसी में बदला जा सकेगा। वहीं, क्रिप्टोकरेंसी प्राइवेट करेंसी होती है। इसे डिजिटल एसेट कहा जाता है। कोई सरकार, क्रिप्टोकरेंसी का रेगुलेशन नहीं करती है।
इसीलिए, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना खतरनाक होता है। क्रिप्टोकरेंसी मूल्य का एक भंडार होती है, इन्हें भी एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित किया जाता है। इन्हें उन्नत ब्लॉकचेन तकनीक के इस्तेमाल से बनाया जाता है। साधारण शब्दों में कहें, तो डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, डॉजीकॉइन, इथिरियम की तरह ही होगी लेकिन इसे सरकार रेगुलेट करेगी। यह एन्क्रिप्शन बेस्ड हो सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी को रुपये में बदलने पर लगता है टैक्स
ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ पंकज मठपाल ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी को रुपये में बदलने पर टैक्स लगता है। यानी, अगर किसी व्यक्ति के पास क्रिप्टोकरेंसी है और वह चाहता है कि उसके बदले वह रुपया ले, तो ऐसे करने पर उसे टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण 2022 में ऐलान किया था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाएगी। यह नियम एक अप्रैल से लागू हो गया है।
फिलहाल, डिजिटल करेंसी को लेकर टैक्स के संदर्भ में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन, उम्मीद है कि क्योंकि डिजिटल करेंसी सरकार द्वारा रेगुलेट की जाएगी तो इसे कैश में बदलने पर टैक्स से दूर रखा जा सकता है।
Jagran Trending: Cryptocurrency और Digital Currency में क्या है फर्क? इनके बारे में जानें
Cryptocurrency vs digital Currency इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी काफी चर्चाओं में रहती हैं। हालांकि बड़ी संख्या में अभी लोगों को इनके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। ऐसे में चलिए आपको इन दोनों में अंतर क्या है इसके बारे में बताते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मौजूदा समय में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और डिजिटल करेंसी (Digital Currency) की काफी चर्चा हो रही है लेकिन बहुत से लोग क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी को एक ही मान रहे हैं जबकि ऐसा नहीं है, यह दोनों एक नहीं हैं। दोनों में बहुत अंतर है। 1 फरवरी, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि 'क्रिप्टो कोई करेंसी नहीं है, करेंसी वह होती है, जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है।'
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में फर्क?
डिजिटल करेंसी को देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाएगा। इसे सरकार द्वारा रेगुलेट किया जाएगा। इसीलिए, सरकारी डिजिटल करेंसी में निवेश सुरक्षति होगा। सरकारी डिजिटल करेंसी को ऑफलाइन रुपये, डॉलर और बाकी विदेशी करेंसी में बदला जा सकेगा। वहीं, क्रिप्टोकरेंसी प्राइवेट करेंसी होती है। इसे डिजिटल एसेट कहा जाता है। कोई बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क सरकार, क्रिप्टोकरेंसी का रेगुलेशन नहीं करती है।
इसीलिए, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना खतरनाक होता है। क्रिप्टोकरेंसी मूल्य का एक भंडार होती है, इन्हें भी एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित किया जाता है। इन्हें उन्नत ब्लॉकचेन तकनीक के इस्तेमाल से बनाया जाता है। साधारण शब्दों में कहें, तो डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, डॉजीकॉइन, इथिरियम की तरह ही होगी लेकिन इसे सरकार रेगुलेट करेगी। यह एन्क्रिप्शन बेस्ड हो सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी को रुपये में बदलने पर लगता है टैक्स
ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ पंकज मठपाल ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी को रुपये में बदलने पर टैक्स लगता है। यानी, अगर किसी व्यक्ति के पास क्रिप्टोकरेंसी है और वह चाहता है कि उसके बदले वह रुपया ले, तो ऐसे करने पर उसे टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण 2022 में ऐलान किया था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाएगी। यह नियम एक अप्रैल से लागू हो गया है।
फिलहाल, डिजिटल करेंसी को लेकर टैक्स के संदर्भ में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन, उम्मीद है कि क्योंकि डिजिटल करेंसी सरकार द्वारा रेगुलेट की जाएगी तो इसे कैश में बदलने पर टैक्स से दूर रखा जा सकता है।
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