क्या है Bitcoin और Cryptocurrency, कैसे होती है इसकी माइनिंग?
राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। क्योंकि, कई देशों में इसे अवैध माना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम जो सुना जाता है वो बिटकॉइन (Bitcoin) का है और बिटकॉइन आज कल काफी ट्रैंड में चल रहा है। कई लोग तो ऐसा मानते हैं कि, सिर्फ Bitcoin ही एक क्रिप्टोकरेंसी है। जबकि मार्केट में कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल हैं। हालांकि, आज भी ज्यादातर लोग Bitcoin में ही इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। इसलिए हम समझें कि आखिर क्या है Bitcoin? साथ ही विस्तार से इससे जुड़े तथ्य।
क्या है Bitcoin?
Bitcoin करेंसी तो है, लेकिन यह एक क्रिप्टोकरेंसी है। इसे 'सातोशी नकामोति' ने 2008 में बनाया था, लेकिन किसी को यह आज तक नहीं पता चल पाया है कि यह कोई इंसान है, या ऑर्गनाइज़ेशन है। सातोशी Bitcoin की एक कोड भी है। इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। हम यह कह सकते हैं कि Bitcoin एक कोड है। इसे एक डिजिटल डॉक्यूमेंट भी कहा जा सकता है। इसे ख़रीदा भी जा सकता है। हालांकि रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन इसके बाद भी भारत में Bitcoin को ख़रीदा जा सकता है। सातोशी नकामोति ने दुनिया में टोटल 2.1 करोड़ Bitcoin बनाये हैं। Bitcoin सोने के भाव में बिकता है। इसके कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी ?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक तरह की करेंसी है। लेकिन इसे केवल इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन ही बनाना संभव है।
Bitcoin की ग्रोथ :
अगर हम Bitcoin की ग्रोथ देखें तो इसकी शुरुआत में कोई ग्रोथ नहीं हुई थी। 2009 में Bitcoin को लांच किया गया था तब उसकी वैल्यू 0 डॉलर थी। ना कोई उसे खरीदता था न ही बेचता। इतना ही नहीं 2010 में भी इसकी वैल्यू 1 डॉलर तक नहीं पहुंची। यह केवल लगभग 32 पैसे पर आकर रुक गया था। 2010 यह 18 से 20 रुपये तक ही पंहुचा था। ऐसे ही 2012 में इसकी कीमत 850 रुपये, 2014 में 31000 रुपयेऔर 2014 में इसकी कीमत 58000 रुपये, 2017 में 61722 रुपयेतक पहुंची, लेकिन 2012 से 2017 तक इसकी ग्रोथ देखे तो यह 87000% तक पहुंच गई थी। हालांकि, उसके बाद से Bitcoin में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहा, लेकिन अब काफी समय से इसमें गिरावट का दौर ही जारी है। बता दें, मार्केट में करीब डेढ़ करोड़ Bitcoins आ चुके हैं।
कैसे माइनिंग होता है Bitcoin ?
Bitcoin जारी करने की प्रक्रिया “माइनिंग” कहलाती है। Bitcoin को माइन करने के लिए 2 key होती हैं। एक भेजने के लिए और दूसरी प्राप्त करने के लिए। इसका सिस्टम ठीक एक लाटरी जैसा होता है। लाटरी सिस्टम से जो कोई जटिल गणित के सवाल का उत्तर दे पाएगा उसको कुछ Bitcoin इनाम में मिलेंगे। जैसे-जैसे Bitcoin बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे गणित के सवाल और भी जटिल होते जाते हैं। Bitcoin से जुड़ा लेनदेन बिटकॉइन से जुड़े हर इंसान को पता रहता है लेकिन किसने ख़रीदा और किससे ख़रीदा इस बात की गोपनीयता बनी रहती है। इससे धोखाधड़ी की शिकायतें कम हो जाती हैं। आप Unocoin द्वारा Bitcoin खरीद सकते हैं।
Bitcoin के लेन-देन का लेज़र:
Bitcoin के लेन-देन का एक लेज़र बनाया जाता है। यह एक ओपन लेज़र होता है। इसके लेज़र से पूरी जानकारी (पहले बिटकॉइन से लास्ट तक) प्राप्त की जा सकती है। बिटकॉइन का जो सबसे लम्बा लेज़र मेंटेन करता है उसी का लेज़र माना जाता है और उसे ही इनाम के तौर पर बिटकॉइन मिलते हैं। ऐसे बहुत लोग लेज़र मेंटेन करते हैं। बिटकॉइन का लेज़र मेंटेन करने के लिए भी आपको कुछ इनाम दिया जाता है। लेज़र मेंटेन करने से आप धोखाधड़ी के शिकार नहीं होते है। Bitcoin का कोड बहुत कठिन होता है। जिसे हैक करना बहुत मुश्किल है।
