निवेशक को स्टॉक स्प्लिट्स से क्या फायदा होता ?,देखिये अब स्टॉक स्प्लिट्स के बाद निवेशक के शेयर्स की संख्या बढ़ जाती है और शेयर्स के दाम घट स्टॉक स्प्लिट vs बोनस शेयर जाते है ,जिससे की नए निवेशक को कम दाम में कंपनी के शेयर्स मिल जाते है

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900 फीसदी की तेजी के बाद आई शेयर की कीमतों में कमी, इन निवेशकों को मिलेंगे बोनस शेयर

नई दिल्ली | शेयर मार्केट (Share Market) में इस सप्ताह कुछ कंपनियों पर सभी की निगाहें टिकी हुई है. इन कंपनियों में से अल्स्टोन टेक्सटाइल लिमिटेड भी एक है. कंपनी की तरफ से बोनस इश्यू करने के साथ-साथ अपने स्टॉक को 10 टुकड़ों में बांटा जा रहा है. BSE मे कंपनी के शेयर का भाव पिछले 5 महीने के दौरान 927.30 प्रतिशत तक बढ़ा है. वही पिछले कुछ दिनों से कंपनी के शेयरों में कुछ गिरावट भी देखी जा स्टॉक स्प्लिट vs बोनस शेयर सकती है. स्टॉक मार्केट को दी गई जानकारी में कंपनी की तरफ से बताया गया है कि बोर्ड के एक शेयर को 10 हिस्सों में बांटा जाएगा.

Share Market 1

इस कंपनी के शेयरों ने दिया बंपर रिटर्न

इसके अलावा, अल्स्टोन की तरफ से निवेशकों को 9 शेयर दिए जाएंगे. कंपनी ने स्टॉक स्लिप्ट और बोनस शेयर के लिए रिकॉर्ड डेट 14 दिसंबर तय की है. रिकॉर्ड डेट तक जिस किसी निवेशक का नाम कंपनी के रिकॉर्ड बुक में रहेगा, उसी को स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर का फायदा मिलेगा. पिछले 5 सालों की बात की जाए तो कंपनी के शेयरों का भाव 17 रूपये से बढ़कर 168.80 रूपये के लेवल तक पहुंच चुका है.

साल 2022 में कंपनी ने अपने पोजीशनल निवेशकों को 1500% से अधिक का रिटर्न दिया है. कंपनी का 52 वीक हाई प्राइस 347.75 रूपये रहा है. अल्स्टोन के शेयरों का भाव 5 दिसंबर को लोअर सर्किट लगने की वजह से 208.95 रूपये के लेवल पर आ गया था. मौजूदा समय में ओअर सर्किट लगने की वजह से शेयरों का भाव 161.80 रूपये के लेवल पर आ गया.

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Stock Split क्या है – What Is Stock Split In Hindi

स्टॉक स्प्लिट का मतलब होता शेयर्स का विभाजन, जिस तरह split का हिंदी में मतलब किसी चीज़ का विभाजन होता है ठीक उसी तरह शेयर मार्किट में स्टॉक स्प्लिट का मतलब शेयर्स का विभाजन होता है ,यह एक Corporate Action है ,जो स्टॉक मार्किट में लिस्टेड कंपनियों द्वारा इच्छानुसार किया जाता है ,स्टॉक स्प्लिट vs बोनस शेयर इसका मतलब जरुरी नहीं है की स्टॉक मार्किट में लिस्टेड हर एक कंपनी अपने स्टॉक स्प्लिट करेगी ,स्टॉक स्प्लिट करने का फैसला कंपनी का निजी फैसला होता है

कंपनियों द्वारा स्टॉक स्प्लिट vs बोनस शेयर स्टॉक स्प्लिट शेयर्स को तोड़ने तथा बाजार में अपनी कंपनी के शेयर्स की संख्या को बढ़ाने के काम में आता है ,कंपनिया अपने शेयर्स को किसी भी अनुपात 1,2,3,4 इत्यादि में स्प्लिट कर सकती है ,

