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Algorithmic trading क्या है?

एल्गोरिथम ट्रेडिंग समय, मूल्य और मात्रा जैसे चर के लिए लेखांकन स्वचालित पूर्व-प्रोग्राम किए गए ट्रेडिंग निर्देशों का उपयोग करके ऑर्डर निष्पादित करने की एक विधि है। इस प्रकार का व्यापार मानव व्यापारियों के सापेक्ष कंप्यूटर की गति और कम्प्यूटेशनल संसाधनों का लाभ उठाने का प्रयास करता है।

एल्गोरिथम ट्रेडिंग क्या है? [What is algorithmic trading?] [In Hindi]

एल्गो ट्रेडिंग को एल्गोरिथम ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है, समय, मूल्य और मात्रा जैसे चर के लिए स्वचालित पूर्व-प्रोग्राम किए गए ट्रेडिंग निर्देशों का उपयोग करके ऑर्डर निष्पादित करने की एक विधि है।

एल्गोरिथम ट्रेडिंग (स्वचालित ट्रेडिंग, ब्लैक-बॉक्स ट्रेडिंग, या केवल एल्गो ट्रेडिंग) कंप्यूटर का उपयोग करने की प्रक्रिया है जो एक व्यापार को रखने के लिए निर्देशों के एक परिभाषित सेट का पालन करने के लिए एक गति और आवृत्ति पर लाभ उत्पन्न करने के लिए है जो मानव के लिए असंभव है। व्यापारी।

जब आप अपना खुद का एल्गोरिदम बना सकते हैं और इसे खरीदने या बेचने के सिग्नल उत्पन्न करने के लिए तैनात कर सकते हैं, तो ऑर्डर देने के लिए मैन्युअल हस्तक्षेप (Manual intervention ) की आवश्यकता होती है क्योंकि खुदरा व्यापारियों के लिए पूर्ण स्वचालन की अनुमति नहीं है। 52 Week High/Low क्या है?

एल्गोरिथम ट्रेडिंग का उपयोग क्यों करें? [Why Use Algorithmic Trading?] [In Hindi]

  • मानवीय भूल दूर करें (Remove human error)
  • दुर्लभ या विशेष आयोजनों का लाभ उठाएं (Capitalise on rare or special events)

कम से कम घटनाओं पर कार्रवाई करने के लिए एल्गोरिदम बनाएं जैसे कि डॉव अपने 20-दिवसीय चलती औसत से 500 नीचे बंद हो रहा है

  • अपनी मौजूदा रणनीति को पूरक करें (Supplement your existing strategy)

अपनी ट्रेडिंग रणनीति में जोखिम प्रबंधन को बारीकी से ट्यून करने के लिए एल्गोरिदम का उपयोग करें, अपनी ओर से स्टॉप और सीमाएं लागू करें

  • कम रखरखाव (Low maintenance)
  • बैकटेस्ट (Backtest)

खरीदने या बेचने के लिए मापदंडों का सबसे अच्छा संयोजन स्थापित करने के लिए ऐतिहासिक डेटा के खिलाफ अपने एल्गोरिदम का बैकटेस्ट और परिष्कृत करें।

  • बढ़ा हुआ अवसर (Increased opportunity)

अपनी रणनीति के अनुसार एल्गोरिदम चुनें या बनाएं, और अंतर्निहित बाजार में अवसरों के लिए अपने जोखिम को अधिकतम करें।

Algorithmic trading क्या है?

एल्गोरिथम ट्रेडिंग के लिए तकनीकी आवश्यकताएं [Technical requirements for algorithmic trading] [In Hindi]

एक कंप्यूटर प्रोग्राम का उपयोग करके एल्गोरिथम को लागू करना एल्गोरिथम ट्रेडिंग का अंतिम घटक है, बैकटेस्टिंग के साथ (पिछले स्टॉक-मार्केट प्रदर्शन की ऐतिहासिक अवधियों पर एल्गोरिथम की कोशिश करके यह देखने के लिए कि क्या इसका उपयोग करना लाभदायक होता)। चुनी गई रणनीति को एक एकीकृत कम्प्यूटरीकृत प्रक्रिया में बदलने की चुनौती है, जिसके पास ऑर्डर देने के लिए एक ट्रेडिंग खाते तक पहुंच है। एल्गोरिथम ट्रेडिंग के लिए निम्नलिखित आवश्यकताएं हैं:

Stock Market Trading: बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, जानें कैसे करें कोर्स

Stock Market Trading Courses: यहां जानें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में करियर विकल्प क्या हैं और आप इसमें किन योग्यताओं के साथ जॉब कर सकते हैं।

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हाइलाइट्स

  • स्टॉक मार्केट क्यों है बेस्ट करियर ऑप्शन?
  • जानें कोर्स के लिए कौन-सी योग्ताएं हैं जरूरी
  • इस फील्ड में जॉब करने से मिलते हैं कई फायदे
  • आप अपने खुद के मालिक हो सकते हैं।
  • करेक्ट नॉलेज और स्ट्रेटजी के साथ, आप मार्केट से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
  • आप कैश मार्केट (cash market) से डेरिवेटिव मार्केट (derivative market) तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को अपना फ्रेंड बना सकते हैं
  • आप रिसर्चर या ट्रेनर भी बन सकते हैं
  • आप सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (SEBI registered Investment Advisor) या सेबी पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक (SEBI Pattern Trader ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर registered Research Analyst) बन सकता है और कंसल्टिंग कर सकते हैं।
  1. स्टॉकब्रोकर (Stockbroker)
  2. फाइनांशियल एडवाइजर (Financial Advisor)
  3. इनवेस्टमेंट एडवाइजर (Investment Advisor)
  4. पोर्टफोलिया मैनेजमेंट सर्विस (Portfolio Management Services) (PMS)
  5. रिसर्च एनालिस्ट (Research Analyst)
  6. ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग (Online Stock Trading)
  7. फाइनांशियल एनालिस्ट (Financial Analyst)
  8. इक्वीटी इनालिस्ट (Equity Analyst (Fundamental/ Technical)
  9. मार्केट रिसर्चर (Market Researcher)
  10. एमएफ डिस्ट्रिब्यूटर / एडवाइजर (MF Distributor/Advisor)
  11. इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूटर / एडवाइजर (Insurance distributor/advisor)
  • एक क्लीयर ट्रेडिंग प्लान तैयार करना। ट्रेडिंग प्लान का लक्ष्य श्ूजर के लिए क्लीयर और मीनिंगफुल होना चाहिए।
  • स्ट्रैटजी को लागू करने के लिए ट्रेडर को टेक्नोलॉजी और मेथ्ड से फैमिलियर होना चाहिए।
  • आउटकम को प्राप्त करने की प्लानिंग के लिए, ट्रेडर को प्लानिंग पर भरोसा करना चाहिए।
  • लगातार सफलता प्राप्त करने में Pattern Trader ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर सक्षम होने के लिए रेवेंज ट्रेडिंग (revenge trading), रीसेंसी बायस (recency bias), स्टीरियोटाइपिंग इत्यादि जैसे बिहेवेरियल बायसेज (behavioral biases) के बारे में हमेशा अवेयर रहना चाहिए।
  • हमेशा कुछ नियम रखें और हमेशा उनका पालन करें।
  • ट्रेडिंग को फुलटाइम प्रोफेशन/बिजनेस के रूप में मानें जिसमें बिजनेस करने की लागत में आपको होने वाली हानि होती है। नुकसान से कभी भी न हिचकिचाएं और हमेशा स्ट्रिक्ट स्टॉप-लॉस का पालन करें।
  1. ट्रेडर ज्यादातर सेल्फ थॉट ब्रीड (self-taught breed) होते हैं। हालांकि, एक प्रोफेशनल ट्रेडर को शुरू करने के लिए फाइनांस की मूल बातें समझने की जरूरत है। कॉलेज की डिग्री आजकल एक प्रीकंडीशन है - कम से कम यदि आप ट्रेडिंग को सिरियसली लेना चाहते हैं या किसी सम्मानजनक फाइनांशियल इंस्टीट्यूशन या कॉर्पोरेशन में ट्रेडिंग से रिलेटेड करियर बनाना चाहते हैं।
  2. अधिकांश ट्रेडर के पास मैथ्स, फाइनांस, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स या इंडस्ट्री में डिग्री होती है। डिफाइंड क्राइटेरिया के रूप में, शुरुआत करने के लिए आयु 18 वर्ष हो ऐसा जरूरी नहीं है। शेयर बाजार में निवेश करने की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है। नाबालिग और वयस्क दोनों शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
  3. माता-पिता या गार्जियन द्वारा संबंधित दस्तावेज जमा करने के बाद नाबालिग के नाम पर अकाउंट खोला जा सकता है। नाबालिग के वयस्क होने तक माता-पिता या गार्जियन अकाउंट की देखरेख करते हैं। नाबालिग के 18 साल के होने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट व्यक्ति को कुछ केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) दस्तावेज प्राप्त करने के लिए एक एडवाइजरी भेजता है ताकि वह नया अकाउंट खोल सके और उसमें डिटेल ट्रांसफर कर सके।
  4. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड जरूरी है। इसे खोलते समय आपको केवाईसी दस्तावेजों के साथ अपने पैन कार्ड की एक प्रति जमा करनी होगी। दूसरी ओर, किसी के लिए इस इंडस्ट्री में इनवेस्टेंट एडवाइजरी या किसी कंसल्टिंग कंपनी में प्रोफेशनल के रूप में काम करने के लिए एनआईएसएम सर्टिफाइड होना चाहिए और इकोनॉमिक्स / बिजनेस मैनेजमेंट / फाइनांस या इसी तरह के कोर्स में मास्टर या ग्रेजुएट होना जरूरी है।

