SBI के इन योजनाओं में निवेश करने वाले लोग हुए मालामाल, 5 साल में मिला शानदार रिटर्न
SBI Mutual fund: आज के दौर जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही उसका आप पर असर ना पड़े इसलिए सही जगह निवेश बहुत जरूरी हो गया है। ऐसे में अगर आप इस बात के लिए परेशान हैं कि निवेश के लिए बेहतर विकल्प क्या होगा.
SBI Mutual fund: आज के दौर जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही उसका आप पर असर ना पड़े इसलिए सही जगह निवेश बहुत जरूरी हो गया है। ऐसे में अगर आप इस बात के लिए परेशान हैं कि निवेश के लिए बेहतर विकल्प क्या होगा, तो आपको बता दें कि म्युचुअल फंड एसआईपी (सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान) एक बेहतर विकल्प हो सकता है। टैक्स और इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट के अनुसार अगर हम मध्यम और लम्बे समय के लिए एसआईपी में निवेश करते हैं तो मूलधन खोने की संभावना कम ही रहती है। लेकिन आपने इसका चुनाव कैसे किया है यह ज्यादा महत्वपूर्ण है।
अगर हम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के म्युचुअल फंड की बात करें तो एसबीआई टेक्नालॉजी अपाॅर्चुनिटीज फंड, एसबीआई फोकस्ड इक्विटी और एसबीआई मैग्नम इक्विटी ईएसजी फंड ऐसे प्लान हैं जिन्होंने पिछले 5 सालों में शानदार रिटर्न है। अच्छी बात यह है कि इनमें एकमुश्त और एसआईपी दोनों में ही शानदार रिटर्न मिला है। आइए जानते हैं कि कहां सबसे अधिक लाभ हुआ है-
1- एसबीआई टेक्नालॉजी अपाॅर्चुनिटीज फंड : वैल्यू रिसर्च डाटा के अनुसार अगर कोई एकमुश्त 1 लाख रुपये जमा किया तो 5 साल में यह 3.26 लाख रुपये हो गया। वहीं, अगर एसआईपी निवेशक 10 हजार रुपये से महीने की शुरुआत करते हैं 5 साल बाद आज के समय में यह 14.51 लाख रुपये हो गया है।
2- एसबीआई फोकस्ड इक्विटी : यहां भी निवेश करने वाले लोगों को बहुत ही शानदार रिटर्न मिला है। वैल्यू रिसर्च डाटा के अनुसार अगर किसी व्यक्ति ने 5 साल पहले इस स्कीम में एकमुश्त 1 लाख रुपया लगाया था। तो आज के समय में यह बढ़कर 2.19 लाख हो गया है। वहीं, अगर किसी ने 10 हजार रुपये के मंथली SIP से शुरुआत की थी तो अब वह बढ़कर 10.23 लाख रुपये हो गई है।
3- एसबीआई मैग्नम इक्विटी ईएसजी फंड : यहां भी निवेश करने वाले लोग पिछ्ले पांच साल में शानदार रिटर्न पाने में सफल रहे हैं। किसी निवेशक ने अगर पांच साल पहले 10 हजार रुपये के मंथली एसआईपी के साथ शुरुआत की होगी तो उन्हें आज के समय 9.68 लाख रुपये मिलेंग। वहीं, एकमुश्त 1 लाख रुपये जमा करने वाले व्यक्ति को 1.93 लाख रुपये प्राप्त हुए होंगे।
इंश्योरेंस (Insurance) और निवेश (Investment) में क्या अंतर है, आपको ये जरूर पता होना चाहिए
Insurance Vs Investment: देश में करीब 90 फीसदी लोग इंश्योरेंस (Insurance) के नाम पर या तो मनी बैक पॉलिसी या एंडोमेंट, या फिर यूलिप ले लेते हैं. जानकारों का कहना है कि इससे ना तो इंश्योरेंस का लक्ष्य पूरा हो पाता है और ना ही सही निवेश (Investment) हो पाता है. सही मायने में इंश्योरेंस का काम टर्म पॉलिसी ही करता है. टर्म पॉलिसी से कम प्रीमियम में एक बड़ी राशि का बीमा हो जाता है.
इस रिपोर्ट में इन्हीं सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे कि आपके लिए इंश्योरेंस कितना जरूरी है और कौन सी पॉलिसी आपके लिए बेहतर है. बाजार में इस समय कई तरह के इंश्योरेंस प्लान उपलब्ध हैं. इनमें टर्म इंश्योरेंस, एंडोमेंट प्लान, ULIP, मनी बैक लाइफ इंश्योरेंस, पेंशन प्लान और चाइल्ड इंश्योरेंस प्रमुख हैं.