जैसे हम stock split example से समझते है ,अगर कोई ABC कंपनी अपने स्टॉक को 1 :1 अनुपात में स्प्लिट करती है तो प्रत्येक व्यक्ति जो उस कंपनी का निवेशक है उसके शेयर्स का 1 :1 अनुपात में विभाजन हो जायगा और उसके प्रत्येक शेयर अब स्टॉक स्प्लिट vs बोनस शेयर दो शेयर्स में तब्दील हो जायँगे

क्या Stock Split करने से कंपनी के मार्किट कैप पर कोई असर होता है ?

जी नहीं स्टॉक स्प्लिट करने से कंपनी के मार्किट कैप में कोई असर नहीं पड़ता ,जब कंपनी अपने स्टॉक को किसी अनुपात में स्प्लिट करती है ,तो उसी अनुपात में उसके प्रत्येक शेयर्स की मार्किट वैल्यू कम हो जाती है जैसे की हमने अपने पिछले उदाहरण में देखा की कंपनी ABC ने अपने शेयर्स को 1 :1 अनुपात में विभाजन करने का निर्णय लिया ,

मान लीजिये कंपनी के पास 10,000 शेयर्स है जिनमे प्रत्येक शेयर्स की मार्किट वैल्यू 1000 रूपए है ,इसी तरह कंपनी का मार्किट कैप 10,000*1000 =100,00000 यानी 1 करोड़ रूपए है ,अब जब कंपनी 1:1 अनुपात में शेयर्स को स्प्लिट करती है ,तो उसके शेयर्स की संख्या 20,000 हो जाएगी ,और प्रत्येक शेयर की मार्किट वैल्यू 1:1 अनुपात में घटकर 500 रूपए हो जाएगी , 20,000*500=100,00000 लेकिन उसका मार्किट कैप 1 करोड़ रूपए ही रहेगा

क्यों लाया जाता है Stock Split क्या इससे कंपनी या निवेशक को कोई फायदा होता है ?

कंपनी स्टॉक स्प्लिट क्यों करती है ,इसके दो कारण हो सकते है ,जैसे की अपने कंपनी के शेयर्स को बढ़ाना ताकि और और लोग कंपनी के शेयर्स ले सके और दूसरा liquidity ,

जैसे जैसे कंपनी के शेयर्स के दाम बढ़ते है वैसे ही उसमे liquidity की दिक्कत आने लगती है ,liquidity का मतलब होता है शेयर्स को बेचना ,क्योंकि ज्यादातर लोग महंगे शेयर्स को नहीं ले सकते है ,जिस तरह MRF कंपनी का एक शेयर 60,000 रूपए का है अब हर कोई 60,000 रूपए का शेयर्स नहीं ले सकता ,जिस कारण MRF के शेयर्स में liquidity की दिक्कत रहती है क्योंकि उनके निवेशक को खरीदार मिलना मुश्किल हो जाता है ,

ठीक इसी प्रकार कंपनी liquidity की समस्या कम करने और शेयर्स की संख्या को बढ़ाने के लिए कंपनी अक्सर अपने स्टॉक को स्प्लिट करती है ,ताकि छोटे निवेशक भी इन कंपनियों के शेयर्स में निवेश कर सके

हर एक शेयर पर 2 बोनस शेयर दे रही ये सरकारी कंपनी, 1 लाख को 66 लाख रुपये बना चुका है ये स्टॉक

हर एक शेयर पर 2 बोनस शेयर दे रही ये सरकारी कंपनी, 1 लाख को 66 लाख रुपये बना चुका है ये स्टॉक

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड पिछले 10 साल में 66 गुना रिटर्न दे चुकी है. अब ये सरकारी कंपनी हर एक शेयर पर 2 बोनस शेयर दे रही है. जानिए क्या होते हैं बोनस शेयर और इससे फायदा होता है या नहीं.