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अब ‘अल्गो ट्रेडिंग’ को रेगुलेट करने की तैयारी, SEBI लाया नए नियम, जानिए इससे जुड़ी सभी काम की बातें

भारत में अल्गो ट्रेडिंग का दौर 2008 में ही शुरू हो गया था, लेकिन इसका फायदा वे ही लोग उठाते रहे हैं जो कंप्यूटर और प्रोग्रामिंग में दक्ष हों. रिटेल में स्टॉक खरीदने-बेचने का काम लोगों ने कुछ ही साल पहले शुरू किया है.

अब

अल्गो ट्रेडिंग का नाम भले नया हो, लेकिन ट्रेडिंग के कद्रदान इसका फायदा बहुत पहले से उठा रहे हैं. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया या SEBI अब इसे रेगुलेट करने की तैयारी में है. एक आंकड़ा बताता है कि भारत में होने वाली ट्रेडिंग का तकरीबन 50 फीसदी हिस्सा अल्गो ट्रेडिंग से ही संपन्न हो रहा है. ऐसे में सेबी की निगाह पड़ना लाजिमी है. दरअसल, अल्गो ट्रेडिंग का मतलब अल्गोरिदम से जुड़ा है जो पूरी तरह से कंप्यूटर से जरिये पूरा किया जाता है. अल्गो ट्रेडिंग में भी यही काम होता है. इसमें कंप्यूटर के जरिये ही स्टॉक की खरीद-बेच की जाती है. इसका दूसरा नाम ऑटोमेटेड या प्रोग्राम्ड ट्रेडिंग भी है. आइए इस नए प्रकार की ट्रेडिंग के बारे में जानते हैं.

अल्गो ट्रेडिंग कंप्यूटर प्रोग्राम के माध्यम से की जाती है. कंप्यूटर में पहले से पैरामीटर्स, स्टॉक खरीद-बिक्री के निर्देश, मार्केट का पैटर्न और शर्तें फीड की गई रहती हैं. बस आपको स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए कंप्यूटर का बटन दबाना होता है और काम पूरा हो जाता है. भारत में अल्गो ट्रेडिंग का दौर 2008 में ही शुरू हो गया था, लेकिन इसका फायदा वे ही लोग उठाते रहे हैं जो कंप्यूटर और प्रोग्रामिंग में दक्ष हों. रिटेल में स्टॉक खरीदने-बेचने का काम लोगों ने कुछ ही साल पहले शुरू किया है.