Bitcoin से लेनदेन :
कई लोग यह सोचते हैं कि यह एक न दिखने वाली करेंसी है तो क्या इससे लेन-देन संभव होगा? तो हम आपको बताते हैं कि, जी हाँ Bitcoin से लेन-देन बिलकुल संभव है। Bitcoin द्वारा सबसे पहले पिज्जा खरीदा गया था और आज लगभग 1 लाख से भी ज्यादा व्यपारी Bitcoin से लेन-देन करते हैं। Bitcoin का भुगतान किसी ऐप के द्वारा भी किया जा सकता है। Dell, PayPal, Microsoft, जैसी कंपनिया भी Bitcoin को स्वीकार करती हैं। Bitcoin के लेनदेन का एक नुकसान यह है कि इससे कहीं-कहीं ड्रग्स का भी लेनदेन किया जा रहा है। क्योंकि इससे पता नहीं चलता की कौन खरीद रहा है कौन बेच रहा है।
Bitcoin से जुड़ी कुछ बातें:
दिसम्बर 2017 में Bitcoin की वैल्यू एक लाख डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी।
देशभर के Bitcoin एक्सचेंजों पर IT विभाग ने दिसम्बर 2017 में छापेमारी की थी।
Bitcoin की कीमत में भारी गिरावट भी दर्ज की जाती है।
कभी-कभी Bitcoin में निवेश करना मंहगा पड़ जाता है।
Bitcoin लोगो को बहुत जल्दी आकर्षित करता है।
हम Bitcoin को पेमेंट सिस्टम भी कह सकते हैं।
Bitcoin से एक बार अमिताभ बच्चन को 100 करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ था लेकिन इसमें गिरावट आने से उनको करोड़ों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ा था।
आज तक किसी को नहीं पता चल पाया है कि Bitcoin बढ़ता कैसे है।
अगर आपके पैसे Bitcoin द्वारा डूब गए तो इसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं की जाएगी।
Charlie Munger ने कहा था कि, 'Bitcoin एक बीमारी की तरह है।'
Warren Buffet ने 2014 में कहा था कि, 'Bitcoin एक धोका साबित हो सकता है।'
Benjamin Graham ने कहा था कि, 'Bitcoin लोगों को धोखे में लेकर डूबेगी।'
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क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग? क्यों पड़ती है इसकी जरूरत? समझें आसान भाषा में
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले उससे जुड़ी कुछ अहम बातों को जान लेना और समझना बेहद जरूरी है. इनमें से एक क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग भी है. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं.
What is Cryptocurrency Mining: पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की ओर लोगों का आकर्षण तेजी के साथ बढ़ा है. बड़ी संख्या में लोग खास तौर पर युवा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का विकल्प चुनते हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले उससे जुड़ी कुछ अहम बातों को जान लेना और समझना बेहद जरूरी है. इनमें से एक क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग भी है. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं.
बिटक्वॉइन माइनिंग क्या है?
बिटक्वॉइन माइनिंग एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा नए बिटक्वॉइन सर्रकुलेशन में आ जाते हैं. इस तरीके से नेटवर्क में नए ट्रांजैक्शन भी कन्फर्म हो जाते हैं. और माइनिंग को एक बेहतर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके किया जाता है. इसमें एक बेहद जटिल कंप्यूटेशनल मैथ प्रॉब्लम को सॉल्व किया जाता है. दो पहला कंप्यूटर सोल्यूशन का पता लगाता है, उसे बिटक्वॉइन्स का अगला ब्लॉक मिलता है. और प्रक्रिया दोबारा शुरू हो जाती है.
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग महंगी, जटिल और कम रिवॉर्ड देने वाली है. इसके साथ माइनिंग की ओर बहुत ने निवेशक इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि माइनर्स को उनके काम के लिए क्रिप्टो टोकन के तौर पर इनाम मिलता है. ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि उद्यमी की तरह लोग माइनिंग को स्वर्ग की ओर से इनाम के तौर पर देखते हैं.