आज का दिन भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (Bharat Electronics Ltd.) के शेयर धारकों के लिए बहुत ही खास है. आज 16 सितंबर को यह कंपनी अपने शेयर धारकों को 1 शेयर पर 2 बोनस शेयर (Bonus Share) दे रही है. कंपनी की तरफ से जारी बयान के मुताबिक 15 सितंबर एक्स बोनस डेट (Ex-Bonus Date) थी और आज 16 सितंबर को इसकी रेकॉर्ड डेट (Record Date) है. यह सरकारी कंपनी एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में काम करती है. अब सवाल ये है कि कंपनी बोनस शेयर क्यों दे रही है?

6 महीने में कंपनी ने दिया 63 फीसदी रिटर्न

अगर सिर्फ 6 महीनों की बात करें तो इस सरकारी कंपनी ने करीब 63.5 फीसदी रिटर्न दिए हैं. 15 मार्च 2022 को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स का शेयर बीएसई पर 205.40 रुपये के स्तर पर था. वहीं 14 सितंबर को यह शेयर 335.90 रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है. अगर पिछले एक साल की बात करें तो भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयर करीब 62 फीसदी चढ़े हैं.

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने अपने शेयर धारकों को तगड़ा रिटर्न दिया है. कंपनी के शेयर 1 नवंबर 2002 को बीएसई पर सिर्फ 5.06 रुपये के स्तर पर थे. वहीं 14 सितंबर तक कंपनी के शेयर 335.90 रुपये स्टॉक स्प्लिट vs बोनस शेयर पर आ गए. यानी करीब 10 सालों में कंपनी ने 66 गुना से भी ज्यादा रिटर्न दिया है. ऐसे में अगर किसी शख्स ने नवंबर 2002 में कंपनी के शेयर में 1 लाख रुपये लगाए होते तो आज उसके पैसे 66 लाख रुपये बन चुके होते.

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समझिए एक्स-बोनस और रेकॉर्ड डेट का मतलब

शेयर बोनस तमाम कंपनियों में इस्तेमाल होने वाली आम प्रैक्टिस है, लेकिन निवेशक अक्सर इससे कनफ्यूज हो जाते हैं. इन मामलों में दो तारीखें बहुत ही अहम होती हैं, रेकॉर्ड डेट और एक्स-डेट. रेकॉर्ड डेट वह तारीख होती है, जिस पर या उससे पहले आपके पास शेयर होना जरूरी है, तभी फायदा मिलेगा. वहीं एक्स-डेट रेकॉर्ड डेट से एक-दो दिन पहले की तारीख होती है, ताकि उस तारीख पर अगर आप शेयर खरीदें तो रेकॉर्ड डेट तक वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएं.

बोनस शेयर के जरिए एक कंपनी अपने शेयरों की संख्या को बढ़ाती है, जिससे स्टॉक की फेस वैल्यू घट जाती है. कंपनियां स्टॉक स्प्लिट इसलिए करती हैं, ताकि स्टॉक की कीमत घटाई जा सके. कीमत कम होने की वजह से छोटे रिटेल निवेशक भी उसे स्टॉक स्प्लिट vs बोनस शेयर आसानी से खरीद पाते हैं, जिससे लिक्विडिटी बढ़ती है. जैसे कंपनी हर एक शेयर पर 2 बोनस शेयर दे रही है, यानी अब आपके पास शेयरों की संख्या 3 हो जाएगी. वहीं एक शेयर की कीमत 336 रुपये के करीब थी, ऐसे में अब एक शेयर 112 रुपये के करीब का हो गया है.

पहले बना Multibagger,अब मिल रहा 1 शेयर पर 9 Bonus Share,जाने कब है लास्ट डेट

तो आइए दोस्तो जानते है ,यह कौनसी कंपनी है जो अपने निवेशकों को बोनस शेयर का तोहफा देने जा रही है
साथ ही जानेंगे यह कंपनी क्या कार्य करती है ,कंपनी का फंडामेंटल कैसा है,तथा कंपनी में प्रमोटर की होल्डिंग कितनी है ….

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