टर्म इंश्योरेंस - Term Insurance
टर्म इंश्योरेंस के तहत कम प्रीमियम में बड़ी कवरेज मिल जाती है. साथ ही डिपेंडेंट को फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? स्टैबिलिटी भी मिलती है. हालांकि टर्म प्लान में मैच्योरिटी पर कम फायदा मिलता है.
एंडोमेंट प्लान - Endowment Insurance Plan
- प्रीमियम ज्यादा, बीमा की रकम कम
- निश्चित टर्म के बाद एक मुश्त रकम मिलेगी
- सालाना 4 फीसदी के आसपास रिटर्न
मनी बैक लाइफ इंश्योरेंस - Money Back Policy
- तय पीरियड पर मनी बैक का विकल्प
- मैच्योरिटी पर भी एक मुश्त रकम मिलेगी
- सालाना 4 फीसदी के आसपास रिटर्न
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)
- मार्केट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान है ULIP
- प्रीमियम का कुछ हिस्सा जाता है लाइफ इंश्योरेंस में
- प्रीमियम का बड़ा हिस्सा शेयर बाज़ार में निवेश करता है
- इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करने का ऑप्शन
- मंथली या सालाना आधार पर भर सकते हैं प्रीमियम
टर्म इंश्योरेंस की लोकप्रियता कम क्यों? Why is the popularity of term insurance low?
टर्म इंश्योरेंस को लेकर लोगों में जागरूकता का अभाव है. साथ ही मैच्योरिटी पर फायदे कम होने से भी इसकी ओर लोगों का रुझान कम रहता है. वहीं जीवन बीमा पॉलिसी से मैच्योर होने के बाद कुछ रकम मिलती है, जबकि परंपरागत टर्म इंश्योरेंस से कोई रकम नहीं मिलती है.
टर्म इंश्योरेंस का स्वरूप बदला- Nature Of Term Insurance
हालांकि अब मार्केट में ऐसे भी टर्म प्लान मौजूद हैं, जो कवर लेने वाले को मैच्योरिटी पर कुल प्रीमियम की राशि लौटा देते हैं. यानि अगर आपने टर्म प्लान लिया है और कवर अवधि के दौरान आपको कुछ भी नहीं हुआ तो कंपनी आपसे ली हुई कुल प्रीमियम की राशि आपको लौटा देगी. इस तरह के टर्म प्लान को टर्म इंश्योरेंस प्लान विद रिटर्न ऑफ प्रीमियम (TROP) कहा जाता है. इस तरह के प्लान का प्रीमियम थोड़ा अधिक होता है.
टर्म प्लान के साथ राइडर - Rider With Term Plan
समय के साथ जरूरत बदलती रहती है. बाजार में टर्म प्लान के साथ कई तरह के राइडर उपलब्ध हैं, जिनको आप अपनी पॉलिसी के साथ बहुत मामूली खर्चें पर जोड़ सकते हैं. इनमें मुख्य रूप से एक्सिडेंटल डेथ बेनिफिट राइडर, क्रिटिकल इलनेस राइडर, डिसेबिलिटी राइडर आदि शामिल हैं.
मासिक आय का जरिया - Monthly Income From Term Insurance
अगर बीमा लेने वाले व्यक्ति की पॉलिसी के दौरान अचानक मृत्यु हो जाती है और नॉमिनी मिलने वाले लाभ को एकमुश्त लेना नहीं चाहता है तो वह इसको मासिक आधार पर ले सकता है. बहुत सारे टर्म इंश्योरेंस प्लान में पहले से भी मासिक आधार पर राशि लेने की सुविधा है. अगर नॉमिनी चाहता है कि वह एक साथ राशि ले तो वह ऐसा बाद में भी कर सकता है.
कम प्रीमियम में बड़ा कवर - High Risk Cover In Low Premium
टर्म प्लान लेने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको कम प्रीमियम में बड़ा कवर देता है. आप 1 करोड़ रुपए का कवर बहुत ही कम प्रीमियम पर ले सकते हैं. ऐसा इसलिए है कि टर्म प्लान पूरी तरह से रिस्क प्लान होता है. इसलिए जो लोग कम प्रीमियम में बड़ा कवर लेना चाहते हैं, उनके लिए यह सबसे अच्छा विकल्प है. इसके साथ ही आप पॉलिसी टर्म के दौरान अपने कवर को चाहें तो बढ़ा भी सकते हैं. एक 35 साल के आदमी को 30 साल के लिए 1 करोड़ रुपये के कवर पर 12 से लेकर 15 हजार रुपए के बीच या आसपास देना पड़ सकता है.