माइनिंग क्यों की जाती है?
बहुत सी माइनिंग के पीछे मुख्य वजह होती है कि आपको बिटक्वॉइन मिल सकता है. इस बात को ध्यान में रखना जरूरी है कि क्रिप्टोकरेंसी टोकन्स को हासिल करने के लिए आपका माइनर होना जरूरी नहीं है. आप fiat करेंसी का इस्तेमाल करके भी क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं. और आप दूसरे क्रिप्टो का इस्तेमाल करके भी Bitstamp जैसे एक्सचेंज पर इसे ट्रेड कर सकते हैं. आप खरीदारी, ब्लॉग पोस्ट को पब्लिश करके भी कमा सकते हैं, जो यूजर्स को क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान करते हैं. इसके अलावा आप ब्याज कमाने वाले क्रिप्टो अकाउंट्स को भी बना सकते हैं.
बिटक्वॉइन रिवॉर्ड, जो माइनर्स को मिलता है, वह एक इंसेंटिव है, जो लोगों को माइनिंग के मुख्य उद्देश्य में सहायता करने के लिए प्रोत्साहित करता है.
माइनर्स को उनके काम के लिए ऑडिटर्स के तौर पर पैसा दिया जाता है. वे बिटक्वॉइन ट्रांजैक्शन्स की वैधता को वेरिफाई करने का काम करते हैं.
क्रिप्टो माइनिंग सेटअप बिजनेस कैसे शुरू करे Bitcoin Mining Rig Setup Business Hindi
Bitcoin के बारे में तो आज कौन नही जानता है क्योकि ये सबसे फेमस डिजिटल करेंसी है जिसने लोगो को करोड़ रुपये कमा के दिया है क्योकि दिन प्रतिदिन Bitcoin का rate धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा है. लेकिन बहुत से लोगो के मन में बहुत से सवाल है की Bitcoin करेंसी कैसे बनती है यह कैसे Operate होती है
या फिर Bitcoin से कैसे पैसे कमा सकते है ऐसे बहुत से सवाल बनते है आज इस आर्टिकल में हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे की Bitcoin Mining Rig Setup Business कैसे शुरु कर सकते है इसके अन्दर कितना खर्चा आता है या फिर इसके अन्दर कितने रुपये कमा सकते है |
Bitcoin Mining क्या है बिटकॉइन कैसे बनता है ?
What is Bitcoin Mining in Hindi :- Bitcoin Mining की बात करते है तो सबसे पहले यही दिमाग में आता है की जिस प्रकार से सोने चांदी की Mining होती है वैसे ही Bitcoin Mining होती होगी लेकिन ऐसा बिलकुल भी नही है Bitcoin Mining इस से बिलकुल अलग है Bitcoin के public Ledger में किसी ट्रांजेक्शन (अंतरण) को अपडेट करने की Process को Bitcoin माइनिंग कहा जाता है
Bitcoin Mining में दो चीजे आत्ती है एक नयी transaction को Block chain में add करता है और नए तैयार हुए Bitcoin को भी release करता है Bitcoin Mining में सबसे प्रमुख काम recent transactions को compile कर block तैयार करना होता है और इस से सोल्व करना होता है क्योकि बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजैक्शन पुरे तब होते हैं जब कोई क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? दूसरा User बिटकॉइन माइनिंग करके इन Blocks को Solve करता है।
इसमें जब कोई User अपने कंप्यूटर और हार्डवेयर इक्विपमेंट(Hardware equipment) Blocks को Solve करता है तो उसे ये मौका मिलता है की वो next block को place करे फिर वह यूजर Block Chain में अपना अवार्ड क्लेम कर सकता है और अवार्ड के रूप में यूजर को Bitcoin मिलते है
और Bitcoin को दुनिया में transaction के लिए Bitcoin Mining बहुत ज्यादा जरुरी है क्योकि बिटकॉइन माइनर (Bitcoin Miner) की मदद से बिटकॉइन माइन करता है तब बिटकॉइन के ट्रांजैक्शन पूरे होते हैं