कैसे होती है अल्गो ट्रेडिंग

अल्गो ट्रेडिंग शुरू करने के पीछे मकसद ये था कि ट्रेडिंग में समय बचे और अधिक तेजी से बिजनेस हो. अगर आप खुद किसी स्टॉक को सेलेक्ट करें और खरीदें या बेचें तो उसमें अधिक समय लगेगा जबकि कंप्यूटर यह काम कुछ ही सेकंड में पूरा कर देता है. अल्गो ट्रेडिंग में कोई ब्रोकर कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिये शेयर पहले ही सेलेक्ट कर लेता है और बाजार खुलते ही ट्रेडिंग शुरू हो जाती है. अल्गो ट्रेडिंग का लिंक स्टॉक एक्सचेंज के सर्वर से जुड़ा होता है. इसलिए ट्रेडिंग की हर जानकारी स्टॉक एक्सचेंज के साथ अपडेट होती रहती है.

अल्गो से ट्रेडिंग पूरी होने के पहले रिटेल ट्रेडर का या तो अपने ब्रोकर को फोन करना होता है या ब्रोकर के ऑफिस में जाना होता है. अल्गो ट्रेडिंग में ही मोबाइल ट्रेडिंग का प्रोसेस भी आता है जिसमें मोबाइल के जरिये स्टॉक खरीदे या बेचे जाते हैं. इसमें मोबाइल ऐप के द्वारा ऑर्डर दिए जाते हैं. अल्गो ट्रेडिंग का एक एडवांस्ड वर्जन भी है जिसमें बिना किसी इंसानी दखलंदाजी के काम होता है.

सेबी की क्यों लगी निगाह

सेबी ही स्टॉक एक्सचेंज का रेगुलेटर है और यही सभी ब्रोकर टर्मिनल को मॉनिटर करता है. लेकिन ट्रेडर्स के अल्गो प्रोग्राम के लिए एक्सचेंज की कोई मंजूरी नहीं चाहिए होती है. अल्गो की मॉनिटरिंग के लिए कोई रूल भी नहीं है. लेकिन सेबी को अब यह लगता है कि बिना रेगुलेशन वाले अल्गो से मार्केट या स्टॉक एक्सचेंज को खतरा हो सकता है.

बिना रेगुलेशन वाले अल्गो से मार्केट में छेड़छाड़ की भी आशंका है. यह भी हो सकता है कि जिन अल्गो की मॉनिटरिंग नहीं होती, वे ग्राहकों को भारी मुनाफा या रिटर्न का झांसा देकर फंसा दें. ट्रेडिंग फेल होने पर ग्राहकों का भारी नुकसान हो सकता है. 2015 में ऐसा एक विवाद हो चुका है जिसमें पता चला कि एनएसई ने कुछ चुनिंदा अल्गो ट्रेडर्स को बिजनेस में तरजीह दी थी. इन वजहों को देखते हुए सेबी अल्गो ट्रेडिंग को रेगुलेट करने की तैयारी में है.

अल्गो ट्रेडिंग क्या है ?कैसे काम करता है ?जानिए हिंदी में

algo trading kya hai in hindi

algo trading kya hai in hindi

नमस्ते दोस्तों। आज हम जानने वाले है की ये algo trading kya hai in hindi .और साथ ही हम जानेंगे की algo trading कैसे की जाती है। तो आर्टिकल की पूरा पढ़िए तभी विस्तार में आपको समझ आएगा।