कितना कवर होना चाहिए
अगर आपकी उम्र 40 साल से कम है तो एश्योर्ड रकम आपकी सालाना आय की 15 गुना होनी चाहिए और अगर आपकी उम्र 40 से 45 साल के बीच है तो यह राशि आपकी सालाना आय की 10 गुना होनी चाहिए.
HDFC LIFE सम्पूर्ण निवेश योजना: फीचर्स, फायदे और पूरी जानकारी - INVESTMENT PLAN
एचडीएफसी लाइफ ( HDFC LIFE ) सम्पूर्ण निवेश क्लासिक लाइफ ( Classic Life ) एक यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (Unit Linked Insurance Plan ) है जो विशेष रूप से कई फंड विकल्पों के साथ डिज़ाइन की गई है। एक, योजना पूंजी बाजार से जुड़े आकर्षक प्रतिफल देती है। दो, यह योजना अकाल मृत्यु से सुरक्षा के लिए जीवन बीमा (LIFE INSURANCE ) कवरेज भी प्रदान करती है। यह ग्राहकों को उनकी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न लाभ विकल्पों के साथ प्रदान करता है पॉलिसीधारक के पास तीन प्रीमियम भुगतान विकल्पों में से चुनने का विकल्प है। प्रीमियम का भुगतान पूरे कार्यकाल के लिए, सीमित अवधि के लिए या योजना शुरू होने के दौरान एक बार किया जा सकता है।
Invest In SIP : जानिए क्या है इसके फायदे और कैसे करें निवेश
कई म्यूचुअल फंड हाउस एसआईपी के जरिये अपनी योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को अतिरिक्त सुविधा के रूप में मुफ्त टर्म लाइफ इंश्योरेंस इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? प्रदान करते हैं।
SIP Investment : अगर आपको लगता है कि म्यूचुअल फंड में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan (SIP)) के जरिए निवेश करना एक स्मार्ट सेविंग टूल है, तो यहां आपके लिए अच्छी खबर हैं। आपके म्यूचुअल फंड एसआईपी (mutual fund SIP) में मुफ्त जीवन बीमा कवरेज (life insurance coverage) शामिल हो सकता है।
कई म्यूचुअल फंड हाउस (mutual fund houses offer) एसआईपी के जरिये से अपनी योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को अतिरिक्त सुविधा के रूप में मुफ्त टर्म लाइफ इंश्योरेंस सर्विस प्रोवाइड करते हैं। इसे एसआईपी बीमा कहा जाता है, जो अनिवार्य रूप से निवेशकों की मौजूदा बीमा योजना (existing insurance plan के लिए टॉप-अप के रूप में कार्य करता है।
SIP बीमा कैसे काम करता है?
बीमा से जुड़े फंड के तहत, म्यूचुअल फंड बिना किसी अतिरिक्त लागत के निवेशकों को समूह अवधि बीमा कवर प्रदान करते हैं। जीवन बीमा कवरेज एसआईपी की राशि (मुद्रा) से जुड़ा होता है और तब तक जारी रहता है जब तक निवेशक यहां अपना निवेश नहीं रखता।
वहीं बता दें कि क्लियर के फाउंडर और सीईओ अर्चित गुप्ता के अनुसार, निवेशक को एसआईपी कार्यकाल के अंदर मृत्यु होने पर मासिक एसआईपी के जरिये 20 से 120 गुना तक मृत्यु दर (मृत्यु लाभ) मिलता है।
उदाहरण के तौर पर, एएमसी पहले वर्ष में मासिक एसआईपी का 20 गुना, दूसरे वर्ष में मासिक एसआईपी का 75 गुना और तीसरे वर्ष में मासिक एसआईपी का 120 गुना अधिकतम 50 लाख रुपये तक का जीवन बीमा कवर प्रदान करता है। कई एएमसी मुफ्त जीवन बीमा की पेशकश तभी करते हैं जब निवेशक यानि इन्वेस्टर 36 महीने के टेन्योर के साथ एसआईपी का विकल्प चुनते हैं, ”
इस समय कौन से फंड हाउस इसे उपलब्ध करा रहे हैं?
निवेश डॉट कॉम के सीईओ और सह-संस्थापक (Co-Founder) अनुराग गर्ग के अनुसार, निप्पॉन, एक्सिस और पीजीआईएम जैसे फंड हाउस एसआईपी के साथ अपनी कुछ योजनाओं (आमतौर पर इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी हाइब्रिड योजनाओं) के लिए मुफ्त जीवन बीमा कवर प्रदान करते हैं।
क्या एसआईपी बीमा के लिए कोई न्यूनतम और अधिकतम प्रवेश आयु है?