भारत में क्रिप्टो माइनिंग सेटअप बिजनेस शुरू करने के लिए बाजार की संभावनाएं
यदि इस बिज़नेस के मार्किट स्कोप की बात करे तो इंडिया के अन्दर आज क्रिप्टो माइनिंग का बिज़नेस जोरो पर है और बहुत से लोग क्रिप्टो माइनिंग बिज़नेस में लगे हुए है इसलिए क्रिप्टो माइनिंग सेटअप करवा रहे है इसलिए Bitcoin Mining Rig Setup Business इंडिया के अन्दर अच्छा चलेगा और इसके अन्दर अच्छे पैसे कमा सकते है |
क्रिप्टो माइनिंग सेटअप बिजनेस के लिए जरूरी चीजे ( Requirements )
Bitcoin Mining Rig Setup Business Requirements :- इस Business को शुरु करने के लिए बहुत सी चीजो की जरुरत तो नहीं पड़ती लेकिन फिर भी जिन चीजों की जरुरत Business के आकार पर निर्भर करती है क्योकि ये बिज़नेस घर से शुरु कर सकते है या फिर कोई दूकान किराए पर लेके ये काम शुरु कर सकते है ,
- जगह ( Shop )
- इन्वेस्टमेंट (Investment)
- कर्मचारी
- मार्केटिंग
- बिजली की सुविधा (Electricity, water facilities)
- GST Number
क्रिप्टो माइनिंग सेटअप बिजनेस के लिए इन्वेस्टमेंट
Investments For Bitcoin Mining Rig Setup Business :- इस बिज़नेस के अन्दर निवेश इस Business और जमीन के ऊपर निर्भर करता है क्योकि यदि बड़ा Business शुरु करते है तो ज्यादा इन्वेस्टमेंट (Investment) करनी पड़ती है और छोटा बिज़नेस शुरु करते है ( Bitcoin Mining Rig Setup Business Business hindi ) तो उसके अन्दर कम इन्वेस्टमेंट (Investment) करनी पड़ती है और खुद की जमीन है तो कम पैसो में काम चल सकता है और यदि जमीन किराये पर लेते है या खरीदते है तो उसके अन्दर ज्यादा इन्वेस्टमेंट (Investment)करनी पड़ती है इसके अन्दर ज्यादा इन्वेस्टमेंट तो Bitcoin Mining Rig के स्टॉक के उपर करनी पड़ती है क्योकि इसके अन्दर ज्यादा कार पहले खरीदनी पड़ती है
- Shop Cost = Around Rs. 10,000
- Raw Material = 10 से 50 लाख (आपके बिज़नेस के budget के ऊपर डिपेंड करता है )
- अन्य खर्चे = 1 से 2 लाख रुपये
Total Investment :- Around Rs. 15 लाख To Rs. 50 लाख रुपये
क्रिप्टो माइनिंग सेटअप बिजनेस के लिए जगह ( Space )
Space For Bitcoin Mining Rig Setup Business :- वैसे तो इस बिज़नेस के अन्दर स्पेस ज्यादा मेटर नही करती है क्योकि इसके अन्दर ज्यादा फिल्ड के अन्दर काम होता है लेकिन एक ऑफिस होना चाहिए जिसके लिए कम से कम 150 से 200 स्क्वायर फीट जगह होनी चाहिए जिसके अन्दर अपना स्टॉक रख सकते है और कस्टमर आ सकते है |
क्रिप्टो माइनिंग सेटअप बिजनेस के लिए जरुरी डॉक्यूमेंट
Document For Bitcoin Mining Rig Setup :- Bitcoin Mining Rig Setup बिज़नेस के लिए क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? आवश्यक पंजीकरण और लाइसेंस राज्य के साथ भिन्न हो सकते हैं: जीएसटी पंजीकरण, एमएसएमई पंजीकरण, व्यापार लाइसेंस, Bitcoin Mining Rig Setup Business Hindi
Personal Document (PD) :- Personal Document के अन्दर बहुत से डॉक्यूमेंट होते है जैसे :
- ID Proof :- Aadhaar Card , Pan Card , Voter Card
- Address Proof :- Ration Card , Electricity Bill ,
- Bank Account With Passbook
- Photograph Email ID , Phone Number ,
- Other Document
बिजनेस Document (PD)
- Business Registeration
- Business pan card
- GST Number
क्रिप्टो माइनिंग सेटअप बिजनेस के लिए Raw Materail
Bitcoin Mining Rig Setup Components :-
- Motherboard.