पहले शेयर बाजार में ट्रेडिंग होता था पेपर पे। डायरेक्ट शेयर को खरीदने के लिए हमें पेपर की जरुरत होती थी। यानि की हमें ट्रेडिंग फिजिकल रूप से करना पड़ता था। बाद में फिर २००० से भारत में ऑनलाइन सिस्टिम आगयी। और अब हम घर बैठे अपने मोबाइल या लैपटॉप से trading कर सकते है।

algo trading

algo trading kya hai in hindi

algo trading kya hai in hindi

लेकिन २००८ में पहली बार algro trading हमारे भारत में शुरू हुआ। लेकिन २००८ में इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया गया। लेकिन २०१९-२० से algo trading का ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है।

ऐसा इसीलिए क्युकी भारत के बड़े बड़े ब्रोकर जैसे की zerodha ,angel broking इन्होने सामन्य निवेशों के लिए भी algo tradingको खुला कर दिया है। पहले algo trading को सिर्फ बड़े इन्वेस्टर इस्तेमाल करते थे। लेकिन अभी २०२० से लेकर algo trading का काफी बूम आगया है। तो चलिए समझते है की आखिर ये algo trading kya hai in hindi (अल्गो ट्रेडिंग क्या है ).

algo trading kya hai in hindi (अल्गो Pattern Trader ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर ट्रेडिंग क्या है ).

शेयर बाजार का वक्त हमारे भारत में लिमिटेड है। और हर कोई शेयर बाजार ,में ट्रेडिंग के लिए इतना वक्त नहीं दे सकता। और जब ऐसेमे अगर आपको शेयर बाजार को बिना वक्त दिए ट्रेडिंग करना हो। और ऐसेमे कोई ऐसा प्लेटफार्म आपको मिल जाये जो आपकी ट्रेडिंग यानि की शेयर्स को आटोमेटिक (स्वचालित) रूप से ख़रीदे और बेचे तो कैसा रहेगा।

तो रोबोटिक रूप से आपके शेयर को ख़रीदे और बेचने को ही algo trading कहा जाता है। इसे आटोमेटिक ट्रेडिंग भी कहा जाता है। ये ऐसा सॉफ्टवेयर होता है। जो रूल बेस होता है। इसकी कोडिंग की मदत से पहलेसे ही इसमें पोजीशन सेट की जाती है।

फिर उसके माध्यम से ही algo trading काम करता है। हमें पहले से ही हमारे रूल्स ,इंस्ट्रिक्शन्स या फिर लॉजिक को सेट करना होता है। और फिर इसी लॉजिक पर हमारा लैपटॉप काम करता है।

आप अपने हिसाब से लॉजिक सेट कर सकते है। उदाहरण के तौर पर समझते है। की आपने algo trading को instruction (अनुदेश) दिया की २० days moving avarage को क्रॉस करने पर हमारे १०० शेयर buy हो जाये। या फिर rsi ३० के निचे जाने से १०० शेयर को सेल किया जाये। और ५ % का प्रॉफिट होने पर हमारा ट्रेड exit हो जाये।

अगर आप कुछ ऐसे तरीके से अपना अनुदेश algo trading को देते हो। तो वो आपके इस अनुदेश पर काम करता है। यानि की आपका समय भी बचता है। और आपकी आटोमेटिक ट्रेडिंग कराकर अच्छा मुनाफा भी हो जाता है।

algo trading kaise kare

सबसे पहले आपके पास किसीभी ब्रोकर का algro trading API होना चाहिए। और उसी ब्रोकर के साथ आपका demat account भी होना चाहिए। कुछ नामांकित ब्रोकर्स है जो algo trading API के लिए कुछ चार्जेज भी लेते है। भारत के बड़े ब्रोकर्स आपको algo trading API प्रोवाइड करते है।

जैसे की zerodha ,angel broking ,upstox ये ब्रोकर्स आपको algo trading API प्रोवाइड करते है। जैसे की इनके कुछ चार्जेज है।