निवेश डॉट कॉम के इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? गर्ग बताते हैं कि म्यूचुअल फंड द्वारा कुछ स्पेसिफाएड प्रवेश आयु है, जो एक फंड से दूसरे फंड के लिए अलग हो सकती है। उदाहरण के लिए न्यूनतम इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? प्रवेश आयु 18 वर्ष है और अधिकतम 51 वर्ष है और निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के मामले में बीमा कवर 55 वर्ष की आयु में समाप्त हो जाता है।
SIP बीमा से निवेशकों को क्या लाभ मिलता है?
एसआईपी बीमा के साथ बीमा कवर तब शुरू होता है जब निवेशक अपनी एसआईपी किस्तें शुरू करते हैं। बता दें कि इसकी कोई प्रतीक्षा अवधि नहीं होती। निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के उदाहरण का हवाला देते हुए गर्ग बताते हैं कि बीमा कवरेज पहले वर्ष के लिए एसआईपी किस्त राशि का 10x, दूसरे वर्ष में 50x और तीसरे वर्ष से 120x है। अधिकतम सीमा 50 लाख रुपये है। यदि एसआईपी राशि 10,000 रुपये है, तो निवेशक निम्नलिखित बीमा कवरेज का हकदार होगा। जैसे-
वर्ष 1: Rs. 10,000 x 10 = Rs 1,00,000
वर्ष 2: Rs. 10,000 x 50 = Rs 5,00,000
वर्ष 3: Rs. 10,000 x 120 = Rs 12,00,000
गर्ग कहते हैं कि अगर किस्त की राशि 1,00,000 रुपये प्रति माह थी, तो कवर की अधिकतम राशि 50 लाख रुपये तक सीमित होगी।
(Disclaimer: Republic Bharat यूजर को कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करने की सलाह देता है।)
Mutual Fund और SIP में अंतर ? SIP vs Mutual Fund
Mutual Fund क्या है और SIP का क्या मतलब होता है। म्यूच्यूअल फंड और SIP में क्या अंतर होता है। (SIP and Mutual fund Difference in Hindi). आप में से कई लोग जानते हैं कि Mutual Fund और SIP में अंतर क्या होता है।
हालांकि कुछ लोग जानकारी के अभाव में Mutual Fund और SIP में अंतर नहीं कर पाते। तो आइए बिल्कुल सरल भाषा में समझते हैं कि आखिर म्यूच्यूअल फंड और SIP में क्या अंतर है।
Mutual Fund क्या है
SIP को समझने से पहले यह जानना आवश्यक है कि Mutual Fund क्या होता है। म्यूच्यूअल फंड हाउस अलग-अलग निवेशकों से पैसा इकट्ठा करके स्टॉक्स, बांड्स, में निवेश करते हैं। Mutual Fund अपने निवेशकों के लिए वेल्थ बनाने के उद्देश्य से कार्य करते हैं। एक फण्ड हाउस की बहुत सी schemes हो सकती है। जैसे की लार्ज कैप फण्ड ,स्माल कैप फण्ड, लिक्विड फण्ड आदि।
सरल भाषा में समझे तो म्यूच्यूअल फण्ड एक ऐसा बकेट है जिसमें फंड हाउस (AMC) अलग-अलग लोगों से पैसा इकट्ठा कर जमा करते हैं। जिसका उपयोग फंड हाउस बाजार से विविध प्रकार के स्टॉक्स, बांड्स, सिक्योरिटीज खरीदने में करते हैं। Mutual Fund का मूल्य ट्रेडिंग डे के अंत में NAV (Net asset value) के आधार पर निकाला जाता है। किसी Mutual Fund स्कीम को फण्ड मैनेजर द्वारा संचालित किया जाता है। फण्ड मेनेजर AMC द्वारा नियुक्त किये जाते हैं।
Mutual Fund में निवेश करने के तरीके
म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के दो मुख्य तरीके हैं। पहला Lump sum और दूसरा SIP. म्यूच्यूअल फंड स्टॉक मार्केट के ऊपर आधारित है। अगर आप ज्यादा रिस्क लेकर स्टॉक मार्केट में सीधा निवेश नहीं करना चाहते तो Mutual Fund कम रिस्क पर म्यूच्यूअल फंड में निवेश की सुविधा उपलब्ध करवाता है। आप इसके लिए लम्प सम या SIP में से किसी भी विकल्प का उपयोग कर सकते हैं।
SIP क्या है
एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान। इसमें निवेशक अपने लक्ष्य एवं उद्देश्यों के अनुसार निवेश करते है। SIP में एक निश्चित समय आम तौर पर 1 महीने के अंतराल पर पैसा म्यूचुअल फंड में डाला जाता है। जिससे पैसा लगातार म्यूच्यूअल फण्ड में जमा होता रहता है और आप लंबे समय में अच्छी वेल्थ इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? बना पाते हैं। SIP एक ऐसा बेहतरीन तरीका है जो कम रिस्क के साथ लंबे समय में अच्छा रिटर्न देता है।