- Graphics card(s)
- Power supply
- Cooling
- CPU
- Frame
- Setup Tools
क्रिप्टो माइनिंग सेटअप बिजनेस के अन्दर प्रॉफिट Crypto mining setup Business
Profit Margin InBitcoin Mining Rig Setup Business :- इस बिज़नेस के अन्दर 20 % से 30% से ज्यादा प्रॉफिट मार्जिन मिलता है तो क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? इस हिसाब से इस बिज़नेस के अन्दर अच्छे पैसे कमा सकते है यदि आपको अच्छी शॉप मिल जाये तो अच्छे रेट पर सामान मिल जाता है और अच्छे पैसे कमा सकते है इसके लिए आप दिल्ली या बंगलोर जैसी सिटी के अन्दर मार्किट देखे वंहा सस्ते रेट पर सभी Components मिल जायेंगे
क्रिप्टो माइनिंग सेटअप बिज़नेस मार्केटिंग
Marketing of Bitcoin Mining Rig Setup Business :- किसी भी Business के लिए मार्केटिंग की भी जरूरत होती है अंडे की मार्केटिंग के लिए सबसे अच्छा तरीका है पब्लिसिटी के लिए लोकल टीवी पर एड चलाएं. पेपर में एड दें. कलर पेपर पर बढ़िया सा पम्पलेट छपवाकर शहर में बटवाएं. ऐसे बहुत से तरीके है जिस से मार्केटिंग कर सकते है शॉप के भर सेल्स मैन भी रख सकते है
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जानिए कैसे कजाकिस्तान की अशांति ने दिया बिटकॉइन माइनिंग इंडस्ट्री को झटका
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कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहा कजाकिस्तान इन दिनों जबरदस्त हिंसा से गुजर रहा है. इसकी शुरुआत पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत बढ़ने के विरोध के रूप में हुई और जल्दी ही इसने गृहयुद्ध का रूप ले लिया. इस हिंसा में 150 से ज्यादा लोग मारे गए, हजारों घायल हुए और हजारों गिरफ्तार किए गए हैं. भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी जैसी समस्याओं के कारण राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोकायेव की सरकार के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है.
विद्रोह दबाने के लिए पूर्व राजधानी अलमाटी समेत कई शहरों में इंटरनेट और टेलीकम्युनिकेशन सेवाएं कई दिनों के लिए बंद कर दी गईं. अलमाटी में पांच दिनों बाद इंटरनेट सेवा तो बहाल कर दी गई, लेकिन कई शहरों में एहतियातन अभी अंकुश जारी है. इस अशांति ने एक नई उभरती इंडस्ट्री को बड़ा झटका दिया है और वह है क्रिप्टो करेंसी माइनिंग इंडस्ट्री.
18% बिटकॉइन की माइनिंग कजाकिस्तान में ही
पिछले साल बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा कजाकिस्तान में ही हो रही थी. पूरी दुनिया में जितनी क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग होती है, उसका 18 से 20 फीसदी कजाकिस्तान में ही किया जा रहा था. लेकिन इंटरनेट सेवा बंद होने से वहां क्रिप्टो माइनिंग लगभग ठप पड़ गई. इस साल 10 दिनों में बिटकॉइन की वैल्यू जो 47 हजार डॉलर से घटकर 40 हजार डॉलर पर आई है, उसकी एक वजह कजाकिस्तान भी है. वैसे चार महीने में बिटकॉइन की वैल्यू 68 हजार डॉलर से 40 फीसदी घटी है.
चीन में रोक के बाद कजाकिस्तान में माइनिंग
कजाकिस्तान करीब एक साल से ही क्रिप्टो करेंसी माइनिंग का हब बना है. खासकर जब चीन में इस पर अंकुश लगाया गया. बिटकॉइन सबसे ज्यादा चलन वाली क्रिप्टो करेंसी है. वर्षों तक चीन ही में ही इसकी सबसे ज्यादा माइनिंग होती थी. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के अनुसार 2019 में 75% बिटकॉइन की माइनिंग चीन में हुई थी. पिछले साल भी अप्रैल में दो-तिहाई बिटकॉइन की माइनिंग चीन में ही हुई थी. लेकिन उसके बाद चीन सरकार ने माइनिंग के साथ-साथ क्रिप्टो करेंसी क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? के ट्रेड पर भी प्रतिबंध लगा दिया.
दरअसल क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग में बहुत ज्यादा बिजली खर्च होती है, इससे कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है. चीन ने कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबंध लगाया है. उसके बाद ही माइनिंग इंडस्ट्री ने कजाकिस्तान और कनाडा जैसे देशों में नया ठिकाना बनाया.