  • zerodha – २००० महीना
  • upstox -१००० महीना

और इसमें कुछ ऐसेभी ब्रोकर है जो आपको algo trading API फ्री में प्रोवाइड करता है। जिसमे angel broking हे जो आपको फ्री में मौजूद करके देता है। ये ब्रोकर भारत का सबसे पुराना और अच्छा ब्रोकर है।

algo trading के फायदे

  • आप अपना काम करके भी शेयर बाजार में आटोमेटिक ट्रेडिंग कर सकते है।
  • आप एक साथ शेयर बाजार के असंख्य स्टॉक्स को ट्रैक कर सकते है।
  • हम एक साथ unlimited शेयर्स को buy sell कर सकते है।
  • शेयर बज़र के चढ़ाते उतरते भाव को देखर इंसान इमोशनल होकर घबरा जाता है। लेकिन algo trading बिना इमोशन के ट्रेडिंग करता है।
  • ट्रेडिंग करने के लिए हमें analysis करने को कोई जरुरत नहीं। algo trading खुद ५० दिनों का डेटा एनालिसिस करके ट्रडिंग करता है।
  • algo trading कुछ सेकंड में आपकी पोजीशन को exit कर देता है। जब एक ट्रेडर फिक्स प्राइज पर अनपी पोजीशन को excute नहीं कर सकता।

algo trading के बढ़ाते ग्रोथ में भारत में ज्यादातर ट्रेडर algo trading का ही इस्तेमाल करके ट्रेडिंग करते है। जो की बहुतही सुरक्षित और मुनाफा देने वाला है।

इसीलिए सामान्य ट्रेडर के लिए भी algo trading का इस्तेमाल किया जा रहा है। हलाकि शेयर बाजार में अभी भी १०० में से १०% लोग ही मुनाफा कमा रहे है। वैसेही algo trading का पूरा ज्ञान ना होने की वजह से लोगो को नुकसान भी होता है।

निष्कर्ष

आपको अगर कोडिंग आती है तो आप इस algo trading API का इस्तेमाल करके algo trading कर सकते है। अगर कोडिंग नहीं आता तो आप किसी कोडिंग एक्सपर्ट की मदत लेनी होगी।

यकीं है की आपको algo trading kya hai in hindi (अल्गो ट्रेडिंग क्या है ). ये अच्छे से समाज आगया होगा। और साथ अगर आप algo trading करना चाहते है तो आप आपके ब्रोकर से संपर्क कर सकते है ,जिसमे आपका demat खाता है। वो आपको algo trading API प्रोवाइड कर देगा।

यकीं है की आपको आजकी ये हमारा algo trading kya hai in hindi (अल्गो ट्रेडिंग क्या है ).पसंद आया होगा और आपको काफी मदतगार भी साबित हुआ होगा। और अगर आपको ये आर्टिकल अच्छा लगे तो कृपया इसे शेयर जरूर कीजियेगा।

और अगर आपको शेयर बाजार के विषय में कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है। धन्यवाद !

Stock Market Trading: बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, जानें कैसे करें कोर्स

Stock Market Trading Courses: यहां जानें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में करियर विकल्प क्या हैं और आप इसमें किन योग्यताओं के साथ जॉब कर सकते हैं।