Mutual Fund और SIP में अंतर
दोस्तो SIP एक ऐसा टूल या माध्यम है जिसके द्वारा आप mutual fund में निवेश कर सकते हैं। Mutual Funds की अधिकतर स्कीम्स में SIP के माध्यम से निवेश का विकल्प मौजूद रहता हैं।
आपने कई बार सुना होगा कि mutual fund में निवेश करो। परंतु mutual fund में निवेश करें कैसे यह एक प्रमुख सवाल रहता हैं। SIP वह माध्यम है जो हमें म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने की सुविधा उपलब्ध करवाता है। जिसमें आप थोड़ा-थोड़ा करके म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते रहते हो।
Mutual Fund और SIP में अंतर को एक उदाहरण के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं जैसे कि SBI Mutual Fund House एक ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी है। इसकी एक mutual fund स्कीम है जिसका नाम है SBI Bluechip Fund. अभी आपको SBI Bluechip Fund में निवेश करना है। अब आपके पास यहां निवेश करने के 2 तरीके हैं पहला लम सम यानी आप इसमें बस एक बार पैसा डाल कर छोड़ दें। दूसरा SIP यानी आप इसमें एक निश्चित अंतराल पर लगातार निवेश करते रहें।
कई नए निवेशक जानकारी के अभाव में ऐसा सोचते हैं कि SIP स्वयं में एक निवेश विकल्प है परंतु ऐसा नहीं है। SIP एक स्मार्ट और बिना परेशानी के किए जाने वाला निवेश है। संक्षेप में अगर आपको mutual funds में निवेश करना है तो आप SIP के माध्यम से म्यूच्यूअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
SIP (Systematic Investment Plan)
SIP के माध्यम से हम कई प्रकार के फंड्स में निवेश कर सकते हैं। SIP या सिप हमें विकल्प देता है कि अगर हमारे पास बड़ा अमाउंट नहीं है परंतु हमें mutual fund में निवेश करना है तो हम SIP के जरिए म्यूच्यूअल फंड में निवेश कर सकते हैं। SIP के माध्यम से हम ₹500 यहां तक कि कुछ फंड्स के मामले में ₹100 से भी निवेश प्रारम्भ कर सकते हैं। इस प्रकार हम mutual funds के SIP टूल के माध्यम से थोड़े-थोड़े पैसे जमा अच्छी वेल्थ का निर्माण कर सकते हैं।
SIP investment क्यों फायदेमंद है?
जैसा कि आपने जाना की SIP के माध्यम से हम mutual funds में निवेश कर सकते हैं। इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? निम्न कारणों की वजह से हमें SIP के जरिए निवेश करना चाहिए।
- एसआईपी के जरिए rupee average cost का फायदा मिलता है। आपकी SIP हर प्रकार की स्थिति वाले मार्केट में जाती है जो cost को average करने में कामयाब रहती हैं।
- लंबे समय में अपने compounding returns के कारण SIP बहुत अच्छा रिटर्न दे सकती है। आप जितने समय के लिए invested रहेंगे आपका मुनाफा उतना ही अधिक होगा।
- SIP में निवेश करने से निवेशक के ऊपर कोई बड़ा वित्तीय बोझ नहीं होता है। आप कम राशि से भी SIP प्रारंभ कर सकते हैं। एसआईपी में निवेश करने की लागत भी नाम मात्र की होती है जिसकी वजह से आपको प्रोफेशनल एक्सपर्ट्स की सेवाएं मिल जाती है।
उपरोक्त सभी कारणों के कारण एसआईपी निवेश करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है
निष्कर्ष
किसी भी mutual fund स्कीम में आप सिस्टमैटिक तरीके से निवेश करके पैसा बना सकते हैं। कम निवेश की आवश्यकता के कारण कोई भी इसमें निवेश कर सकता है। आशा करते हैं आपको Mutual Fund और SIP में अंतर समझ में आया होगा। अगर आपको Mutual Fund और SIP में अंतर से संबंधित कोई भी सवाल हो तो हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं ।
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