माइनिंग में शक्तिशाली कंप्यूटरों का इस्तेमाल
माइनिंग को मोटे तौर पर इस तरह समझा जा सकता है. क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं. कंप्यूटरों के जरिए एक तरह की मैथमेटिक्स की पहेली को सुलझाना होता है. सुलझाने वाले को एक ‘ब्लॉक’ मिलता है. एक ब्लॉक का मतलब है 6.क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? 25 बिटकॉइन. इसी को माइनिंग कहते हैं.
बिटकॉइन के शुरुआती दिनों में घरों में इस्तेमाल होने वाले सामान्य कंप्यूटर से माइनिंग की जा सकती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब इसके लिए शक्तिशाली हाइटेक कंप्यूटरों के नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है. ये कंप्यूटर लगातार चलते रहते हैं और काफी बिजली खपत करते हैं. कंप्यूटर लगातार चलने से उनका हार्डवेयर ज्यादा गर्म ना हो जाए, इसके लिए कूलिंग की भी जरूरत पड़ती है. इसलिए अब बड़े डाटा सेंटर में माइनिंग की जाने लगी है.
स्वीडन से ज्यादा बिजली खर्च होती है बिटकॉइन में
जितनी ज्यादा बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी बाजार में आती है, नए कॉइन की माइनिंग उतनी अधिक मुश्किल होती जाती है. तब नए कॉइन की माइनिंग में और ज्यादा बिजली खर्च होती है. अनुमान है कि बिटकॉइन की माइनिंग का 60% खर्च बिजली का ही होता है. हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू ने मई 2021 में एक रिपोर्ट में बताया कि बिटकॉइन तैयार करने में हर साल 110 टेरा यूनिट बिजली खर्च होती है. यह दुनिया के कुल बिजली उत्पादन का 0.55% है.
दूसरे शब्दों में कहें तो मलेशिया और स्वीडन जैसे छोटे देशों में लोग हर साल जितनी बिजली खर्च करते हैं, उतनी बिजली सिर्फ बिटकॉइन बनाने में खर्च हो जाती है. बीते पांच वर्षों में क्रिप्टो करेंसी बनाने में बिजली का खर्च 10 गुना बढ़ा है. माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि बिटकॉइन के हर काम में जितनी बिजली खर्च होती है, उतनी किसी और काम में नहीं होती.
इसलिए कजाकस्तान में बढ़ी क्रिप्टो माइनिंग
क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग दुनिया में कहीं भी हो सकती है, लेकिन बिजली खपत अधिक होने के कारण माइनिंग इंडस्ट्री वहीं ठिकाना बनाती है जहां बिजली सस्ती हो. चीन के कुछ प्रांतों में बरसात के दिनों में पनबिजली सरप्लस हो जाती है. इसलिए भी चीन में क्रिप्टो माइनिंग बढ़ी. कजाकस्तान में दुनिया का तीन फीसदी तेल भंडार है.
इसके अलावा कोयला और गैस का भी विशाल भंडार है. इसलिए वहां बिजली सस्ती थी और माइनिंग इंडस्ट्री ने वहां डेरा क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? जमाया क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? था. लेकिन मांग ज्यादा बढ़ने के कारण हाल में बिजली कटौती होने लगी. विशेषज्ञों का अनुमान है कि नए घटनाक्रम के बाद यह इंडस्ट्री किसी सुरक्षित जगह का रुख कर सकती है.
क्रिप्टो माइनिंग में एक और समस्या ई-वेस्ट की है. क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग में लगे लोग लगातार नए और तेज कंप्यूटर चाहते हैं, क्योंकि तभी उन्हें ‘ब्लॉक’ मिल पाएगा. एक अनुमान के मुताबिक हर डेढ़ से दो साल में माइनिंग हार्डवेयर की क्षमता की जरूरत दोगुनी हो जाती है. ऐसे में पुराने कंप्यूटर बेकार हो जाते हैं. इसलिए बिटकॉइन से जितना ई-वेस्ट निकलता है, वह कई देशों में निकलने वाले ई-वेस्ट से ज्यादा है.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi उत्तरदायी नहीं है.)
सुनील सिंह वरिष्ठ पत्रकार
लेखक का 30 वर्षों का पत्रकारिता का अनुभव है. दैनिक भास्कर, अमर उजाला, दैनिक जागरण जैसे संस्थानों से जुड़े रहे हैं. बिजनेस और राजनीतिक विषयों पर लिखते हैं.
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