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हाइलाइट्स

  • स्टॉक मार्केट क्यों है बेस्ट करियर ऑप्शन?
  • जानें कोर्स के लिए कौन-सी योग्ताएं हैं जरूरी
  • इस फील्ड में जॉब करने से मिलते हैं कई फायदे
  • आप अपने खुद के मालिक हो सकते हैं।
  • करेक्ट नॉलेज और स्ट्रेटजी के साथ, आप मार्केट से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
  • आप कैश मार्केट (cash market) से डेरिवेटिव मार्केट (derivative market) तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को अपना फ्रेंड बना सकते हैं
  • आप रिसर्चर या ट्रेनर भी बन सकते हैं
  • आप सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (SEBI registered Investment Advisor) या सेबी पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक (SEBI registered Research Analyst) बन सकता है और कंसल्टिंग कर सकते हैं।
  1. स्टॉकब्रोकर (Stockbroker)
  2. फाइनांशियल एडवाइजर (Financial Advisor)
  3. इनवेस्टमेंट एडवाइजर (Investment Advisor)
  4. पोर्टफोलिया मैनेजमेंट सर्विस (Portfolio Management Services) (PMS)
  5. रिसर्च एनालिस्ट (Research Analyst)
  6. ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग (Online Stock Trading)
  7. फाइनांशियल एनालिस्ट (Financial Analyst)
  8. इक्वीटी इनालिस्ट (Equity Analyst (Fundamental/ Technical)
  9. मार्केट रिसर्चर (Market Researcher)
  10. एमएफ डिस्ट्रिब्यूटर / एडवाइजर (MF Distributor/Advisor)
  11. इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूटर / एडवाइजर (Insurance distributor/advisor)
  • एक क्लीयर ट्रेडिंग प्लान तैयार करना। ट्रेडिंग प्लान का लक्ष्य श्ूजर के लिए क्लीयर और मीनिंगफुल होना चाहिए।
  • स्ट्रैटजी को लागू करने के लिए ट्रेडर को टेक्नोलॉजी और मेथ्ड से फैमिलियर होना चाहिए।
  • आउटकम को प्राप्त करने की प्लानिंग के लिए, ट्रेडर को प्लानिंग पर भरोसा करना चाहिए।
  • लगातार सफलता प्राप्त करने में सक्षम होने के लिए रेवेंज ट्रेडिंग (revenge trading), रीसेंसी बायस (recency bias), स्टीरियोटाइपिंग इत्यादि जैसे बिहेवेरियल बायसेज (behavioral biases) के बारे में हमेशा अवेयर रहना चाहिए।
  • हमेशा कुछ नियम रखें और हमेशा उनका पालन करें।
  • ट्रेडिंग को फुलटाइम प्रोफेशन/बिजनेस के रूप में मानें जिसमें बिजनेस करने की लागत में आपको होने वाली हानि होती है। नुकसान से कभी भी न हिचकिचाएं और हमेशा स्ट्रिक्ट स्टॉप-लॉस का पालन करें।
  1. ट्रेडर ज्यादातर सेल्फ थॉट ब्रीड (self-taught breed) होते हैं। हालांकि, एक प्रोफेशनल ट्रेडर को शुरू करने के लिए फाइनांस की मूल बातें समझने की जरूरत है। कॉलेज की डिग्री आजकल एक प्रीकंडीशन है - कम से कम यदि आप ट्रेडिंग को सिरियसली लेना चाहते हैं या किसी सम्मानजनक फाइनांशियल इंस्टीट्यूशन या कॉर्पोरेशन में ट्रेडिंग से रिलेटेड करियर बनाना चाहते हैं।
  2. अधिकांश ट्रेडर के पास मैथ्स, फाइनांस, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स या इंडस्ट्री में डिग्री होती है। डिफाइंड क्राइटेरिया के रूप में, शुरुआत करने के लिए आयु 18 वर्ष हो ऐसा जरूरी नहीं है। शेयर बाजार में निवेश करने Pattern Trader ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है। नाबालिग और वयस्क दोनों शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
  3. माता-पिता या गार्जियन द्वारा संबंधित दस्तावेज जमा करने के बाद नाबालिग के नाम पर अकाउंट खोला जा सकता है। नाबालिग के वयस्क होने तक माता-पिता या गार्जियन अकाउंट की देखरेख करते हैं। नाबालिग के 18 साल के होने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट व्यक्ति को कुछ केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) दस्तावेज प्राप्त करने के लिए एक एडवाइजरी भेजता है ताकि वह नया अकाउंट खोल सके और उसमें डिटेल ट्रांसफर कर सके।
  4. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड जरूरी है। इसे खोलते समय आपको केवाईसी दस्तावेजों के साथ अपने पैन कार्ड की एक प्रति जमा करनी होगी। दूसरी ओर, किसी के लिए इस इंडस्ट्री में इनवेस्टेंट एडवाइजरी या किसी कंसल्टिंग कंपनी में प्रोफेशनल के रूप में काम करने के लिए एनआईएसएम सर्टिफाइड होना चाहिए और इकोनॉमिक्स / बिजनेस मैनेजमेंट / फाइनांस या इसी तरह के कोर्स में मास्टर या ग्रेजुएट होना जरूरी है।

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